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MP से पीएफआई के 21 नेता अरेस्ट: गुना, इंदौर, भोपाल समेत 8 जिलों में गिरफ्तारी

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मध्यप्रदेश। एंटी टेररिज्म स्क्वायड (ATS) ने सोमवार रात 8 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर रेड की। इस दौरान 170 से अधिक कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया है। मध्यप्रदेश में भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों रेड की है। टीम ने 21 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। उनसे लैपटॉप और संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए हैं। ATS को इन संदिग्धों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपियों की पूछताछ में मिली थी। नीमच, शाजापुर, श्योपुर और गुना में भी कार्रवाई चल रही है।
ATS ने इंदौर से 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनमें सईद टेलर, दानिश गौरी, तौसीफ छीपा, यूसुफ और वसीम शामिल हैं। 3 संदिग्ध फरार हो गए। उज्जैन जिले से 4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनमें मंसूरियान मस्जिद का इमाम जुबेर, कारोबारी इसहाक और वकील आकिब शामिल हैं। चौथा संदिग्ध महिदपुर तहसील का रहने वाला है। संदिग्धों से लैपटॉप और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।
ATS ने PFI के लिए फंडिंग करने के संदेह में SDPI (सोशल डिमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) के भोपाल स्थित ऑफिस में रेड की है। यहां से SDPI के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रऊफ को पकड़ा है। SDPI का ऑफिस शाहजहांनाबाद थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर है।
SDPI के प्रदेश महासचिव डॉ. मुमताज कुरैशी नेसे कहा कि उनके दफ्तर में कोई रेड नहीं हुई है। हमारा संगठन राजनीतिक दल है। संगठन को बदनाम किया जा रहा है।
NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) के इनपुट पर MP ATS ने इससे पहले इंदौर, उज्जैन में छापेमारी कर इंदौर से PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम, जनरल सेक्रेटरी अब्दुल खालिद, कोषाध्यक्ष मोहम्मद जावेद, प्रदेश सचिव जमील शेख को गिरफ्तार किया था। इनके पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देश विरोधी कागजी और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन दस्तावेज के मुताबिक PFI का मकसद भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना है।
NIA और ED ने मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये छापे दिल्ली, असम और कर्नाटक समेत 8 राज्यों में डाले गए हैं। जांच एजेंसियों ने PFI के 13 मेंबर्स गिरफ्तार किए। इनमें असम से 7 और कर्नाटक के कोलार से 6 शामिल हैं। इसके अलावा SDPI के सचिव को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि मोहसिन घोषित रूप से पीएफआई का सक्रिय कार्यकर्ता है और उसने हाल ही में जिला प्रशासन को देशभर में हो रही पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में कुछ लोगों को साथ लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा था।
पुलिस ने फिलहाल धारा 151 की कार्रवाई करते हुए मोहसिन को जेल भेज दिया है। कैंट थाना प्रभारी टीआई विनोद कुमार छाबई के मुताबिक सोमवार की देररात गुना पुलिस ने इंटेलिजेंट इनपुट के आधार पर घोसीपुरा इलाके के रहने वाले मोहसिन उम्र 27 साल व हड्डी मील से तालिब उम्र 26 साल नाम के युवक को पूछताछ के लिए उठाया था। प्रारंभिक पूछताछ के बाद तालिब को तो छोड़ दिया है किंतु मोहसिन पर पुलिस ने पूछताछ करने के उपरांत जेल भेजने की कार्रवाई कर दी है। मोहसिन को पुलिस ने घोसीपुरा से पकड़ा था। पुलिस का कहना है कि मोहसिन गुना में पी-एफआई के लिए काम करता है।

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पति ने प्रेमिका से कराई पत्नी की हत्या, डायल काल की डिलीट की गई हिस्ट्री से हुआ साजिश का खुलासा
उमरिया। जिले के बिरसिंहपुर पाली वार्ड नंबर एक सूखा में हुई महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने उसके पति रामकृष्ण पासी और उसकी प्रेमिका वंदना कोल निवासी ग्राम खलौंध को हिरासत में ले लिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए एसाी प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि 23 सितम्बर को हुई हत्या की साजिश इंदु पासी के पति ने रची थी और उसकी हत्या करने के लिए रामकृष्ण पासी ने अपनी प्रेमिका वंदना कोल को तैयार कर लिया था।उ न्होंने बताया कि जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि रामकृष्ण पासी एक नंबर पर कई बार बात करता था और बात करने के बाद उस नंबर को कॉल हिस्ट्री से डिलीट कर देता था। जांच करने पर पता चला कि वह नंबर उसकी प्रेमिका वंदना का था।
एसपी ने बताया कि घटना के समय रामकृष्ण पासी जानबूझकर अपने घर से दूर चला गया था। उसने अपनी प्रेमिका वंदना के साथ पहले ही अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रच ली थी। घर से दूर होने के बाद उसने अपनी प्रेमिका वंदना को फोन किया और उसे बताया कि वह अपनी पत्नी को बेहोशी की दवाई दे आया है और घर खुला हुआ है। उसने अपनी प्रेमिका वंदना को बताय कि अब वह इंदु की हत्या बड़े आराम से कर सकती है।
इंदु के पति और उसकी प्रेमिका ने हत्या की साजिश बिल्कुल फिल्मी अंदाज में रची थी। उन्होंने इस घटना को चोरी और लूट से जोड़ने की साजिश भी की थी। रामकृष्ण के फोन के बाद जब उसकी प्रमिका वंदना उसके घर पहुंची तो उसने देखा कि इंदु बिस्तर पर बेसुध पड़ी हुई थी। वंदना ने राड के कई भरपूर वार करके बेसुध पड़ी इंदु को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद उसने इंदु का मंगलसूत्र और कान की झुमकी उसके शरीर से निकाल ली थी।
हालांकि वंदना ने मंगलसूत्र वापस कर दिया था और कान की झुमकी अपने पास रख ली थी। पुलिस ने यह सामान भी दोनों के पास से बरामद कर लिया है।
पाली सूखा धौरई निवासी रामकृष्ण पासी का ग्राम खलौन्ध निवासी वंदना कोल से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिस पर रामकृष्ण की पत्नी बिंदु पासी को आपत्ति थी। इस बात को लेकर परिवार में आये दिन घरेलू विवाद होता था। कई बार मामला थाने पंहुचा लेकिन समझाइश के बाद पति-पत्नी साथ में रहने लगते थे। शातिर दिमाग पति रामकृष्ण के दिमाग ने प्रेमिका से मेलमिलाप में बाधा पैदा करने वाली पत्नी को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का षडयंत्र रच डाला।
इंदु की हत्या के बाद उसके मायके पक्ष के लोगों ने महिला के पति पर ही संदेह व्यक्त किया था। घटना की सूचना लगने के बाद शहडोल पुरानी बस्ती निवासी महिला के मायके के लोग पाली पहुंच गए थे। मायके पक्ष के लोगों ने पुलिस के सामने इंदु के पति रामकृष्ण पर आरोप लगाए थे। मायके पक्ष के लोगों का कहना था कि रामकृष्ण ने कभी भी इंदु को अच्छी तरह से नहीं रखा। यही कारण है कि वर्ष 2015-16 में रामकृष्ण के खिलाफ शहडोल कोतवाली में दहेज के लिए प्रताडि़त करने के मामले में अपराध भी दर्ज किया गया था।
घटना की शाम को जब बच्चे स्कूल से घर पहुंचे तो उन्होंने अपनी मां की लाश को पलंग पर पड़ा हुआ देखा था। पलंग पर खून फैला हुआ था और लाश उसमें डूबी हुई दिखाई दे रही थी। महिला के पैर पलंग से नीचे झूल रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे जब उसे मारा गया होगा तो वह पलंग पर बैठी होगी। कमरे में किसी भी तरह के संघर्ष के कोई चिन्ह दिखाई नहीं दे रहे थे। बच्चों ने लाश देखने के बाद बाहर आकर मोहल्ले के लोगों को बताया और मोहल्ले के लोगों ने रामकृष्ण पासी को फोन करके घटना की सूचना दी।
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चार दिन से लापता जुड़वां बच्‍चों के शव बरामद, पुलिस को गुमराह कर रही मां ही निकली हत्‍यारी
भोपाल। राजधानी के टीटीनगर इलाके से एक महिला के 16 दिन के जुड़वां बच्चेे चार दिन पहले गायब हो गए थे। मंगलवार को पुलिस ने इन बच्‍चों के शव हबीबगंज इलाके से बरामद कर लिए है। महिला ने ही अपने दोनों बच्‍चों की हत्‍या की थी। हालांकि उसने बच्‍चों के शव की बरामदगी के बाद पहले-पहल पुलिस से यही कहा कि बच्‍चों की हत्‍या उसके पति ने की है, क्‍योंकि आर्थिक तंगी के चलते बच्‍चों का पालन-पोषण करने में असमर्थ थे। लेकिन जब पुलिस ने सख्‍ती से पूछताछ की तो महिला ने अपना अपराध कुबूल कर लिया। महिला ने बताया कि उसका पति पेशे से मजदूर है। छह माह पहले एक्‍सीडेंट होने के बाद से वह बेरोजगार है। उनकी एक तीन साल की बेटी भी है। जब जुड़वां बच्‍चे पैदा हुए तो महिला इनके पालन-पोषण की चिंता में लगातार घुलने लगी। ससुराल वाले भी उसे ताने मारते थे। इससे परेशान होकर वह अपनी ही मासूम जुड़वां संतानों की हत्‍या कर बैठी। महिला ने बताया कि उसने बच्‍चों का गला घोंटकर शव झाड़ियों में फेंक दिए।
गौरतलब है कि पुलिस चार दिनों से सीसीटीवी और नालों की जांच कर रही थी। इधर, महिला के बैरसिया से वापस आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उसे प्रसव के कम दिनों को देखते हुए घर पर आराम की सलाह दी गई। इस कारण पुलिस सोमवार तक उससे पूछताछ नहीं कर पाई थी। मंगलवार को पुलिस ने महिला के घर पहुंचकर एक बार फिर उससे पूछताछ शुरू की और उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाए, जिसमें महिला अकेली थी और बच्‍चे नहीं थे। इसके बाद पूछताछ में महिला टूट गई और उसने हबीबगंज इलाके में रविशंकर नगर पहुंचकर वो जगह दिखाई, जहां बच्‍चों को फेंका गया था।
बता दें कि 27 वर्षीय सपना धाकड़ बीते शुक्रवार सुबह कोलार रेस्ट हाउस बस्ती इलाके से दोनों नवजात शिशुओं को लेकर निकली थी। तब महिला ने बताया था कि टीटी नगर के फुटपाथ से दोनों बच्चे लापता हो गए। पुलिस की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि मां कोलार रेस्ट हाउस से बच्चे लेकर निकली थी, लेकिन हबीबगंज पुलिस स्टेशन के पास जब सिटी बस में सवार हुई तो बच्चे उसकी गोद में नहीं थे। बीसीएलएल की बस का वीडियो दिखाने के बाद पीड़िता सपना धाकड़ की हालत बिगड़ने लगी। बाद में उसे जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डाक्टरों ने सलाह दी कि उसके प्रसव को अभी 20 दिन भी नहीं हुए हैं । ऐसे में उसे कमजोरी है, कुछ दिन आराम कराया जाए। इस पर महिला का पति उसे लेकर घर चला गया।
महिला के बयान के बाद पुलिस जांच में सामने आया
महिला अपने जुड़वां बच्चों को लेकर करीब साढ़े चार बजे घर से निकली। करीब 10 मिनट बाद वह कोलार गेस्ट हाउस के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई। वह दोनों बच्चों को एक हाथ और एक छतरी में पकड़े हुए थी।इसके बाद वह एकांत पार्क के पास से गुजरी और हबीबगंज थाने के पास बच्चों के साथ कैमरे में कैद हुई थी। उसे ओल्ड हबीबगंज पुलिस स्टेशन की इमारत के पास लगे एक कैमरे में कैद किया गया था, जहां से सुबह 6 बजे से पहले नवजात के कपड़े को फेंकते हुए देखा गया था। सुबह करीब छह बजे उसे हबीबगंज इलाके में अरेरा पेट्रोल पंप के पास एक दुकान के पास बैठा देखा गया, लेकिन बच्चे गायब थे। एक महिला से बात करते हुए भी देखा गया। बाद में वह सुभाष स्कूल की ओर चल पड़ी और टीटी नगर के लिए एक लो-फ्लोर बस में सवार हो गई। वह बस में लगे सीसीटीवी कैमरे में बिना बच्चों के कैद हो गई। वह रंग महल चौक पर सुबह करीब साढ़े सात बजे बस से उतरी। फिर उसने अपने पति को फोन किया और सुबह करीब साढ़े आठ बजे उसके साथ टीटी नगर पुलिस से संपर्क किया।
अपने 16 दिन के जुड़वा बच्चों के साथ सुबह करीब 4.30 बजे घर से निकली। करीब 10 मिनट बाद कोलार गेस्ट हाउस तिराहे पर पहुंची। जहां से वह मैनिट तिराहे की ओर चली गई। जहां से माता मंदिर चौराहे की ओर जाने लगी और रोशनपुरा चौराहे से होते हुए रंग महल टाकीज चौराहे पर पहुंची।सुबह 6.15 बजे से 6.45 बजे के बीच जब वह अपने बच्चों को फुटपाथ पर छोड़कर शौचालय चली गई, वापस आने पर बच्चे गायब हो गए। इसके बाद उसने अपने पति को फोन कर मामले की सूचना पुलिस को दी।
महिला अपने जुड़वां बच्चों को लेकर करीब साढ़े चार बजे घर से निकली। करीब 10 मिनट बाद वह कोलार गेस्ट हाउस के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई। वह दोनों बच्चों को एक हाथ और एक छतरी में पकड़े हुए थी।इसके बाद वह एकांत पार्क के पास से गुजरी और हबीबगंज थाने के पास बच्चों के साथ कैमरे में कैद हुई थी। उसे ओल्ड हबीबगंज पुलिस स्टेशन की इमारत के पास लगे एक कैमरे में कैद किया गया था, जहां से सुबह 6 बजे से पहले नवजात के कपड़े को फेंकते हुए देखा गया था। सुबह करीब छह बजे उसे हबीबगंज इलाके में अरेरा पेट्रोल पंप के पास एक दुकान के पास बैठा देखा गया, लेकिन बच्चे गायब थे। एक महिला से बात करते हुए भी देखा गया। बाद में वह सुभाष स्कूल की ओर चल पड़ी और टीटी नगर के लिए एक लो-फ्लोर बस में सवार हो गई। वह बस में लगे सीसीटीवी कैमरे में बिना बच्चों के कैद हो गई। वह रंग महल चौक पर सुबह करीब साढ़े सात बजे बस से उतरी। फिर उसने अपने पति को फोन किया और सुबह करीब साढ़े आठ बजे उसके साथ टीटी नगर पुलिस से संपर्क किया।