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भैंसे की कमाई 12 लाख रुपए महीना:20 लीटर दूध, देसी घी पीता है, 12 बंदूकधारी करते हैं सुरक्षा

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मुरैना। मुरैना में चल रहे 3 दिवसीय किसान मेले में 10 करोड़ रुपए कीमत वाला एक भैंसे भी आया है। 1500 किलो (डेढ़ टन) वजनी इस भैंसे को हरियाणा के किसान नवीन सिंह लेकर आए हैं। मेले में आने वाले लोग इस मजबूत कद काठी के भैंसे को देखते ही रह जाते हैं। इस भैंसे का नाम गोलू-2 है।
भैंसे गोलू-2 की डाइट पर हर दिन करीब 10 हजार रुपए खर्च होते हैं। उसकी डाइट में चारे के अलावा 20 लीटर दूध, आधा किलो देसी घी, आधा लीटर सरसों का तेल और मौसमी फल शामिल हैं। उसे रात में हाजमे की गोली भी दी जाती है। भैंसे की सुरक्षा में 12 लोग तैनात रहते हैं। ये सभी बंदूकधारी हैं।
मुरैना पुलिस ने भैंसे की सुरक्षा के लिए तीन आरक्षक दिए हैं। वैसे मेले की सुरक्षा के लिए अन्य पुलिस कर्मी भी तैनात हैं, लेकिन तीन पुलिसकर्मियों को सिर्फ भैंसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
गोलू-2 यानी ये भैंसे के नहाने के लिए नवीन ने अपने खेत पर ढाई हजार वर्गफीट में स्पेशल पूल बनवा रखा है। 50 बाय 50 के इस स्पेशल पूल में गोलू हर दिन दोपहर में डेढ़ से दो घंटे नहाता है। देश में लगने वाले सभी पशु और किसान मेले में नवीन इसे लेकर जाते रहते हैं।
नवीन का कहना है कि पिछले दिनों चित्रकूट में आयोजित पशु मेले में एक व्यापारी ने गोलू-2 को 10 करोड़ रुपए में खरीदने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन मुझे इसे नहीं बेचना है। मैंने इसे बचपन से पाला है। मुर्रा नस्ल के इस भैंसे की उम्र साढ़े चार साल हो चुकी है।
भैंसे की खासियत बताते हुए नवीन ने कहा कि मार्केट में इसके सीमन की बहुत डिमांड है। एक बार में इसका सीमन (शुक्राणु) निकालने पर 1500 से लेकर 2000 यूनिट सीमन तैयार होता है। प्रति यूनिट 300 रुपए में बिकती है। घर से ही सारा सीमन बिक जाता है। इससे हर महीने की करीब 12 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। 3 लाख रुपए महीना इसके खाने-पीने का खर्च घटा भी दूं, तो भी 9 लाख रुपए महीने की आमदनी होती है। अभी 12 साल यह और कमाकर देगा।
जानते हैं क्यों दिया गोलू-2 नाम
नवीन के मुताबिक, गोलू-2 के दादा का नाम गोलू-1 था, जिसे मैंने सबसे पहले तैयार किया था। पिछले दिनों उसकी डेथ हो गई। उसे लेकर मैं खूब घूमा था। उसके सीमन को काफी जगह दिया। गोलू-1 के बाद मैंने पीसी-483 तैयार किया। यह गोलू-2 का पिता है। गोलू-2 के पिता को हरियाणा सरकार को नस्ल सुधार के लिए उपहार में दे दिया था। इसके बाद अब यह गोलू-2 है। इसको लेकर मेलों में जाता हूं।
नवीन का कहना है कि वह देश के किसानों की समृद्धि चाहते हैं। इसके लिए उनके दिमाग में पशुपालन को लेकर विचार आया। उन्होंने एक बार जो इसकी शुरुआत की, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसकी शुरुआत उनके पिता नरेंद्र सिंह ने की थी। उन्होंने उन्नत किस्म के भैंसे पालने शुरू किए। सबसे पहले उन्होंने गोलू-1 भैंसे को पाला, जिसके सीमन से युवराज, शहंशाह और सुल्तान नाम के भैंसे हुए। गोलू-2 इसी का पोता है।
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प्रदेश में पहली बार होगा अधिवक्ता खेल कुंभ का आयोजन
जबलपुर। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार जबलपुर में अधिवक्ता खेल कुंभ का आयोजन होगा। महाकोशल महाविद्यालय के इनडोर स्टेडिम में 13 नवंबर को प्रतियोगिताएं होंगी। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सिल्वर जुबली सभागार में 16 नवंबर को पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित होगा। इसे लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां जारी हैं।
उक्त जानकारी शुक्रवार को एमपी स्टेट बार कौंसिल के सभाकक्ष में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्टेट बार के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी, को-चेयरमैन मनीष तिवारी व मप्र अधिवक्ता क्रीड़ा परिषद के संस्थापक अधिवक्ता डा.प्रशांत मिश्रा ने दी। इस दौरान राष्ट्रीय स्तर की वालीवाल खिलाड़ी अधिवक्ता नीलम चंसोरिया सहित अन्य मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं का व्यवसाय कठिन परिश्रम, तनाव, अति व्यस्तता से पूर्ण होता है। इसी मनोवैज्ञानिक तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने प्रेरित करने खेल कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। पुस्कार वितरण पद्मश्री, पदमभूषण, गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर अधिवक्ता मिहिर सेन की जयंती के दिन आयोजित होगा। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला अनूठा आयोजन होगा। इसमें 100, 200, 400 मीटर की दौड़, गोला फेंक, भाला फेंक, तवा फेंक, पावर लिफ्टिंग, बैंच प्रेस, बैडमिंटन, टेबिल टेनिस खेल महिला व पुरुष वर्ग में होंगे।
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CM बोले- खाद को लेकर कुछ लोग अराजकता फैला रहे, कहा- खाद को लेकर अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटेंगे
भोपाल। मध्यप्रदेश में खाद की कमी को लेकर हो रही सियासत पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष को घेरा है। बिना नाम लिए सीएम ने कहा- कुछ लोग खाद को लेकर अफवाह और भ्रम का माहौल बनाकर अराजकता फैलाना चाहते हैं। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेंगे।
'प्रदेश में लगातार खाद की आपूर्ति की जा रही है। हम खाद की कमी नहीं आने देंगे। तकनीकी कारणों से बीच में थोड़ी दिक्कत आई थी। खाद की उपलब्धता है। मैं आपको आश्वस्त कर रहा हूं। आप बिल्कुल चिंता न करें। जरूरत के अनुसार खाद मिलेगी। कुछ लोग अफवाह और भ्रम फैलाकर प्रदेश में अराजकता का माहौल बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों से हम सख्ती से निपटेंगे। गड़बड़ करते हुए पाया जाएगा, तो कार्रवाई होगी। आप आश्वस्त रहें आपको पर्याप्त खाद उपलब्ध कराई जाएगी।'
चंबल, मालवा से लेकर विंध्य और बुंदेलखंड में खाद की आपूर्ति को लेकर किसान परेशान हैं। कई जिलों में किसान प्रदर्शन, चक्काजाम तक कर चुके हैं। प्रदेश में खाद के संकट पर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं। देवास, शिवपुरी, निवाड़ी, शाजापुर, रतलाम, इंदौर, धार समेत अन्य जिलों में खाद वितरण को लेकर किसान प्रदर्शन कर चुके हैं। विपक्ष भी खाद संकट के बहाने सरकार और प्रशासन को घेर रहा है। इधर, सरकार का दावा है कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है।
राजगढ़ में खाद की कालाबाजारी का VIDEO
राजगढ़ में किसान को खाद के लिए लगातार परेशान होना पड़ रहा है। किसान हर रोज खाद वितरण केंद्र पर खाद मिलने की आस को लेकर पहुंचते हैं। कुछ किसानों को ही खाद उपलब्ध हो पाती है। कई बार तो एक भी किसान को खाद उपलब्ध नहीं हो पाती है, जबकि किसानों के लिए जिले में पर्याप्त खाद की खेप पहुंच रही है। इस खाद की खेप में सेंध लगाते हुए मिलीभगत कर कुछ लोग खाद को खाद वितरण केंद्र से मुनाफाखोरी करने के लिए खाद को थोड़े ज्यादा कीमत में खरीद कर रख लेते हैं, जिसके बाद खाद के कट्टो को महंगे दामों में जरूरतमंद किसानों को बेच कर मुनाफा कमा लिया जाता है।