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गुना , मुरैना और ग्वालियर के प्रत्याशी बुधवार को तय करेगी कांग्रेस

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भोपाल। मध्य प्रदेश की 29 सीटों लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 22 के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। एक सीट खजुराहो समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी गई है। मुरैना, ग्वालियर, गुना समेत छह सीटों की प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में होगी।
इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भाग लेंगे। उधर, बालाघाट सीट से प्रत्याशी बनाए गए सम्राट सिंह सरस्वार को लेकर विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे हैं। पार्टी के विधायक और विधानसभा प्रत्याशियों ने दिल्ली पहुंचकर अपनी बात रखी।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस गुना लोकसभा सीट से जातीय समीकरण को देखते हुए प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। यहां से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने दावेदारी जताई थी, लेकिन नेता स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। यादव राहुल गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं से भेंट भी कर चुके हैं। उधर, संगठन ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए इंदौर संभाग की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।
उधर, मुरैना और ग्वालियर में भी प्रत्याशी के नाम पर एक राय नहीं है। मुरैना से सतीश सिकरवार, बलवीर दंडोतिया, ग्वालियर से रामसेवक सिंह गुर्जर, प्रवीण पाठक और लाखन सिंह यादव के नाम प्रस्तावित हैं। जबकि, दमोह, विदिशा और खंडवा से महिला प्रत्याशी दी जा सकती हैं। वहीं, बालाघाट के प्रत्याशी को लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध की स्थिति बन रही है।
विधायक अनुभा मुंजारे, विक्की पटेल और संजय उइके, पूर्व विधायक हिना कांवरे और विधानसभा चुनाव में कटंगी से प्रत्याशी रहे बोध सिंह भगत पार्टी के इस निर्णय पर पुनर्विचार की बात कह रहे हैं। बसपा से प्रत्याशी बनाए गए कंकर मुंजारे कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि बालाघाट सीट का चुनाव पहले चरण में है। इसके लिए नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 27 मार्च बुधवार है।

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संतान देने के नाम पर महिला से रेप, पूजा पाठ के बहाने ले गया होटल, फिर किया ब्लैकमेल
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में अपराध के मामले बढ़ते जा रहे है। शहर से एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पीड़ित महिला को बेटे देने की बात कह आरोपी व्यक्ति ने फायदा उठाते हुए उसके साथ शारीरिक शोषण और ब्लैकमेलिंग की। पूरे मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में कार्रवाई करते हुए अज्ञात आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि, पीड़िता द्वारा थाने पर आकर शिकायत दर्ज कराई गई है कि कुछ दिन पहले ऑटो रिक्शा में सफर करते हुए एक आरोपी व्यक्ति से पीड़ित महिला की जान पहचान हुई थी और उसके बाद में पीड़ित महिला को व्यक्ति ने अपने बहकावे में लेकर कहा कि तुम्हारी बेटी है। अगर तुम्हें लड़का चाहिए तो तुम मुझसे आकर मिलना।
इतनी बात कह कर पीड़ित महिला से व्यक्ति ने संपर्क किया और मंदिर पर पूजा पाठ के लिए बुलाया यहां से आरोपी व्यक्ति पीड़ित महिला को अपने साथ एक होटल में ले गया और वहां पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम। आरोपी इतने में ही नहीं रुका उसने एक वीडियो और फोटो बना ली। जिसके आधार पर लगातार पीड़िता को आरोपी व्यक्ति परेशान करने लगा और ब्लैकमेलिंग करने लगा था।
जिसके बाद पीड़िता ने आरोपी से जान छुड़ाने के लिए लाखों रुपए के सोने चांदी के जेवरात और नगदी भी दे दिए। लेकिन लगातार आरोपी पीड़िता को परेशान कर रहा था जिसके बाद पिता ने पूरे मामले में विजयनगर थाने पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
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NMC का बड़ा निर्णय: इलाज के दौरान लापरवाही होने पर अब डॉक्टर्स पर होगी कार्रवाई
भोपाल। निजी और सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों की जान जोखिम में आने के कई मामले देखने को मिलते है। ऐसे में NMC की एथिक्स कमेटी की बैठक इसे लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। अगर अब इलाज में लापरवाही के दौरान किसी डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तो डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, निजी अस्पताल हो या फिर सरकारी अस्पताल कई बार डॉक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान पर बात आ जाती है। वहीं कई बार तो मरीज की जान भी चली जाती है। ऐसे में उनके परिजनों को इंसाफ भी नहीं मिल पाता। इसके बाद अब एनएमसी की एथिक्स कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि, अगर इलाज में लापरवाही के दौरान किसी डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तो उसे डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बतादें कि, इलाज में लापरवाही करने वाले डॉक्टर की गंभीर शिकायत पर 6 महीने के अंदर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। नेशनल मेडिकल कमिशन की एथिक्स और मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड की एमपी इकाई ने इस संबंध में निर्णय लेगी। प्रदेश में अब तक 2013 से अब तक 100 से ज्यादा डॉक्टर के खिलाफ शिकायतें लंबित है। ऐसे में गुण- दोष के आधार पर डॉक्टर के पंजीयन निरस्त करने की अनुशंसा करेगा। शिकायतकर्ता को समय पर न्याय मिल सके और डॉक्टर की अगर लापरवाही है, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर की सुरक्षा और ओपिनियन को लेकर भी नए सिरे से गाइडलाइंस तय की जाएगी।