ग्वालियर। ग्वालियर में 6 दिन पहले 55 साल की महिला की हत्या के मामले का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। वारदात का आरोपी झाड़फूंक करने वाला चंदन आदिवासी निकला। महिला कमर दर्द होने पर मालिश करवाने उसके पास पहुंची थी। मालिश करते समय आरोपी की नीयत बिगड़ गई। विरोध करने पर उसने महिला की साड़ी से हाथ-पैर बांधकर मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। सिर पर पत्थर और डंडे से वार किया, जिससे वो बेसुध हो गई। फिर आरोपी ने उससे रेप किया।
इसके बाद महिला को होश नहीं आया और उसकी मौत हो गई। आरोपी रात में लाश के पास ही बैठा रहा। सुबह 4 बजे उसने लाश को गली में फेंका। सुबह पुलिस की कार्रवाई देखता रहा। उसकी तीन पत्नियां है। आरोपी जब तीसरी पत्नी के पास दतिया पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पढ़िए सिलसिलेवार कहानी...
थाटीपुर के भीमनगर में रहने वाले चंदन आदिवासी (35) ने पूछताछ में बताया- महिला 5 सितंबर को उसकी बेटी से मिलने आई थी। उसकी बेटी का घर मेरे घर के पास ही है। महिला को तीन दिन से कमर में दर्द हो रहा था। वह मेरे पास मालिश कराने आती थी। मालिश करते समय मेरी नीयत खराब हो गई। मैंने रिलेशन बनाने की कोशिश की तो महिला ने विरोध किया।
विरोध करने में मैंने महिला की साड़ी से ही उसके हाथ-पैर बांधे और फिर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। डंडे और पत्थर से उसके सिर पर वार किया। महिला बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी। खून से सनी महिला के साथ मैंने दुष्कर्म किया। इसके बाद महिला को खींचकर कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद मैं फेरी लगाने निकल गया। शाम को लौटा तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। मैंने खाना खाकर लाश को ठिकाने लगाने की प्लानिंग की, लेकिन गणेश पंडाल में लोगों के सक्रिय होने की वजह से मैं रातभर शव के पास ही बैठा रहा। 6 सितंबर को सुबह 4 बजे मुझे मौका मिला। मैंने उसके शव को खींचकर घर से बाहर निकाला। लाश भारी थी। घर से 20 मीटर दूर गली के बाहर ही फेंककर मैं वापस आ गया।
घटना के बाद मौके पर जब पुलिस अधिकारी पहुंचे तो उस दौरान मैं उनके ही बीच बैठकर पूरी कार्रवाई को देखता रहा। लेकिन जब पुलिस अधिकारियों ने जांच के लिए स्निफर डॉग बुलाने की चर्चा की तो यह चर्चा सुनकर मैं घबरा गया। मुझे यकीन हो गया कि स्निफर डॉग सूंघते हुए मेरे घर तक पहुंच जाएंगे। इसके बाद मैं 6 सितंबर को सुबह 11 बजे अपने घर पर ताला लगाकर भाग गया।
सीएसपी मुरार ऋषिकेश मीणा ने बताया रात में पुलिस ने चंदन के घर का ताला तोड़कर पूरे क्राइम सीन को देखा था, जिसके बाद वह पुलिस के रडार पर आ गया था। घर से भागने के बाद चंदन पहले बड़ागांव स्थित अपने एक ठिकाने पर पहुंचा, जहां पर वह अमूमन नशा करने जाता था। वहां पर वह गिरकर घायल हो गया और उसकी गर्दन में चोट आ गई। राहगीरों ने उसे 108 एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल मुरार पहुंचाया और वहां से डॉक्टरों ने चंदन को जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में भेजा। जहां पर उसका इलाज हुआ। इस दौरान न तो जिला अस्पताल मुरार और न ही जेएएच के डॉक्टरों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। जेएएच से अपना इलाज कराकर चंदन सीधे दतिया स्थित अपनी ससुराल पहुंचा।
सीएसपी ऋषिकेश के अनुसार चंदन की तीन पत्नियां हैं। पहली पत्नी भोपाल में रहती है। दूसरी पत्नी उज्जैन में रहती है, जिससे 18 साल की एक बेटी भी है। तीसरी पत्नी दतिया में रहती है, जिससे चार बच्चे हैं। लेकिन उसकी हरकतों की वजह से इसकी किसी भी पत्नी से नहीं बनती है। इसलिए भीमनगर में यह अपने मकान में अकेला रहता था। हमें शक था आरोपी अपनी किसी ना किसी पत्नी के पास जरूर जाएगा। हमने इसे लेकर इसकी पत्नियों से संपर्क कर लिया था। जैसे ही यह दतिया स्थित अपनी तीसरी पत्नी के पास पहुंचा, उसने इसे घर में लेकर कमरे में बंद कर दिया। फिर हमको सूचना मिली और उसके बाद आरोपी चंदन को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को चंदन को मौके पर ले जाकर पूरा क्राइम सीन रीक्रिएट कराया और हत्या में इस्तेमाल किए गए पत्थर, डंडा और खून से सने कपड़े बरामद किए।
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प्रीतम लोधी-पं.शास्त्री विवाद पर बोलीं पूर्व CM उमा भारती:बागेश्वरधाम के महाराज बड़े संत, अब वे प्रीतम के स्तर के हो गए
भोपाल। ब्राह्मणों पर अमर्यादित टिप्पणी करने के कारण भाजपा से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी और बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बीच हुई बयानबाजी पर पूर्व CM उमा भारती ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा- बागेश्वर धाम के महाराज नए राइस है। उन्होंने बुंदेलखंड का नाम विदेशों में जाकर खूब बढ़ाया है। उन्हें इस विवाद में नहीं पड़ना था। वे बड़े संत हैं, लेकिन अब प्रीतम के लेवल के हो गए। मुझे ही बोल देते कि दीदी, प्रीतम को डांटो।
बता दें कि प्रीतम लोधी ने ब्राह्मण समाज पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। प्रीतम की टिप्पणी से बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री नाराज दिखे थे और उन्होंने अपनी कथा के दौरान लोधी को चुनौती दी थी। इसके बाद प्रीतम ने उनके खिलाफ टिप्पणी की और मामला फिर से सुर्खियों में आ गया। इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भारती ने धीरेंद्र शास्त्री को नसीहत दी।
प्रीतम लोधी को लेकर उमा ने कहा कि प्रीतम मेरी बहन के रिश्तेदार हैं। बहन की पोती उनके लड़के को ब्याही है। प्रीतम मेरे सहयोगी हैं। प्रीतम के पिता जनसंघ में थे। वो मेरी वजह से नहीं आया। मेरे लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने खजुराहो सीट पर उनकी ड्यूटी लगाई थी। वह मेरे बहुत बड़े सहयोगी रहे हैं। मेरे लिए जान देने को तैयार रहे, लेकिन उनकी गलती थी कि उन्होंने असंगत भाषा का उपयोग किया। मुझे एक मिनट नहीं लगा। मैंने उनसे कहा कि तत्काल माफी मांगो।
पूर्व मुख्यमंत्री भारती ने कहा- मैं शुरू से ही शिवराज जी से कह रही हूं कि सत्ता, संगठन और प्रशासन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बिगड़ा हुआ है। खासकर ग्वालियर, सागर और रीवा संभाग में ज्यादा बिगड़ा है। मैंने पहले ही इशारा कर दिया था कि सत्ता, शासन-प्रशासन में भागीदारी में असमानता नहीं दिखनी चाहिए। सत्ता और प्रशासन में क्षेत्रीय जातिवाद फैला है।
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आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानन्द ने कहा- गरबों में एंट्री से पहले तिलक लगाकर आधार चेक होगा
उज्जैन। 15 दिन बाद देशभर में नवरात्रि के पर्व की शुरुआत होगी, इसके लिए अभी से गरबा पंडालों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इससे पहले आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती ने सभी गरबा पंडालों में लड़कों को आधार चेक कर एंट्री देने और अपनी खुद की सेना के 10 से 20 कार्यकर्ताओं को सभी पंडालों में उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
संत अतुलेशानंद महाराज ने कहा कि सभी गरबा पंडालों में सिंह वाहिनी की लड़कियां, लड़कों को तिलक लगाएंगी और इसके बाद ही लड़कों को प्रवेश दिया जाएगा। अखंड हिन्दू सेना के 10 से 20 कार्यकर्ता प्रत्येक पंडालों पर इस बात का ध्यान रखेंगे कि लव जिहाद करने वाले लड़के गरबा पंडालों में प्रवेश न करें।
संत ने आरोप लगाया कि शक्ति की आराधना का केंद्र नवरात्रि के पंडालों में बच्चियां देवी की आराधना करने आती हैं और उन्हीं पंडालों में लव जिहादी तत्व लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने पहुंच जाते हैं, उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं। इस बार पंडालों में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को तिलक लगाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।
संत अतुलेशानंद महाराज ने बताया कि उज्जैन जिले में करीब 7000 से अधिक अखंड हिंदू सेना के कार्यकर्ता हैं। सभी को गरबा पंडालों में अलग-अलग जगह पर तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे प्रदेश भर में करीब ढाई लाख कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज उनके पास है और सभी को नवरात्रि शुरू होने से पहले आदेश कर दिया जाएगा।
महामंडलेश्वर प्रतिवर्ष लड़कियों को शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग देते है। करीब 18 सौ से अधिक लड़कियां उनके संगठन में शामिल हैं। ये सभी लड़कियां उज्जैन में रहकर गरबा मंडलों पर नजर रखेंगी।
गुरुवार को संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का गरबा पंडाल को लेकर दिया एक बयान सामने आया था . उन्होंने कहा है कि गरबा पंडाल लव जेहाद का माध्यम बनते रहे हैं, लिहाजा अब जरूरी है कि इन पंडालों में आईडेंटिटी कार्ड के जरिए ही नौजवान युवक युवतियों को एंट्री दी जाए।