नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेगा। इसके लिए 5 जजों की बेंच गठित की गई है। 2016 में विवेक शर्मा ने याचिका दाखिल कर सरकार के फैसले को चुनौती दी। इसके बाद 58 और याचिकाएं दाखिल की गईं। अब तक सिर्फ तीन याचिकाओं पर ही सुनवाई हो रही थी। अब सब पर एक साथ सुनवाई होगी। यह सुनवाई जस्टिस एस.अब्दुल नजीर की अध्यक्षता में होगी।
इस मामले में 16 दिसंबर 2016 को ही ये केस संविधान पीठ को सौंपा गया था, लेकिन तब बेंच का गठन नहीं हो पाया था। 15 नवंबर 2016 में उस समय के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की थी।
चीफ जस्टिस ने कहा था- नोटबंदी की योजना के पीछे सरकार की जो मंशा है वो तारीफ के लायक है। हम आर्थिक नीति में दखल नहीं देना चाहते, लेकिन हमें लोगों को हो रही असुविधा की चिंता है। उन्होंने सरकार से इस मसले पर एक हलफनामा दायर करने को कहा था।
8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे प्रधानमंत्री का देशवालों के नाम संदेश याद न हो। यह वही संदेश था जिसमें प्रधानमंत्री ने उस रात 12 से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। तब प्रधानमंत्री हों, उस समय के वित्तमंत्री या तमाम बड़े नौकरशाह, सभी ने अलग-अलग मौकों पर नोटबंदी के पांच बड़े मकसद बताए थे।
दुनिया की इस सबसे बड़ी नोटबंदी के फैसले को लेकर पहले दिन से सवाल उठाए गए, लेकिन आमतौर पर देश की जनता प्रधानमंत्री के साथ खड़ी नजर आई। आज रात 12 बजे नोटबंदी को पूरे पांच साल पूरे हो जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकीलों ने सरकार की नोटबंदी की योजना में कई कानूनी गलतियां होने की दलील दी थी, जिसके बाद 16 दिसंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया था। तब कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। यहां तक कि कोर्ट ने तब नोटबंदी के मामले पर अलग-अलग हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई से रोक लगा दी थी।
2016 की नोटबंदी के समय केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि भ्रष्टाचारियों के घरों के गद्दों-तकियों में भरकर रखा कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपए का काला धन बाहर आ जाएगा। पूरी कवायद में काला धन तो 1.3 लाख करोड़ ही बाहर आया…मगर नोटबंदी के समय जारी नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब जरूर हो गए हैं।
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बुर्का पहनकर पंडाल में घुसीं दो महिलाएं, दुर्गा प्रतिमा तोड़ी:पंडाल में आग लगाई
हैदराबाद। हैदराबाद के खैरताबाद में मंगलवार को मां दुर्गा की प्रतिमा को तोड़ने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुर्का पहनकर दो महिलाएं पंडाल में घुसीं और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने पंडाल में आग लगा दी। स्थानीय लोगों ने दोनों महिलाओं को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।
हैदराबाद के सेंट्रल जोन के डीसीपी राजेश ने बताया कि मंगलवार सुबह दो मुस्लिम महिलाएं खैरताबाद के एक पंडाल में घुसीं और माता की मूर्ति के एक हिस्से को खंडित कर दिया। वहीं, इसका विरोध करने वालों पर भी महिलाओं ने हमला कर दिया।
इसके बाद दोनों महिलाएं एक चर्च में गईं और वहां भी तोड़फोड़ करने की कोशिश की। जब यहां उनका विरोध किया गया तो दोनों एक हनुमान मंदिर पहुंची और यहां मूर्ति को खंडित करने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि महिलाएं स्पैनर लेकर पंडाल में घुसी थीं। दोनों महिलाओं को सैदाबाद पुलिस के हवाले कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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8 राज्यों में इस्लामिक संगठन के 170 कार्यकर्ता अरेस्ट, गैजेट्स-दस्तावेज जब्त, जामिया में धारा 144
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और ED ने मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। देश के 8 राज्यों से 170 PFI कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया गया है। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA ने रेड करके PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया है। शाहीन बाग में इस एक्शन के बाद केंद्रीय पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। टीम ने मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस समेत कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं। वहीं, जामिया नगर में धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां दो महीने तक चार या उससे ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है।
महाराष्ट्र से 15, कर्नाटक के कोलार से 6 और असम से 25 PFI कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है। NIA और 9 राज्यों की ATS एक साथ एक्शन में है। यह PFI पर छापेमारी का दूसरा राउंड है। पहले राउंड में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इनका नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। इनके मध्य प्रदेश सहित ज्यादातर राज्यों में सिमी से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं।
इसके बाद देशभर की इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों ने PFI नेटवर्क खंगालने की कवायद शुरू की। 20 राज्यों और 100 से ज्यादा शहरों में इनका सर्विलांस शुरू हुआ। पता चला कि PFI को खाड़ी देशों और बड़े मुस्लिम कारोबारियों से चंदा मिल रहा है।
दिल्ली के शाहीन बाग में NIA की टीम ने मंगलवार सुबह छापा मारकर 30 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से कुछ के बारे में NIA को पुख्ता सूचना मिली थी, जबकि कुछ को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया है। इस एक्शन के दौरान पूरे शाहीन बाग में केंद्रीय सुरक्षा बल CRPF की तैनाती कर दी गई है। शाहीन बाग में ही CAA-NRC के खिलाफ कई महीने तक लगातार प्रदर्शन हुआ था।
उत्तर प्रदेश ATS ने मंगलवार सुबह गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में छापेमारी कर 16 लोगों को उठाया है। गाजियाबाद से 12, मेरठ से 3 और बुलंदशहर से 1 संदिग्ध को उठाया है। ATS को इनपुट मिले हैं कि ये सभी PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। ATS ने यह कार्रवाई सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात की है। ATS ने बुलंदशहर में पीएफआई से जुड़े वकील को भी उठाया है। UP में PFI पर छापों की पूरी खबर यहां पढ़ें..
NIA महाराष्ट्र के औरंगाबाद, जालना, सोलापुर और परबनी में रेड कर रही है। सोलापुर से NIA ने PFI के एक मेंबर को गिरफ्तार किया है। यह PFI के ऑपरेशन्स में शामिल बताया गया है। NIA इसे दिल्ली ले जा रही है, जहां इससे आगे की पूछताछ की जाएगी। जांच एजेंसी ने मालेगांव से PFI चीफ मौलाना इरफान नदवी और एक्टिविस्ट इकबाल को गिरफ्तार किया है।
इधर महाराष्ट्र ATS ने औरंगाबाद से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, ठाणे क्राइम ब्रांच ने PIF से जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो लोगों को मुंब्रा से, एक को कल्याण से और एक आरोपी को भिवंडी से गिरफ्तार किया गया है। चारों ही PFI के एक्टिव मेंबर हैं। पुणे और मुंबई से भी PFI कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं। पुणे पुलिस ने कोंढवा इलाके से SDPI और PFI से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लिया है।
मध्यप्रदेश ATS ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों में PFI सदस्यों के ठिकानों पर रेड की है। जांच एजेंसी ने 22 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ATS को इन संदिग्धों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपियों की पूछताछ में मिली थी। ATS की कार्रवाई अभी जारी है। उज्जैन से PFI के तीन सदस्यों को उठाए जाने की खबर है।