शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक अनोखा सांप मिला है। जिसे देखकर कॉलोनीवासियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद सर्प मित्र को सूचना दी गई। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे सर्प मित्र ने सांप का रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि यह सांप भारत का ग्रीन कील बैक स्नेक है, जो बहुत जहरीला होता है।
शिवपुरी शहर के सोन चिरैया होटल के पीछे की कॉलोनी में एक हरे रंग का दुर्लभ सांप देखा गया। जिसे देखकर कॉलोनी निवासी घबरा गए। इसके बाद नरवर के रहने वाले सर्प मित्र सलमान पठान को सूचना दी गई है। सूचना मिलते ही सर्प मित्र सलमान मौके पर पहुंचे और तुरंत हरे रंग के सांप को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
हरे रंग का सांप देखकर लोग हैरान रह गए। लोगों का कहना था कि अब तक उन्होंने काले और भूरे रंग के सांप देखे थे, लेकिन इस रंग के सांप को उन्होंने पहली बार देखा है। वहीं रेस्क्यू करने पहुंचे सर्प मित्र सलमान पठान ने बताया कि यह भारत का ग्रीन कील बैक सांप है, जो कुछ ही जगहों पर पाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इंसानों के मारने की वजह से इस सांप की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है। यह सांप सेमी बेनमश है जो आधा जहरीला होता है, यह देखने में काफी खूबसूरत होता है। सर्पमित्र ने कहा कि अंधविश्वास के चक्कर में न पड़े। सांप निकलने पर या उसके कांटने पर घबराना नहीं चाहिए। सांप निकलने पर तत्काल सर्पमित्र या वन विभाग को सूचना देनी चाहिए। फिलहाल सर्प मित्र ने इस हरे रंग के दुर्लभ सांप को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ दिया है।
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डिप्टी रेंजर व वनरक्षकों की गुंडागर्दी, नशे में मंदिर परिसर में की तोड़फोड़
वारासिवनी। जंगलों व वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे वनकर्मी अब इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वह शराब के नशे में खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। मामला दक्षिण सामान्य वन मंडल के वारासिवनी वन परिक्षेत्र की ग्राम पंचायत रमरमा का है, जहां शनिवार देर रात वारासिवनी वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर और तीन वनपालों ने शराब के नशे में महादेव मंदिर परिसर में जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने परिसर में लगी कुर्सी, टेबल और यहां लगने वालीं दुकानों में तोड़फोड़ कर दी। इतना ही नहीं, वन विभाग के गैर जिम्मेदार कर्मियों ने मंदिर परिसर में लगे ध्वजों को भी जला दिया।
घटना रात करीब साढ़े दस बजे की है। नशे में गुंडागर्दी करने वालों में डिप्टी रेंजर राजेंद्र बिसेन, वनपाल रविंद्र लड़कर, राजा मड़ावी और अशोक परते है, जिनकी इस करतूत को वहां दुकान लगाने वाले दुकानदारों व चौकीदार ने देख लिया। बताया गया कि उत्पात मचाने के बाद सभी मौके से फरार हो गए। थोड़ी देरी में ये खबर ग्रामीणों और मंदिर समिति पदाधिकारियों तक पहुंची। मौके पर पहुंचने पर देखा गया, तो कुर्सियां टूटी पड़ी थीं और ध्वज जल रहे थे।
ग्रामीणों ने इसकी सूचना वारासिवनी विधायक विवेक विक्की पटेल और कटंगी विधायक गौरव पारधी को दी। इसके बाद दोनों विधायक, रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन और वारासिवनी थाना प्रभारी निरीक्षक बीभेन्दु व्यंकट टांडिया मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों काे शांत कराया। देर रात तक मंदिर परिसर में गहमागहमी का माहौल रहा। ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर और उसके साथ आए वनपालों पर कार्रवाई की मांग की।
वारासिवनी वन परिक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर राजेंद्र बिसेन का नशे में उत्पात मचाने का यह पहला मामला नहीं है। अपनी करतूत और कार्यशैली के चलते बिसेन अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। कुछ महीने पहले बिसेन पर रमरमा के जंगलों से सागौन के पड़ों की अवैध कटाई और मैग्नीज के अवैध खनन व परिवहन के मामले में डिप्टी रेंजर बिसेन और वनरक्षक अशोक परते का नाम आ चुका है।
इतना नहीं पिछले साल जून माह में रमरमा ग्राम पंचायत की सरपंच ईमला बिसेन ने दक्षिण सामान्य वन मंडल अधिकारी को लिखित पत्र लिखकर कटंगझरी बीट कक्ष क्रमांक-467 वृत रमरमा में वृक्षों की अवैध कटाई और क्षेत्र में मैग्नीज की अवैध खुदाई व परिवहन में वनकर्मियों की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जांच व कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन आज तक इस संबंध में वन विभाग के उच्च अधिकारियों की नींद नहीं जागी।
सूचना पर शनिवार देर रात घटना स्थल पहुंचे रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन को चौकीदार राजकुमार मर्सकोले ने बताया कि डिप्टी रेंजर राजेंद्र बिसेन, वनपाल रविंद्र लड़कर, राजा मड़ावी और वनपाल अशोक परते सभी दो वाहनों से आए और अंदर जाकर कुर्सी में तोड़फोड़ करने लगे। चारों बहुत नशे की हालात में थे।
दुकानदार अमित ने बताया कि मेरी यहां चाय-नमकीन की दुकान है। वनकर्मी अपने वाहन से आए और परिसर में जाकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। चूंकि तब मैं अकेला था। डर के कारण मैं उन्हें रोक-टोक नहीं सका। इसकी सूचना तत्काल समिति के सदस्यों और सचिव को दी। जब तक सभी लोग मंदिर पहुंचते, डिप्टी रेंजर व वनपाल अपनी बाइक से भाग गए।
ग्रामीणों को दहशत में डाल देने वाले वनकर्मियों की इस घटना को लेकर रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन और वारासिवनी थाना प्रभारी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने मौके पर मौजूद ग्रामीणों, चौकीदार व दुकानदारों के बयान दर्ज किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि घटना के कई घंटे बाद भी गुंडागंर्दी करने वाले वनकर्मियों के खिलाफ विभागीय तौर पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
इस संबंध में एसडीओ बीआर सिरसाम ने बताया की सूचना मिलने पर मौके स्थल पहुंचकर ग्रामीणों से चर्चा की है और घटना स्थल का निरीक्षण भी किया है। घटना सही पाई गई है। चार वन कर्मियों के खिलाफ प्रतिवेदन बनाकर उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के लिए भिजवा दिया गया है। इस संबंध में जब वन मंडल अधिकारी मीना मिश्रा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
-डिप्टी रेंजर और वनपालों द्वारा रमरमा के मंदिर परिसर में तोड़फोड़ करने का मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में डीएफओ (दक्षिण सामान्य वन मंडल) को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वनकर्मियों के खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जाएगी। जहां तक डिप्टी रेंजर पर अवैध कटाई व मैग्नीज के अवैध खनन व परिवहन का आरोप है, इस बारे में जानकारी नहीं है।
एपीएस सेंगर, मुख्य वनसंरक्षक अधिकारी, बालाघाट
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दुबई टूर के नाम पर 62 लाख का गबन ट्रैवल संचालक गिरफ्तार
इंदौर। दुबई टूर के नाम पर 166 यात्रियों से 62 लाख रुपये ठगने वाला टूर एंड ट्रैवल संचालक महेंद्रसिंह मंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपित विजय नगर स्थित ओयो होटल में छुपा हुआ था। उसकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित हो चुका था और पुलिस चार माह से इंदौर, उज्जैन, महेश्वर, बड़वानी सहित अलग-अलग शहरों में छापे मार रही थी।
एडिशनल डीसीपी जोन-4 आनंद कुमार यादव के मुताबिक, ट्रैवल एजेंट राजीव जैन (तिलक नगर) की शिकायत पर जनवरी में अमृत टूर एंड ट्रैवल के संचालक महेंद्रसिंह पुत्र दिलीपसिंह मंड निवासी अन्नपूर्णा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था। राजीव जैन ने 166 यात्रियों के लिए दुबई का टूर बुक करवाया था। प्रति व्यक्ति 80 हजार रुपये की बुकिंग हुई थी। इसमें आना-जाना, ठहरना, घुमना और खाना शामिल था।
आरोपित ने 38 हजार रुपये प्रति व्यक्ति एडवांस रुपये ले लिए थे। दोनों में करार होने पर इंदौर, उदयपुर और अहमदाबाद के यात्रियों की ट्रिप बुक कर दी। जैसे ही टूर की तारीख नजदीक आई मंड ने दुबई एम्बेसी बंद होने का बहाना बनाया और कहा कि विजा नहीं मिल रहा है। एक महीने बाद का टूर तय हुआ लेकिन पूरे टिकट नहीं दिए। न ही दुबई में होटल मिला। आरोप है कि महेंद्र के बेटे ने जैन को धमकाया और कहा कि उसके पिता परेशान है।वह उल्टे उन्हें केस में फंसा देगा।
महेंद्र मंड ने लाखों रुपये का घोटाला करने के बाद भी यात्रियों को धमकाया। उसके स्वजन ने घर से गायब कर दिया और थाने में गुमशुदगी दर्ज करवा दी। बाद में पुलिस ने उसे दस्तयाब कर लिया और धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कर ली। जोन-4 के डीसीपी ने मंड की गिरफ्तारी पर दो हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।आरोपित के बारे में जानकारी मिली कि पुलिस से बचने के लिए अलग अलग शहरों में होटलों में रुकता है। शनिवार रात उसे विजय नगर के एक होटल से पकड़ लिया।