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कॉलेज संचालक के बेटे को जलाया , कर्मचारी बोला-कार में रस्सी से गला कसा, फिर गोली मारी

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ग्वालियर। ग्वालियर में एक कॉलेज संचालक के लापता बेटे का शव यूपी के झांसी के पास जली हालत में बरामद हुआ है। इससे पहले मामले में संदेही नगर निगम कर्मचारी ने पुलिस को बताया था कि पैसों के विवाद में युवक की हत्या कर शव नदी में फेंक दिया है, लेकिन शव कहां फेंका, यह नहीं बताया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। अब शव बरामद होने के बाद पुलिस नए सिरे से जांच में जुट गई है।
ग्वालियर के सिटी सेंटर सत्यम रेजीडेंसी में रहने वाले प्रशांत सिंह परमार स्कूल-कॉलेज संचालक हैं। उनके ब्राइड नाम से शिक्षा संस्थान हैं। उनका बेटा अभय सिंह परमार (23) उर्फ प्रखर पिता के कामकाज में उनकी मदद करता था। प्रशांत सिंह ने बताया कि मंगलवार दोपहर करन वर्मा बेटे को बुलाकर ले गया था। दोनों कार से निकले थे। करन वर्मा नगर निगम में कम्प्यूटर ऑपरेटर है। रात तक नहीं लौटा, तो फोन किया। दोनों के मोबाइल भी स्विच ऑफ मिले।
देर रात उसकी कार नगर निगम ऑफिस के पास खड़ी मिली। इसके बाद परिवार वाले रात करीब 12 बजे विश्वविद्यालय थाना पहुंचे। उन्होंने करन वर्मा पर संदेह जताया। पुलिस ने रात में ही करन को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में करन वर्मा ने पुलिस को बताया कि उसने प्रखर की हत्या कर दी है। शव को ग्वालियर के आसपास किसी जगह फेंकने की बात कही है। यह सुनते ही पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। जब पुलिस ने पूछा- शव कौन सी नदी में फेंका ? तो कहता है कि याद नहीं आ रहा। उसने कुछ साथियों के भी नाम बताए।
करन ने पुलिस को बताया है कि वह दोपहर में प्रखर को बुलाकर ले गया था। वहां से दो साथियों के साथ कार से निकला। कलेक्ट्रेट के पीछे न्यू पंचायत भवन के पास पीछे से कार में ही सीट पर बैठे अभय का गला रस्सी से कस दिया। इसी समय, ड्राइविंग सीट पर बैठे मोनू नाम के साथी ने उसे गोली मार दी। इसके बाद शव को ठिकाने लगाया है। प्रशांत का कहना है कि रात को ही कार में ब्लड देखकर अनहोनी की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।
प्रशांत परमार ने बताया कि करन वर्मा हमारे कॉलेज का छात्र रहा है। करीब एक साल पहले नगर निगम में उससे मुलाकात हुई थी। वहां उसकी नौकरी लग गई थी। प्रशांत ने बताया कि उसने करन वर्मा से कहा था कि डीडी नगर में कॉलेज भवन के निर्माण की अनुमति दिला देना। इस पर उसने 7.8 लाख रुपए में अनुमति दिलाने की बात कही थी। मैंने बेटे प्रखर को पैसे लेकर भेजा था। कहा था- पैसे जमा कर रसीद लेकर आना। उसने करन को पैसे दे दिए थे, लेकिन उसने रसीद नहीं दी। रसीद के लिए करन टालता रहा। उसने डेढ़ लाख रुपए और उधार लिए थे। मेरे कहने पर अभय रोजाना उससे रुपए मांगने जाता था। सोमवार को उसकी करन से बहस हुई थी।
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लेडी डॉक्टर को चांटा मारा, मंगलसूत्र-चूड़ियां तोड़ीं,डॉक्टर बोली- हमे कोई भी पीट जाता है
जबलपुर। जबलपुर में दो महिलाओं ने एक लेडी डॉक्टर पर हमला कर दिया। डॉक्टर को थप्पड़ मारा, उनका मंगलसूत्र और चूड़ियां भी तोड़ दी। हमले में डॉक्टर को हाथ, पैर और गले में चोट आई है। इधर पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला जिला अस्पताल का है। बुधवार दोपहर 12 बजे डॉक्टर आकांक्षा चौधरी इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर थीं। इस दौरान माढ़ोताल की रहने वाली रानी विश्वकर्मा, पति के घाव का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंची। डॉक्टर के मुताबिक, उन्होंने महिला से कहा कि उसके पति का जख्म 1 साल पुराना है। लिहाजा इसकी सर्जरी करनी होगी। इतना सुनते ही वह तैश में आ गई। उसने और उसके साथ आई एक और महिला ने हमला कर दिया। अस्पताल के दूसरे डॉक्टर जमा हो गए। उन्होंने बीच-बचाव किया।
डॉक्टर आकांक्षा ने बताया, मैं पेशेंट का घाव देखने के लिए उठी, इतने में उसकी पत्नी ने सीधे मेरा मंगलसूत्र पकड़कर खींचा। वो इतनी बलिष्ठ औरत थी कि उसे पलटकर कोई मार भी नहीं सका। दो-तीन लोग बचाने भी आए थे। जो भैया मुझे बचाने आए थे, उनका भी उसने हाथ मरोड़ दिया। मुझे चांटा मारा। हाथ, पैर में मारा। यह बहुत गलत है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। यह कोई तरीका नहीं है कि हम इतना पढ़-लिखकर यहां पर बैठे हैं, कोई भी मार जाता है। एक गार्ड तक नहीं है यहां पर बचाने के लिए।
जिला अस्पताल की पुलिस सुरक्षा चौकी पर पदस्थ आरक्षक भूपेंद्र कुमार इस पूरी घटना के चश्मदीद हैं। उन्होंने बताया, मैं सुरक्षा चौकी पर बैठा हुआ था। इसी दौरान कैजुअलिटी से शोर सुनाई दिया। वहां जाकर देखा, तो दो महिलाएं डॉक्टर पर हमला कर रही थीं। एक महिला रानी विश्वकर्मा को ओमती थाने ले जाया गया है। उसके खिलाफ डॉक्टर पर हमला करने को लेकर कार्रवाई की जा रही है। 15 मिनट तक महिलाओं ने डॉक्टर से झगड़ा किया।
डॉ. आकांक्षा चौधरी पर हुए हमले की साथी डॉक्टर ने निंदा की है। डॉक्टर नीलकमल का कहना है कि आए दिन डॉक्टरों पर हमला हो रहा है। इसके चलते हम लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लिहाजा प्रशासन को सुरक्षा मुहैया करवाना चाहिए। आकस्मिक चिकित्सा केंद्र में गार्ड की तैनाती की गई है, लेकिन वह यहां नहीं रहता।
घटना से नाराज जिला अस्पताल के डॉक्टर का एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी से मुलाकात की। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि डॉक्टरों ने मांग की है कि डायल 100 का नोडल पॉइंट जिला अस्पताल के पास हो। एक गार्ड की भी मांग की गई है। इस समस्या का हल करेंगे।
जबलपुर के सिहोरा सरकारी अस्पताल में रविवार को पूर्व भाजपा विधायक दिलीप दुबे के बेटे राजा दुबे ने डॉक्टर चिन्मय प्रधान को धमकाया था। राजा के ड्राइवर का पैर फ्रैक्चर हो गया था। अस्पताल में प्लास्टर बांधने को लेकर हंगामा हो रहा था। इसी बीच अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. चिन्मय प्रधान अस्पताल की ऊपरी मंजिल से नीचे उतरकर आ गए। उन्हें देखते ही राजा दुबे उनसे बहस करने लगा। डॉक्टर ने छुट्टी होने की बात बताई, तो उन पर बहानेबाजी का आरोप लगने लगा। नाराज डॉ. चिन्मय प्रधान ने तुरंत अपना इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि उन्हें धमकाया गया, वह इस स्थिति में काम नहीं कर सकते।