मुंबई। महाराष्ट्र के सोलापुर में जुड़वां बहनों ने एक ही लड़के से शादी कर ली। शुक्रवार को मालशिरस में यह शादी हुई। दोनों बहनें IT इंजीनियर हैं। वो बचपन से ही दोस्तों की तरह रहीं और आगे भी साथ रहना चाहती हैं। दोनों ने अतुल नाम के लड़के से शादी का फैसला किया। इस शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद लोग पूछ रहे हैं, क्या यह शादी कानूनी तौर पर जायज है? फिलहाल, पुलिस ने दूल्हे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,अतुल का मुंबई में ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस है। मूल रूप से वह मालशिरस तालुका का रहने वाला है। पिंकी और रिंकी के पिता की कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। इसके बाद से दोनों बहनें मां के साथ मालशिरस तालुका में आकर रहने लगीं।
पिता की मौत के बाद से बहनों की मां भी बीमार रहने लगीं। कुछ दिनों पहले उनकी मां की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उस दौरान अतुल ने उनकी मां को अस्पताल ले जाने में मदद की। फिर धीरे-धीरे अतुल, पिंकी और रिंकी के करीब आ गया। अब तीनों ने परिवार की सहमति से शादी कर ली है।
इनकी शादी का वीडियो वायरल हुआ तो ही एक शख्स ने पुलिस से शिकायत की। इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और दूल्हे के खिलाफ धारा 494 के तहत केस दर्ज कर लिया।
पिथौरागढ़ में नेपाल की तरफ से भारतीय मजदूरों पर पथराव
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल बॉर्डर पर रविवार को तनाव बढ़ गया है। खबर है कि नेपाल की तरफ से भारतीय मजदूरों पर पथराव किया गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। पत्थरबाजी होने पर भारतीय मजदूरों में भी भगदड़ मच गई। भारतीय मजदूर अपनी तरफ काली नदी पर तट बनाने का काम कर रहे थे। नेपाल के नागरिक इसका विरोध कर रहे हैं।
शाही इमाम बोले- महिलाओं को टिकिट देने से इस्लाम कमजोर होता है
अहमदाबाद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि चुनावों में महिलाओं को टिकट देने से इस्लाम कमजोर होता है। इमाम ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए अब आदमी नहीं बचे हैं क्या? जो लोग मुस्लिम महिलाओं को चुनाव का टिकट दे रहे हैं वे इस्लाम के खिलाफ हैं और वे इस धर्म को कमजोर कर रहे हैं।
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जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद ने कहा- 'मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ'
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच अहमदाबाद में जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। इमाम ने मुस्लिम महिलाओं के राजनीति में भाग लेने को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को चुनावी टिकट देने वाले इस्लाम के खिलाफ हैं। इससे वे धर्म को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
इमाम सिद्दीकी ने आगे कहा कि नमाज के दौरान एक भी औरत आपको नजर नहीं आई होगी। इस्लाम में सबसे ज्यादा अहमियत नमाज की होती है। अगर औरतों का इस तरह से लोगों के सामने आना जायज होता तो उन्हें मस्जिद से नहीं रोका जाता। मस्जिद से रोक दिया गया, क्योंकि इस्लाम में औरत का एक मकाम है।
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मुस्लिम महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारते हैं वे इस्लाम से बगावत करते हैं। क्या कोई आदमी नहीं बचा है? हमारे मजहब में पुरुषों की कोई कमी नहीं है। इससे पहले इमाम ने कहा था कि मुस्लिमों के वोटों में बटवारे के चलते साल 2012 में अहमदाबाद की जमालपुरा सीट पर भी भाजपा ने कब्जा कर लिया था। इस बार एकजुट होकर वोट करना है। मुस्लिम उसी को जिताएं, जो उनके हक के लिए काम करता हो।
इससे पहले गुजरात में मुस्लिम वोटों को लेकर उन्होंने कहा था कि राज्य के मुसलमानों और गुजरात में किसी तीसरी पार्टी के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि पहले भी लोग आएं हैं पर चले नहीं। ऐसे में अगर किसी तीसरी पार्टी के चक्कर में आपने कांग्रेस से अदावत ले ली तो ये ठीक नहीं है, भाजपा से तो पहले से ही है।
उत्तर व मध्य-पूर्व गुजरात के 14 जिलों की 93 सीटों पर मतदान होगा। जिसमें 74 सामान्य तो 6 एससी और 13 सीटें एसटी की हैं। कुल 2.51 करोड़ मतदाताओं में से 1.22 करोड़ महिलाएं हैं। 18 से 19 वर्ष के 5.96 लाख मतदाता हैं। 90 वर्ष अधिक उम्र के 5400 मतदाता हैं।
सोमवार को होने वाले मतदान में महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सीटों में अहमदाबाद घाटलोडिया, नरोडा, वटवा, विसनगर, थराद, महेसाणा, विरमगाम, गांधीनगर (दक्षिण), खेडब्रह्मा, मांजलपुर, वाघोडिया, खेरालु, दस्कोई, छोटा उदेपुर, संखेडा आदि शामिल हैं।
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कश्मीर फाइल्स को 3 और जूरी मेंबर्स ने प्रोपेगैंडा कहा:बोले- इजरायली फिल्म मेकर लैपिड के बयान से सहमत हैं
नई दिल्ली। फिल्म द कश्मीर फाइल्स को वल्गर और प्रोपेगैंडा बताने वाले इजरायली फिल्म प्रोडयूसर नदाव लैपिड का तीन जूरी ने सर्मथन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जूरी मेंबर जिन्को गोटोह, पास्कल चावेंस, जेवियर एंगुलो बारटुरेन ने एक ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा- लैपिड ने जूरी चीफ के रूप में जो भी कहा उसे पूरी जूरी जानती है और हम उससे सहमत हैं।
उन्होंने यह दावा भी किया कि लैपिड का अपना ये निजी बयान था। हालांकि इस बयान में भारतीय फिल्म निर्माता सुदीप्तो सेन का नाम नहीं है, जो उस कार्यक्रम में शामिल थे।
दरअसल, गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के समापन समारोह में लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगैंडा बताया था। इसके बाद से ही उनके बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया।
लैपिड का मतलब पंडितों की त्रासदी को नकारना नहीं था
उन्होंने कहा लैपिड ने यह साफ भी कर दिया कि उनका मतलब कश्मीरी पंडितों की त्रासदी को नकारना नहीं था, बल्कि उन्होंने केवल फिल्म के सिनेमैटिक जोड़-तोड़ पर टिप्पणी की थी। यह त्रासदी तो एक सीरियस फिल्म की हकदार है। लैपिड अपनी टिप्पणी को लेकर माफी भी मांग चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के समापन समारोह में जूरी चीफ लैपिड ने जूरी मेंबर्स की ओर से एक बयान दिया था। जिसमें कहा था कि हम सभी 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से परेशान और हैरान थे, जो हमें एक वल्गर प्रोपेगेंडा की तरह लगी। फिल्म इस तरह के समारोह के लिए उचित नहीं है और उनके इस बयान पर हम कायम हैं।
नदाव लैपिड इजराइली फिल्म मेकर, डॉयरेक्टर और स्क्रीन राइटर हैं। IFFI के इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन के जूरी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने फिल्म स्य्नोन्य्म्स (Synonyms) के लिए 2019 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बियर पुरस्कार जीता था।
इसे स्पष्ट करने के लिए हमने फिल्म के कंटेंट पर कोई राजनीतिक रुख नहीं लिया था। हम केवल एक कलात्मक बयान दिया। लेकिन इस मुद्दे पर पहले मंच पर राजनीति हुई और फिर बाद में नदाव पर पर्सनल अटैक किए गए हम इस बात से बहुत दुखी हैं। जूरी का इस तरह का कोई इरादा नहीं था।
जिंको गोटोह एक ऑस्कर नामांकित अमेरिकी निर्माता हैं। जेवियर एंगुलो बार्टुरन डाक्यूमेंट्री फिल्ममेकर और फ्रांस के पत्रकार हैं। पास्कल चावांस फ्रांस के फिल्म ऐडिटर हैं।
इजराइली फिल्म मेकर ने कश्मीर फाइल्स को वल्गर कहा
गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के समापन समारोह में इजराइली फिल्म मेकर के एक बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। नदाव लैपिड (इजराइली फिल्म मेकर) ने सोमवार को ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया था। लैपिड जब ये बयान दे रहे थे, उस समय मंच पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मंच पर मौजूद थे।
'द कश्मीर फाइल्स' विवाद पर इजराइली राजदूत को धमकी मिली, कहा- तुरंत भारत छोड़ो
'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन को देश छोड़ने की धमकी मिल रही है। उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर एक मैसेज का स्कीनशॉट शेयर किया। जिसमें लिखा था- ‘हिटलर महान था जो उसने तुम जैसे मैल को जला दिया। तुरंत भारत छोड़ो, हिटलर एक महान व्यक्ति था।’ उन्होंने बताया कि यह मैसेज उन्हें ट्विटर पर भेजा गया है। मैसेज भेजने वाले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैं उसकी पहचान छिपा रहा हूं, उसकी प्रोफ्राइल में पीएचडी होल्डर लिखा है।