जालना। मराठा आरक्षण के लिए जालना के अंतरावली सराठी गांव में 10 फरवरी से अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने 17 दिन से चल रहा अनशन तोड़ने का ऐलान किया है। मराठा आंदोलनकारियों ने सोमवार को अंबाड के तीर्थपुरी शहर में एक स्टेट ट्रांसपोर्ट बस को आग लगा दी।
आगजनी की घटना के बाद महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और जालना में बस सर्विस को रोक दिया है। प्रशासन ने बीड, संभाजीनगर और जालना में शाम 4 बजे तक इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं, मराठा आंदोलन के लीडर मनोज जरांगे पाटिल भी जालना से अपने गांव सराठी लौट गए। उन्हें मुंबई जाना था, लेकिन पुलिस ने कल उन्हें जालना जिले की सीमा में ही रोक रखा था। मनोज को उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पुलिस ने रोका था। देर रात वे जालना जिले के भांबोरी गांव में ही रुके थे।
देर रात से सुबह के बीच पुलिस ने जरांगे पाटिल के करीबियों को हिरासत में लेना शुरू किया। शैलेंद्र पवार और बालासाहेब इंगले सहित श्रीराम कुरणकर को हिरासत में लिया है। इस बीच मनोज जारंगे पाटिल ने ऐलान किया कि दोपहर 12 बजे से फिर से मुंबई के लिए निकलेंगे।
इसके बाद गांव में भारी पुलिस लगाई गई। वहीं, बड़ी संख्या में मराठा आंदोलनकारी भी पहुंचना शुरू हो गए। जालना में बढ़ते तनाव को देखते हुए जिले में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने धारा 144 लगा दी है। लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी लगाई है।
बंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि कानून-व्यवस्था का ध्यान रखना राज्य का काम है। राज्य मूकदर्शक नहीं रह सकता। उसे नाकेबंदी हटानी होगी। जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस श्याम चांडक की बेंच ने कहा कि सरकार को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अदालत के आदेश की आवश्यकता नहीं है।
बेंच मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन के खिलाफ गुणरतन सदावर्ते द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सदावर्ते ने सोमवार को बेंच को बताया कि राज्य भर में कई जगहों पर आंदोलन हिंसक हो गया है।
सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ और लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि हिंसा की घटनाओं के बाद पूरे महाराष्ट्र में 267 मामले दर्ज किए गए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को तय की।
मनोज जरांगे ने रविवार को आंतरवाली सराठी गांव में आंदोलन को लेकर बैठक बुलाई। इसमें जरांगे ने डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप हुए कहा- अकेले देवेंद्र फडणवीस ही मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा- फडणवीस अगर आपको मेरी बलि चाहिए तो मैं तैयार हूं। अगर आप मुझे मारने की साजिश रच रहे हैं, तो मैं भूख हड़ताल पर मरने के बजाय आपकी चौखट पर मरने के लिए तैयार हूं। ये लोग मराठाओं को खत्म करना चाहते हैं। इसमें CM शिंदे के लोग हैं और अजित दादा के दो विधायक हैं। ये देवेन्द्र फडणवीस की साजिश है। मैं आपका जीना मुश्किल कर दूंगा।
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गंदे कपड़े पहने किसान को मेट्रो में जाने से रोका, बेंगलुरु मेट्रो अथॉरिटी ने अफसर को टर्मिनेट किया
बेंगलुरु। बेंगलुरु मेट्रो स्टेशन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है- राजाजीनगर मेट्रो स्टेशन के स्टाफ ने एक किसान को मेट्रो में चढ़ने से इसलिए रोक दिया, क्योंकि उसके कपड़े गंदे थे।
वीडियो में नजर आ रहा है एक वृद्ध किसान बैग चेकिंग पॉइंट पर खड़ा हुआ है। उसके सिर पर सामान का एक बोरा रखा हुआ है। जिस समय किसान को रोका जा रहा था, तब वहां खड़े एक पैसेंजर ने अफसर से पूछा- क्या मेट्रो में चलने का कोई ड्रेस कोड है? पैसेंजर ने ही घटना के वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
किसान को जब मेट्रो में जाने से रोका जा रहा था, तब वहां कार्तिक सी ऐरानी नाम के एक व्यक्ति भी मौजूद थे। वीडियो उन्होंने ही बनाकर पोस्ट किया। वीडियो में उनकी आवाज सुनाई दे रही है। वे किसान को मेट्रो में एंट्री से रोकने का विरोध कर रहे हैं।
वह व्यक्ति एक किसान है और उसके पास मेट्रो से यात्रा करने के लिए टिकट है। उसके बैग में कोई ऐसा सामान नहीं है, जिसे मेट्रो में ले जाना प्रतिबंधित हो। उसके पास केवल कपड़े हैं। किस आधार पर उसे मेट्रो में सफर करने से रोका जा रहा है?
कार्तिक अफसरों से कहते हैं कि मुझे ऐसा नियम दिखाएं जो मेट्रो के यात्रियों के लिए एक ड्रेस कोड अनिवार्य करता हो। क्या मेट्रो को सिर्फ VIP लोगों के लिए रोका जाता है? यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट है।
इस दौरान कार्तिक के सपोर्ट में और भी लोग आ जाते हैं। उनमें शामिल एक व्यक्ति कहता है कि केवल प्रतिबंधित सामान मेट्रो में ले जाने पर किसी को रोका जा सकता है। वह आदमी गांव से आने वाला एक किसान है। उसे एंट्री से इनकार करना तभी सही है जब उसके पास ऐसा सामान हो जिसे मेट्रो में लाने पर रोक है। अगर किसान के पास ऐसी कोई चीज है तो हम आपके फैसले से सहमत होंगे। मेट्रो अधिकारियों का ऐसा व्यवहार घोर भेदभाव वाला है।
BMRCL ने पोस्ट करके घटना पर खेद जताया- BMRCL ने लिखा- मेट्रो पब्लिक ट्रांसपोर्ट है। राजाजीनगर मेट्रो स्टेशन के सिक्योरिटी सुपरवाइजर को टर्मिनेट कर दिया गया है। यात्री को हुई असुविधा के लिए हमको खेद है।
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जाने माने गज़ल गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन
इंडस्ट्री से एक दुखभरी खबर सामने आ रही है। जाने-माने गज़ल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है। वे 72 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमार थे। पंकज के निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर दी है। इस खबर के मिलने के बाद से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है। पंकज उधास ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं। शेयर की गई पोस्ट में लिखा है, "बहुत भारी मन से, हम आपको बहुत दुखी मन से पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की जानकारी दे रहे हैं। लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी 2024 को उनका निधन हो गया।"
हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है कि पंकज किस बीमारी से जूझ रहे थे। पंकज का निधन आज सुबह 11 बजे मुंबई में हुआ। पिछले कुछ समय से वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। इसी अस्पताल में उनका निधन हुआ। मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार, पंकज उधास को कुछ महीने पहले कैंसर हुआ था। वे किसी से मिल भी नहीं रहे थे। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार कल मुंबई में किया जाएगा।
बता दें कि पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया का बड़ा नाम थे। उनकी गजल 'चिट्ठी आई है' काफी फेमस हुई। यह गजल साल 1986 में रिलीज हुई थी। फिल्म 'नाम' में इस गजल को शामिल किया गया था। पंकज की अन्य गजलें 'ये दिल्लगी', 'फिर तेरी कहानी याद आई', 'चले तो कट ही जाएगा' और 'तेरे बिन' भी काफी फेमस हैं।