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पत्नी किसी और के साथ चली गई, बच्चों से मिलने की चाह में 21 फीट की दीवार कूदकर भागा कैदी

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बड़वाह । शहर से लगभग तीन किलोमीटर दूरी पर काटकूट फाटे पर बनी बड़वाह उपजेल से फरार हुए बंदी को कड़ी मशक्कत के बाद 21 घंटे के अंदर ही जेलकर्मियों ने रामकुल्ला क्षेत्र में एक मंदिर की गुफा से ढूंढ निकाला।
बताया जाता है कि उसे एक दिन पहले मुलाकात के दौरान यह जानकारी मिली थी कि उसकी पत्नी कुछ दिन पहले उसके दो बच्चों को छोड़कर किसी और के साथ चली गई। उन्हीं बच्चों से मिलने की चाह में वह 21 फीट की दिवार कूदकर उनसे मिलने चला गया था। वह बच्चों से मिल पाता उसके पहले ही वह एक बार फिर से सलाखों के पीछे जा पहुंचा।
जेल से उसके भागने के बाद हड़कंप मचा हुआ था। 14 अक्टूबर से उप जेल में आबकारी अधिनियम के तहत बंद संजू उर्फ संजय पिता गोविंद मानकर (27) उप जेल की 21 फीट ऊंची दीवार फांदकर भाग गया था। पुलिस एवं जेलकर्मियों के लगातार पीछा करने के चलते यह स्पष्ट था कि वह उनके हाथ से ज्यादा दूर नहीं हैं।
जंगल के अंदर के रास्तों के लिए पुलिस एवं जेलकर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद ली। लगातार सर्चिंग आपरेशन चलाया। रातभर टीमें फरार बंदी संजय को उसके ग्राम खेड़ीटांडा एवं भागने वाले रूट पर तलाश करती रही। दिन में सिद्धवरकूट मार्ग स्थित चौड़ापाठ पर दिखने के बाद वह शाम के समय भी रामकुल्ला क्षेत्र में ही दिखाई दिया था।
इसके चलते पुलिस ने उस इलाके में अपनी छानबीन और तेज कर दी। अंधेरा होने के बाद पुलिस एवं जेलकर्मियों को शक था कि यदि उसने जंगल को पार कर लिया तो उसे ढूंढना ओर अधिक मुश्किल हो जाएगा। इसके चलते रात होने के बावजूद टीमों ने हार नहीं मानी।
संभावित क्षेत्र में रात को ढूंढने के साथ ही अलग-अलग टीमों ने इलाके को घेर कर रखा। सुबह उजाला होते ही उसे जेलकर्मियों एवं स्थानीय लोगों ने रामुकल्ला में शिव मंदिर के पास उसे देखा तो वह देखकर छिपने का प्रयास करने के साथ भागने लगा। तभी जेलकर्मियों ने भी दौड़ लगाकर उसे पकड़ लिया। सहायक जेल अधीक्षक युवराज मुवैल ने बताया कि फरार बंदी संजय को पकड़ने के लिए पुलिस के साथ ही हमारी टीम ने दिन के साथ ही रात भर सर्चिंग अभियान चलाया। इसके बाद अलसुबह सात बजे के आसपास हमारी टीम ने उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
जानकारी अनुसार कैदी जब जेल से फरार हुआ था तब वह शर्ट पहना हुआ था। इसके बाद दोपहर में उसे सिद्धवरकुट मार्ग पर चोड़ा पाठ के पास देखा गया था। पुलिस को देख वह शर्ट छोड़कर बनियान में ही भाग निकला था। इसके बाद उसका शर्ट भी बरामद कर लिया गया था, लेकिन जब वह जेलकर्मियों को सुबह सात बजे दिखा तो वह ना सिर्फ शर्ट पहने था बल्कि शर्ट के ऊपर जैकेट भी पहने था। जांच टीम इस बिंदु पर भी काम कर रही है कि यह शर्ट ओर जैकेट उसे कहां से उपलब्ध हुई है।
बंदी के इस तरह आसानी से भागने के बाद जेलकर्मियों पर लापरवाही के सवाल उठ रहे थे। इसके चलते जेल में कार्यरत पूरे अमले ने बंदी को पकड़ने के लिए खासी मशक्कत की। इसके साथ ही पुलिस ने भी उसे पकड़ने के लिए तुरंत टीमें सर्चिंग के लिए लगा दी। शाम होते होते निराशा हाथ लगने के बाद जांच टीमों ने उन खास स्थानीय लोगों की मदद ली, जिन्हें जंगल के साथ ही इलाके के हर रास्ते की जानकारी हो। अलग-अलग बनी टीमों में एक टीम जेलकर्मी आकाश तहाड़, आकाश भंवर एवं रोहित सिंह चौहान के साथ दो स्थानीय लोगों की टीम थी। इसी टीम ने उसे रामकुल्ला के पास से पकड़ा भी है।

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वर्चस्व की लड़ाई में सड़क पर चली गोलियां, लोगों ने छुपकर बचाई जान
ग्वालियर। ग्वालियर के पिंटो पार्क में वर्चस्व की लड़ाई में दो गुटों में अंधाधुंध फायरिंग हुई है। एक-दूसरे को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में दोनों गुट की तरफ से दो लोग घायल हुए हैं। घायल होने वाले दोनों छात्र हैं, लेकिन दोनों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं।
एक छात्र पेट में छर्रे व हाथ में गोली लगने से घायल हुआ है, जबकि दूसरे को पैर में गोली लगी है। बीच सड़क पर गोलीबारी की घटना के बाद दहशत का माहौल है। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती घायलों के बयान के आधार पर दोनों पक्षों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
शहर के गोला का मंदिर पिंटो पार्क शिव कॉलोनी निवासी अन्नी उर्फ रोहित पाल पुत्र हरीसिंह पाल 12वीं का छात्र है। उसकी जड़ेरुआ गांव निवासी अमन यादव पुत्र नरेश यादव से इलाके में वर्चस्व को लेकर पुरानी लड़ाई चल रही है। अमन भी B.COM फर्स्ट ईयर का छात्र है। दोनों पर ही कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। कुछ दिन पहले भी दोनों पक्ष में झगड़ा हुआ था। तब अन्नी ने अमन यादव से पैर छूकर माफी मांगी थी। उसका आरोपियों ने VIDEO बना लिया था। उसके बाद वह उसे उसी VIDEO को लेकर मजाक उड़ा रहे थे। जिस पर फिर विवाद हो रहा था। शुक्रवार को हुए विवाद में दोनों तरफ से फायरिंग हुई है, जिसमें एक तरफ से अन्नी पाल तो दूसरी तरफ से अमन यादव घायल हुए हैं। घायल अन्नी पाल ने बताया कि वह किसी शादी में जाने के लिए राजेन्द्र सिंह की मार्केट के बाहर खड़ा था। तभी अमन यादव अपने साथियों अमर, शिवम तोमर व ऋषभ सिंह के साथ आया और गोलियां पहले मारपीट की फिर गोलियां चलाना शुरू कर दीं। जिसमें एक गोली अन्नी के पैर में लगी और वह घायल हो गया। उसने मदद के लिए छोटू परिहार को बुलाया और अस्पताल पहुंचा। वहीं अमन यादव के पक्ष का कहना है कि अन्नी की तरफ से गोलियां चलाई गईं। जिसमें अमन को हाथ में गोली लगी है और पेट में छर्रे लगे हैं।
- घटना स्थल पिंटो पार्क का बाजार है। राजेन्द्र सिंह की मार्केट के पास गोलीबारी हुई है। जिस समय यह फायरिंग हुई वहां काफी लोग मौजूद थे और खरीदारी कर रहे थे। गोलीबारी होते ही वहां भगदड़ के हालात बन गए। लोग यहां वहां छुपने के लिए भागे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। लोगों का कहना है कि करीब 8 से 10 गोलियां चली हैं।
- गोला का मंदिर थाना के प्रभारी धर्मेन्द्र यादव ने बताया कि अन्नी पाल की शिकायत पर फायरिंग करने वाले अमन यादव, ऋषभ, शिवम तोमर और अमर के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। वहीं दूसरे पक्ष से घायल अमन यादव की शिकायत पर छोटू परिहार, रोहित पाल, अभिषेक गुर्जर, पोपट तोमर व एक अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
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फर्जी कराई वसीयत,तहसीलदार, रीडर समेत पांच आरोपियों को तीन-तीन साल की सुनाई सजा
भिंड। भिंड जिले के मेहगांव थाने क्षेत्र में छह साल पहले जिंदा व्यक्ति को मृतक बताकर फर्जी वसीयत कराए जाने का मामले सामने आया था। यह मामला मेहगांव में जिला सत्र न्यायाधीश अशोक गुप्ता की न्यायालय में चल रहा था। इस मामले में वादी-प्रतिवादी पक्ष की सुनवाई के बाद निर्णय सुनाया गया। न्यायाधीश ने इस मामले में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से वसीयत होना पाया। इस मामले में न्यायाधीश ने तत्कालीन तहसीलदार अशोक गोबड़िया, राजस्व विभाग के रीडर रामशरण यादव सहित 5 लोगों के खिलाफ तीन-तीन साल की सजा व अर्थदंड से दंडित किया गया।
इस प्रकरण की अभियोजन की तरफ से पैरवी अपर लोक अभियोजक देवेश शुक्ला ने की थी। बताया गया है कि वर्ष 2016 में मेहगांव में पदस्थ रहे तत्कालीन तहसीलदार अशोक गोबड़िया व राजस्व विभाग के तत्कालीन रीडर रामशरण यादव समेत मोरोली के रहने वाले रायसिंह कुशवाह,उनकी पत्नी गुड्डी कुशवाह और गंगासिंह के खिलाफ मेहगांव पुलिस थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकद्दमा दर्ज हुआ था। रायसिंह ने राजस्व अफसरों के साथ मिलकर षड्यंत्र पूर्वक छोटेलाल के जिंदा रहते हुए फौती दस्तावेज (मृत्यु प्रमाण पत्र ) तैयार कराया। इसके आधार पर अपने भाई के हिस्से की जमीन को हड़पने का षड्यंत्र रचा। आरोपी पक्ष ने इस मामले में साक्षी अपनी पत्नी गुड्‌डीबाई व समधी गंगासिंह निवासी सोनी काे बनाया था। इस मामले की जानकारी लगते ही फरियादी छोटे सिंह ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी बनाते हुए न्यायालय में पेश किया था। इस मामले की छह साल से सुनवाई जिला सत्र न्यायाधीश अशोक गुप्ता की अदालत में चल रही थी। न्यायाधीश गुप्ता ने इस मामले में सभी पक्षों को सुना और फरियादी पक्ष के साथ षड्यंत्र रचा जाना सिद्ध पाया। इस आधार पर सभी पांचाें आरोपियों केक खिलाफ तीन-तीन साल की सजा समेत तीन-तीन हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। हालांकि इस मामले में आरोपी बने तहसीलदार और रीडर कुछ साल पहले रिटायर हो चुके हैं।