दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में बड़ा हादसा हो गया जहां पंडोखर धाम में भीषण आग लग गई। इस हादसे में संतों के लिए बनी कुटीर जलकर राख में तब्दील हो गई। कुटीर में एसी (AC) सहित कई कीमती सामान जल गए जिससे लाखों का नुकसान हो गया। जानकारी के बाद भी दमकल की टीम मौके पर नहीं पहुंची जिससे आग फैलती गई। हालांकि आग लगने का कारण अब तक सामने नहीं आया है।
बता दें कि कल मंगलवार से 8 मई 2024 तक धाम महोत्सव शुरू होने वाला था जिसमें श्रीराम महायज्ञ और विशाल मेले का भव्य आयोजन किया जाना था। श्रीराम महायज्ञ एवं विशाल मेले में देश – विदेश की अनेक विभूतियों और बड़ी संख्या में भक्तों का आगमन होने वाला था। लेकिन इस भव्य आयोजन से पहले यह बड़ा हादसा हो गया।
पंडोखर धाम के सूत्रों के अनुसार आग लगने से कई लाख का नुकसान हुआ है। आग लगने का कारण फिलहाल अज्ञात है लेकिन पंडोखर धाम के सूत्रों के मुताबिक आग के पीछे कोई साजिश भी हो सकती है l
पंडोखर धाम के महंत गुरुशरण ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि बाहर से आए दो लड़कों ने आग लगाई है। पुलिस इन सब तथ्यों की जांच करेगी, लेकिन ये बात जरूर है कि कल से पंडोखर में राम यज्ञ शुरू होने जा रहा है। मैंने प्रशासन को इसकी सूचना भी दे दी थी फिर भी प्रशासन ने यहां एक फायर ब्रिगेड की व्यवस्था तक नहीं की l
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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की बढ़ी मुसीबत: हाईकोर्ट ने जांच कर FIR के दिए आदेश
इंदौर। कथित फर्जी वीडियो जारी कर भड़काऊ बयान देने के मामले में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मुसीबत बढ़ सकती है। कांग्रेस नेता अमीनुल सूरी ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तिलक नगर पुलिस को 90 दिन में जांच कर FIR दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि खरगोन जिले में 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी पर हुई हिंसा के समय कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर उसे खरगोन का बताया था, जिस पर अल्पसंख्यक पर टिप्पणी की गई थी। कांग्रेस नेता अमीनुल सूरी ने 16 अप्रैल 2022 को तिलक नगर थाने में पूरे मामले की शिकायत की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा था कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तेलंगाना के वीडियो को खरगोन का बताया और इसका जो कैप्शन दिया वह अल्पसंख्यकों को भड़काने व शांति भंग करने वाला है।
वहीं पुलिस ने शिकायत के साल भर बाद भी केस दर्ज नहीं किया, तो सूरी ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई के दौरान इंदौर हाईकोर्ट ने पुलिस को 90 दिनों मे मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
खरगोन की इसी हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी पुलिस ने भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, सतना, इंदौर, बैतूल आदि जिलों में 9 केस दर्ज किए। तब दिग्विजय ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसका कैप्शन था कि क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों के साथ जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? सिंह के खिलाफ इस वीडियो की शिकायतों में इसे बिहार का बताया गया था।
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मोहन सरकार का बड़ा फैसला: 15 हजार से अधिक आदिवासियों पर दर्ज वन अपराध होंगे वापस, सभी DFO को निर्देश जारी
भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉ मोहन सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए 15 हजार से ज्यादा आदिवासियों पर दर्ज वन अपराध को वापस लेने का फैसला लिया है। इसके अंतर्गत बीते 10 सालों के वन अपराध को भी नस्तीबद्ध किया जाएगा। विचाराधीन प्रकरणों के खात्मे के लिए न्यायालय को सरकार सरकारी वकील भी देगी। पीसीसीएफ संरक्षण शाखा ने इसके लिए सभी डीएफओ को निर्देश जारी कर दिए है।
संरक्षण शाखा से प्राप्त अधिकृत आंकड़े के मुताबिक विभाग के पास 3852 प्रकरण लंबित हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले बुरहानपुर जिले के आदिवासियों पर दर्ज है। यहां अवैध अतिक्रमण करने से लेकर अवैध कटाई तक के मामले आदिवासियों पर दर्ज हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण के अपराध को रोकने पर 10 वर्षों में कई डीएफओ बदले जा चुके हैं। कई दफा वन विभाग के अधिकारियों एवं अफसरों की पिटाई भी हुई है। अब चुनाव की इस बेला में सरकार आदिवासियों पर दर्ज सभी अपराध वापस लेने जा रही है।