गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) गुना ने तीन वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी भोला उर्फ पूरन परिहार को धारा 363 भादवि में 2 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा, 366 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास, 376 (कख) भादवि एवं 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट में 24-24 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा तथा कुल 2600 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया तथा आरोपी को दी गई कारावास की सभी सजाएं एक साथ भुगताई जायेगी।
दिनांक 05.07.2021 को अभियोक्त्री की मां ने जिला अस्पताल से इस आशय की रिपोर्ट की कि दिनांक 04.07.2021 एवं 05.07.2021 की दरमियानी रात के मध्य तीन वर्षीय बालिका अपने दादा-दादी के साथ घर के बरामदे में सो रही थी, तभी आरोपी अभियोक्त्री को ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। उक्त घटना के आधार पर आरोपी भोला उर्फ पूरन के विरूद्ध धारा 363, 366ए, 376(एबी) एवं धारा 5एम/6 पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के बाद न्यायालय के समक्ष पेश किया गया तथा जहां अभियोजन अधिकारी द्वारा तर्क किये गए।
दलिलों से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपी भोला उर्फ पूरन पुत्र तरबर परिहार निवासी ग्राम मंगवार थाना बजरंगढ़ जिला गुना को धारा 376 (कख) भादवि एवं 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट में 24-24 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा तथा अर्थदण्ड से दण्डित किया तथा न्यायालय ने पीडिता की उम्र एवं उसकी सामाजिक, आर्थिक स्थिति को देखते हुये न्यायालय द्वारा तीन लाख रूपये की प्रतिकर मात्रा निर्धारित की।
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नीलगाय का शिकार करने वाले आरोपियों को हुई 1-1 वर्ष की सजा
गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) न्यायालय मुनेन्द्र सिंह वर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गुना ने नीलगाय का शिकार करने वाले आरोपीगण केमर सिंह, कुंवर सिंह, मेरसिंह, भाव सिंह, मेऱ सिंह भिलाला, जगदीश एवं जानकीलाल को धारा 51 वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में प्रत्येक को 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा तथा 500-500रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि दिनांक 22.07.2015 को वन गार्ड बीट साठेरा के कक्ष में भ्रमण के दौरान किसी चीज के काटने की एवं आदमियों की आवाज सुनाई दी तब वे आवाज की दिशा में पहुंचे तो उन्हें देखकर 6-7 व्यक्ति भागने लगे जिनमें से दो व्यक्ति अपने हाथ में कुल्हाडी सहित भाग गये । मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो देखा एक जंगली जानवर जिसकी खाल तथा सिर देखने से जंगली जानवर नर नीलगाय होना दर्शित हुआ।
जिस पर से प्राणी संरक्षण अधिनियम पाया गया तथा अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, अभियोजन अधिकारी के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने उक्त आरोपियों को 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा तथा 500-500रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया।