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100 करोड़ में विधायकों की खरीद-फरोख्त:तेलंगाना पुलिस ने 4 राज्यों में 7 ठिकानों पर छापा मारा, धर्मगुरु समेत 3 अरेस्ट

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हैदराबाद। तेलंगाना के चार विधायकों को सौ करोड़ में खरीदने की कोशिश के मामले में राज्य की पुलिस ने 4 राज्यों की 7 जगहों पर छापेमारी की है। मामले की जांच के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल (SIT) ने हरियाणा, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में छापा मारा।
SIT ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें हरियाणा के फरीदाबाद के धर्मगुरु रामचंद्र भारती, हैदराबाद के व्यवसायी नंद कुमार और तिरुपति के सिम्हाजी स्वामी शामिल हैं। इनके अलावा केरल के कोच्चि में डॉ. जग्गू के मकान की तलाशी ली गई।
धर्मगुरु रामचंद्र भारती के फरीदाबाद के अलावा कर्नाटक के पुत्तूर स्थित घर में भी तलाशी ली गई। इसके अलावा तिरुपति में सिम्याजी स्वामी के घर की भी तलाशी हुई। SIT ने हैदराबाद के जुबली हिल्स इलाके में व्यवसायी नंद कुमार के घरों और रेस्तरां पर भी छापा मारा।
SIT के एक अफसर ने बताया- डॉ. जग्गू ही रामचंद्र भारती और एक अन्य संदिग्ध तुषार के बीच कोऑर्डिनेट करता था। इसे और तुषार को अभी अरेस्ट नहीं किया जा सकता है। तुषार ने विधायक रोहित रेड्डी से फोन पर बात की थी। जग्गू को तुषार का करीबी माना जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि एक विधायक के रिश्तेदार श्रीनिवास ने सिम्याजी स्वामी के लिए तिरुपति से हैदराबाद के लिए फ्लाइट टिकट बुक की था।
पिछले महीने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भाजपा पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था- दिल्ली के दलाल हमारे विधायकों को रिश्वत देकर खरीदने का काम कर रहे हैं। तेलंगाना के एक फार्महाउस में हमारे 4 विधायकों को 100 करोड़ रुपए की पेशकश की गई, लेकिन KCR के विधायक बिकने वाले नहीं। उन्होंने ऑपरेशन लोटस के बारे में पुलिस को सूचना दी थी। हमारी सरकार को गिराने के लिए भाजपा हमारे 20-30 विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है।
KCR ने कहा था- ये लोग बोलते हैं कि वे तेलंगाना पर कब्जा करना चाहते हैं। मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि हमें सावधानी से मतदान करना चाहिए। ऐसी राजनीति की वजह से हम रिश्वत लेने के धोखे में नहीं आ सकते। मैं भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं कि यह क्रूरता क्यों? आप और कितनी पावर चाहते हैं। आप पहले ही दो बार चुने जा चुके हैं, फिर आप सरकारों को क्यों गिरा रहे हैं?
तेलंगाना सरकार ने राज्य में CBI की एंट्री पर भी सख्ती कर दी। एजेंसी को राज्य में किसी मामले की जांच के लिए सरकार की परमिशन लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर स्टीफन रवींद्र ने दावा किया था हमें TRS के विधायकों ने ही खरीद-फरोख्त होने की जानकारी दी थी। हमने अजीज नगर के एक फार्म हाउस पर छापेमारी की तो हमें नकदी और चेक बरामद हुए थे। कमिश्नर ने आगे कहा कि विधायकों को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक की डील हो सकती थी।
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उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पुल पर डेटोनेटर से ब्लास्ट, PM मोदी ने 13 दिन पहले किया था उद्घाटन
उदयपुर। उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर शनिवार देर रात अज्ञात लोगों ने ब्लास्ट कर दिया। इससे पटरियों पर क्रैक आ गया। मौके पर बारूद भी मिला है। बदमाशों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी। धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी। घटना के बाद अहमदाबाद से उदयपुर आ रही ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का लोकार्पण किया था।
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा- डेटोनेटर से पुल को उड़ाने की साजिश सामने आई है। उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा कि शुरुआत में तो यह लग रहा है कि पूरी तरह प्लानिंग कर ब्लास्ट किया गया है। डेटोनेटर सुपर 90 श्रेणी का है। बम स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पहुंचकर सबूत जुटाए हैं। घटनास्थल पर राजस्थान पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) भी पहुंच गई है।
घटना उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओढ़ा रेलवे पु​ल की है। जहां ग्रामीणों को शनिवार रात 10 बजे के आसपास धमाके की आवाज सुनाई दी। इसके बाद कुछ युवा तुरंत पटरी पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि रेलवे लाइन पर बारूद पड़ा है। पटरियां कई जगह से टूट चुकी थीं। पु​ल पर लाइन से नट-बोल्ट भी गायब मिले। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई मिली।
यह हालत देखकर ग्रामीणों ने तुरंत हादसे की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। इसके बाद ट्रैक पर यातायात रोका गया। अगर उस ट्रैक पर कोई ट्रेन आ जाती, तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
जावर माइंस थानाधिकारी अनिल विश्नाई ने बताया कि माइनिंग ब्लास्ट में काम आने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है। देसी विस्फोटक सामग्री मिली है। फिलहाल हर एंगल पर जांच कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा को डिटेल जांच के निर्देश दिए हैं।
उदयपुर रेलवे एरिया मैनेजर बदरी प्रसाद ने बताया कि उदयपुर-अहमदाबाद लाइन पर दोनों ट्रेन का संचालन बंद कर दिया है। लाइन की मरम्मत जल्द से जल्द कराई जा रही है। साजिश के पीछे कौन है, इस बारे में पता लगाया जा रहा है। ट्रेनें वापस कब शुरू होंगी, इस बारे में रेलवे अधिकारियों ने फिलहाल कुछ नहीं बताया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के मुताबिक पटरियां डैमेज होने के कारण इस रूट पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है।
1. असारवा-उदयपुर सिटी ट्रेन (19704) आज असारवा से डूंगरपुर तक चलेगी, यानी ट्रेन डूंगरपुर-उदयपुर सिटी स्टेशनों के बीच रद्द रहेगी।
2. उदयपुर सिटी-असारवा ट्रेन (19703) आज डूंगरपुर से असारवा तक चलेगी, यानी यह ट्रेन उदयपुर सिटी-डूंगरपुर स्टेशनों के बीच रद्द रहेगी।
उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2022 को असारवा स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर की थी। इस ट्रैक के लिए 6 साल लंबा इंतजार करना पड़ा। पहले यहां मीटर गेज (छोटी लाइन) थी, इसे हटाकर ब्रॉड गेज में तब्दील किया गया है।
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भारतीय अंडर ट्रायल दवा ने बचाई नेपाली महिला की जान:फेफड़े-लिवर, किडनी इंफेक्ट हो गए थे
लखनऊ। भारत में बनी एक नई दवा ने नेपाली महिला की जान बचाई। खास बात यह है कि यह दवा अभी यूरोप में अंडर ट्रायल है, यानी इसके इस्तेमाल की अभी अनुमति नहीं है। लेकिन यही दवा महिला के लिए जीवनदायी साबित हुई है।
क्या था पूरा मामला
अगस्त के शुरुआती दिनों में नेपाल की रहने वाली एक 50 साल की महिला ने लखनऊ में पेट की चर्बी हटाने के लिए टमी टक सर्जरी कराई। इसके कुछ ही दिन बाद महिला को बुखार आ गया, जो धीरे-धीरे फेफड़ों के इंफेक्शन में बदल गया। कुछ दिन बाद लिवर और किडनी पर भी इसका असर पड़ने लगा। महिला सेप्सिस का शिकार हो गई और उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया।
महिला की इस हालत के पीछे सूडोमोनास एरुगिनोसा नाम का ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया जिम्मेदार था। ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया पर अधिकतर दवाओं का असर नहीं होता है और इस मामले में तो कोलिस्टिन के अलावा कोई भी एंटीबायोटिक बैक्टीरिया पर असर नहीं कर पा रही थी। तीन हफ्ते बाद बैक्टीरिया पर कोलिस्टिन का असर भी खत्म हो गया। इसका मतलब ये था कि अब महिला के इलाज के लिए कोई दवा नहीं थी। ऐसे में महिला को लोकल अस्पताल से मेदांता में शिफ्ट किया गया।
मेदांता में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. दिलीप दुबे ने WCK5222 के बारे में रिसर्च पेपर में पढ़ा था। उन्होंने वॉकहार्ट में फोन किया और यह एंटीबायोटिक दवा मांगी। वॉकहार्ट लैब ने उन्हें बताया कि सिर्फ पेशेंट का परिवार ही इस दवा की मांग कर सकता है, वह भी सहानुभूति के आधार पर। इसके लिए भी उन्हें ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से परमिशन लेने के बाद। महिला के परिवार ने DCGI को पत्र लिखा और 48 घंटे में उन्हें इस एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की अनुमति मिल गई।
पेशेंट को WCK5222 का 10 दिन का मुफ्त कोर्स दिया गया। डॉ. दुबे ने बताया- ‘हालांकि हमने पेशेंट को 10 दिन तक दवा खिलाई, लेकिन उन्हें 5वें दिन ही बैक्टीरिया से राहत मिल गई थी।’ पेशेंट को 12 सितंबर को डिस्चार्ज किया गया। इसके बाद पेशेंट 5 मेडिकल चेकअप कराने मेदांता लखनऊ आई। कुछ हफ्ते पहले डॉक्टरों ने महिला को नेपाल जाने की अनुमति दे दी।
इस दवा को औरंगाबाद के वॉकहार्ट रिसर्च सेंटर में बनाया गया है। इस लैबोरेटरी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर महेश पटेल ने बताया, ‘हमारा ड्रग WCK5222, जो कि फिलहाल कुछ यूरोपीय देशों में क्लीनिकल ट्रायल में है, उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भरोसेमंद एंटीबायोटिक बताया था। अब हम इसका ट्रायल भारत में शुरू करेंगे।’
इस मामले के बाद वॉकहार्ट के रिसर्चर्स महेश पटेल और सचिन भागवत ने कहा कि अब हमारा प्लान है भारत में क्लीनिकल ट्रायल शुरू करना। WCK5222 के लिए हमने अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर से अप्रूवल ले लिया है और जल्द ही भारत में अध्ययन शुरू करने जा रहे हैं।
रिसर्चर्स ने बताया कि 2012 में 130 वैज्ञानिकों ने मिलकर WCK5222 पर काम शुरू किया। इस दवा का फेज 1 ट्रायल 200 मरीजों पर किया गया, जिसमें सामने आया कि यह दवा इंसानों पर इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। कंपनी के पास भारत समेत कई देशों से इस एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की रिक्वेस्ट आई हैं। इसके बारे में अब तक 25-30 पब्लिकेशंस में भी छप चुका है।