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अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिलेगा आतंकी का शव:परिवार की याचिका खारिज

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के हैदरपोरा में 15 नवंबर 2021 को सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारे गए आतंकी आमिर माग्रे का शव कब्र से बाहर निकालने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। आमिर के पिता लतीफ ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि अंतिम संस्कार के लिए उसके बेटे के शव को निकालने की मंजूरी दी जाए।
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीएस पारदीवाला की बेंच ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आमिर के शव का प्रशासन ने सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किया। शव निकालने का आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता, जब तक यह न दिखे कि इससे न्याय का हित हो रहा है।
बेंच ने कहा- आमिर के पिता की भावनाओं का हम सम्मान करते हैं, लेकिन कोर्ट कानून के अनुसार काम करता है। हालांकि बेंच ने आमिर के पिता लतीफ को उसकी कब्र पर प्रार्थना करने की अनुमति दे दी।
हैदरपोरा में 15 नवंबर 2021 को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान आमिर और उसके 3 साथी मारे गए थे। पुलिस ने चारों को श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर हंदवाड़ा में दफना दिया था। एनकाउंटर के बाद आमिर के परिवार ने हाईकोर्ट का रुख किया था।
इस मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मई 2022 में आमिर के शव निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन प्रशासन ने तुरंत डबल बेंच में अपील कर दी। इस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलट दिया और कहा कि शव को बाहर नहीं निकाला जा सकता है। इसके बाद आमिर के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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गुजरात में AAP ऑफिस पर छापा:केजरीवाल बोले- समर्थन से बौखला गई है BJP
अहमदाबाद। गुजरात में रविवार को आम आदमी पार्टी ऑफिस में पुलिस ने छापा मारा है। इसका दावा आप नेता इसुदान गढवी ने अपने ट्वीट में किया है। उन्होंने कहा कि ऑफिस में पुलिस ने 2 घंटे तक तलाशी ली, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।हालांकि, पुलिस ने साफ कर दिया है कि AAP ऑफिस में छापेमारी नहीं की गई। इसे लेकर पुलिस ने ट्वीट भी किया है।
इस मामले में दिल्ली के CM केजरीवाल ने कहा कि गुजरात की जनता से मिल रहे अपार समर्थन से भाजपा बुरी तरह बौखला गई है। आप पार्टी के पक्ष में गुजरात में आंधी चल रही है। इसीलिए बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग कर हमारे ऑफिस पर रेड करवा रही है।
गुजरात बीजेपी का गढ़ कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यहां आप पार्टी काफी एक्टिव है। इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्ता में आने के लिए पार्टी नेता और कार्यकर्त्ता खूब मेहनत कर रहे हैं। केजरीवाल रविवार शाम ही 2 दिन के गुजरात दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे हैं।
गुजरात के ऑफिस में छापा पड़ने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने इससे पहले दिल्ली में भी हमारे कई नेताओं के यहां रेड करवाई थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। दिल्ली हो या गुजरात, इनको कुछ भी गलत नहीं मिलने वाला है। हम कट्टर ईमानदार और देशभक्त लोग हैं।
अरविंद केजरीवाल ने गुजरात सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे ज्यादा ड्रग्स गुजरात के एक पोर्ट से आ रही है। यहां से ड्रग्स पंजाब और देश के बाकी राज्यों में जा रही है। अखबार में छपा था कि राज्य में 22000 करोड़ का ड्रग्स आया है। अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए इन लोगों ने पूरे देश के युवाओं को ताक पर रख दिया।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुजरात चुनाव नजदीक आते ही भाजपा का डर बढ़ता जा रहा है। गुजरात चुनाव में भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है कि किसी भी तरह आम आदमी पार्टी को रोकना। मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं केजरीवाल जी से इतना डरते क्यों हो?
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मरीज को बचाने डॉक्टर ने लगाई 3 किमी दौड़,जाम लगा था, वक्त पर सर्जरी करने के लिए कार छोड़ी
बेंगलुरु। बेंगलुरु में डॉक्टर ने अपने मरीज की जान बचाने के लिए ऐसा कदम उठाया जो दूसरों के लिए मिसाल बन गया है। ये डॉक्टर हैं मणिपाल हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के सर्जन डॉ. गोविंद नंदकुमार। जो 30 अगस्त को एक अर्जेंट लेप्रोस्कोपिक गॉलब्लैडर की सर्जरी करने जा रहे थे, लेकिन वे सरजापुर-मराठल्ली पर जाम में फंस गए।
डॉ. नंदकुमार ने ट्रैफिक देखकर सोचा कि देर होने से महिला की जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उन्होंने कार वहीं छोड़ दी और सर्जरी करने के लिए तीन किलोमीटर तक दौड़ लगाकर हॉस्पिटल पहुंचे। इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है।
डॉ. नंद कुमार ने बताया कि वे सेंट्रल बेंगलुरु से मणिपाल अस्पताल, सरजापुर के लिए डेली ट्रैवल करते हैं। उस दिन भी वे टाइम से पहले घर से निकले। उनकी टीम सर्जरी के लिए पूरी तरह से तैयार थी। हैवी ट्रैफिक को देखते हुए उन्होंने कार को ड्राइवर के साथ छोड़ने का फैसला किया और बिना सोचे-समझे अस्पताल की ओर दौड़ लगा दी।
डॉक्टर नंदकुमार की टीम जो मरीज को एनेस्थीसिया देने के लिए तैयार थी, उनके ऑपरेशन थिएटर में पहुंचते ही हरकत में आ गई। बिना किसी देरी के डॉक्टर ने सर्जिकल ड्रेस पहना और ऑपरेशन किया। जो सफल रहा और महिला मरीज को समय पर छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टर नंद कुमार ने दौड़ने का एक शॉर्ट वीडियो भी बनाया था, जिसे उन्होंने सोमवार को शेयर किया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि- यह पहली बार नहीं है जब मुझे इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा है। बेंगलुरु के कई हिस्सों में कई बार पैदल यात्रा करनी पड़ती है, कभी-कभी रेलवे लाइनों को पार करना पड़ता है। मैं चिंतित नहीं था, क्योंकि हमारे अस्पताल में एक मरीज की अच्छी देखभाल करने के लिए पर्याप्त स्टाफ और बुनियादी ढांचा है। छोटे अस्पतालों के लिए स्थिति समान नहीं हो सकती है।
ट्रैफिक के बारे में उन्होंने कहा कि उस दिन मरीज और उसका परिवार भी डॉक्टर के इंतजार में था। सब यही सोच रहे थे कि क्या होगा अगर एम्बुलेंस में कोई मरीज ट्रैफिक में फंस जाए, क्योंकि वहां एम्बुलेंस के गुजरने के लिए भी जगह नहीं थी। बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम की समस्या बेहद आम है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से शहर बारिश से जूझ रहा है।