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प्रशासन की कार्रवाई पर फूटा किसानों का गुस्सा, झड़प में डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल

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पटना। बिहार के बक्सर के चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट के गेट पर धरना दे रहे किसानों ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ भारी बवाल कर दिया। इस घटना में डीएसपी समेत की कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरअसल, प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को धरना स्थल से बलपूर्वक हटाने का प्रयास किया था। इससे आक्रोशित हुए किसानों ने प्रशासनिक टीम पर हमला बोल दिया। इस दौरान किसान और कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। किसानों ने मौके पर मौजूद प्रशासन की चार गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए। किसानों के भारी विरोध को देखते हुए प्रशासनिक टीम को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा है। हालांकि कौन-कौन से पुलिसकर्मी जख्मी हुए, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।
जानकारी के मुताबिक, कुछ पुलिस पदाधिकारी को भी चोटें आई हैं। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। घटनास्थल पर स्थानीय मुफस्सिल थाने के साथ ही राजपुर, धनसोई समेत जिलेभर की पुलिस टीम और वरीय अधिकारी मौजूद हैं।
गौरतलब है कि किसान अपनी 11 सूत्री मांगों के समर्थन में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के मुख्य गेट पर ही धरना दे रहे थे, जिससे काम ठप हो गया था। जबकि प्रशासनिक टीम और पुलिस उन्हें कंपनी के गेट से अलग हटकर धरना देने की बात कह चुके थे। लेकिन किसान झुकने को तैयार नहीं थे। सोमवार को बक्सर एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा, सदर डीएसपी धीरज कुमार और कंपनी के नए मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी के साथ किसानों की वार्ता असफल हो गई थी।
यही कारण है कि पुलिस-प्रशासन किसानों के साथ बलपूर्वक निपटने की रणनीति बनाकर पहुंचा था। हालांकि पिछले वर्ष भी प्रशासन और स्थानीय किसानों का टकराव हो चुका था। तब काफी सियासी ड्रामा भी हुआ था। तब राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता राकेश टिकैत समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता यहां पहुंचे थे और किसानों को न्याय दिलाने का वादा किया था। इसके बावजूद किसानों को न्याय नहीं मिल सका है। यही कारण है कि किसान लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया। लेकिन प्रशासनिक टीम से बात नहीं हो सकी, जिस कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को हुई घटना में एसडीपीओ धीरज कुमार, मुफस्सिल थाना प्रभारी चंदन कुमार झा का सिर फूटा है। वहीं, कई महिला सब इंस्पेक्टर और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। डीएसपी का थाने में इलाज चल रहा है और थानाप्रभारी प्लांट के अंदर घिरे हैं।
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धार्मिक जुलूस में पथराव, एक युवक की मौत, 18 गिरफ्तार
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में मंगलवार के दिन पहुंना कस्बे में धार्मिक जुलूस पर हुए पथराव के बाद तनाव की स्थिति बन गई है। वहीं एक युवक को चोंट लगने की वजह से घायल हो गया था जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी बुधवार को मौत हो गई।
चित्तौड़गढ़ में राशमी थाना क्षेत्र के पहुंना कस्बे में मंगलवार रात निकाले जा रहे जुलूस पर सदर बाजार में विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए। हालांकि डॉक्टरों ने इसे हार्ट अटैक से मौत होना बताया है। घटना के बाद से धारा-144 लागू कर दी गई है। मौके पर भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं। मृतक के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया है।
धार्मिक जुलूस पर पथराव के विरोध में सर्व समाज प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने बताया कि गुरुवार सुबह 10 बजे सर्व समाज और विभिन्न हिंदू संगठन एक साथ मिलकर कलेक्ट्रेट चौराहे पर प्रदर्शन करेंगे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल से आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि घटना में शामिल सभी आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए।
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केजरीवाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने ED से मांगा जवाब:CM ने समन को चुनौती दी थी
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बार-बार समन भेजे जाने पर बुधवार को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को तलब किया। कोर्ट ने ED को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की अध्यक्षता वाली बेंच ने केजरीवाल के वकीलों से भी पूछा- आप (केजरीवाल) ED के सामने पेश क्यों नहीं होते? आप देश के नागरिक हैं, समन सिर्फ नाम के लिए है।
इस पर CM के वकीलों ने कहा कि AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ED गिरफ्तार कर चुकी है। ED केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है। वे भाग नहीं रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें सुरक्षा मिली, तो वे पेश हो जाएंगे।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और स्पेशल काउंसिल जोहेब हुसैन ने कोर्ट में ED का पक्ष रखा। केजरीवाल की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी कोर्ट में पेश हुए। इस मामले पर 22 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।
दरअसल, ED ने 17 मार्च को दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को 9वां समन भेजा था। उन्हें PMLA के तहत पूछताछ के लिए 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया। केजरीवाल 19 मार्च को समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे।
ED ने शराब नीति केस के साथ दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर केस में भी केजरीवाल को समन भेजा था। इस मामले में दिल्ली CM को मिला यह पहला समन है। जल बोर्ड केस में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं गए।
शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए।
दिल्ली जल बोर्ड केस में 18 मार्च को केजरीवाल के पेश न होने पर AAP ने कहा था कि ED का समन गैर-कानूनी है। AAP ने कहा कि जब कोर्ट से CM को अंतरिम जमानत मिल चुकी है, तो बार-बार समन क्यों भेजे जा रहे हैं। AAP का आरोप है कि भाजपा ED के जरिए केजरीवाल को टारगेट कर रही है।