गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले में भारत जोड़ो न्याय यात्रा 4 मार्च को प्रवेश करेगी लेकिन इससे पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद और दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने संगठन को ही नसीहत दे डाली और सवाल खड़े किए हैं। वहीं दूसरी ओर गुना कांग्रेस में भी न्याय यात्रा को लेकर कोई खास उत्साह नजर नहीं आ रहा। गरिमा टीवी न्यूज़ द्वारा न्याय यात्रा की खबर प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद आनन-फानन में एक बैठक बुलाई गई और न्याय यात्रा को लेकर विचार विमर्श हुआ।
यात्रा को लेकर धरातल पर जो कार्य और उत्साह पूर्व में कांग्रेस का दिखता था वह वर्तमान में नदारद है। दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आज डाक बंगला बीनागंज में शाम को प्रेस वार्ता का आयोजन किया है। और गुना जिले के समस्त पत्रकारों को उक्त पत्रकार वार्ता में आमंत्रित किया है। इस पत्रकार वार्ता से अंदाजा लगाया जा रहा है कि आज लक्ष्मण सिंह प्रेस वार्ता में कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं। लक्ष्मण सिंह द्वारा ऐसे समय में संगठन को नसीहत दी जा रही है और कार्यों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं जब गुना में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर स्वयं दिग्विजय सिंह सक्रिय हैं। वहीं दूसरी ओर गुना का संगठन पूरी तरीके से यात्रा को लेकर शिथिल दिखाई दे रहा है।
अपनी ही पार्टी गाइडलाइन के खिलाफ बोलने और राजनीतिक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने फिर सवाल खड़े कर संगठन को नसीहत दी है। उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान पर समर्थन के साथ फिर संगठन को नसीहत दे डाली है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्क्रीनिंग कमेटी पर नाराजगी को लेकर कहा – कमलनाथ एक वरिष्ठ नेता है, कांग्रेस पार्टी उनके सुझाव को गंभीरता से ले। कहा कि जो नेता काम नहीं करते, उन्हें पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। कांग्रेस पार्टी में दलालों को लेकर इसके पहले भी बोला था और आगे भी बोलूंगा।
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि लक्ष्मण सिंह का बयान अजब कांग्रेस की गजब कहानी जैसा है..ऐसे बयान सिर्फ कांग्रेस में ही संभव हैं..वास्तव में कांग्रेस टूट रही है..फूट रही है..कभी आस्तीन का सांप तो कभी दलाल के बयान..अच्छे विपक्ष के लिए नकारात्मक सोच अच्छी नहीं..यहीं कांग्रेस का अंत है। बीजेपी के एक अन्य प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन ने कहा कि- जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस से जाने का सिलसिला जारी है।वह खुद भी हारे हुए हैं,उनके प्रदेश प्रभारी जितेंद्र भी हारे हैं। ऐसे हारे थके नेता के साथ कोई भी काम नहीं करना चाहता, इसलिए कांग्रेसी कार्यकर्ता और पदाधिकारी अपना भविष्य ढूंढ रहा है।