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TRS नेता ने फ्री में बांटी चिकन-शराब:KCR दशहरे पर लॉन्च करेंगे राष्ट्रीय पार्टी

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वारंगल। तेलंगाना में TRS नेता की ओर से स्थानीय लोगों को शराब की बोतलें और चिकन बांटने का मामला सामने आया है। तेलंगाना के CM केसी राव बुधवार को राष्ट्रीय पार्टी लॉन्च कर रहे हैं। इस मौके पर TRS नेता राजनाला श्रीहरि ने 200 चिकन और 200 शराब की बोतलें खरीदीं और उन्हें कुलियों को बांट दिया।
दरअसल, श्रीहरि और उनकी टीम ने सोमवार को वारंगल में कुलियों को एक सभा के लिए बुलाया, जहां तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री के टी रामा राव के कटआउट खड़े किए गए। इस दौरान श्रीहरि ने कहा कि दशहरे के अवसर पर CM केसीआर की ओर से लॉन्च की जाने वाली राष्ट्रीय पार्टी के लिए प्रार्थना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पहले भी केसीआर के प्रधानमंत्री बनने के लिए और केटीआर के प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए विशेष पूजा की गई थी। बता दें कि KCR भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की मंशा पहले ही जता चुके हैं। इसके चलते वह राष्ट्रीय पार्टी लॉन्च कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीआरएस दशहरा के दिन यानी 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तेलंगाना भवन में जनरल मीटिंग करेगी। इस दौरान CM केसीआर अपनी राष्ट्रीय पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, केसीआर 9 अक्टूबर को दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और अपने राष्ट्रीय एजेंडे की डिटेल्स बताएंगे।
तेलंगाना PCC कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद मधु गौड़ याशकी ने केसीआर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- तेलंगाना के सीएम की ओर से एक राष्ट्रीय पार्टी बनाना मीनिंग लेस है। उन्होंने तेलंगाना के लोगों को धोखा दिया है और अब देश के लोगों को धोखा देना चाहते हैं। यह उनकी विफलताओं को छिपाने की एक रणनीति है।
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उत्तरकाशी में पर्वतारोहण संस्थान के 29 ट्रेनी बर्फ में फंसे, 8 को रेस्क्यू किया, 10 शव मिले
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को एवलांच आया। यह घटना द्रौपदी का डांडा (DKD) नाम की जगह पर हुई, जहां आमतौर पर पर्वतारोहियों को ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के 29 ट्रेनी गए थे। 8 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। 10 शव बरामद हुए हैं, 11 लोग अभी लापता हैं।
राज्य के CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात कर रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी है। SDRF(स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के DIG रिद्धिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि SDRF की टीम कैंप पहुंच चुकी है। एयरफोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू के लिए IAF के 2 चीता हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एवलॉन्च के दौरान 20 ट्रेनी की मौत हो गई। कुछ में कहा जा रहा है कि 2 ट्रेनी की मौत हुई है। लेकिन, अभी तक मौतों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
इससे पहले 1 अक्टूबर को केदारनाथ मंदिर के करीब एवलांच हुआ था। वहीं, 23 सितंबर को मंदिर से करीब 5 किमी पीछे बने चौराबाड़ी ग्लेशियर में एवलांच आया था। इसका भी वीडियो सामने आया था। रुद्रप्रयाग के डिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी एनएस रजवार ने बताया था कि यह काफी छोटा एवलांच था। दोनों ही एवलांच में नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज से शुरू होने वाले दो दिन के दौरे पर उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। वे आज देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। देहरादून में सेना से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, बुधवार को चमोली जिले में इंडो- चीन बॉर्डर पर आर्मी और ITBP के जवानों के साथ दशहरा मनाएंगे।
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दिल्ली में पहलीबार बिना पटाखों के जलेगा रावण, बस्तर-मैसूर का दशहरा भी खास
नई दिल्ली। आज पूरे देश में दशहरा की धूम रहेगी। दिल्ली में पहलीबार बिना पटाखों के रावण का दहन होगा तो कुल्लू, बस्तर और मैसूर में ऐसा दशहरा मनाया जाएगा, जहां न राम होंगे न रावण दहन, फिर भी दशहरे की धूम रहेगी। कुल्लू के दशहरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
कुल्लू का दशहरा 372 साल से भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता में मनाया जा रहा है। दशहरा उत्सव समिति की ओर से हर साल की तरह इस बार भी देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। कुल्लू के साथ खराहल, ऊझी घाटी, बंजार, सैंज, रूपी वैली के सैकड़ों देवी-देवता दशहरा की झांकियां यहां शोभा बढ़ाने के लिए पहुंचेंगी। दिलचस्प यह है कि बाह्य सराज आनी-निरमंड के देवी देवता 200 किलोमीटर का लंबा सफर कर दशहरा में पहुंचेंगे। ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में आयोजन होगा। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आयोजन में शामिल होंगे। यहां वह कई घोषणाएं करेंगे।
बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा की परम्परा 622 साल से जारी है। बस्तर के इतिहासकारों के मुताबिक 1400 ईसवीं में राजा पुरषोत्तम देव ने इस परम्परा की शुरुआत की थी। बस्तर के महाराजा पुरषोत्तम ने जगन्नाथ पूरी जाकर रथपति की उपाधि प्राप्त की थी। बस्तर में नवरात्रि के दूसरे दिन से सप्तमी तक माईं जी की सवारी (डोली छत्र ) को परिक्रमा लगवाने वाले इस रथ को फुल रथ के नाम से जाना जाता है। दंतेश्वरी माईं के मंदिर से माईंजी के छत्र और डोली को रथ तक लाया जाता है। इसके बाद बस्तर पुलिस के जवानों द्वारा बंदूक से सलामी देकर इस रथ की परिक्रमा का आगाज किया जाता है।
मैसूर का दशहरा ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ कला, संस्कृति और आनंद का अद्भुत संयोग है। 600 साल पुराने मैसूर के दशहरा को देखने के लिए भारत ही नहीं विदेशों से भी लोग पहुंचते हैं। यह अन्य दशहरों से अलग है, क्योंकि यहां न राम होते हैं और न ही रावण का पुतला जलाया जाता है। बल्कि देवी चामुंडा के राक्षस महिसासुर का वध करने पर धूमधाम से दशहरा मनाया जाता है।
दशहरा के दौरान यहां हर साल करीब 6 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। मैसूर में दशहरा का उत्सव 10 दिन तक चलता है। दशहरे पर मैसूर के राजमहल में खास लाइटिंग होती है। सोने-चांदी से सजे हाथियों का काफिला 21 तोपों की सलामी के बाद मैसूर राजमहल से निकलता है। इसकी अगुआई करने वाले हाथी की पीठ पर 750 किलो शुद्ध सोने का अम्बारी (सिंहासन) होता है, जिसमें माता चामुंडेश्वरी की मूर्ति रखी होती है।
दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का असर इस बार यहां की रामलीलाओं में देखने मिलेगा। दिल्ली की रामलीलाओं में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले लाइट और साउंड से धूम-धड़ाके के बीच जलाए जाएंगे। दिल्ली में 70 से लेकर 100 फीट तक के रावण के पुतले तैयार किए गए हैं। लालकिले में लवकुश रामलीला में 100 फीट, नवश्री में 90 फीट व श्रीधार्मिक लीला कमेटी द्वारा 80 फीट का रावण तैयार किया गया है। रामलीला मैदान में 90 फीट का रावण जलाया जाएगा।