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सिंधिया के बेटे ने जूता पहनकर आदिवासी के घर किया भोजन, महारानी ने चूल्हे पर बनाई रोटी तो कांग्रेस बोली- उज्ज्वला योजना की खुली पोल

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शिवपुरी। मध्य प्रदेश में जहां लोकसभा चुनाव में दिग्गजों ने अपनी ताकत झोंक दी है। वहीं उनके परिवार के लोग भी अपनों के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। प्रदेश में सियासी दलों का फोकस आदिवासियों पर है। आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। यही वजह है कि महाराज को जिताने के लिए ग्वालियर का राजमहल छोड़कर महारानी और युवराज आदिवासियों के घर पहुंचकर कहीं रोटियां बना रहे हैं तो कहीं जमीन पर बैठकर भोजन कर रहे हैं। हालांकि वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय चौहान ने अब निशाना साधा है।
सिंधिया के बेटे और युवराज का आदिवासी के घर खाना खाते वीडियो सामने आया है जिसके बाद कहा जा रहा है कि वे अपने संस्कार भूल गए हैं। वीडियो में देखा जा रहा है कि महाआर्यमन जूता पहनकर चूल्हे के पास बैठकर खाना खा रहे हैं। जिस पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय चौहान ने तंज कसा है।
महारानी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह एक ग्रामीण के घर महिलाओं के साथ चूल्हे में रोटी बना रही हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय चौहान ने चुटकी लेते हुए कहा कि महारानी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की पोल खोल दी। अगर उज्ज्वला योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है तो चूल्हे में क्यों रोटी बनाई जा रही है।
दरअसल गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी जीत के लिए इस बार चुनाव प्रचार में कोई कसर नही छोड़ना चाहते हैं। उनके इस प्रयास में उनकी पत्नी महारानी प्रियदर्शनी सिंधिया और उनके पुत्र युवराज महार्यमन सिंधिया भी क्षेत्र में चुनाव प्रचार में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। प्रियदर्शनी राजे सिंधिया क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं में अपनी पकड़ को मजबूत करने हर रोज महिलाओं के बीच जाकर और उनके बीच रहकर पति के लिए वोट मांग रही है। वह कभी महिलाओं के साथ चाट-पकौड़ी खाती दिख रही हैं तो कभी साड़ी की दुकान में खरीदारी करती नजर आती हैं।
बीते रोज भी पिछोर के ग्रामीण इलाके में प्रियदर्शनी राजे सिंधिया एक ग्रामीण के घर में चूल्हे पर रोटी बनाती नजर आईं। वहीं दूसरी ओर पुत्र आर्यमन सिंधिया भी शहर के बाजारों की गलियों में कभी लस्सी पीते दिखे तो कभी जिम में एक्सरसाइज करते हुए युवाओं के बीच पिता के लिए वोट मांगते नजर आए। कल रविवार को महाआर्यमन भी ग्रामीण क्षेत्र में एक आदिवासी परिवार के घर चूल्हे के पास बैठकर रोटी खाते हुए दिखे थे।

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सिंधिया के समर्थन में पत्नी और बेटे के प्रचार पर कांग्रेस का तंज, चूल्हे में रोटी बनाकर महारानी ने साबित कर दिया उज्ज्वला योजना फेलियर
शिवपुरी। केंद्रीय मंत्री और गुना प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे और पत्नी के चुनावी प्रचार को शिवपुरी कांग्रेस ने नौटंकी बताया है। साथ ही कहा कि प्रदेश में 3 बीजेपी है- नाराज, महाराज और शिवराज। कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय सिंह चौहान ने आगे कहा कि हिंदू संस्कृति में कहावत है कि गर्दिश के समय परिवार साथ रहता ही है। आज महारानी चूल्हे पर रोटी बना रही हैं। इस नाटक-नौटंकी से वोट नहीं मिलता।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष शिवपुरी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी का कार्यकर्ता तो काम नहीं कर रहा है। बीजेपी में तीन भाजपा हैं, नाराज, महाराज और शिवराज। शिवराज भाजपा और कांग्रेस के साथ है। मूल भाजपा कांग्रेस के साथ है। जो पार्टी हमेशा सिंधिया का विरोध करते रही आज वही सिंधिया उनके ऊपर है। यह उन्हें हजम नहीं हो रहा है। वह घर बैठे हैं जिसके बाद आखिर में उन्हें परिवार को उतारना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि उज्ज्वला योजना में आने वाला सिलेंडर ले ही नहीं पा रहा। चूल्हे में रोटी बनाकर महारानी ने साबित कर दिया कि यह बीजेपी की बड़ी फेलियर है। सिंधिया के बेटे के चूल्हे के पास बैठकर रोटी खाने के वीडियो को लेकर उनके संस्कार पर सवाल उठाए। जब हम रसोई में जाते हैं तो जूते-चप्पल उतारकर जाते हैं लेकिन वे तो चूल्हे के पास जूते पहनकर रोटी खा रहे हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में दिग्गजों का परिवार अपनों के समर्थन में ताबड़तोड़ प्रचार कर रहा है। वहीं गुना से प्रत्याशी और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए उनकी पत्नी और उनके बेटे भी क्षेत्र का दौरा कर वोट की अपील कर रहे हैं। महारानी और युवराज का वीडियो भी सामने आया है जहां उन्होंने आदिवासियों के घर पहुंचकर कहीं रोटी बनाई तो कहीं भोजन किया। लेकिन उनके इसी चुनावी प्रचार पर कांग्रेस ने भी निशाना साधा है।
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दिग्विजय सिंह के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, करीबी का कैंसर से निधन, चुनाव प्रचार छोड़ पहुंचे लखनऊ
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। कल उनके बड़े दामाद का अचानक निधन हो गया जिसके बाद वे चुनाव प्रचार छोड़ फौरन लखनऊ निकल गए। उनके दामाद कैंसर से पीड़ित थे। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था जिसके बाद कल रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। दिग्विजय सिंह फिलहाल चुनाव प्रचार से दूर हैं और अपने दामाद के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखनऊ में मौजूद हैं।
दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कल रात मेरे बड़े दामाद राजा रत्नाकर सिंह रामनगर का दुखद देहांत हो गया। 61 वर्ष के रत्नाकर लगभग एक साल से कैंसर से पीड़ित थे। उनके अंतिम संस्कार के लिए मैं लखनऊ में हूं। इस दुख की घड़ी में चुनाव प्रचार को विराम देकर मैं मेरी बेटी मृणालिनी और परिवार वालों के साथ हूं। ईश्वर रत्नाकर को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें! ओम शांति !