भिंड। बीवी के बार-बार मायके जाने से एक अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच गया। ये पढ़कर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी। लेकिन सच है। पुलिस ने 5 करोड़ की लूट और हत्या के एक मामले के मास्टर माइंड को इसी बिनाह पर पकड़ा है।
दरअसल भिंड के बर्तन कारोबारी के घर 5 करोड़ की लूट और बेटी की हत्या के बहुचर्चित मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। वह काफी दिनों से फरार चल रहा है। आरोपी की पत्नी बार-बार मायके जा रही थी। यहीं से पुलिस को सुराग मिला और आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
क्या हुआ था बर्तन कारोबारी के घर:- दिन - 14 अगस्त। समय - शाम करीब साढ़े 4 बजे। जगह - भिंड का गोहद। 3 बदमाश बर्तन कारोबारी के घर में घुसे। दो बदमाशों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। एक सिविल ड्रेस में था। बदमाशों ने 5 करोड़ की लूट की। कारोबारी को बंधक बनाकर पीटा। उनकी बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। बदमाश शाम 7 बजे तक घर में लूटपाट करते रहे। पुलिस ने इस केस में 6 लोगों को आरोपी बनाया था। 5 पहले ही पकड़े जा चुके थे। मास्टरमाइंड फरार चल रहा था। जिसे पुलिस अब गिरफ्तार कर लिया है।
भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक इस बहुचर्चित मामले में 6वां और मुख्य आरोपी योगेश बैसला फरार था। वह बेरठा (थाना महाराजपुरा, ग्वालियर) का रहने वाला है। आदतन बदमाश है। लूट का बड़ा हिस्सा इसी के पास था। 12 लाख रुपए कैश सोने-चांदी के जेवर इसके पास थे। आरोपी की पत्नी बरेठा में रहती है।
पुलिस लगातार मुख्य आरोपी को सर्च कर रही थी। इधर, पत्नी बरेठा (ग्वालियर) से बार-बार अपने मायके टीकमगढ़ जाने लगी। ग्वालियर से टीकमगढ़ की दूरी 240 किमी है। पुलिस को यही बात खटकी और आरोपी की पत्नी पर नजर रखना शुरू कर दी। पता चला कि टीकमगढ़ में आरोपी उससे मिलने आता है। पुलिस ने इसी एंगल पर जांच आगे बढ़ाई तो आरोपी के ब्यावरा में रहने का पता चला। वह ब्यावरा (राजगढ़) में पहचान बदलकर रह रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से 35 लाख का माल बरामद हुआ है।
बर्तन कारोबारी रामकिशोर लोहिया (70) की 9 बेटियां, 1 बेटा है। 3 साल पहले पत्नी का निधन हो चुका है। 8 बेटियों की शादी हो चुकी है। घर में वे, बेटा लकी (23) और बेटी रिंकी (28) रहते थे। घटना वाले दिन बेटा घर पर नहीं था। लोहिया के मुताबिक, शाम 4.30 बजे दरवाजा खटखटाने पर देखा तो बाहर 3 लोग खड़े थे। दो पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। इनमें से एक बदमाश ने कहा- आपके बेटे लकी ने चोरी की पिस्टल खरीदी है। कारतूस आपके घर में रखे हैं। हमें जांच करनी है। पुलिस की वर्दी देख मैंने घर का दरवाजा खोल दिया। तीनों ने घर की तलाशी ली।
तलाशी लेते-लेते वे ऊपरी मंजिल के कमरे में बनी तिजोरी तक पहुंच गए उन्होंने तिजोरी खोली, तो बेटी रिंकी ने इसका विरोध किया। उसने चिल्लाकर बताया कि बाबूजी ये पुलिस नहीं, चोर-उचक्के या बदमाश हैं। बदमाशों ने बेटी से मारपीट की। बेटी ने खूब संघर्ष किया। बदमाशों ने बेटी के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। जब मैं ऊपर पहुंचा, तो मुझसे भी मारपीट की। मुझे कुर्सी से बांध दिया। लूट के बाद लाइट बंद कर चले गए। इसके बाद मैं बेहोश हो गया था।
रामकिशोर लोहिया रिंकी के विवाह की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में घर में काफी कैश रखा था। उन्होंने बताया कि जेवर पुश्तैनी हैं। आरोपी यहां से 15 लाख कैश, करीब 3.5 किलो सोना और 6 किलो चांदी के जेवर ले गए थे।
शाम 4.30 बजे कारोबारी लोहिया के घर घुसे बदमाश 7 बजे तक यानी 2.30 घंटे तक लूटपाट करते रहे। 7.30 बजे पड़ोस में रहने वाले मुन्ना हलवाई ने लोहिया के घर का दरवाजा खुला देखा। शक होने पर वे अंदर गए तो घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। वे तुरंत बाहर आए और दूसरे लोगों को बुलाया। इधर, होश आने पर लोहिया ने भी मदद के लिए पुकारना शुरू कर दिया। लोगों ने उनकी रस्सियां खोलीं। दम घुटने से रिंकी की मौत हो चुकी थी।
लोहिया का कोई बेटा नहीं था। करीब 22 साल पहले उन्होंने कैलारस से बेटे को गोद लिया था। उन्होंने बताया कि बेटा बड़ा होकर गलत संगत का शिकार हो गया। नशा करता है। इसके कारण आए दिन हमारा विवाद होता था। घटना से करीब दो घंटे पहले दोपहर दो बजे वह घर से चला गया था। बेटा वारदात के बाद रात करीब साढ़े 10 बजे घर पहुंचा था। तब तक क्षेत्र के सैकड़ों लोग घर आ चुके थे। पुलिस ने संदेह के आधार पर बेटे से पूछताछ की थी।
बर्तन व्यापारी रामकुमार लोहिया के अनुसार, एक महीने पहले भी 6 बदमाश घर में आए थे। इनमें 3 लोग ब्लैक कमांडो ड्रेस पहने हुए थे। बेटी ने उनसे पूछा था कि आप लोग कौन हैं? इसके जवाब में वे बोले- कोचिंग इसी घर में चलती है क्या? तब बाहर चहल-पहल थी, बेटी के सवाल पूछने पर वे लोग बाहर निकल गए थे। घर के बाहर 3 लोग और खड़े थे। जब मैं दुकान बंद कर घर पहुंचा, तो बेटी ने इसके बारे में बताया था। इसके बाद बेटी के कहने पर घर के मेन गेट के बाहर लोहे की मजबूत जाली लगवाई थी।
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जंगली लौकी का जूस पीने से मौत:हाथ का दर्द दूर करने यू-ट्यूब पर देखा वीडियो
इंदौर। सोशल मीडिया का एक और डार्क इफेक्ट सामने आया है। एक शख्स ने बिना जांचे-परखे और बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह से सोशल मीडिया में वीडिया देखकर इलाज का उपाय किया। नतीजा उस शख्स की मौत के रूप में सामने आया।
इंदौर में यूट्यूब पर वीडियो देखकर इलाज करने के चक्कर में एक शख्स की जान चली गई। युवक ने जंगली लौकी का जूस बनाकर पीया था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। आखिरकार इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
इंदौर की विजयनगर पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम धर्मेन्द्र (35) था, वह स्वर्ण बाग कॉलोनी में रहता था। मंगलवार को तबीयत बिगड़ने के चलते उसे पहले निजी अस्पताल ले जाया गया था। यहां से डॉक्टरों ने उसे एमवाय अस्पताल भेज दिया। जहां उसकी मौत हो गई। धर्मेन्द्र पेशे से ड्राइवर था। वह मूल रूप से खंडवा का रहने वाला था। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर पूरा मामला जांच में लिया है।
मृतक के परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले धर्मेन्द्र के हाथ में चोट आ गई थी। जिससे उसे काफी दर्द हो रहा था। दर्द ठीक करने के लिए उसने अपने इलाके के एक डॉक्टर को दिखाया। लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद धर्मेंद्र ने मोबाइल में यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। वीडियो में बताया गया था कि जंगली लौकी का जूस पीने से शरीर से किसी भी तरह का दर्द चला जाता है।
यूट्यूब पर वीडियो देखकर उसने बाजार में जंगली लौकी तलाशना शुरू की। बाजार से जंगली लौकी लेकर वह मंगलवार दोपहर में घर पहुंचा। घर आते ही वह जंगली लौकी का जूस बनाकर पी गया। इसके बाद उसे उल्टी और दस्त होने लगे। परिवार के लोग उसे गीता भवन में निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन ज्यादा तबीयत बिगड़ने की बात कहते हुए वहां के डॉक्टरों ने उसे अन्य अस्पताल ले जाने के लिए कहा।
धर्मेन्द्र के परिवार में उसकी पत्नी और दो बेटे हैं। जो उसके साथ ही रहते हैं। वहीं माता-पिता और बड़ा भाई खंडवा के पास गांव में रहते हैं। धर्मेन्द्र कई सालों से इंदौर में रहकर काम कर रहा था। पुलिस के मुताबिक शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। फिलहाल पत्नी और परिवार ने बयान में लौकी का जूस पीने की बात ही बताई है।
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प्राइवेट स्कूल संचालक पहुंचे हाईकोर्ट:5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की मांग, बोले- बच्चे तनाव में
रतलाम। पांचवीं एवं आठवीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालक हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। स्कूल संचालकों ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इसमें इस साल यह परीक्षा स्थगित कर अगले शैक्षणिक सत्र से बोर्ड की परीक्षा करने की मांग की है। इसको लेकर बुधवार को सुनवाई होगी।
नया शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू हुआ था। उस दौरान पांचवीं एवं आठवीं की परीक्षा लोकल थी। लेकिन सितंबर महीने में राज्य सरकार ने दोनों परीक्षा बोर्ड करने के आदेश जारी कर दिए। बीच सत्र में अचानक से परीक्षा बोर्ड करने बच्चों पर मानसिक दबाव आ गया है। इसको लेकर मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने हाईकोर्ट की शरण ली है।
इसमें कोर्ट से गुहार की है कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद सरकार ने कक्षा पांचवीं एवं आठवीं की बोर्ड परीक्षा करने के आदेश जारी किए हैं। वहीं दो साल से कोरोना के चलते ऑनलाइन पढ़ाई हुई। ऐसे में बीच सत्र में बोर्ड परीक्षा घोषित करने से बच्चे मानसिक दबाव में आ गए हैं। इससे इस साल बोर्ड की परीक्षा निरस्त कर अगले साल से लागू की जाए।
मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा ने बताया दो साल से लगातार कोरोना था। इससे बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई की। इस साल नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल से शुरू हुआ। तब तक पांचवीं एवं आठवीं कक्षा की परीक्षा बोर्ड नहीं थी। इसके बाद बोर्ड की कर दी। इससे बच्चों में बोर्ड परीक्षा का भय आ गया है और बच्चे मानसिक दबाव में हैं। इससे दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा स्थगित कर अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने को लेकर याचिका दायर की है।
वर्ष 2007-08 तक पांचवीं एवं आठवीं की परीक्षा बोर्ड थी। इसके बाद आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) लागू होने के बाद परीक्षा बंद कर वार्षिक मूल्यांकन शुरू कर दिया। अब फिर से राज्य शासन ने पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा बोर्ड की कर दी। निजी स्कूलों में दोनों कक्षाओं में दस लाख से ज्यादा बच्चे अध्ययनरत हैं। इसमें पांचवीं में 5 लाख 33 हजार 294 और आठवीं में 5 लाख 46 बच्चे दर्ज हैं। इन सभी बच्चों को इस साल बोर्ड की परीक्षा देनी होगी।