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बच्चों को भगवा कपड़े पहनकर आने से रोका, स्कूल के प्रिंसिपल पर केस दर्ज, भीड़ ने स्कूल में तोड़फोड़ की

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हैदराबाद। तेलंगाना के एक मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरोप है कि इन्होंने भगवा पहनकर स्कूल आए कुछ बच्चों को रोका था। घटना हैदराबाद से 250 किमी दूर मंचेरियल जिले के कन्नेपल्ली गांव का है। स्कूल का नाम ब्लेस्ड मदर टेरेसा स्कूल है।
डंडेपल्ली पुलिस के मुताबिक, छात्रों के पेरेंट्स की शिकायत के आधार पर IPC के सेक्शन 153 (A) (धर्म और जाति के आधार पर दो समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाना) और 295 (A) (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के मामले में केस दर्ज किया गया है।
जानिए पूरा मामला...स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, मंगलवार को कुछ बच्चे यूनिफॉर्म की जगह भगवा वस्त्र पहनकर आए थे। प्रिंसिपल ने इन बच्चों से भगवा कपड़े पहनकर आने का कारण पूछा। बच्चों ने जवाब दिया कि उन्होंने हनुमान दीक्षा ली है, जिसका उन्हें 21 दिन तक पालन करना है। तब प्रिंसिपल ने उन्हें अपने पेरेंट्स को लाने को कहा।
इस वाकये का वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसमें दावा किया गया कि प्रिंसिपल बच्चों को स्कूल में भगवा कपड़े पहनकर आने से रोका है। इसके बाद भीड़ ने स्कूल पर हमला किर दिया। भगवा कपड़े पहने कुछ लोगों ने स्कूल की खिड़कियों पर पत्थर फेंके।
इसके बाद बच्चों के पेरेंट्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने प्रिंसिपल जैमॉन जोसेफ समेत स्कूल के दो स्टाफ मेंबर्स के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की। भीड़ ने स्कूल मैनेजमेंट से माफी मांगने को कहा। इसका फुटेज भी स्कूल प्रबंधन ने मुहैया करवाया है। कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा भी किया गया है कि भीड़ ने प्रिंसिपल के साथ मारपीट की और उनके माथे पर जबरदस्ती तिलक भी लगाया।
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EVM-VVPAT वेरिफिकेशन पर 5 घंटे सुनवाई, फैसला सुरक्षित:SC ने पूछा- वोटर्स को वोटिंग पर्ची क्यों नहीं दे सकते, EC बोला- इसका गलत इस्तेमाल होगा
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ADR समेत अन्य वकीलों और चुनाव आयोग की 5 घंटे दलीलें सुनी।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे।
एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कोर्ट के सामने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें आरोप था कि केरल में मॉक पोलिंग के दौरान भाजपा को ज्यादा वोट जा रहे थे। इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से पूछा कि ये कितना सही है। सिंह ने कहा कि ये खबरें झूठी और बेबुनियाद है।
कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या वोटिंग के बाद वोटर्स को VVPAT से निकली पर्ची नहीं दी जा सकती है। इस पर चुनाव आयोग ने कहा- वोटर्स को VVPAT स्लिप देने में बहुत बड़ा रिस्क है। इससे वोट की गोपनीयता से समझौता होगा और बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल दूसरे लोग कैसे कर सकते हैं, हम नहीं कह सकते।
कोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए कदमों के बारे में चुनाव आयोग के वकील से EVM और VVPAT की पूरी प्रक्रिया समझी। साथ ही कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रहनी चाहिए। शक नहीं होना चाहिए कि ये होना चाहिए था और हुआ नहीं। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले, 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सभी EVM में से कम से कम 50 प्रतिशत VVPAT मशीनों की पर्चियों से वोटों के मिलान करने की मांग की थी। उस समय, चुनाव आयोग हर निर्वाचन क्षेत्र में सिर्फ एक EVM का VVPAT मशीन से मिलान करता था। 8 अप्रैल, 2019 को मिलान के लिए EVM की संख्या 1 से बढ़ाकर 5 कर दी थी।
इसके अलावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने भी जुलाई 2023 में वोटों के मिलान की याचिका लगाई थी। इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- कभी-कभी हम चुनाव निष्पक्षता पर ज्यादा ही संदेह करने लगते है।
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जय श्रीराम बोलने पर तीन को पीटा, आरोपी कह रहे- 'जय श्रीराम नो, ओनली अल्लाह-हु-अकबर', चार गिरफ्तार
बेंगलुरु। रामनवमी के दिन बेंगलुरु में 'जय श्रीराम' बोलने पर तीन युवकों को पीटने की घटना सामने आई है। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति 'जय श्रीराम नो, ओनली अल्लाह हु अकबर' कहता सुनाई दे रहा है। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना बुधवार दोपहर करीब 3:30 बजे की है।
पुलिस के अनुसार पवन कुमार,राहुल और बिनायक निवासी संजीवनीनगर कार से एमएस पल्या इलाके की ओर जा रहे थे। वे जय श्रीराम बोल रहे थे। उनके पास भगवा ध्वज भी था। तभी चिक्काबेट्टाहल्लू इलाके के पास दो बाइक सवार पीछे से आकर कार को रोकते हैं। इन दोनों की पहचान फरमान और समीर के रूप में हुई है।
फरमान कार सवारों से बहस करता है और अल्लाह हु अकबर कहने को कहता है। वह भगवा ध्वज छीनने की कोशिश भी करता है। तब तीनों कार सवार उसका पीछा करते हैं लेकिन फरमान और समीर भाग जाते हैं।
कुछ देर बाद वे फरमान और समीर दो अन्य लड़कों को अपने साथ लेकर आते हैं और कार सवार लोगों को रोककर मारपीट करते हैं। इस दौरान राहुल के सिर पर डंडे से चोट आई। बिनायक के नाक की हड्डी में चोट आई है।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन पर जानबूझकर किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने या उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से कुछ शब्दों का इत्तेमाल करना,दंगा करने, शांति भंग के इरादे से जानबूझकर अपमान, खतरनाक हथियारों से चोट पहुँचाना, आपराधिक धमकी देने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री और बेंगलुरु उत्तर से भाजपा के लोकसभा कैंडिडेट और शोभा करंदलाजे ने बुधवार रात पीड़ितों के घर जाकर उनसे मुलाकात की और मामले की निंदा की।