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अन्ना हजारे बोले- केजरीवाल की गिरफ्तारी उनके कर्मों का नतीजा, शराब पर नीति बनाने से मैंने रोका था

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नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को उनके कर्मों का नतीजा बताया। शुक्रवार को अन्ना ने कहा कि मुझे केजरीवाल के हाल पर बिल्कुल भी दुख नहीं होता। मैंने उन्हें शराब पर नीति बनाने से रोका था, लेकिन वो नहीं माने।
अन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद नई शराब नीति को लेकर मैंने उन्हें दो बार चिट्ठी लिखी थी। मुझे दुख होता है कि उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और अब वो इसमें गिरफ्तार हो गए। जब केजरीवाल और मनीष सिसोदिया नए-नए हमारे साथ आए थे, तब मैंने कहा था कि हमेशा देश की भलाई के लिए काम करना। लेकिन उन्होंने इस बात को ध्यान में नहीं रखा।
वहीं, अन्ना के बयान पर AAP विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि जब हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोग भ्रष्टाचारी भाजपा में शामिल होकर सीएम बन जाते हैं तो कोई आवाज नहीं उठाता। जब अजित पवार जैसे लोग BJP के साथ हो जाते हैं, तो ये बेहद सम्मानित व्यक्ति (अन्ना हजारे) कुछ नहीं कहते। यह व्यवहार दर्दनाक और दुखद है।
अन्ना की चिट्ठी में केजरीवाल को लेकर बातें….अन्ना हजारे ने 30 अगस्त 2022 को केजरीवाल की नई शराब नीति को लेकर चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने लिखा था कि दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उनसे मैं दुखी हूं। हमें महाराष्ट्र की तरह शराब नीति की उम्मीद थी, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।
अन्ना ने आगे लिखा था कि लोग सत्ता के लिए पैसे और पैसे के लिए सत्ता के घेरे में फंस गए हैं। यह उस पार्टी के अनुरूप नहीं है, जो एक बड़े आंदोलन से उभरी है। आपने अपनी पुस्तक स्वराज में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं, लेकिन आपके आचरण पर उसका असर नहीं दिख रहा है। आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको पत्र लिख रहा हूं।
अन्ना हजारे ने केजरीवाल से कहा था कि आपकी सरकार लोगों का जीवन बर्बाद कर रही है। महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है। आपकी कथनी और करनी में फर्क है। सरकार को जनहित मे काम करने पर मजबूर करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को फायदा मिलता। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया।
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लोकायुक्त की नियुक्ति पर SC ने रोक लगाने से किया इंकार, सरकार से मांगा जवाब
मध्य प्रदेश। लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट की तरफ से सरकार को नोटिस लोकायुक्त की नियुक्ति की फाइल की मांग की गई है, जिसका जवाब दो हफ्तों मांगा गया है। दरअसल, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की तरफ से लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध बताते हुए SC में याचिका दायर की गई थी।
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की थी। इस दौरान उन्होंने लोकायुक्त सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति को नियमों के खिलाफ बताया था। इसके अलावा उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया था कि बिना सूचित किए सरकार ने नियुक्ति की है। इसी मामले को लेकर आज शुक्रवार को SC में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने फिलहाल के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने से मना कर दिया है, लेकिन सरकार को नोटिस देकर दो सप्ताह में नियुक्ति के मामले में जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन लोकायुक्त एनके गुप्ता का कार्यकाल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था। फिर भी सरकार द्वारा नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान और आचार संहिता के लगने के पहले ही 10 मार्च को लोकायुक्त के रूप में सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति की गई थी। सत्येंद्र कुमार को महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शपथ दिलवाया था।
आपको बता दें जस्टिस सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति मप्र लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम, 1981 के मुताबिक की गई है। जस्टिस सत्येंद्र कुमार राजधानी भोपाल के जिला न्यायालय के एडीजे रह चुके हैं।
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ED बोली- केजरीवाल शराब घोटाले के मास्टरमाइंड, 28 मार्च तक रिमांड पर
दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब नीति केस में CM अरविंद केजरीवाल को 6 दिन (28 मार्च तक) की ED रिमांड पर भेजा है। जांच एजेंसी ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी। सुनवाई के दौरान ED ने केजरीवाल को शराब नीति केस का मास्टरमाइंड बताया था। साथ ही दावा किया कि इस केस से जुड़े कई इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाए गए और फोन तोड़े जा चुके हैं। अदालत में जाते समय केजरीवाल ने कहा कि मेरा जीवन देश को समर्पित है।
ED ने कोर्ट में 28 पेजों की दलीलें पेश की: ED ने कोर्ट में 28 पेजों की दलीलें पेश कीं। जांच एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति को बनाने में सीधे तौर पर शामिल थे। मनीष सिसोदिया ने भी इस मामले में मुख्य भूमिका निभाई। केजरीवाल ने रिश्वत लेने के लिए कुछ खासों लोगों का फेवर किया। इससे हुई इनकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनावों में किया था।
2873 करोड़ का नुकसान, 100 करोड़ घूस: शराब नीति केस में अब तक 6 चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं। केजरीवाल मामले में गिरफ्तार होने वाले 32वें आरोपी हैं। ED का दावा है कि शराब नीति से 2,873 करोड़ रु. का घाटा हुआ। आरोप है कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए 136 करोड़ रु. की लाइसेंस फीस माफ की गई थी। इसके एवज में 100 करोड़ रु. लिए गए।