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शराब पीने से रोका तो CSP को पीटा:पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर जूनियर डॉक्टरों को पीटा

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ग्वालियर। ग्वालियर में बुधवार काे पुलिस और जूनियर डॉक्टर (जूडा) आपस में भिड़ गए। यह हालात जूडा द्वारा CSP के साथ की गई अभद्रता के बाद बने। मंगलवार रात को सड़क पर कार में बैठकर शराब पी रहे जूडा काे जब CSP ने रोका ताे आरोपियों ने उनकी गाड़ी की चाबी छीनकर टायर पंक्चर कर दिया। इतना ही नहीं उनका मोबाइल भी छीनकर तोड़ दिया और उनके गनर से मारपीट भी की।
इसके बाद बुधवार की सुबह पुलिस ने हॉस्टल पर दबिश देते हुए जूडा काे खींचकर निकाला और थाने ले गई। पुलिस की कार्रवाई के दौरान कई छात्र हॉस्टल की छत पर भागते नजर आए।
ASP शहर मृगांखी डेका ने बताया कि रात 2 बजे CSP मुरार ऋषिकेश मीणा रात्रि गश्त पर निकले थे। मेडिकल कॉलेज रोड पर कुछ लड़के कार खड़ी करके शराब पी रहे थे। उन्होंने जब लड़कों को रोकने की कोशिश की तो वे कार लेकर रविशंकर हॉस्टल में घुस गए। वे जूनियर डॉक्टर थे।
CSP के हॉस्टल में गाड़ी लेकर दाखिल होते ही अन्य जूनियर डॉक्टर भी हॉस्टल से बाहर आ गए। उन्होंने सबसे पहले गाड़ी की चाबी छीनी और टायर पंक्चर कर दिया। इसके बाद CSP से उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। CSP को बचाने आए गनर को मेडिकल छात्र खींचकर अंदर ले गए और बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा। वायरलेस सेट पर सूचना मिलते ही रात गश्त पर निकले अन्य थाना प्रभारी और फोर्स मौके पर पहुंचे, उन्होंने गनर को बचाया।
हंगामे के दौरान मौके पर मेडिकल कॉलेज के डीन और हॉस्टल वार्डन भी पहुंचे। पुलिस ने प्रबंधन से छीना मोबाइल और चाबी वापस करने और दोषी जूनियर डॉक्टरों को सुपुर्द करने को कहा। साथ ही कानून के अनुसार ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।सुबह 5 बजे तक भी जब प्रबंधन नहीं माना तो CSP ने आला अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मामला DGP तक पहुंचा। कुछ ही देर में भारी संख्या में पुलिस बल हॉस्टल पहुंचा।
पुलिस हॉस्टल कमरे से जूडा को खींचकर बाहर निकालने लगी। पुलिस के तेवर देखकर हॉस्टल में हंगामा मच गया। डंडा चलता देख जूडा छत की ओर भागे। वे बचने के लिए आसपास की छतों पर कूदने लगे। इस दौरान कुछ छात्र गिरकर घायल भी हुए। पुलिस ने भी भाग रहे छात्रों को दौड़ाकर पीटा। छीना हुआ मोबाइल और गाड़ी का चाबी सीवरेज चैंबर में मिली।
गनर की शिकायत पर झांसी रोड थाने में बलवा और शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। 6 से ज्यादा मेडिकल छात्रों को हिरासत में लेकर उनकी कार भी जब्त कर ली गई है। ASP शहर मृगांखी ने बताया कि बार-बार दोषी जूडा से बाहर आने को लेकर अनाउंस किया गया, पर वे नहीं आए। हॉस्टल परिसर में गंभीर अपराध हुआ है, इसलिए जूडा को हॉस्टल से निकालकर थाने ले जाया गया है। जांच में जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
पुलिस ने जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ डकैती की धारा में केस दर्ज किया है। तनाव काे देखते हुए मौके पर SSP अमित सांघी, मेडिकल कॉलेज के डीन समेत करीब 100 से ज्यादा पुलिस जवान मौजूद हैं। छात्र गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भी मामले में चुप है, लेकिन सूत्रों की माने ताे जूनियर डॉक्टर हड़ताल की तैयारी में जुट गए हैं। सूचना यह भी है कि अस्पताल में ड्यूटी कर रहे जूनियर डॉक्टर भी वहां से निकल चुके हैं।
पुलिस ने गनर वाइस राम धाकड़ की शिकायत पर 10 से 12 डॉक्टरों पर धारा 147, 148, 149 के तहत बलवा और धारा 353 शासकीय कार्य में बाधा, 294, 506बी मारपीट और धमकाने समेत धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने लूट का मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस अधिकारी पहले मोबाइल और चाबी लूटने की बात कह रहे थे। जिसे बाद में रविशंकर हॉस्टल के सीवरेज चैंबर से बरामद किया था।
एडवोकेट बलवीर सिंह ने बताया कि इन मामलों में दोष सिद्ध होने पर 3 साल की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। ऐसे में यदि मेडिकल छात्रों पर दोष सिद्ध हो जाता है, तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। साथ ही उनका भविष्य खराब हो जाएगा। वे सरकारी नौकरी भी नहीं कर सकेंगे।
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मिली अवैध हथियारों की फैक्ट्री, 70 हथियार मिले, 9 गिरफ्तार
खरगोन। खरगोन पुलिस की टीम ने गोगांवा के ग्राम सिरगूर में अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री पर दबिश देकर बड़ी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए हैं। दबिश के गैंग के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। मौके से 58 पिस्टन, 12 देखी कट्टी सहित कुल 70 अवैध हथियार जप्त किए गए। इसके साथ ही हथियार बनाने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं। बुधवार दोपहर पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया गया। आरोपियों के विरुद्ध धारा 25(1) आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना द्वारा खरगोन जिले के थाना क्षेत्रों में अवैध हथियारों के निर्माण एवं तस्करी की रोकथाम के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद पुलिस महानिरीक्षक ग्रामीण जोन इंदौर राकेश गुप्ता व पुलिस उप महानिरीक्षक निमाड़ रेंज खरगोन तिलक सिंह द्वारा अवैध हथियारों के निर्माण, क्रय-विक्रय की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा था। सिगनूर व धुलकोट क्षेत्र के पूर्व के अवैध हथियारों के प्रकरणो में गिरफ्तार आरोपितों के संबंध में जानकारी एकत्रित की गई। जिसमें जिला सायबर सेल टीम द्वारा भी कार्य योजना के तहत पुख्ता जानकारियां एकत्रित की गई।
13 सितंबर को पुलिस को सूचना मिली कि कुछ पुराने आरोपितों द्वारा भारी संख्या में अवैध हथियार बनाए गए हैं। जिनकी डिलीवरी ग्राम सिगनूर व ग्राम धुलकोट के बाहर सुबह आठ से दस बजे के बीच बाहर से आने वाली पार्टियों को करना है। तत्काल फील्ड आपरेशन करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान डॉग स्क्वार्ड व मेटल डिटेक्टर का किया उपयोग किया गया। पकड़े गए आरोपितों में से सात के खिलाफ पहले भी अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक खरगोन धर्मवीर सिंह व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री के निर्देशन में एसडीओपी बड़वाह विनोद दीक्षित व एसडीओपी भीकनगांव संजू चौहान के नेतृत्व में रेड कराए जाने का निर्णय लिया गया। एसडीओपी बड़वाह को थाना भगवानपुरा के ग्राम धुलकोट व एसडीओपी भीकनगांव को थाना गोगांवा के ग्राम सिगनूर में दबिश का निर्देश दिया गया। एसडीओपी बड़वाह ने थाना भगवानपुरा, थाना बिस्टान, थाना मेनगांव, डीआरपी लाइन व सायबर सेल की टीम के सदस्यों को बुलाया। एसडीओपी भीकनगांव ने थाना भीकनगांव, थाना गोगांवा, थाना चैनपुर, महिला थाना व अजाक थाना का बल बुलाया। देर रात टीमों ने धुलकोट व सिगनूर में घेराबंदी की। कार्रवाई में चार आरोपित एसडीओपी बड़वाह व पांच आरोपित एसडीओपी भीकनगांव द्वारा गिरफ्तार केए गए। धुलकोट से 33 व सिगनूर से 37 अवैध हथियार जप्त किया गया।
इन्हें किया गिरफ्तार
थाना भगवानपुरा - शेरसिंह पुत्र धर्मसिंह सिकलीगर धुलकोट, आजाद पुत्र छतर सिंह सिकलीगर धुलकोट, जगन पुत्र वीर सिंह सिकलीगर, धुलकोट, नरेंद्र पुत्र अमर सिंह धुलकोट।
थाना गोगांवा - गंगाराम पुत्र मंगल सिंह सिकलीगर सिगनूर, दिलीप पुत्र पदम सिंह सिकलीगर निवासी सिगनूर, गोलू उर्फ मुड्डा पुत्र जलसिंह सिकलीगर सिगनूर, विजय पुत्र तूफान सिंह सिकलीगर सिगनूर, प्रदीप पुत्र भोम सिंह सिकलीगर सिगनूर।

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विधानसभा में गूंजा पोषण आहार घोटाला, जमकर हंगामा, कांग्रेस विधायक का पजामा फाड़ा
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का बुधवार को दूसरा दिन है। सत्र के शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर के बाहर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर पोषण आहर में घोटाले का आरोप लगाया। इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की। इधर, सदन के भीतर भी प्रवेश को लेकर भाजपा और कांग्रेस विधायकों में जोरदार हंगामे की स्थिति रही।
बुधवार को हंगामे के बीच वित्त मंत्री प्रदेश का पूरक बजट पेश करेंगे। चालू वित्त वर्ष का यह पहला पूरक बजट होगा। बताया जा रहा है कि आज का दिन सबसे लंबा सत्र चलेगा, जिसमें हंगामे के आसार हैं।
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि सीएम ने कहा कि गड़बडी़ करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। जो पोषण अमानक पाए गए वे कांग्रेस सरकार में हुए थे। शिवराज ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में विपक्ष के 15 माह भी शामिल हैं। यह अंतिम रिपोर्ट नहीं। हम कैग की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे। महालेखाकार की रिपोर्ट अंतिम नहीं है। कांग्रेस के मित्र भी जानते हैं कि हर विभाग का आडिट होता है। मेरा साफ कहना है कि हम तथ्यों को बारीकी से देख रहे हैं। कहीं गड़बड़ी पाई गई तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे। अभी हमने अनियमितताओं के खिलाफ 104 लोगों पर कार्रवाई की है। 24 के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई। कई के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। लेकिन कांग्रेस ने क्या किया। गुणवत्ता में टेक होम राशन अमानक स्तर का पाया गया, वो कांग्रेस के शासनकाल का है। जिसका हमने 36 करोड़ रुपए पेमेंट रोका हुआ है। कांग्रेस चर्चा से भाग रही है, हंगामा कर रही है। बीजेपी गड़बड़ी करने वालों को छोड़ेगी नहीं।
विधानसभा स्पीकर से अनुमति मिलने के बाद जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौोहान ने पोषण आहार पर अपना संबोधन शुरू किया तो विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान काफी देर तक उनके भाषण को विपक्ष ने नहीं सुना। भारी हंगामे के कारण जैसे-तैसे शिवराज ने अपना भाषण पूरा किया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पोषण आहर मामले में सदन में वक्तव्य देंगे। कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री ने स्पीकर से कहा कि पोषण आहर मामले में भ्रम फैलाए जा रहे हैं। सदन के माध्यम से जनता के सामने स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। स्पीकर ने प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री को बोलने की अनुमति दी है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि सदन की कार्रवाई के संकेत होने के बावजूद भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने कांग्रेस विधायक पाची लाल मीणा की गर्दन पकड़ी और हाथ मरोड़ा। उन्होंने पूछा कि क्या एक विधायक का दूसरे विधायक के साथ ऐसा आचरण उचित है। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दी।
इधर, कमलनाथ के बयान को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने सदन में आपत्ति जताई है। एक दिन पहले कमलनाथ ने विधानसभा में नहीं जाने पर बयान दिया था कि मैं शिवराज सिंह की बकवास सुनने नहीं जाउंगा। इस बीच भार्गव और बाला बच्चन के बीच तीखी बहस हुई।
विधानसभा में प्रवेश करने को लेकर सदन में सत्ता पक्षा और विपक्षी दल के विधायक आमने-सामने आ गए। इसके चलते हंगामा शुरू हो गया। विधायकों में तीखी बहस हुई। आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने उन्हें सदन में विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका। सदन में प्रवेश करते ही मनोज चावला समेत अन्य कांग्रेसी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उनका आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें सदन में प्रवेश करने से रोका और हाथ मरोड़ दिया। विधायकों ने आरोप लगाया कि जिम्मेदार पुलिस वालों पर कार्रवाई की जाए। काफी देर तक विधायक पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने पर अड़े रहे।
इस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि पुलिस ने किसी भी विधायक को नहीं रोका, यह विधायक हाथों में तख्तियां लेकर विधानसभा में आ रहे थे। पुलिस ने तख्तियों को रोकना चाहा। इस पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि तख्तियां हाथ में थी इसका मतलब तख्तियों को रोकने के लिए क्या विधायकों के हाथ तोड़ देंगे।
जांच और कार्रवाई की मांग करते हुए विधायक गर्भगृह में आकर बैठ गए। एक विधायक गर्भगृह में पहुंच कर अपना फटा हुआ पैजामा बताने लगा कि पुलिसकर्मियों ने इस प्रकार से उन्हें पटका और उनका पजामा फट गया। वे गृहमंत्री के पास भी बताने गए। इस पर भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा वहां पहुंच गए और उस विधायक को गृहमंत्री के पास से हटाया। इस पर दोनों विधायकों में तीखी बहस भी होने लगी। दोनों पक्षों के विधायकों के आमने-सामने आने पर नजाकत को देकते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
मानसून सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा के सामने जमकर हंगामा किया। इसमें पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जीतू पटवारी, जवर्धन सिंह शामिल थे। इन्होंने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हाल ही में आए कैग की रिपोर्ट के बाद विपक्ष राज्य सरकार पर घोटाले के आरोप लगा रहा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की थी।