गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना शहर में रंगपंचमी का पर्व कुछ खास और अलग होने जा रहा है। रंगपंचमी पर रंग तो उड़ेंगे ही एक चल समारोह (गैर) भी शहर में निकलेगा, जिसमें शामिल हुरियारे मंडली के भजनों पर झूमते-गाते नगरवासियों को रंग लगाएंगे और रंगपंचमी का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में समिति के संयोजक गिरिराज भार्गव ने पारंपरिक गैर का महत्व बताया, कि आज के समय में गैर द्वारा समरसता के भाव जाग्रत करना व युवाओं द्वारा त्योहार पे हुडदंग ना करते हुए शालीनता पूर्वक पूर्वजों द्वारा स्थापित परंपरा समझने का प्रयास रहता है। पत्रकार वार्ता को आयोजन समिति के दिनेश श्रीवास्तव ,अर्जुन रघुवंशी ,गोविंद गुर्जर , धरमवीर कुशवाह, देवेन्द्र सोलंकी, यशवर्धन भार्गव द्वारा संबोधित करते हुए गैर और रंगपंचमी के लुप्त होती परंपरा को पुनः जीवित करने की बात कही गई एवं इंदौर को एक उदाहरण बताते हुए उस तर्ज पर गुना में भी कार्यक्रम का आयोजन करने की बात कही व समस्त नगरवासियों से कार्यक्रम में बढ़ी संख्या में सम्मिलित होकर आयोजन को इतिहासिक बनाने का आग्रह किया गया।
रंगपंचमी महोत्सव आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान समय में रंगपंचमी पर गैर चल समारोह की की परंपरा लुप्त हो रही है। पूर्व में यह परंपरा प्रत्येक शहर में निभाई जाती थी, जिससे रंगों के पर्व का असली मजा आए, आजकल युवाओं ने पार्टी और डीजे पर डांस को ही पर्व मान लिया है, जबकि सभी पर्व हमें एकता का संदेश देते हैं और गैर एक ऐसा आयोजन है, जिसमें सभी एक रंग में रंगकर भारतीय सभ्यता के हिसाब से होली खेलते हैं। यह बहुत ही सादगीपूर्ण और आनंददायी कार्यक्रम है। हालांकि गैर का आयोजन शहर सन 2016 से किया जा रहा है।