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किराना व्यवसायी को ब्लैकमेल करने वाला गुंडा और दो युवतियां गिरफ्तार, दो फरार

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इंदौर। किराना कारोबारी शुभम कालरा को फंसाकर रुपये ऐंठने वाली दो युवतियों और एक गुंडे को पुलिस ने पकड़ लिया। एक युवती और युवक अभी तक फरार है। ब्लैकमेल कर कालरा से वसूले रुपयों से आरोपित अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने चले गए थे। गुरुवार रात जैसे ही इंदौर पहुंचे पुलिसवाले भी पहुंच गए।
डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक, किराना व्यवसायी शुभम राजेश कालरा निवासी मनीषपुरी (साकेत नगर) 27 मार्च को ब्लैकमेलिंग का शिकार हुआ था। शुभम ने पुलिस को बताया कि कार (होंडा सिटी) से बंगाली चौराहा से कनाड़िया की तरफ जा रहा था। रास्ते में एक लड़की मिली और बातचीत कर दोस्ती कर ली।
शुभम को लड़की संचार नगर स्थित संगम गार्डन के सामने ले गई। तभी दो युवक और दो युवतियां भी आ गई। आरोपितों ने शुभम का लड़की के साथ आपत्तिजनक वीडियो और फोटो बनाए और कहा कि दुष्कर्म के केस में फंसा देंगे। वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी। आरोपितों ने 10 हजार रुपये आनलाइन ले लिए और एक लाख रुपये शुभम के भाई से मंगवाए। आरोपितों ने धमकाकर भगा दिया।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपितों को चिह्नित तो कर लिया, लेकिन घरों से फरार हो गए। गुरुवार रात तीन आरोपित नूर मोहम्मद उर्फ भइया अली निवासी सम्राट नगर, सना पति नूर मोहम्मद निवासी पटेल नगर और सादिका उर्फ साजिया निवासी मदीना नगर को गिरफ्तार कर लिया। दो आरोपित समीर और शान्या अभी तक फरार है।
टीआइ केपी यादव के मुताबिक, आरोपितों ने बताया कि पुलिस द्वारा दबिश देने की सूचना मिलते ही तीनों अजमेर भाग गए थे। गुरुवार को जमानत के लिए इंदौर पहुंचे और पुलिसकर्मियों ने दबोच लिया। नूर शातिर अपराधी है। उसके विरुद्ध लूट, हत्या, चोरी के कईं प्रकरण दर्ज हैं।
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पुलिस की प्रताड़ना से परेशान ग्रामीण ने खाया जहर, मौत, थाना प्रभारी और ASI सस्पेंड
दतिया। लांच थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए जहर खा लिया। शख्स का नाम वीरेंद्र जाटव बताया जा रहा है। जो जसवंतपुर गांव का रहने वाला है। शख्स की ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई है। मामले में एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने थाना प्रभारी और एएसआई को निलंबित कर दिया है।
वीरेंद्र जाटव ने 3 अप्रैल को जहर खाया था। जहर खाने के पहले वीडियो के जरिए लांच थाना प्रभारी सविता शर्मा, थाने के एक दरोगा और ग्रामीणों पर व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीण ने थाना प्रभारी सविता शर्मा पर आर्म्स एक्ट का झूठा केस बनाने और पैसे लेने का आरोप लगाया है। आत्महत्या के पहले का पीड़ित का वीडियो सामने आया है। वीडियो में पीड़ित ने थाना प्रभारी सविता शर्मा पर झूठे केस में फंसाने और उगाही करने के आरोप लगाए हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। मामले में एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने थाना प्रभारी और एएसआई को निलंबित कर दिया है। साथ ही एडी. एसपी सुनील शिवहरे को मामले की जांच सौंपी है। एसपी का यह भी कहना है कि मृतक के खिलाफ आर्म्स एक्ट का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, फिर सभी आरोपों की जांच की जाएगी l
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सराफा दुकान में 20 लाख की चोरी का पर्दाफाश, पुरुष और महिला गिरफ्तार
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक ज्वेलरी शॉप में 20 लाख रुपए की चोरी का खुलासा पुलिस ने 10 घंटों में कर दिया। पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उनके पास से चोरी का माल भी बरामद कर लिया है। आरोपियों में एक महिला, एक पुरुष और अन्य दो आरोपी बालक हैं। आरोपी छोटे बच्चों से रेकी करा कर वारदात को अंजाम देते थे। आरोपी पुराने वारदातों में संलिप्त रह चुका है।
दरअसल खाचरोद कस्बा स्थित मन्नालाल माणकलाल ज्वेलर्स की दुकान का आज सुबह शटर उठा हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने व्यापारी को फोन कर इसकी सूचना दी। व्यापारी के मौके पर पहुंचने के बाद सभी ने आभूषण दुकान की तलाशी ली जहां पाया गया कि ग्राहकों के गिरवी रखे चांदी के आभूषण, चांदी के नये आभूषण, सोने की अंगूठी, टॉप्स, मंगलसूत्र, मुरकी आदि दुकान की तिजोरी से चोरी हो गए। आरोपी चांदी के लगभग 22 किलो के आभूषण जिसकी कीमत 17 लाख 30 हजार रुपए और 28 ग्राम सोना जिसकी कीमत 1,95,000 रुपये है, उसकी चोरी हो गई। कुल 20 लाख रुपए की चोरी के मामले में धारा 457, 380 के अपराध में मामला दर्ज किया गया।
अपराधियों की तलाश के दौरान पुलिस की एक टीम कस्बा खाचरौद और वहां आने जाने वाले जगहों पर लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरे खंगाले और दूसरी टीम कस्बा खाचरौद और आसपास पुराने अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई की गई। मौके पर फिंगर प्रिंट, एफ.एस.एल., पुलिस डॉग स्कॉड और सायबर टीम से मौका मुआयना कराया गया। पुलिस की जांच में पाया गया कि आरोपी अपने घर से फरार हैं।
पुलिस ने कड़ी मशक़्क़त के बाद घटना के 10 घंटे के बाद ही आरोपी कालू और कैलाशी बाई को गिरफ्तार कर लिया। वहीं अन्य दो बच्चों को भी कब्जे में ले लिया गया है। आरोपी महिला अपने पति की मृत्यु के बाद से ही आरोपी के साथ रहती थी। वहीं दोनों मिलकर बच्चों को भी इस अपराध में शामिल कराते थे। जांच में यह बात भी सामने आई कि आरोपी कानून से बचने के लिए बच्चों से अपराध कराते थे। चोरी करना इनका मुख्य धंधा है और इनके कई आपराधिक रिकॉर्ड भी पाए गए हैं।