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मुठभेड़: गुरुद्वारे के कारसेवा प्रमुख की हत्या का इनामी शूटर बिट्टू मारा गया, दूसरा आरोपी फरार

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हरिद्वार। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने एएनआई को बताया कि एक लाख रुपये का इनामी शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू मारा गया, जबकि उसका साथी भाग गया।
नानकमत्ता गुरुद्वारे के कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या करने वाले अमरजीत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने थाना भगवानपुर क्षेत्र में मुठभेड़ में मार गिराया है। हत्यारे का दूसरा साथी फरार हो गया है और उसकी तलाश में एसटीएफ और पुलिस जुटी हुई है। 28 मार्च की सुबह नानकमत्ता में डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की बाइक सवार दो शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने एएनआई को बताया कि एक लाख रुपये का इनामी शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू मारा गया, जबकि उसका साथी भाग गया। उन्होंने बताया कि बाबा की हत्या को उत्तराखंड पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था और लगातार एसटीएफ और पुलिस दोनों हत्यारों की तलाश कर रही थी। उत्तराखंड में ऐसे जघन्य अपराध करने पर पुलिस अपराधियों से सख्ती से निपटेगी।
इससे पहले रविवार को उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने दोनों फरार मुख्य आरोपियों (शूटरों) अमरजीत सिंह और सरबजीत सिंह पर इनाम की राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी थी। वहीं, बाबा तरसेम सिंह की हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल तीन और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक यूपी और दो उत्तराखंड के बाजपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। बाजपुर के आरोपियों ने शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराई थी।
रविवार को नानकमत्ता पुलिस थाने में एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने पत्रकारों को बताया कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षड्यंत्र में तुलापुर, बिलसंडा, पीलीभीत निवासी परगट सिंह को शनिवार देर रात मेलाघाट रोड, झनकईया, खटीमा से गिरफ्तार किया गया। केशोवाला मोड, बाजपुर निवासी जसपाल सिंह भट्टी को जेल रोड, रामपुर, यूपी से और बन्नाखेड़ा बाजपुर निवासी सुखदेव सिंह गिल उर्फ सोनू गिल को रविवार को बाजपुर क्षेत्र से पकड़ा गया।

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हाईकोर्ट ने कहा-शराब नीति केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी सही:ED ने कानून का पालन किया
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल) को शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी-रिमांड को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए पैसा भेजा गया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि हमें संवैधानिक नैतिकता की फिक्र है, ना कि राजनीतिक नैतिकता की। मौजूदा केस केंद्र और केजरीवाल के बीच नहीं है। यह केस केजरीवाल और ED के बीच है। हाईकोर्ट ने कहा कि ED ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया। उसके पास हवाला ऑपरेटर्स और AAP कैंडिडेट के बयान हैं।
ED ने दलील दी थी: अपराधी और आरोपी यह नहीं कह सकते कि हम गुनाह करेंगे और हमें इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, क्योंकि चुनाव हैं। हम अंधेरे में तीर नहीं चला रहे। हमारे पास वॉट्सऐप चैट, हवाला ऑपरेटर्स के बयान और इनकम टैक्स का डेटा भी है।
शराब नीति केस में दिल्ली सीएम को 21 मार्च को ED ने अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।वह पिछले 9 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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मुख्य चुनाव आयुक्त को Z सिक्योरिटी मिली:IB की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा बढ़ाई
नई दिल्ली। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार को केंद्र सरकार ने Z सिक्योरिटी दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की खुफिया रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने मंगलवार (9 अप्रैल) को उनकी सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) को 40-45 कर्मियों की टुकड़ी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
लोकसभा चुनाव के चलते संभावित खतरों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राजीव कुमार की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। CRPF के कमांडो हर वक्त राजीव की सुरक्षा में रहेंगे। राजीव कुमार ने 12 मई 2022 को भारत के 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पद संभाला था। सितंबर 2020 में उन्हें पोल बॉडी का इलेक्शन कमीशनर बनाया गया था।
CEC राजीव कुमार की सुरक्षा के लिए CRPF कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। इसमें NSG कमांडो और पुलिसकर्मी शामिल होंगे। राजीव कुमार के आवास पर आर्म्ड स्टैटिक गार्ड, चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने वाले निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) और तीन शिफ्टों में काम करने वाले सशस्त्र एस्कॉर्ट कमांडो शामिल रहेंगे।
1984 बैच के आईएएस अधिकारी रहे राजीव कुमार ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की जगह ली थी। वे भारत सरकार में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बिहार और झारखंड कैडर के IAS रहे राजीव कुमार साल 2020 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे।
देश में मिलने वाली 6 सुरक्षा श्रेणियों में SPG सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। यह सुरक्षा सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को दी जाती है। इसके बाद Z+ सुरक्षा और Z सुरक्षा आती है। जेड सुरक्षा भारत की तीसरी सबसे उच्च सुरक्षा श्रेणी है।