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यजमान ने पंडित जी को भोजन कराया, बाद में पीटा और दांतों से आधा कान काट लिया,2 को जेल

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इंदौर। राजस्थान के पंडित जी ने इंदौर में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनाई। यजमान ने पंडित जी को प्यार से भोजन कराया, दूध भी पीने को दिया। बाद में पीटा और दांतों से आधा कान काट लिया। पंडित जी की शिकायत पर यजमान सहित उसके 2 बेटों को जेल भेज दिया गया है।
60 साल के पं.कुंजबिहारी शर्मा कोटा (राजस्थान) के रहने वाले हैं। इंदौर के स्कीम नबंर 71 में रहने वाले लक्ष्मीकांत शर्मा ने उन्हें अपने यहां बुलाया था। उनके बड़े बेटे की शादी नहीं हो रही थी। इसलिए उन्होंने पं. शर्मा से सत्यनारायण भगवान की कथा करने का आग्रह किया था। कथा के बाद उन्होंने पंडित शर्मा को जमकर पीटा और छोटे बेटे ने कान काट लिया। चिल्लाने पर मोहल्ले के लोग वहां पहुंचे और उन्हें किसी तरह बचाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पं. कुंजबिहारी ने बताया- 28 सितंबर का दिन था। स्कीम नंबर 71 के 416 सेक्टर बी में रहने वाले लक्ष्मीकांत शर्मा ने मुझे फोन किया था। उन्होंने कहा कि उनके बड़े बेटे अरुण की शादी नहीं हो रही है। आप हमारे घर सत्यनारायण भगवान की कथा करने आ जाओ। मैं पहले उनके घर के आसपास कथा करने आ चुका था। इस कारण मैं उनके परिवार को जानता था। 29 सितंबर को मैं लक्ष्मीकांत के घर पहुंचा। वे चाहते थे उनके बेटे की शादी हो जाए। दोपहर में सत्यनारायण भगवान की कथा की। रात में मैं उनके घर पर ही रुका। उन्होंने मेरी खूब सेवा की। मुझे भोजन कराया,दूध भी पीने को दिया।
30 सितंबर को मैं वहां सो रहा था, तभी लक्ष्मीकांत और उनका छोटा बेटा विपुल मेरे पास आए। उन्होंने मुझे उठाते हुए कहा कि तूने हमारे घर में कैसी पूजा की है। अरुण उल्टी-सीधी हरकतें कर रहा है। इसके बाद वे मुझे गालियां देने लगे। मैंने मना किया तो वे मुझे पीटने लगे। उनका बड़ा बेटा अरुण भी वहां पहुंच गया। उसने भी मुझे पीटा। इस बीच छोटे बेटे ने दांतों से मेरा दायां कान काटकर अलग कर दिया। मैं चिल्ला रहा था। आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग जमा हो गए। उन्होंने मुझे बचाया।यजमान लक्ष्मीकांत और उनके बेटों ने पंडित कुंजबिहारी को पीटा। इसके बाद छोटे बेटे ने दांतों से कान काटकर अलग कर दिया। पंडित ने आधे कान को तलाशा भी, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला। वे ऐसे ही अपने घर को लौट गए।
यजमान लक्ष्मीकांत और उनके बेटों ने पंडित कुंजबिहारी को पीटा। इसके बाद छोटे बेटे ने दांतों से कान काटकर अलग कर दिया। पंडित ने आधे कान को तलाशा भी, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला। वे ऐसे ही अपने घर को लौट गए।
तीनों ने मुझे जान से खत्म करने की धमकी दी। मोहल्ले के लोग मुझे पकड़कर चंदन नगर थाने ले गए। जहां पुलिस ने मेरी स्थिति देखी। इसके बाद मुझे अस्पताल ले गए और इलाज करवाया। इसके बाद थाने पहुंचकर मैंने तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। मारपीट के दौरान मेरे कान को विपुल ने काट दिया। मैंने अपने आधे कान को तलाशा भी, ताकि सर्जरी करा सकूं। लेकिन कान का कुछ पता नहीं चल सका। अब आधे कान के साथ ही वापस लौटना पड़ रहा है।
पंडित कुंजबिहारी शर्मा पहले भी इंदौर में कथा कराने के लिए आ चुके हैं। वे पहले से उन्हें जानते थे। उनका इंदौर आना-जाना लगा रहता था। इस बार उनको इंदौर आकर कथा और पूजा करना महंगा पड़ गया।
पंडित ने बताया कि वे इंदौर में पहले भी कई बार आ चुके हैं। लोगों के घर में कथा-पूजन के लिए उनका इंदौर आना-जाना लगा रहता है। जिस क्षेत्र में ये घटना हुई उस क्षेत्र में भी वे पहले कई बार आ चुके हैं।

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रेडलाइट एरिया: विरोध के डर से 150 पुलिस जवानों की फोर्स ने छापा मारा,6 लड़कियों को छुड़ाया
ग्वालियर। आगरा-मुंबई हाईवे (NH-3) किनारे बसा ग्वालियर का बदनापुरा गांव एकबार फिर बदनाम हुआ है। रविवार सुबह पुलिस ने यहां छापा मारकर यहां से 6 लड़कियों को छुड़ाया है। जिनकी उम्र 10 से 16 साल के बीच है। ग्वालियर-मुरैना बॉर्डर पर बसा यह गांव कम उम्र की लड़कियों की खरीद-फरोख्त के लिए बदनाम है।
ग्वालियर समेत अन्य कई शहरों से लापता लड़कियां भी यहां से कई बार मिली हैं। यहां से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश बॉर्डर तक लड़कियों को बेचने की बातें सामने आ चुकी हैं। कभी इस रेडलाइट एरिया की लड़कियों को ट्रेनिंग देकर मुंबई के डांस बार भी भेजा जाता था।
ये काम यहां रहने वाले बेड़िया जनजाति के लोग कराते हैं। इनका मुख्य पेशा ही वेश्यावृत्ति है। मूलरूप से यहां के लोगों का नेटवर्क राजस्थान से जुड़ा है। राजस्थान में बेड़िया समाज के लोग काफी संख्या में हैं। बदनापुरा से ही लगे रेशमपुरा गांव में भी इस तरह की एक्टिविटी में बेड़िया समाज एक्टिव रहता है।
बदनापुर गांव ग्वालियर के पुरानी छावनी इलाके में है। इससे पहले जब भी पुलिस ने गांव में एंट्री की, तो लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। कुछ दिन पहले मुरैना के आश्रम से गायब नाबालिग की लोकेशन भी यहीं मिली थी। इस पर मुरैना पुलिस दबिश देने पहुंची, तो गांव के लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था।
जिसके बाद रविवार को पुलिस ने पूरी तैयारी के साथ बदनापुरा में छापा मारा। 150 से ज्यादा पुलिस ऑफिसर्स और जवानों की टीम ने इलाके के एक-एक घर को सर्च किया। पुलिस जब गांव पहुंची तो गांव के लोग सहमे खड़े रहे। हालांकि बाद में इलाके के पार्षद पीसी शर्मा ने जरूर विरोध जताया। उनका कहना था कि पुलिस ने आज तड़के कार्रवाई की। 10 से 12 लोगों को उठाया है, लेकिन बता नहीं रही है। बदनापुरा ग्वालियर के वार्ड 5 में आता है।
ऑपरेशन को लीड कर रहीं ASP शहर मृगांकी डेका ने बताया कि बदनापुरा गांव में मानव तस्करी की सूचना मिली थी। 10 से 16 साल की 6 लड़कियां संदिग्ध मिली थीं। इन्हें थाने लाया गया। लड़कियों की काउंसिलिंग की जा रही थी, तभी पता लगा कि इनमें से 3 लड़कियां बदनापुर की हैं। बाद में उनके परिजन भी दावा करने थाने पहुंच गए। डॉक्यूमेंट दिखाने पर तीनों लड़कियों को जाने दिया गया। बाकी तीन लड़कियों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। इन्हें निगरानी में लिया है।
पुलिस अफसरों का कहना है कि हाल ही में एक नकली दस्तावेज बनाने वाला शख्स पकड़ाया है। उससे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बदनापुरा में कई फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बने हैं और इनमें से कुछ नकली जन्म प्रमाण-पत्र क्राइम ब्रांच के हाथ लगे हैं। पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम इसकी पड़ताल में लगी हुई है।
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क्राइम ब्रांच ने हथियार तस्करों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया, 400 कारतूस बरामद
इंदौर। क्राइम ब्रांच ने हथियार तस्करों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस बार कारतूस बनाने वाला सरगना हाथ लगा है, जिससे 400 कारतूस भी बरामद किए हैं। सिकलीगर दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर-ट्राली के ट्यूब के वाल-ढेबरी से कारतूस बनाता है। उसमें माचिस की तीली का बारूद भर देता था। क्राइम ब्रांच अब कारतूस खरीदने वालों की तलाश में गुजरात में भी छापे मार रही है।
तकनीकी जांच में पता चला कि सिकलीगरों का एक समूह पिस्टल, कट्टे और 12 बोर की बंदूक के लिए कारतूस भी बना रहा है। शुक्रवार दोपहर पुलिस ने आरोपित (सिकलीगर) से ग्राहक बनकर संपर्क साधा और उसे धरदबोचा। आरोपित के पास से 400 कारतूस भी बरामद किए हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक आरोपित ने पूछताछ में बताया कि वह दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर के ट्यूब के वाल-ढेबरी से कारतूस बना लेता है।
वाल असली पीतल का बना होता है और उसे मशीन पर कारतूस का आकार देने में आसानी रहती है। उसमें माचिस की तीली के उपयोग में आने वाला सामान भर देता था। एडिशनल उपायुक्त (अपराध) गुरप्रसाद पाराशर के मुताबिक पुलिस अभी गिरोह में शामिल आरोपितों की तलाश में छापे मार रही है। एक आरोपित बड़ौदा (गुजरात) भाग गया है। पुलिस ने पिस्टल खरीदने वाले चार अन्य आरोपितों को भी पकड़ लिया है। अभी तक 4 पिस्टल बरामद हो चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा की खरीद फरोख्त स्वीकार रहे हैं।
एडिशनल आयुक्त के मुताबिक धार, धामनोद, बड़वानी, सेंधवा, खरगोन के सैकड़ों सिकलीगर हथियार और कारतूस बना रहे हैं। इतना ही नहीं, हथियार व कारतूस राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पंजाब से लेकर जम्मू कश्मीर तक सप्लाई किए जा रहे हैं। चुनावों के दौरान तो हथियारों की मांग ज्यादा बढ़ जाती है। पंजाब में सिंगर सिद्दू मूसेवाला की हत्या के आरोपितों ने भी सिकलीगरों से हथियार खरीदे थे।