इंदौर। इंदौर क्राइम ब्रांच ने एबी रोड स्थित श्रीमाया होटल से नकली इंटरपोल अफसर को पकड़ा है। आरोपी शहर के एक व्यापारी को उसकी फंसी हुई रकम वापस दिलाने का झांसा देकर यहां आया था और उससे साढ़े तीन लाख रुपए भी ठग चुका था।
पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पुलिस को सौंप दिया। TI अजय वर्मा ने बताया कि MIG पुलिस ने पीयूष नेमा की शिकायत पर विपुल शेफर्ड को पकड़ा है। आरोपी तीन महीने से पीड़ित को व्यापार के सिलसिले में उलझे करीब पौने दो करोड़ रुपए निकालकर देने का झांसा दे रहा था। विपुल श्रीमाया होटल के चार कमरों के सुईट में ठहरा हुआ था। एक दिन पहले क्राइम ब्रांच की टीम यहां उसकी तफ्तीश करने पहुंची थी। उसी ने MIG पुलिस को भी यहां बुलाया।
आरोपी विपुल शेफर्ड मूल रूप से उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। एमबीए की पढ़ाई करने के बाद उसने बेंगलुरु में नौकरी की। कुछ समय बाद वह मप्र के बैतूल में आकर रहने लगा। टीआई अजय वर्मा के मुताबिक उसके पास से जो कार्ड और पुलिस लिखा लोगो मिला है। वह नकली है। उसके बारे में दिल्ली के अफसरों से भी जानकारी निकाली गई। दिल्ली पुलिस ने इस नाम के किसी भी व्यक्ति की पहचान नहीं होने की बात कही है।
आरोपी विपुल के बारे में जानकारी मिलने के बाद पहले दिन कार्रवाई को लेकर क्राइम ब्रांच के अफसर और थाने के पुलिसकर्मी घबराते रहे। उन्हें इस बात का डर था कि कहीं वो सचमुच इंटरपोल का अफसर ना हो। पूरी तफ्तीश के बाद क्राइम ब्रांच उसे अपने साथ ले गई और पूछताछ के बाद MIG पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
आरोपी विपुल जिस सुईट में ठहरा था, वहां से पुलिस को डायरी में इंदौर के अफसरों के नाम के साथ कुछ लिफाफे और एक आईडी कार्ड मिला। पहले विपुल खुद को इंटरपोल का अफसर बताकर रौब झाड़ता रहा। इस पर क्राइम ब्रांच की टीम ने MIG के पुलिसकर्मियों को उसे थाने ले जाने के लिए कहा। लेकिन पुलिसकर्मियों ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि जब तक दिल्ली से तफ्तीश नहीं हो जाती तब तक वह विपुल को थाने नहीं ले जाएंगे।
शिकायतकर्ता पीयूष ने कमलेश पांचाल को व्यापार के सिलसिले में करीब पौने दो करोड़ रुपए दिए थे। जो वापस नहीं आ रहे थे। इसी के चलते पीयूष के दोस्त पवन सुले ने अपने परिचित विपुल शेफर्ड के दिल्ली इंटरपोल ब्रांच में अफसर होने की बात बताई और उससे मिलवा दिया। इसके बाद से विपुल और पीयूष के बीच बातचीत होती रही। हालांकि विपुल ने उलझी राशि वापस दिलाने का झांसा देकर पीयूष से करीब साढ़े तीन लाख रुपए और ठग लिए। जिसके बाद पीयूष ने पुलिस से शिकायत की।
विपुल को क्राइम ब्रांच शुक्रवार रात अपने साथ ले गई थी। करीब 24 घंटे तक पूछताछ करने के बाद उसे MIG पुलिस के सुपुर्द किया गया। रविवार को उसे कोर्ट में पेश कर उसका रिमांड लिया गया। पूछताछ में उससे और वारदातों की जानकारी सामने आ सकती है।
पुलिस ने कहा कि इस मामले में पीड़ित को आरोपी से मिलवाने वाले उसके दोस्त पवन सुले और अन्य लोगों से भी पूछताछ होगी। यह पता लगाया जाएगा कि विपुल उनसे कैसे जुड़ा था। जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच को विपुल के कमरे से जो डायरी ओर लिफाफे मिले हैं। उसमें शहर के कई अफसरों के नाम लिखे हुए थे। फिलहाल पूरे मामले में पूछताछ के बाद ही और खुलासे की बात कही जा रही है।
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सगी बहन से एक करोड़ हड़पने के लिए करवा दिया भांजे का अपहरण
भोपाल। एक भाई ने अपनी विधवा बहन की एफडी से एक करोड़ हड़पने के लिए सगे भांजे का पहले अपहरण करवा दिया। फिर उस पर जानलेवा हमला भी किया। हमले से भांजा बेहोश हो गया लेकिन यहीं आरोपियों से चूक हो गई. वे उसे मृत समझकर सुनसान जगह पर फेंक गए। जब भांजे को होश आया तो उसने सारी हकीकत बयान कर दी।
रातीबड़ के जंगल में बेहोशी की हालत में मिले राहुल राय को मारने की साजिश सामने आ गई है. पुलिस के अनुसार राहुल की हत्या कराने की साजिश उसके मामा ने ही रची थी. पुलिस ने मामा अनुपम दास सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी मामा अनुपम दास व उसके दो सहयोगी हंसराज वर्मा एवं आदित्य चौरसिया की पूरी साजिश का पुलिस ने खुलासा किया। राहुल एक बैंक में रिकवरी मैनेजर है। एडिशनल डीसीपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि राहुल बैंक में था। दोपहर में हंसराज और आदित्य अपनी कार से राहुल के पास बैंक पहुंचे। यहां हंसराज ने राहुल से मुलाकात की। उसे बताया कि उसका रातीबड़ शाखा में लोन मंजूर नहीं हो रहा। मदद के बहाने वह राहुल को कार से रातीबड़ ले गए। रातीबड़ थाने से थोड़ा आगे निकलते ही आदित्य ने राहुल के सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इससे वह बेसुध हो गया। इसके बाद दोनों अपहर्ताओं ने रस्सी से गला दबा दिया। दोनों उसे मृत समझकर सुनसान जगह पर फेंक दिया। इसके बाद राहुल के मोबाइल से उसकी मां को फोन किया गया। फोन में धमकी दी कि एक करोड़ रुपए की दो घंटे के अंदर व्यवस्था कर लो। नहीं तो राहुल की जान को खतरा है। जब इन्हें पता चला कि पैसे की व्यवस्था नहीं हो पा रही तो आरोपी भाग निकले।
इससे पहले मौके से आरोपियों ने पीडि़त युवक के मोबाइल का इस्तेमाल कर घर पर मौजूद उसकी मां को अपहरण की जानकारी देते हुए एक करोड़ का इंतजाम करने को कहा था। घर पहुंचकर राहुल के मामा अनुपम दास ने अपनी बहन के सामने अनजान बनने का ड्रामा किया। बहन ने फोन पर फिरौती की जानकारी दी जिसके बाद आरोपी अपनी बहन को लेकर बाकायदा थाने पहुंचा और भांजे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इधर बेहोशी की हालत में मिले राहुल को राह चलते लोगों ने देखा और पुलिस को सूचना भेजी। घायल को अस्पताल लाकर इलाज करवाया गया।
बताई पूरी कहानी
होश आने पर राहुल ने पूरी कहानी पुलिस को सुनाई जिसके बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एडिशनल डीसीपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी मामा लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के फिक्स डिपॉजिट के बारे में जान चुका था और वह अपनी बहन से इस राशि को हड़पना चाहता था।
पुलिस के मुताबिक अनुपम दास और हंसराज पूर्व में प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा करते थे। दोनों को व्यवसाय में घाटा हो गया था। इसी बीच हंसराज ने अनुपम दास को अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताते हुए मदद मांगी। अनुपम दास ने उसे बताया कि उसके जीजा, राहुल राय के पिता बैंक में एजीएम पदस्थ थे जिनका निधन हो गया है। बहन के पास बहुत पैसा है। भांजे के नाम से भी जीजा ने डेढ़ करोड़ रुपए की एफडी कराई है। अनुपम दास ने हंसराज को कहा कि राहुल का अपहरण कर लो। बहन मुझसे ही मदद मांगेगी। एक करोड़ रुपए फिरौती मांगना। पैसों की व्यवस्था हम बहन से कराएंगे। इससे हम दोनों का कर्ज चुक जाएगा।
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हीरा तलाश रहे थे 20 हजार से अधिक लोग, 100 से अधिक डेरों को तोड़ लागू की धारा 144
पन्ना/अजयगढ़. हीरे की खदानों का गढ़ माने जाने वाले पन्ना जिले में प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई की है, अवैध रूप से हीरा तलाश रहे हजारों लोगों को खदेड़ दिया है, उनके करीब 100 से अधिक ठिकानों यानी झोपडिय़ों को तोडक़र क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है, ताकि फिर से कोई अपना डेरा नहीं डाल सके। इस कार्रवाई के कारण हडक़ंप मच गया था।
रूंझ नदी की निर्माणाधीन डैम साइट में दो महीने से हीरे का अवैध खनन कर रहे करीब 20 हजार लोगों पर वन विभाग ने अपनी नजर टेढ़ी कर ली है। शनिवार को विभाग एक्शन मोड पर आया और बड़ी संख्या में वन अमले के साथ मौके पर पहुंचा। ड्रोन की निगरानी में हीरे के अवैध खनन पर कार्रवाई करते हुए डैम साइट क्षेत्र से 100 से ज्यादा झोपडिय़ां हटाई और हीरा तलाश रहे हजारों लोगों को भगाया। दिनभर चली विभागीय कार्रवाई से अवैध हीरा कारोबारियों में हड़कम्प मचा रहा। वहीं शाम को एसडीएम ने विश्रामगंज एवं रूंझ डैम साइट में धारा 144 लागू कर दी है।
दरअसल, हीरे के इस अवैध कारोबार को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। खबरों को संज्ञान में लेकर बीते दिनों वन विभाग ने बैठक की। एक दिन पूर्व शुक्रवार को ड्रोन कैमरे से डैम साइट का सर्वे कराया। इसके बाद शनिवार की सुबह से कार्रवाई शुरू की।
रूंझ नदी के निर्माणाधीन डैम साइट में दिवाली के समय बड़ा हीरा मिलने की अफवाह के बाद से यहां दो महीने से मेले जैसे हालात हैं। कई किमी लंबे नदी क्षेत्र और पहाड़ी में 20 हजार (वन विभाग के अनुसार) से ज्यादा लोग हीरों की तलाश में लगे हैं। पहाड़ी में लगे पेड़ों के नीचे से मिट्टी निकाल लिए जाने के कारण पेड़ सूखकर गिर रहे हैं।
शनिवार की सुबह वन अमला व वन समितियों के लोग मौके पर पहुंचे। कक्ष क्रमांक पी-334, पी-328, पी-329, पी-335 में एसडीओ विश्रामगंज दिनेश गौर के नेतृत्व में रेंजर विश्रामगंज मनोज सिंह बघेल, रेंजर अजयगढ़ नीलेश प्रजापति, रेंजर धरमपुर नरेश ककोडिया ने सुरक्षा समिति आरामगंज, विश्रामगंज, गहलोतपुरवा, भसूड़ा, सिंहपुर, दहलान चौकी के वन समिति के सदस्य और ग्रामीणों के साथ मौके पहुंचे और समझाइश दी। इस पर कुछ लोग अपनी-अपनी झोपडिय़ां छोडक़र चले गए। उनकी झोपडिय़ों को वन विभाग ने हटा दिया। विभाग की मानें तो करीब 5 हजार लोग वन क्षेत्र से बाहर आकर अपने-अपने गंतव्य की ओर लौट गए। लगभग 1000 लोग वन क्षेत्र से बाहर आकर मुख्य मार्ग में वाहन एवं साधनों का इंतजार करने लगे। वहीं हजारों की संख्या में रूंझ बांध क्षेत्र में दिखे, जिन्हें भगा दिया गया।
एसडीएम सत्यनारायण दर्रो ने विश्रामगंज और रूंझ बांध परियोजना के निर्माण क्षेत्र में निर्माणाधीन कार्य एवं संभावित कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 लागू करने का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश 12 नवम्बर की रात से आगामी आदेश तक ग्राम विश्रामगंज और रूंझ बांध परियोजना के निर्माण क्षेत्र में प्रभावशील रहेगा। विश्रामगंज एवं रूंझ बांध परियोजना के निर्माण क्षेत्र में समूह में लोगों के एकत्रित होकर किसी तरह का प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध रहेगा। अवैध खनन कार्य भी नहीं कर सकेगा। बगैर अनुमति के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लागू होगा।
वन क्षेत्र से लोगों की झुग्गियां पूर्णता हटा ली गई हैं। अब वन अमला प्रतिदिन पहुंचकर वहां के अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाएगा। लोगों की आवाजाही भी प्रतिबंधित रहेगी।
-मनोज सिंह बघेल, रेंजर विश्रामगंज