गुना । नगरपालिका गुना में हुई पीएम आवास में गड़बड़ी की जांच जारी है, लेकिन जिम्मेदार बेखौफ हैं। क्योंकि, आज भी उनके द्वारा हितग्राहियों से किस्त डालने के बदले पैसों की मांग की जा रही है। नपा परिसर में गुरुवार की दोपहर एक हितग्राही ने 10 लोगों के सामने कहा कि जियो टैगिंग को लेकर उससे पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। अगर उक्त राशि नहीं देगा, तो उसकी तीसरी किस्त दो महीने बाद डाली जाएगी। वहीं एक हितग्राही पिछले चार साल से पहली किस्त खाते में डालने को लेकर भटक रही थी।
नगरपालिका परिसर गुना में गुरुवार की दोपहर तीन बजे हड्डीमील निवासी लल्लीराम ने 10 लोगों के सामने जियो टैगिंग करने वाले पर पांच हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया। उसका कहना था कि अगर वह पैसे देगा, तो उसकी किस्त दो दिन में खाते में आ जाएगी अन्यथा दो महीने बाद डाली जाएगी। उसने नपा प्रशासन के अधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं।
श्रीराम कालोनी निवासी पुष्पा अहिरवार नगरपालिका गुना कार्यालय में गुरुवार की दोपहर पीएम आवास की किस्त खाते में डालने को लेकर आवेदन लेकर पहुंची थी। उनका कहना था कि चार साल पहले पीएम आवास स्वीकृत कर दिया गया है, लेकिन किस्त अभी तक नहीं आई है। वह चार साल से नपा कार्यालय के चक्कर काट रही है, तो पति भी चार महीने पहले पीएम आवास का सपना देखते-देखते मर गए। उन्होंने बताया कि पति के मरने के बाद नपा के कर्मचारी उनके घर पहुंचे और बोले कि पति के खाते में किस्त डाल दी गई है। उन्होंने ही उस पैसे को खर्च कर लिया है।
अपर कलेक्टर आदित्य सिंह ने नगरपालिका गुना में पीएम आवास में हुई गड़बड़ी की जांच बिठाई है। उनका कहना है कि सीएमओ इशांक धाकड़ और उपयंत्री सुनील जैन के कार्यकाल में पीएम आवास के किए गए भुगतान को लेकर जांच की जा रही है। वहीं इस योजना में जो भी लोग दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अपर कलेक्टर ने बीते दिनों कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में छह नगरीय निकायों में पीएम आवास को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पीएम आवास योजना में राशि पेडिंग है, उनको सबसे पहले किस्त जारी की जाएगी। वर्ष 2018 में जिन हितग्राहियों को किस्त जारी नहीं की गई है, उनको पहले किस्त डाली जाएगी।