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6 से 8 दिन में संक्रमित हो रहे फेफड़े, खतरनाक कोविड का नए वैरिएंट BF.7

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भोपाल। चीन में कोविड का नया वैरिएंट BF.7 हाहाकार मचाए हुए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी लोकसभा में कह चुके हैं कि नए वैरिएंट से चुनौती बढ़ी है, हर प्रोटोकाॅल का पालन करना जरूरी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आज विधानसभा में चिंता जताई है। CM ने कहा- हमें सावधानी की जरूरत है।
कोविड का यह नया वैरिएंट BF.7 कितना खतरनाक है, इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं? इसे लेकर दैनिक भास्कर ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. निशांत श्रीवास्तव से बात की।
कोविड के नए वैरिएंट BF.7 के संक्रमण की शुरुआत सामान्य छींक, सर्दी, खांसी और बुखार (वायरल फीवर के लक्षण) से होगी। लेकिन, 4 - 5 दिन में ही नए स्ट्रेन का वायरस संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों तक को संक्रमित कर रहा है। नतीजतन कोविड के BF.7 स्ट्रेन वाले वायरस से संक्रमित व्यक्ति 6 से 8 दिन में गंभीर हालत में पहुंच रहा है। नए स्ट्रेन से संक्रमित होने का पता सेकेंड स्टेज में चल रहा है। इस वजह से चीन में BF.7 स्ट्रेन संक्रमित अधिकांश मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ रही है।
कोविड के पुराने स्ट्रेन की तुलना में इसका ट्रांसमिशन रेट काफी ज्यादा है। कोविड के जितने भी पुराने स्ट्रेन थे, वह अधिकतम 6 से 8 लोगों को संक्रमित करते थे। लेकिन, कोविड के BF.7 स्ट्रेन संक्रमित व्यक्ति , संपर्क में आए 12 से 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
छींक, सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर कोविड टेस्ट कराएं। वायरल फीवर और कोविड, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं। इसलिए संभव है कि कोविड की रिपोर्ट निगेटिव आए। बावजूद इसके जब तक सर्दी, खांसी, बुखार और छींक आने की परेशानी पूरी तरह से ठीक न हो जाए। भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।

 

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एमपी में हर पॉजिटिव मरीज का होगा जीनोम टेस्ट, CM बोले- हमें सावधानी की जरूरत
भोपाल। मध्यप्रदेश में अब हर हफ्ते कोविड की निगरानी रखने के लिए बैठक होगी। आज विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि चीन से फिर कोविड आ रहा है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। नए वैरिएंट पर सरकार सतर्क है।
नए कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के सैंपल का जीनोम टेस्ट कराया जाएगा। टेस्ट के लिए सैंपल भोपाल के एम्स और ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीओ) भेजे जाएंगे। राज्य सरकार ने यह फैसला बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से देशभर में कोविड के संक्रमण का अलर्ट जारी होने के बाद लिया है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य संचालनालय के एक सीनियर अफसर ने की है।
स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि चीन में कोविड का संक्रमण जिस वैरिएंट BF.7 के कारण बढ़ा है। उस वैरिएंट का एक भी केस अब तक मध्यप्रदेश में नहीं है। मप्र में इसके संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल्स की शत-प्रतिशत जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट आने तक कोविड संक्रमित मरीज को आइसोलेशन में रहना होगा। ताकि संबंधित संक्रमित मरीज से स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित न हो।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर मप्र सरकार सतर्क है। सभी जिलों के सीएमएचओ को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को अलग-अलग लैब से कोरोना के 71 सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह सैंपल सोमवार को जांच के लिए भेजे गए हैं। स्वास्थ्य संचालनालय की कोविड बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों के साथ विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे 71 मरीजों को डॉक्टर्स ने कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी थी।
कोविड टेस्ट के लिए भेजे गए तीन सैंपल को अलग-अलग लैब के माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने रिजेक्ट कर दिया है। इसकी वजह सैंपल का मानक स्तर का नहीं होना बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक संबंधित सैंपल, टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोरोना गाइडलाइन के मानकों के अनुरूप लिए थे, लेकिन सैंपल कलेक्शन सेंटर से लैब के बीच ट्रांसपोर्टेशन के दौरान संबंधित सैंपल खराब हो गए। अब तीनों की कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए दोबारा लिए जाएंगे।
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मकानों में आग लगाने के मामले में 51 अभियुक्तों को सात-सात वर्ष की सजा
रतलाम । रतलाम के बाजना थाना क्षेत्र के ग्राम संगेसरा में 15 वर्ष पहले दो पक्षों के बीच हुए मामूली विवाद की रंजिश में एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष के 32 मकानों में आग लगा दी थी। इस मामले में न्यायालय ने 51 आरोपितों को भादंवि धारा 436/149 में सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उन पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला गुरुवार को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मणकुमार वर्मा ने सुनाया।
अभियोजन के अनुसार, ग्राम संगेसरा में दो युवकों के बीच किसी बात को लेकर 22 नवंबर 2007 को मामूली विवाद हुआ था। इसी रंजिश को लेकर आरोपित अमरू डोडियार, गौतम डोडियार सहित अनेक लोगों ने लाठी, हथियार व मिट्टी का तेल लेकर फरियादी परथा दामा पुत्र घुलिया दामा के मकान सहित गांव के 32 मकानों व झोपड़ियों पर धावा बोलकर आग लगा दी थी। इससे मकानों व झोपड़ियों में रखा सामान जल गया था। परथा की रिपोर्ट पर बाजना थाना पुलिस ने 69 आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने 51 आरोपितों को सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी अपर लोक अभियोजक तरुण शर्मा व विनोद जैन ने की।
नौ आरोपितों की हो चुकी है मौत - न्यायालय ने 51 आरोपितों को भादंवि की धारा 147 व 148 में तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं, धारा 452 में पांच पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा व एक-एक हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया गया। सभी सजा साथ चलेंगी। अपर लोक अभियोजक तरुण शर्मा ने बताया कि ट्रायल के दौरान नो आरोपितों की मौत हो चुकी है। आठ आरोपितों को आरोप प्रमाणित नहीं होने पर दोषमुक्त किया गया। प्रकरण में एक आरोपित फरार चल रहा है।