मेरठ। यूपी के मेरठ में एक बेटे ने महंगे शौक पूरे करने और गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए अपने ही घर में लूटपाट की। उसने दोस्तों की मदद से मां-बाप को बंधक बनाया और कैश के साथ जेवरात भी लूट लिया। बेटे ने पुलिस से बचने के लिए मोबाइल के कॉल, मैसेज और चैट डिलीट कर दिए थे। लेकिन, गूगल बैकअप से पुलिस को सारी चैट हिस्ट्री मिल गई और सच सामने आ गया।
दरअसल, शनिवार रात शहर के परतापुर थाना क्षेत्र के शताब्दी नगर सेक्टर 4C में सिंघाड़ा आढ़ती योगेश कुमार के घर में 14 लाख रुपए कैश और सोने, चांदी के जेवरात की लूट हुई थी। परिवार ने थाना परतापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस की तहकीकात में घर लूटने वाला कोई और नहीं आढ़ती का बेटा और उसके दोस्त निकले। पुलिस ने आढ़ती के बेटे और दोस्तों से लूट की रकम और जेवर भी बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने 24 घंटे में ही केस सॉल्व किया।
आढ़ती योगेश के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा नमन है, इसके बाद एक बेटी और एक छोटा बेटा है। नमन ने ही अपने 3 दोस्त चिंटू सैनी, शिवम सैनी, शिवम गिल, जो पड़ोस में ही रहते हैं, उनके साथ मिलकर अपने घर में लूट की। दरअसल, आढ़ती का सिंघाड़े का पेमेंट आया था। नमन को पता था कि पापा ने पैसे कहां रखे हैं। उसे सेफ की चाबी से लेकर सारी चीजों का आइडिया था। इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए नमन ने दोस्तों को सारी सूचना दी और वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस के अनुसार, नमन के पिता योगेश ने बताया कि नमन बिगड़ गया है। उसके बहुत महंगे शौक हैं। गलत कामों में भी पड़ गया है। इसकी वजह से उसको पिता से अक्सर डांट पड़ती थी। उसे अपने महंगे शौक, गलत आदतें पूरा करने के लिए पैसा चाहिए था। पिता ने बेटे को पैसा देना बंद कर दिया था। इसलिए नमन ने इस घटना को अंजाम दिया। उसने पुलिस के सामने पूरी घटना कबूल की। उसने बताया कि घर से पैसे चुराकर ऐश करने का प्लान था।
नमन ने पुलिस को बताया कि उसने दोस्तों को पूरी प्लानिंग बताई थी। कैश और जेवर लूटकर आपस में बांटने और सारे खर्चे पूरे करने का प्लान था। नमन के दोस्त भी इस साजिश में पैसे के लालच में उसके साथ हो लिए। नमन ने मोबाइल कॉल, मैसेंजर और वॉट्सऐप से लगातार इन तीनों लड़कों को शनिवार को संपर्क किया। घर में पैसा कहां रखा है? क्या हो रहा है इसकी सूचना देता रहा।
रात ढाई बजे ये तीनों लड़के मुंह ढंक कर चुपचाप नमन के घर में दाखिल हुए। नमन ने उनके लिए दरवाजा भी खोला, सेफ की लोकेशन बताई। इन दोस्तों ने नमन के परिवार को बिस्तर से बांधा और हथियार का खौफ दिखाकर कैश और जेवर लूटकर ले गए। सभी ने मुंह ढंका था इसलिए कोई इन्हें पहचान नहीं सका। लुटेरों के जाने के बाद आढ़ती ने रात को ही परतापुर थाने में घर से 14 लाख रुपए और जेवर की लूट की शिकायत दी।
इतनी बड़ी लूट से पुलिस भी सकते में आ गई और मामले की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने जब आढ़ती के परिवार के लोगों के मोबाइल चेक किए तो नमन के मोबाइल से सारा राज सामने आ गया। नमन ने सारे कॉल, मैसेज और चैट डिलीट कर दिए थे। लेकिन, गूगल बैकअप से पुलिस को सारी चैट हिस्ट्री मिल गई और सच सामने आ गया। नमन की चैट हिस्ट्री में लूट की पूरी प्लानिंग थी।
SP सिटी पीयूष सिंह ने बताया कि पुलिस ने आढ़ती के बेटे और तीनों दोस्तों को पकड़ा। पूछताछ में इन लड़कों ने सारी सच्चाई बता दी है। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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सु्प्रीम कोर्ट ने कहा- भारत में रह रहे हैं तो यहां के कल्चर के हिसाब से चलना होगा
नई दिल्ली। जबरन धर्मांतरण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस बार भी जबरन धर्मांतरण को गंभीर समस्या बताया और कहा कि जबरन धर्मांतरण भारत के संविधान के खिलाफ है। 14 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे रोकने का प्लान पूछा था और हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविवकुमार की बेंच को बताया कि वे सभी राज्यों से जबरन धर्मांतरण का डेटा इकठ्ठा कर रहा है। इसके लिए उन्होंने कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि धर्म परिवर्तनों के ऐसे मामलों को रोकने के लिए अलग से कानून बनाया जाए या फिर इस अपराध को भारतीय दंड संहिता (IPC) में शामिल किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि यह मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है, बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
एक वकील की तरफ से इस याचिका की मान्यता पर सवाल उठाए जाने पर बेंच ने कहा कि इतना टेक्निकल होने की जरूरत नहीं है। हम यहां पर उपाय ढूंढने के लिए बैठे हैं। हम यहां एक मकसद के लिए हैं। हम चीजों को ठीक करने आए हैं। अगर इस याचिका का मकसद चैरिटी है, तो हम इसका स्वागत करते हैं लेकिन यहां नीयत पर ध्यान देना जरूरी है।
बेंच ने आगे कहा कि इसे आप अपने विरोध के तौर पर मत देखिए। यह बेहद गंभीर मुद्दा है और आखिरकार हमारे संविधान के विरुद्ध है। जब आप भारत में रह रहे हैं तो आपको यहां की संस्कृति के हिसाब से चलना होगा।
पिछली सुनवाई में धर्मांतरण को बहुत गंभीर मुद्दा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में दखल देने को कहा था। साथ ही यह भी कहा कि इस चलन को रोकने के लिए ईमानदारी से कोशिश करें। कोर्ट ने इस बात की चेतावनी भी दी कि अगर जबरन धर्मांतरण को नहीं रोका गया तो बहुत मुश्किल परिस्थितियां खड़ी हो जाएंगीं।
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि धर्म परिवर्तन के ऐसे मामले आदिवासी इलाकों में ज्यादा देखे जाते हैं। इस पर कोर्ट ने उनसे पूछा कि अगर ऐसा है तो सरकार क्या कर रही है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस मामले में क्या कदम उठाए जाने हैं, उन्हें साफ करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के तहत धर्मांतरण कानूनी है, लेकिन जबरन धर्मांतरण कानूनी नहीं है।
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि 1950 में संविधान सभा में इस बारे में चर्चा की गई थी और सरकार भी इस मसले से वाकिफ है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इस बारे में अपना जवाब दाखिल करेगी।
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ड्रम से मिले महिला के टुकड़े:मालिक ने डेढ़ साल बाद किराएदार का दरवाजा तोड़ा तो पता चला
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक बंद कमरे में रखे ड्रम से महिला के शरीर के कटे हुए अंग मिले हैं। घटना मदुरवाड़ा की है। पुलिस को शक है कि महिला का शव एक साल से ज्यादा वक्त से वहां पड़ा हुआ है। मकान मालिक की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है।
मदुरवाड़ा में एक व्यक्ति ने अपना घर किराए पर दिया था। जून 2021 में किराएदार ने पत्नी के गर्भवती होने का हवाला दिया। वह बिना बकाया चुकाए मकान खाली कर गया। तकरीबन डेढ़ साल तक मकान मालिक किराएदार के लौटने का इंतजार करता रहा। एक दिन उसने ताला तोड़ दिया।
शिकायत करने वाले मकान मालिक ने बताया कि किराएदार एक बार पिछले दरवाजे से घर में घुसा था। पुलिस कमिश्नर श्रीकांत का कहना है कि उन्हें शक है कि ये टुकड़े किराएदार की पत्नी के हो सकते हैं। शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि शव करीब 3 महीने पहले टुकड़ों में काट दिया गया था, जिसका पता अब चला है।