उज्जैन। कलेक्टर नीरज सिंह ने जिले के 15 निजी स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अनियमितता, आदेश के उल्लंघन पर यह कार्रवाई की गई। संबंधित स्कूलों के प्राचार्यों को जुर्माने की राशि सात दिन के भीतर जमा कराना होगी।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों कलेक्टर के निर्देश पर उड़न दस्तों ने निजी स्कूलों का निरीक्षण किया था। इस दौरान कई खामियां पाई गईं। उड़नदस्तों ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद स्कूलों के प्राचार्यों को नोटिस दिए गए थे। नोटिस के जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद कलेक्टर ने 15 स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
इन स्कूलों पर कार्रवाई- ज्ञान सागर अकेडमी देवास रोड उज्जैन, सेंट मेरी कान्वेंट हासे स्कूल देवास रोड, क्रिस्ट ज्योति कान्वेंट स्कूल मालनवासा, निर्मला कान्वेंट हासे स्कूल प्रेम नगर देवास रोड, सेंट पाल कान्वेंट हाईस्कूल पंचक्रोशी मार्ग आगर रोड, आक्सफोर्ड जूनियर कालेज उज्जैन, सेंट थॉमस स्कूल पंवासा मक्सी रोड, कार्मल कॉन्वेंट चक कमेड़ तहसील घट्टिया, सेंट थामस हासे स्कूल बड़नगर, मास्टर माइंड इंटरनेशनल स्कूल तराना, दिनाह कान्वेंट स्कूल तराना, जीनदत्ता इंस्टिट्यूट आफ एजुकेशन नारायणा तहसील महिदपुर, एमपीएस अकेडमी महिदपुर, इम्पीरियल इंटरनेशनल स्कूल खाचरौद तथा सेंट मार्टिन स्कूल बड़नगर।
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स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर खड़े ट्रक में लगी आग, मुरैना में दो घरों में लगी भीषण आग, इधर चंबल के बीहड़ में उठी आग की लपटें
मध्य प्रदेश के दो जिलों से आगजनी की खबर सामने आई है। जबलपुर में स्ट्रांग रूम से कुछ दूर खड़े ट्रक में भीषण आग लग लग गई। वहीं मुरैना में दो घर में अचानक भीषण आग लग गई। वहीं चंबल के बीहड़ में आग की तेज लपटें उठते दिखाई दी, जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए।
स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर खड़े ट्रक में लगी आगकुमार इंदर, जबलपुर।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब स्ट्रांग रूम के बाहर कुछ दूरी पर खड़े ट्रक में अचानक आग लग गई। घटना जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविधायल के पास की है। बताया जा रहा है कि ट्रक मतदान कर्मियों के लिए पानी लेकर आया था। जिसके बाद आनन फानन में फायर ब्रिगेड बुलाकर आग को बुझाया गया।समय रहते अगर आग पर काबू नहीं पाया जाता तो बड़ा हादसा भी हो सकता था। क्योंकि पास में ही मतदान कर्मियों की गाड़ी और बसें भी खड़ी हुई थी।
मुरैना में दो घरों में अचानक लगी भीषण आग
मुरैना। इधर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से भी आगजनी की घटना सामने आई है। यहां लेपा गांव के दो घरों में अचानक भीषण आग लग गई। आग लगने से दोनों घरों के गृहस्ती का सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया। घटना में एक भैस की मौत हो गई, वहीं घर पर रखा गेहूं और सरसों सहित पूरा सामान जलकर खाक हो गया। बताया जा रहा है कि शादी समारोह में गांव में पटाखे चल रहे थे। पटाखे की चिंगारी से ही ये आग लगी है। घटना के बाद मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस नहीं पहुंच पाई। ग्रामीणों की मदद से दो से तीन घंटे में आग पर किसी तरह काबू पाया गया। ये पूरा मामला सिहोनिया थाना क्षेत्र के लेपा गांव का है।
चंबल के बीहड़ उठी आग की लपटें
वहीं इधर मुरैना के चंबल में अज्ञात कारणों के चलते बीहड़ में भीषण आग की लपटें उठने लगी, जिसे देख ग्रामीणों के बीच हड़कंप मच गया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आग बीहड़ जंगल से गांव की ओर दौड़ने लगी। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी। अंबाह पोरसा मुरैना की फायर ब्रिगेड और आधा सैकड़ा पंचायत की फायर फाइटर टैंकर से आग बुझाने की प्रशासन कोशिश कर रहा है। घटना नगर थाना क्षेत्र के धोर्रा बीहड़ का है। फ़िलहाल आग पर काबू पाने का प्रयास जारी है।
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5 ठेका कंपनियों के खिलाफ FIR: बिना काम किए ही नगर निगम को भेज दिया करोड़ों का बिल
इंदौर। इंदौर नगर निगम में फर्जीवाड़े की कई खबरें पहले भी सामने आ चुकी है। इस बार 28 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जहां पांच फर्मों ने बिना काम किया ही नगर निगम के एकाउंट डिपार्टमेंट तक अपने बिल पहुंचवा दिए। इन बिलों पर साइन होने के लिए हर एक अधिकारी के दफ्तर से होती हुई फाइल एकाउंट डिपार्टमेंट तक पहुंच गई। एकाउंट डिपार्टमेंट के ऑडिट डिपार्मेंट ने जब इस फाइल की जांच की तो पता चला यह काम हुए ही नहीं है। जिनके केवल बिल लगा दिए गए हैं।
नगर निगम के अधिकारियों ने एमजी रोड थाने पहुंचकर निव कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद साजिद, ग्रीन कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद सदीक, किंग कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद जाकिर, क्षितिज इंटरप्राइजेज के रेणु वडेरा और जानवी इंटरप्राइजेज के राहुल वडेरा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 में FIR दर्ज करवाई है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
अब इस मामले में इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय समिति का गठन कर निष्पक्ष जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है इसमें निकाय के संबंध में विभागों की संलिप्तता प्रतीत होती है। जिस पर जिम्मेदारों की भूमिका सामने आएगी। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। इधर इस पूरे मामले में निगम आयुक्त शिवम वर्मा के मुताबिक इन सभी कंपनियों के पूर्व में किए गए भुगतानों की जानकारी निकाली जा रही है। क्या इन कंपनियों ने पूर्व में भी इस तरह की की धोखाधड़ी की है और किन अधिकारियों की इस मामले में संलिप्तता है। इसकी भी विभागीय जांच करवाई जा रही है।