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बंगाल में हिंसक हुआ भाजपा का नबन्ना चलो मार्च:भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की गाड़ी जलाई

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कोलकाता। कोलकाता में मंगलवार को भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोप में ममता सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। इसे सचिवालय चलो मार्च (नबन्ना चलो मार्च) नाम दिया गया है। हालांकि पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सचिवालय पहुंचने से पहले बीच में ही रोक दिया। पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी समेत कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
पुलिस कार्रवाई के बाद भाजपा कार्यकर्ता भड़क उठे। कोलकाता के लालबाजार एरिया में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी फूंक दी। वहीं भीड़ को काबू पाने के लिए बंगाल पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।
सांतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, सांसद लॉकेट चटर्जी समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान भाजपा नेता अधिकारी ने कहा, 'बंगाल की जनता ममता बनर्जी के साथ नहीं है, इसलिए वह बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही कर रही हैं।' दिलीप घोष ने बंगाल पुलिस पर तृणमूल कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाया है।
अपडेट्स...
कॉलेज स्क्वॉड के पास पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया।
हिरासत में लेने के दौरान रानीगंज और बोलपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं की बंगाल पुलिस के साथ झड़प हुई।
शांतिपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन में अर्पिता और पार्थ चटर्जी के पोस्टर लहराए। पोस्टर पर चोर लिखा हुआ था।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांतो मजमूदार को कोलकाता पुलिस ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर ही रोककर हिरासत में ले लिया।
भाजपा ने सचिवालय की तीन तरफ से घेराबंदी की प्लानिंग की थी। हावड़ा रेलवे स्टेशन से सुकांतो मजूमदार, सांतरागाछी से शुभेंदु अधिकारी और स्क्वॉड से दिलीप घोष को सचिवालय जाना था, लेकिन पुलिस ने तीनों को रोक लिया। नेताओं को रोकने के लिए बंगाल पुलिस ने स्पेशल फोर्स की तैनाती की थी।
पश्चिम बंगाल में 14 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा का यह प्रदर्शन सड़क पर ताकत दिखाने की कोशिश है। प्रदर्शन में भाजपा ने बंगाल में तृणमूल नेताओं के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल के दो कद्दावर नेता पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल जेल में हैं।
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बजरी ले जा रहे वाहन की चपेट में आईं 2 कारें, एक में बैठे सभी लोगों की जान गई
जालंधर। पंजाब के जालंधर में ट्राला पलटने से 3 लोगों की मौत हो गई। हादसे का वीडियो सामने आया है, यह कब हुआ, अभी पता नहीं चला है। घटना जालंधर के माहिलपुर चौक की है। सभी मृतक एक ही परिवार के थे।
वीडियो में दिख रहा है कि हाईवे पर आ रहा ट्राला अचानक एक मोड़ के पास टर्न लेता है। बजरी भरी होने के कारण संतुलन खोता है और पलट जाता है। सामने की तरफ से आ रही दो कारें चपेट में आ जाती हैं।
हादसे में एक कार (पीबी-06एबी-1297) में सवार माता-पिता और उनके बेटे की दबने से मौत हो गई। दूसरी कार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन इसमें सवार सभी लोग बाल-बाल बच गए। सारी घटना हाईवे पर लगे कैमरों में भी कैद हो गई। ट्राला का ड्राइवर मेजर सिंह हादसे के बाद फरार हो गया।
हादसे वाले पति-पत्नी बटाला से अपने बेटे के साथ गढ़शंकर जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ही हादसे का शिकार हो गए। बहराम पुलिस ने ट्राला ड्राइवर मेजर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने मौके पर जेसीबी मशीन मंगवा कर कार में दबे तीन लोगों के शव बाहर निकाले गए। जेसीबी से ट्राला को खींच कर बंद प़ड़े हाईवे को खुलवाया। बहरहाल, पुलिस के मौके से फरार हुए ड्राइवर को ढूंढने के लिए छापेमारी कर रही है।
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गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स से पीछे हटीं भारत-चीन सेनाएं:16वीं कोर कमांडर बैठक में बनी थी सहमति
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं तनाव वाले इलाके से पीछे हट गई हैं। दोनों देशों के अधिकारियों ने बताया कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी-15 से भारत और चीन की सेनाएं वापस लौटी हैं। दोनों देशों की ओर से वर्तमान स्थिति की समीक्षा भी कर ली है। इससे एक दिन पहले यानी सोमवार को भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडेय ने कहा था कि अभी गश्त चौकी-15 से सैनिकों की वापसी की समीक्षा की जानी बाकी है।
यह प्रक्रिया 8 सितंबर को कोर कमांडर स्तर के 16वें दौर के दौरान दोनों पक्षों के बीच हुई चर्चा के बाद शुरू हुई थी। इस दौरान दोनों देश गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र से सेनाओं की वापसी पर सहमत हुए थे। इसके साथ ही डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को हल करने की कोशिश जारी है, लेकिन अभी तक कोई प्रगति देखने को नहीं मिल रही है।
सीमा पर शांति के लिए यह एक अच्छा कदम है। दोनों देशों की सेनाएं ऐसे समय पीछे हटीं है, जब दो दिन बाद 13 सितंबर को उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन का सालाना शिखर सम्मेलन होना है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल होंगे।
मई 2020 में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध बढ़ा था तब से भारत-चीन के सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास एक दूसरे के विपरीत तैनात किया गया है। भारत और चीन ने पैंगोंग त्सो लेक के दोनों किनारों से सैनिकों को हटा भी चुके हैं।
इस दिन गलवान में हमारे ग्राउंड ट्रूप्स पर दबाव था, चीन पर भी दबाव था। चीन की सेना उस साइट पर बैठी हुई थी तो भारतीय सेना ने उनसे वापस जाने को कहा। हालांकि वो लोग मान गए, पर विवाद शुरू हुआ चीनी हरकत से। चीन ने दो टेंट लगाए, जो ऑब्जर्वेशन पोस्ट की तरह थे। चीनी सैनिकों ने तर्क दिया कि अगर हम वापस चले गए तो आपकी गतिविधियों पर नजर नहीं रख पाएंगे।
भारतीय सेना ने इसी का विरोध किया और झड़प शुरू हो गई। चीनी सैनिक हथियार से लैस थे और भारतीय सेना पुरानी प्रैक्टिस के तहत वहां पहुंची थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। हालांकि चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस झड़प के बाद 30 जून के आसपास दोनों पक्षों में बात हुई और चीन वहां से एक किलोमीटर पीछे हट गया। भारत अपनी पोस्ट पर वापस आ गया था।