भोपाल। मध्यप्रदेश में अब 500 रुपए दो और घर में ही दारू पार्टी करने का लाइसेंस लो। 500 रुपए की फीस पर आबकारी विभाग आपको एक दिन के लिए घर में शराब पार्टी की परमिशन देगा। विभाग के इस फैसले से प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। दिलचस्प बात ये है कि नशाबंदी और शराब के खिलाफ उमा भारती लगातार सरकार पर तीखे तेवर दिखा रहीं है। उन्होंने 17 जनवरी से आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है।
आबकारी विभाग के इस आदेश पर कांग्रेस ने उमा भारती से सवाल करते हुए कहा- क्या सरकार आपको चुनौती दे रही है। इधर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सीनियर लीडर डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं को नशे में धकेलने में जुटी हुई है। संस्कृति बचाओ मंच ने भी इसका विरोध किया है।
आबकारी विभाग ने 3 तरह के लाइसेंस की प्रोसेस ऑनलाइन शुरू की है। इसमें शादी, जन्मदिन और एनिवर्सरी शामिल हैं। इसके लिए एक विशेष तरह का 8 कॉलम का फॉर्म है। इसे भरने के बाद आपको शराब का लाइसेंस आसानी से मिल जाएगा। आपकी पार्टी में पुलिस और आबकारी अमले की छापेमारी की आशंका नहीं रहेगी।
अगर आप दोस्तों के साथ घर पर ही शराब पार्टी करना चाहते हैं, तो आपको महज 500 रुपए में लाइसेंस मिल जाएगा। इस लाइसेंस को लेने के बाद आप घर में दारू पार्टी कर सकेंगे। बता दें, हाउस पार्टी में 4 शराब बोतल से अधिक शराब होती है।
अलग-अलग कैटेगरी में मिलेंगे लाइसेंस
घर के लिए 500 रुपए,
मैरिज गार्डन और हॉल के लिए 5 हजार रुपए,
रेस्तरां के लिए 10 हजार रुपए फीस देना होगी।
शिवराज सरकार रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब पर लगाए जाने वाले टैक्स को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। नई शराब नीति 2023-24 में शराब पर लगने वाले वैट को 10% से बढ़ाकर 20% करने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने ट्वीट में लिखा- उमा दीदी, क्या सरकार आपकी नशाबंदी को चुनौती दे रही है? आप कलारी बंद कराना चाहती हैं और सरकार 500 रुपए में लाइसेंस देकर घर पर ही शराब पार्टी करा रही है।
------------------------------------
सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर बने जैन संत:28 साल के प्रांशुक अमेरिका में थे डाटा साइंटिस्ट
देवास। 28 साल के प्रांशुक कांठेड़। अमेरिका की कंपनी में सवा करोड़ के पैकेज पर डेटा साइंटिस्ट थे। अचानक सांसारिक जीवन से मोह भंग हो गया। डेढ़ साल पहले नौकरी छोड़ देवास आ गए। उन्होंने आज यानी सोमवार को जैन संत बनने के लिए दीक्षा ली। प्रांशुक के साथ उनके मामा के बेटे MBA पास थांदला के रहने वाले मुमुक्षु प्रियांश लोढ़ा और रतलाम के मुमुक्षु पवन कासवां दीक्षित भी संयम पथ पर चलेंगे।
आज सुबह हाटपीपल्या मंडी प्रांगण में तीनों ने उमेश मुनि जी के शिष्य जिनेंद्र मुनि जी से जैन संत बनने के लिए दीक्षा ली। समारोह में हजारों लोग उपस्थित हुए। करीब 3 घंटे चली प्रक्रिया के दौरान दीक्षा समारोह में सूत्र वाचन के साथ प्रारंपरिक प्रक्रियाएं हुईं। उसके बाद दीक्षार्थियों को दीक्षा के वस्त्र धारण करवाए गए। इस आयोजन में देशभर से कई जगह से लोग उपस्थित हुए है। करीब 4 हजार लोगों की मौजूदगी में यह आयोजन संपन्न हुआ।
देवास के हाटपिपल्या निवासी प्रांशुक के पिता राकेश कांठेड़ कारोबारी हैं। अब उनका पूरा परिवार इंदौर में रहता है। पिता राकेश ने बताया कि प्रांशुक ने इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से बीई की। आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चला गया। एमएस करने के बाद प्रांशुक ने अमेरिका में ही 2017 में डेटा साइंटिस्ट की नौकरी ज्वाइन कर ली। उसका सालाना पैकेज सवा करोड़ रुपए था। विदेश में रहने के बाद भी वह गुरु भगवंतों की किताबें पढ़ता रहा। वह इंटरनेट के माध्यम से उनके प्रवचन सुनता रहा। नौकरी से मोह भंग होने पर जनवरी 2021 में वह घर लौट आया। घर में प्रांशुक की मां और उसका एक छोटा भाई है।
पिता ने बताया कि प्रांशुक का झुकाव बचपन से ही धार्मिक कार्यों की ओर रहा। 2007 में वह उमेश मुनि जी के संपर्क में आया। उनके विचारों से प्रभावित होकर उसे वैराग्य की और अग्रसर होने की प्रेरणा मिली। तब गुरु भगवंत ने उन्हें संयम पथ के लिए पूर्ण योग्य नहीं माना। इसके बाद उसने धार्मिक कार्यों के साथ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। 2016 में एक बार फिर पढ़ाई के दौरान वैराग्य धारण करने के लिए प्रयत्न किया, लेकिन गुरुदेव ने और योग्य होने की बात कही। इसके बाद वह अमेरिका चला गया।
प्रांशुक 2021 में एक बार फिर से वैराग्य धारण करने का संकल्प लेकर अमेरिका से नौकरी छोड़कर भारत आ गया। इसके बाद गुरु भगवंतों के सानिध्य में रहने लगा। गुरुदेव द्वारा इस मार्ग के योग्य मानने पर प्रांशुक ने माता-पिता से वैराग्य धारण करने की बात कही। माता-पिता ने एक लिखित अनुमति गुरुदेव जिनेंद्र मुनि जी को दे दी। देश के अलग-अलग हिस्सों से हाटपिपल्या में जैन संत आए। जिनके सानिध्य में प्रांशुक ने दीक्षा ग्रहण की।
प्रांशुक ने बताया- मैं अमेरिका में डेटा साइंटिस्ट था। अब मैंने रिजाइन कर दिया है। मैं जैन मुनि बनने की ओर अग्रसर हूं। मेरे गुरु भंगवंतों के प्रवचन आदि सुनकर मैंने संसार की वास्तविकता को जाना-पहचाना। वास्तव में संसार का जो सुख है, वह क्षणिक है। वह कभी भी हमें तृप्त नहीं कर पाता, अपितु तृष्णा को बढ़ाता ही है। वास्तव में जो शाश्वत सुख है, चिरकाल का सुख है, उसी सुख को पाने के लिए प्रयास करना ही जीवन की सार्थकता है, इसीलिए में जैन मुनि बनने की दिशा में अग्रसर हूं।
-----------------------------------
सांसद प्रज्ञा बोलीं- लव जिहादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना होगा
भोपाल। भोपाल से BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हिंदू समुदाय से अपने घरों में हथियार रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा- हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है। यह विवादित बयान उन्होंने रविवार को कर्नाटक में दिया। सांसद कर्नाटक के शिवमोगा में आयोजित हिंदू जागरण वैदिक के दक्षिण क्षेत्र वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुईं। इसका एक वीडियो सामने आया है।
भोपाल सांसद ने कहा- अपने घरों में हथियार रखो। कुछ नहीं तो कम से कम सब्जियां काटने के लिए चाकू तेज रखो। पता नहीं क्या स्थिति पैदा हो जाए। अगर कोई हमारे घर में घुसपैठ करता है और हम पर हमला करता है, तो मुंहतोड़ जवाब देना हमारा अधिकार है।
ठाकुर ने लव जिहाद पर कहा- उनके पास जिहाद की परंपरा है, अगर कुछ नहीं है, तो वे लव जिहाद करते हैं। अगर वे प्यार भी करते हैं, तो उसमें भी जिहाद करते हैं। हम भी प्यार करते हैं, भगवान से प्यार करते हैं, एक संन्यासी अपने भगवान से प्यार करता है।
संन्यासी के अनुसार, जब तक सभी अत्याचारी और पापी लोगों को हटा नहीं दिया जाता है, तब तक ईश्वर द्वारा बनाई गई इस दुनिया में प्रेम की सच्ची परिभाषा जीवित नहीं रह सकती है।
सांसद ने कहा- लव जिहाद में शामिल लोगों को उसी तरह से जवाब दें। अपनी लड़कियों को सुरक्षित रखो, अपनी लड़कियों को संस्कारित करो। अपने घर में हथियार रखो, कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू जरा तेज रखो... स्पष्ट बोल रही हूं। उन्होंने चाकू से हमारी हर्षा को गोदा। उन्होंने चाकू से हमारे हिंदू वीरों, बजरंग दल, भाजपा, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को गोदा है, काटा है। हम भी सब्जी काटने वाला चाकू तेज रखें। पता नहीं कब कैसा मौका आए। जब हमारी सब्जी अच्छे से कटेगी, तो निश्चित रूप से मुंह और सिर भी अच्छे से कटेंगे।
प्रज्ञा शिवमोगा में ही एक कार्यकर्ता के घर पहुंचीं। यहां उन्होंने फेसबुक लाइव कर कहा- आज दक्षिण कर्नाटक के शिवमोगा में हर्षा हिंदू के घर पर आई हूं। हर्षा को 28 फरवरी को PFI के कार्यकर्ताओं ने तलवारों से काट दिया। सड़क पर हर्षा तड़प रहा था, लेकिन उस योद्धा ने हार नहीं मानी। उसने पूरे कर्नाटक और पूरे देश को जगा दिया और PFI पर बैन लगा। आज हिंदू जागरण मंच के कार्यक्रम में मैंने दक्षिण भारत में मुगलों से लड़ने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। ये स्वतंत्रता के बाद की स्थिति है।
प्रज्ञा ने कहा- आज जब मैं यहां आई, तो लग रहा था कि मैं उस हर्षा के घर जा रही हूं, जो वीरगति को प्राप्त हुआ। मुझे लग रहा था कि उसके माता-पिता, बहनें सभी दुखी होंगे, आंखें नम किए बैठे होंगे, लेकिन जैसे ही मैं उसके दरवाजे पर आई, उसकी दोनों बहनें अश्विनी और रजनी ने मेरी आरती उतारी और मुस्कुराकर अभिनंदन किया। लग रहा था कि वे वीर योद्धा की बहनें हैं।
मुझे लगा कि देशभक्त ऐसे होते हैं, उनके माता-पिता ऐसे होते हैं। यहां के कार्यकर्ता इस घर पर आते रहते हैं और कहते हैं कि हम हर्षा की कमी महसूस नहीं होने देंगे। उनकी बहनें, माता-पिता कहते हैं कि ये भी मेरे हर्षा जैसे हैं। हर्षा दोनों बहनों के बीच इकलौता भाई था। देश के लिए जो करता है, वो कभी नहीं मरता। हर्षा के परिवार के सुख-दुख में हम सब शामिल हैं।