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फौजी ने दी 23 फरवरी को सीएम मोहन यादव की सभा में आत्मदाह की चेतावनी, कलेक्टर को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

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नीमच। नीमच में एक फौजी ने सीएम मोहन यादव की 23 फरवरी को प्रस्तावित सभा में आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इसे लेकर फौजी ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि उसके घर के सामने जमीन पर भूमाफिया द्वारा कब्जा किया जा रहा है और वो तहसील की चक्कर काट काटकर थक गया है और अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इसीलिए अब वो आत्मदाह के लिए मजबूर हो गया है।
ये है मामला-23 फरवरी को सीएम मोहन यादव का नीमच दौरा प्रस्तावित है। यहां वो विभिन्न योजनाओं का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे साथ ही अलग अलग योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ पत्र भी वितरित करेंगे। लेकिन इस दौरे से पहले भगत सिंह जाट नाम के एक फौजी ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि वो भूमाफिया से परेशान होकर उनकी सभा में आत्मदार करने को तैयार है। उसका कहना है कि उसकी जमीन पर किसी के द्वारा कब्जा कर लिया है और इसकी शिकायत तहसील में करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है और अब उसके सामने आत्मदाह करने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। ये मामला जीरन क्षेत्र के हरवार का है।
भगत सिंह ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि ‘प्रार्थी फौजी भगत सिंह पिता ओम प्रकeश जी जाट, जाति जाट, निवासी ग्राम हरवार तहसील जीरन जिला नीमच म.प्र. का निवासी होकर श्रीमान के समक्ष यह आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह कि प्रार्थी के घर के सामने विपक्षी द्वारा जानबूझकर भूमाफिया द्वारा भूमि पर कब्जा व भूमि को हड़पने की मंशा से रजिस्ट्री कहीं ओर की करवाकर चतुर्थ सीमा घर के सामने की लिखवाकर जबरन कब्ज़ा किया जा रहा है। जिसकी शिकायत प्रार्थी द्वारा तहसील कार्यालय में की गई जिसकी कोई सुनवाई नही हुई है, तहसीलदार महोदय द्वारा कहा जाता है मैं कुछ नही कर सकता हूँ। यह की प्रार्थी भारतीय सेन में पदस्थ होने से कुछ समय का अवकाश लेकर घर आता है किन्तु उक्त समय में भी दस तरह के कार्य में व्यस्त होने से परिवार को समय नहीं दे पाता है। इस बार का अवकाश भी पूरा तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने में पूरा हो गया जिससे प्रार्थी परेशान हो गया है। उक्त न्याय व्यवस्था से परेशान होकर प्रार्थी 23.02.2024 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय की सभा में आत्मादाह करने को तैयार है। अतः श्रीमान से निवेदन है कि प्रार्थी को न्याय नही मिलता है तो प्रार्थी माननीय मुख्यमंत्री महोदय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर है।’ इस प्रकार भगत सिंह ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की सभा में आत्मदाह करने की बात कही है। देखना होगा कि इस पत्र के बाद स्थानीय प्रशासन समय रहते कोई एक्शन लेता है या नहीं।
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कथा के दौरान फफक कर रो पड़े धीरेंद्र शास्त्री: भरे दरबार में कह दीं अपने जीवन की कड़वी बातें
छतरपुर। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों और दावों को लेकर अक्सर में चर्चा रहते हैं। अब उनके आंसू की चर्चा हो रही है। महज 27 साल की उम्र में लाखों भक्तों और कई वीआईपी को आशीर्वाद देते हुए दिखने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बेहद सामान्य परिवार से हैं। भक्तों के सामने कथा के दौरान शास्त्री ने जब अपने संघर्ष के दिनों को याद किया तो वह रो पड़े। बागेश्वर धाम के प्रमुख की बात सुनकर सामने बैठे हजारों भक्तों की आंखों से भी आंसू की धारा बह निकली। यह वाक्या ग्राम गढ़ा बागेश्वर धाम छतरपुर में देखने को मिला।
एक समय था जब धीरेंद्र शास्त्री के पास रहने के लिए घर तक नहीं था, पहनने के लिए कपड़े नहीं थे और दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब हो पाती थी। गरीबी इस कदर हावी थी कि गांव के लोगों ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में निमंत्रण देना बंद कर दिया था। यह कहते-कहते बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आंखें भर आईं. झर-झर आंसू बहने लगे, गला रूंध गया।
साथ ही हजारों की संख्या में जो श्रद्धालु बाबा बागेश्वर की संघर्ष भरी कहानी सुन रहे थे, वे भी भावनाओं को रोक न सके और रो पड़े। मंच से बागेश्वर बाबा ने कहा कि वह इस विषय को कहना तो नहीं चाहते थे, लेकिन आज अपने आप को रोक नहीं पाए। कहा, मैंने जो गरीबी देखी है, भगवान वह दिन किसी को न दिखाए।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हम तो हनुमानजी के नाम का खा रहे हैं। दक्षिणा लेते हैं, पर अपने सुख के लिए नहीं लेते। हम कथा की दक्षिणा लेते हैं। हमारी दान पेटियों में दान आता है, लेकिन हमने कभी मंदिरों का निर्माण नहीं किया। हम उस दान-दक्षिणा को साल भर के लिए जुटा-जुटा कर रखते हैं। एक रुपया भी अगर कोई इधर-उधर कर दे तो हम लड़ पड़ते हैं, क्योंकि वह हमारा नहीं है बेटियों का है। उसी रुपये से बेटियों-बहनों का विवाह धूमधाम से करते हैं।

 

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प्रदेश में इकलौता मुरैना जहां बिजली तार और हीटरों पर लागू की धारा 144
मुरैना। उपद्रभ, भीड़भाड़, हिंसा को रोकने के लिए धारा 144 तो हर जगह लग जाती है, लेकिन मुरैना जिला पूरे मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि संभवत: देश में इकलौता है, जहां बिजली तार व हीटरों पर कर्फ्यू की यह धारा लगी है। अंधाधुंध हो रही बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए कलेक्टर न्यायालय ने यह प्रतिबंध लगाया है, लेकिन बिजली चोरी का ग्राफ नहीं गिर रहा।
दरअसल, मुरैना जिले में बिजली चोरी के लिए जिस सफेद रंग के बिजली तार का उपयोग होता है, वह तांबे की जगह सल्वर व लोहे के तार का होता है। 200 से 250 रुपये किलो के भाव में आने वाला यह तार बिजली लाइनों के फाल्ट से लेकर ट्रांसफार्मरों को फुंकाने की मुख्य वजह माना गया है। जिला मुख्यालय के आसपास ही ऐसे दर्जनों कालोनी मोहल्ले हैं, जहां ट्रांसफार्मर ऐसे सफेद रंग के तारों के जाल से ढंके हुए हैं।
यह तार बिजली चोरी के लिए डाले गए हैं। इन्हीं सफेद रंग के अमानक तार पर कलेक्टर अंकित अस्थाना ने करीब 11 महीने पहले धारा 144 लगाई थी, जब 32 लोगों पर एफआइआर तक हुई थी।
बिजली कंपनी के महाप्रबंधक की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर न्यायालय ने एक बार फिर सफेद रंग के अमानक तार पर धारा 144 लागू कर दी है, जो 19 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी।
बिजली कंपनी की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर न्यायालय ने बिना आईएसआई मार्का के बिजली हीटरों पर भी धारा 144 लगाई है, जो 8 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी। दरअसल, मुरैना शहर में 24 हजार से ज्यादा भैंसें दूध के लिए कालोनी-मोहल्लों में बंधी हैं।
इन मवेशियों के लिए बांट (दलिया) बनाने के लिए जिन हीटरों का उपयोग होता है, वह लोहे के तार की स्प्रिंग से बने होते हैं और बिना आईएसआई मार्का के हैं, जो बिजली की खपत ज्यादा करते हैं और चोरी की बिजली से चलते हैं। इसीलिए कलेक्टर न्यायालय ने बिना आइएसआइ मार्का के सभी हीटरो पर धारा 144 लागू कर दी है।
शहर के गणेशपुरा, गोपालपुरा जैसी सघन बस्तियों में लोगों के दरवाजे पर जो मीटर टंगे हैं, वे बंद हैं। उन्हें आकलित खपत के बिल ही थमाए जा रहे हैं। वहीं सिद्धनगर, सिग्नल बस्ती, उत्तमपुरा, नैनागढ़ रोड, मवासीपुरा, गल्ला मंडी के पीछे बारह फुटा मंदिर रोड, महावीरपुरा, इस्लामपुरा, विस्मिल नगर इलाकों में लोगों के घरों के बाहर मीटर या तो बंद हैं या जल गए।
यहां लोग ट्रांसफार्मरों से सीधे केबल डालकर बिजली जला रहे हैं। बिजली चोरी इन इलाकों में इतने बेखौफ तरीके से होती है, कि मारपीट के डर से बिजली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी इन हिस्सों में कार्रवाई करना तो दूर, ट्रांसफार्मर व तारों पर चोरी से डली केबलों को हटाने का साहस नहीं दिखा सकते। वर्जन- सफेद रंग का अमानक बिजली तार केवल बिजली चोरी के लिए ही उपयोग में आता है।
बिना आईएसआई मार्का के हीटर भी जिले में ज्यादा उपयोग होते हैं, जिनके कारण बिजली चोरी बढ़ रही है। इनका उपयोग गैर कानूनी है। हम दुकानदारों को भी समझाइश दे रहे हैं, कि ऐसा तार व हीटर न बेचें। कलेक्टर न्यायालय ने इन पर धारा 144 लगाई है, पूरे प्रदेश में किसी अन्य जिले में अब तक हीटर या बिजली तार पर इस तरह की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं हुई।