बैतूल। बैतूल में हॉस्टल की छात्राओं को जूते की माला पहनाकर छात्रावास में घुमाने और मुंह पर कालिख पोतकर डांस करवाने का मामला सामने आया है। मामला दामजीपुरा में संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग के कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का है। घटना के बाद से पीड़ित छात्रा इतनी डरी हुई है कि परिजनों को छात्रावास लौटने से इनकार कर दिया। कलेक्टर ने इस मामले में जांच के बाद सख्त कार्रवाई की बात कही है।
मामला सामने आने के बाद कोरकू समाज संगठन और बच्ची के परिजन मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर से इसकी शिकायत की। कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच के बाद संबंधित कर्मचारी को सस्पेंड करेंगे। इधर कोरकू समाज संगठन ने जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
ये घटना करीब एक सप्ताह पुरानी है, और वार्डन की इस करतूत का खुलासा तब हुआ जब परिजन 5वीं की छात्रा से मिलने छात्रावास पहुंचे। छात्रा ने रो-रोकर उन्हें आपबीती सुनाई। छात्रा ने परिजनों को बताया कि 400 रुपए की चोरी का इल्जाम लगाकर बेटी को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। घटना पर विरोध जताते हुए छात्रावास अधीक्षिका से बात की तो उन्होंने अपनी गलती मानते हुए इसके न दोहराए जाने का भरोसा दिया। पीड़ित बच्ची ने इस घटना की आपबीती बताई...पढ़िए उसी की जुबानी
पांचवी में पढ़ने वाली छात्रा ने बताया- यह बात पिछले रविवार की है। छात्रावास की अधीक्षिका सुनीता उईके ने पांच छात्राओं पर चोरी का इल्जाम लगाया। इनमें मैं भी शामिल थी। सबसे पहले अधीक्षिका ने हमें जूते-चप्पल की माला पहनाई। इसके बाद हॉस्टल के सभी कमरों में घुमाया। रात में हमारे साथ मारपीट की गई। काजल, लिपिस्टिक, पाउडर लगाया गया। हमारे बाल खुलवाए गए। इसके बाद हमें डांस करने को कहा गया। डांस करने से इनकार किया तो फिर से पीटा गया। हम पर आरोप लगाया गया कि हमने 400 रुपए चोरी किए हैं। हमने तो कोई चोरी नहीं की, फिर भी हमें जलील और प्रताड़ित किया गया।
बच्ची ने आगे कहा- अब तो मुझे छात्रावास जाने में भी डर लग रहा है। मैं अब छात्रावास में वापस नहीं जाना चाहती हूं। रविवार को भी खूब प्रताड़ित किया गया। रात में हमें भूत बनाया गया। उसी स्टाइल में डांस करने को कहा गया। धमकाया गया कि अगर इसकी शिकायत घर पर की तो और पीटा जाएगा। हम पांच छात्राओं में मेरे क्लास की ही एक और लड़की को आरोपी बनाया गया। इसके अलावा 7वीं और 8वीं क्लास की भी एक-एक छात्राओं को प्रताड़ित किया गया।
आपबीती बताते समय 5वीं की छात्रा की आंखों में डर नजर आ रहा था। उसने दबी जुबान में कहा- मैडम बहुत प्रताड़ित करती हैं। छात्रावास में रोज समय पर खाना नहीं मिलता। कई बार तो दोनों टाइम खाना नसीब नहीं होता है। पहले भी इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छात्रा के पिता ने बताया कि बेटी बहुत डरी हुई है। वो कहती है- मैं अब छात्रावास नहीं जाना चाहती। मुझे अब नहीं पढ़ना। हमने अधीक्षिका से बात की तो उन्होंने गलती स्वीकारी है। मैंने मैडम को कहा- ऐसा क्यों किया। बेटी ने यदि चोरी की थी तो मुझसे कहते मैं रुपए दे देता। मैडम ने कहा- किसी बच्ची के रुपए उसने चोरी किए थे। हमने एसडीएम और कलेक्टर से शिकायत की है।
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महाकाल मंदिर में मोबाइल पर बैन, सिर्फ भस्म आरती में छूट
उज्जैन। महाकाल मंदिर में 20 दिसंबर से मोबाइल पर बैन लगाया जाएगा। श्री महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक हुई। मंदिर कैम्पस में फिल्मी सॉन्ग्स पर VIDEO बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने के मामले बढ़ने पर मंदिर प्रबंध समिति ने महाकाल मंदिर कैम्पस को नो मोबाइल जोन में बदलने का निर्णय लिया है। यानी अब कोई भी श्रद्धालु अपने साथ मोबाइल नहीं ले जा पाएगा। मंदिर परिसर में किसी के पास मोबाइल मिला तो जुर्माना वसूला जाएगा।
हालांकि, भस्म आरती में मोबाइल ले जाने की छूट रहेगी। वह इसलिए कि ऑनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं के टिकट मोबाइल पर जारी होते हैं। उन्हें मंदिर में प्रवेश के पहले मोबाइल पर जारी टिकट की जांच करवाना पड़ती है। शनिवार को मंदिर में महिला सुरक्षाकर्मियों के डांस के दो VIDEO सामने आए थे। दोनों महिला सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों के एंड्रॉयड मोबाइल रखने पर इसी दिन पाबंदी लगा दी गई थी।
कोई भी श्रद्धालु अपने साथ मोबाइल नहीं ले जा पाएगा, लेकिन भस्म आरती में मोबाइल ले जाने की छूट रहेगी। ऑनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं के टिकट मोबाइल पर जारी होते हैं। उन्हें मंदिर में प्रवेश के पहले मोबाइल पर जारी टिकट की जांच करवाना पड़ती है। इसके बाद ही उन्हें भस्म आरती में प्रवेश दिया जाता है। भस्म आरती करने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल विश्रामधाम में जमा करवाए जाएंगे।
समिति सदस्यों के अनुसार मंदिर के अफसर, पंडे, पुजारी मोबाइल ले जा सकेंगे, लेकिन उनका उपयोग नहीं कर पाएंगे। ऐसा होने पर उनके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य राजेंद्र गुरु, रामजी पुजारी, प्रशांत गुरु, प्रशासक संदीप सोनी और लोकेश चौहान मौजूद थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मंदिर परिसर में फोटो खींचने के लिए समिति की ओर से अधिकारिक व्यक्ति रहेगा। श्रद्धालु उससे फोटो खिंचवा सकेंगे।
महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मंदिर समिति के अनुसार, पूर्व में 10 से 25 हजार श्रद्धालु औसत प्रतिदिन आते थे, जो बढ़कर 35 से 50 हजार हो गए हैं। इसके अलावा पर्व, त्योहार और अवकाश के दिन यह आंकड़ा बढ़कर 50 हजार से एक लाख तक पहुंच जाता है। मंदिर प्रशासक के अनुसार इतनी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल कहां रखेंगे? इसकी व्यवस्था 15 दिन में कर ली जाएगी।
मंदिर कैम्पस में फिल्मी सॉन्ग्स पर VIDEO बनाकर वायरल करने के कई मामले आ चुके हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए मंदिर कैम्पस में मोबाइल पर बैन लगाया गया है। यह निर्णय महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिए गए हैं। समिति अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में फिल्मी गीतों पर VIDEO बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले बढ़ने पर महाकाल परिसर को नो मोबाइल जोन में बदलने का निर्णय लिया है।