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ट्यूशन टीचर ने 5 साल की बच्ची का हाथ तोड़ा:पैरट की स्पेलिंग नहीं बताने पर बरसाए थप्पड़

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भोपाल। भोपाल में पैरट (तोता) की स्पेलिंग नहीं बता पाने पर ट्यूटर ने 5 साल की बच्ची को हाथ तोड़ डाला। उसे कई थप्पड़ भी मारे। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
मामला भोपाल के हबीबगंज इलाके का है। जहां बिजली घर के पास ई-6 अरेरा काॅलोनी में भानुप्रताप सिंह कुशवाहा (25) परिवार के साथ रहते हैं। वह प्राइवेट जॉब करते हैं। उनकी बहन की 5 साल की बेटी प्रिया भी पढ़ाई के लिए उनके साथ ही रहती है। भानु ने बताया कि अगले सत्र में बच्ची का एडमिशन अच्छे स्कूल में कराना है। इसके लिए बच्ची को घर के पास ही रहने वाले टीचर प्रयाग विश्वकर्मा के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए भेज रहे थे।
भानु के अनुसार- 27 दिसंबर को भी बच्ची रोजाना की तरह ट्यूशन पढ़ने गई थी। शाम करीब साढ़े चार बजे मेरी छोटी बहन रानू कुशवाहा का कॉल आया। उसने बताया कि प्रयाग ने प्रिया को बेरहमी से मारा है। चेहरे और हाथ पर चोट के निशान हैं। भानु तुरंत ही घर पहुंचे। देखा तो बच्ची दर्द से कराह रही थी। उसे तुरंत ही पास के प्राइवेट अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने एक्सरे कराया। इसमें उसके बाएं हाथ में फ्रेक्चर निकला।
बच्ची ने बताया कि टीचर ने पैरट की स्पेलिंग नहीं बताने पर पहले हाथ मरोड़ा, फिर गाल पर 6-7 थप्पड़ मारे। बच्ची रोते हुए घर आई। उसने घर आकर पूरी बात बताई। बच्ची के मामा भानु के मुताबिक बच्ची दर्द से चीख रही थी, लेकिन आरोपी को थोड़ी भी दया नहीं आई। वह पहले भी बच्चों को बेरहमी से पीट चुका है। हालांकि, पहले कभी उसकी शिकायत नहीं की गई थी। आरोपी टीचर की उम्र 19-20 साल है। वह खुद कॉलेज में पढ़ता है। साथ ही, बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता है।
पुलिस ने बच्ची के साथ मारपीट करने वाले आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा-323, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा-75 तहत केस रजिस्टर्ड किया है। हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राज सिंह भदौरिया ने बताया कि दोनों धाराएं जमानती होने की वजह से उसे जमानत दे दी गई।
भानु ने बताया कि मुरैना में रहने वाली उनकी बहन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में बच्ची जब 6-7 महीने की थी, तब वह उसे अपने पास लेकर आ गए। उसका पालन-पोषण भानु ही करते हैं। उन्होंने बताया कि बड़े स्कूल एडमिशन देने से पहले बच्चों का टेस्ट लेते हैं। ऐसे में उन्होंने बच्ची को ट्यूशन भेजना शुरू किया था। उन्हें नहीं पता था कि आरोपी इतनी बेरहमी से उसे पीटेगा।
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प्रधानमंत्री आवास योजना में करोड़ों के घोटाले की जांच,46 लोगों पर एफआईआर दर्ज
भोपाल। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर देवास जिले की बागली विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना में करोड़ों के घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने का आग्रह किया है। 26 दिसंबर को लिखी ये चिट्ठी सामने आने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को बागली के कांटाफोड़, लोहारदा और सतवास के मकानों को लेकर 46 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है।
इसमें तीन पूर्व नप अध्यक्ष, 13 पूर्व सीएमओ, 2 नायब तहसीलदार व पूर्व प्रशासक, 3 पूर्व लेखापाल सहित अन्य कर्मचारी और इंदाैर व देवास की फर्माें के संचालक हैं। पत्र में दीपक जाेशी ने लिखा है कि बागली मेरे पिता कैलाश जोशी की कर्मभूमि रही है। हितग्राहियों को दी जाने वाली 17.50 करोड़ रुपए की राशि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सांठगांठ से हड़प ली गई है। लूट इतनी बड़ी है कि कुछ लोगों ने पूरे तंत्र को कब्जे में ले लिया है।
बागली में 17.50 करोड़ रुपए हितग्राहियों के थे, जो भ्रष्टाचारी लोग हड़प गए है। देवास के कलेक्टर रहे चंद्रमौलि शुक्ला ने सतीश घावरी को पात्र नहीं होने पर भी सीएमओ बनाया था। उनकी भूमिका की जांच होना चाहिए। गरीबों के मकान अधूरे पड़े हैं। इस अन्याय पर राज्य शासन ने भी कुछ नहीं किया तो हताश होकर पीएम मोदी से न्याय की आस लगाई है। इस घोटाले में नौकरी से बर्खास्त होकर वापस बहाल होने वाले कुछ अफसर और पार्टी के ही कुछ नेता मिले हुए हैं। -दीपक जोशी, पूर्व मंत्री
जोशी जी धीरे-धीरे कांग्रेसी होते जा रहे हैं। वे बार-बार बागली पर बयान दे रहे हैं पर हाटपिपल्या की बात नहीं करते, जबकि वहां भी गड़बड़ियां हुई। पत्र में कहीं उल्लेख नहीं हैं कि किस समय भ्रष्टाचार हुआ। 2018 के पहले वे खुद मंत्री थे। एक आदमी को उन्होंने पांचों नगरीय निकायों का प्रभारी बना रखा था। फिर 15 महीने कांग्रेस सरकार रही। वे जिस भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं, उसके खिलाफ मैंने सबसे पहले जनवरी 2022 में कलेक्टर को पत्र लिखा। कलेक्टर ने आगे तफ्तीश के लिए ईओडब्ल्यू को भेज दिया है।
-पहाड़सिंह कन्नौजे, विधायक बागली