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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पूरे देश में लागू हुआ CAA, ...बारातियों से भरी बस में लगी भीषण आग

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नई दिल्ली। आज शाम से पूरे देश में सीएए लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से यह निर्णय लेकर बड़ा फैसला किया है। इधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को उनके कानूनों से वंचित किया जाता है, तो विरोध करते हैं।
केंद्र ने आज सीएए की अधिसूचित जारी कर दी है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। इसमें लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है, यह और कुछ नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि सरकार की योजना है कि वह सीएए को लोकसभा से पहले लागू कर देगी। इस देश के कानून को कोई भी रोक नहीं सकता है। सीएए कानून संसद में 11 दिसंबर 2019 को पास हो गया था, लेकिन उसके बाद देश भर में हुए भारी विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार इस कानून को लागू करने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है।
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बारातियों से भरी बस में लगी भीषण आग, 5 लोगों की मौत, कई झुलसे
गाजीपुर। गाजीपुर जिले के मरदह थाना क्षेत्र के महाहर धाम के पास बारातियों से भरी बस पर अचानक हाईटेंशन तार टूटकर गिरने से बस जलने लगी. जिससे पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 लोग गंभीर रूप से झुलस गए. जिनका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में किया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक, जिला पदाधिकारी समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।
इस दुखद हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये देने और मुफ्त इलाज के निर्देश दिए हैं. इस दर्दनाक हादसे पर यूपी के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि प्रशासन इस घटना पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
मऊ जिले से ग़ाज़ीपुर के बरेसर थाना क्षेत्र के एक गांव में बारात आई थी, जिसकी शादी महाहर धाम मंदिर में होनी थी और इस मंदिर पर पिछले तीन दिनों से मेला लगा हुआ था. जिसके कारण भीड़ लग गई और प्रशासन द्वारा बस को मुख्य मार्ग की बजाय दूसरे मार्ग से भेजा गया. इस दौरान बस में बैठी दुल्हन के साथ उसके परिवार के कुछ लोग भी उतरे. बस में कुछ बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे सफर कर रहे थे और जैसे ही बस कच्ची सड़क से गुजरी तो एक बड़े हाईटेंशन तार से टकरा गई जिससे बस में अचानक आग लग गई।
इस घटना को लेकर लोगों का कहना है कि बस सीएनजी से चलने वाली थी जिसके कारण आग बहुत तेजी से लगी. इस दौरान गांव के कुछ लोग भी राहत कार्य में जुटे, लेकिन उन पर भी पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने का आरोप लगा. ग्रामीणों के मुताबिक इस तार को ठीक करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग से शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. मेला प्रशासन की बैठक के दौरान भी जिला पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी गयी थी, अगर समय रहते प्रशासन इस ओर ध्यान देता तो कितना बड़ा हादसा नहीं होता।
बस में सवार लोगों के मुताबिक बस मऊ से बारात लेकर मरदह स्थित महाहर धाम आ रही थी. बस कच्ची सड़क से आ रही थी और उसमें 30 से ज्यादा लोग सवार थे. इसी दौरान बस बिजली के तार से छू गयी और उसमें आग लग गयी. लोग जान बचाकर भागने लगे. लेकिन बच्चे और महिलाएं बस में फंस गये।
बस में सफर कर रही इस हादसे की शिकार मीरा नाम की महिला ने बताया कि बस में करीब 40 से 50 लोग सवार थे. उनमें से कई की मौत हो चुकी है. मीरा ने रोते हुए कहा, 'वह बारात लेकर ग़ाज़ीपुर के महरे जा रहा था. रास्ते में बस अचानक रुक गई। बस में बहुत सारे लोग थे, लगभग 50. मैं बस में आगे बैठा था और मुझे बाहर निकाल दिया गया. मेरे बच्चे भी उसी बस में थे जिसमें आग लगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर बस हादसे का संज्ञान लिया है. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने का आदेश दिया है. जिला प्रशासन को घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लानी चाहिए. सीएम योगी ने हादसे में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
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भाजपा सांसद बोले- संविधान बदलने के लिए 400 सीट चाहिए, राहुल बोले- संघ परिवार के छिपे मंसूबे बाहर आ रहे
नई दिल्ली। कर्नाटक के भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने रविवार को कहा- हिंदुओं को फायदा पहुंचाने के लिए संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाया जा सकता है। उत्तर कन्नड़ जिले में एक सार्वजनिक रैली में हेगड़े बोले- अगर यह सब बदलना है, तो सिर्फ लोकसभा में बहुमत के वोटों से नहीं होगा। हमें लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
हेगड़े के बयान पर राहुल गांधी ने कहा- भाजपा का आखिरी लक्ष्य बाबासाहेब के संविधान को खत्म करना है। राहुल ने सोशल मीडिया X पर लिखा- भाजपा सांसद का बयान कि उन्हें 400 सीट संविधान बदलने के लिए चाहिए, नरेंद्र मोदी और उनके ‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक ऐलान है।
उन्हें न्याय, बराबरी, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र से नफरत है। हम आजादी के नायकों के सपनों के साथ ये षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे और अंतिम सांस तक संविधान से मिले लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा- भाजपा सांसद का यह बयान कि उन्हें संविधान को फिर से लिखने के लिए 400 सीटों की आवश्यकता है, एक बार फिर तानाशाही थोपने के मोदी-RSS के एजेंडे को उजागर करता है। मोदी सरकार, भाजपा और आरएसएस गुप्त रूप से तानाशाही लागू करना चाहते हैं
वे भारत के लोगों पर अपनी मनुवादी मानसिकता थोपेंगे और एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकार छीन लेंगे। कोई चुनाव नहीं होगा, या ज्यादा से ज्यादा दिखावटी चुनाव होंगे।
कांग्रेस संघ परिवार के इन गलत इरादों को सफल नहीं होने देगी। न्याय, समानता और स्वतंत्रता संविधान के मजबूत स्तंभ हैं और इन सिद्धांतों में कोई भी बदलाव बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर और हमारे श्रद्धेय संस्थापकों द्वारा देखे गए भारत का अपमान होगा।
विपक्ष के हमले के बाद भाजपा ने हेगड़े के बयान से किनारा कर लिया। कर्नाटक भाजपा ने कहा, यह हेगड़े का का निजी विचार है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, भाजपा ने हमेशा संवैधानिक लोकाचार और राष्ट्रीय हित में काम किया है।

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SC का आदेश-SBI दे इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा:चुनाव आयोग 15 मार्च तक वेबसाइट पर डाले
नई दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 40 मिनट में फैसला सुना दिया। SBI ने कोर्ट से कहा- बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए। इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा- पिछली सुनवाई (15 फरवरी) से अब तक 26 दिनों में आपने क्या किया?
करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा- SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे। इलेक्शन कमीशन सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को देने का निर्देश दिया था।
4 मार्च को SBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इसकी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था। इसके अलावा कोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की उस याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें 6 मार्च तक जानकारी नहीं देने पर SBI के खिलाफ अवमानना का केस चलाने की मांग की गई थी।