दिल्ली ।दिल्ली में काफी मात्रा में अफ्रीकी देशों के नागरिक रहते हैं। कई बार ये नशे के कारोबार समेत कई अन्य गतिविधियों में लिप्त भी पाए जा चुके हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारी शनिवार को अवैध रूप से भारत में रह रहे पांच नाइजीरिन की तलाश में नेब सराय के राजू पार्क इलाके में गए थे। जहां करीब 100 अफ्रीकी नागरिकों की हिंसक भीड़ ने दिल्ली पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन अफ्रीकी नागरिक पुलिस के कब्जे से भाग गए। जब पुलिस दोबारा नेब सराय के राजू पार्क गई तो पुलिस टीम पर फिर से अफ्रीकी नागरिकों ने हमला कर दिया। बावजूद इसके दिल्ली पुलिस बहादुरी से इसका सामना करते हुए पांच को पकड़ने में सफल रही।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) दक्षिण चंदन चौधरी ने बताया कि, नारकोटिक्स सेल की एक टीम शनिवार को विदेशी नागरिकों के देश से बाहर रहने की कार्यवाही के लिए राजू पार्क गई थी। दोपहर करीब ढाई बजे टीम ने तीन अफ्रीकी नागरिकों को पकड़ा, जिनके वीजा की अवधि खत्म हो चुकी थी।
चंदन चौधरी ने बताया कि, दिल्ली पुलिस टीम उन्हें पुलिस स्टेशन लाने की कोशिश कर रही थी, अचानक लगभग 100 अफ्रीकी नागरिक वहां एकत्र हो गए। और पुलिस टीम को काम करने में बाधा पहुंचाने लगे। इस बीच हिरासत में लिए गए दो अफ्रीकी नागरिक भागने में सफल रहे। बाद में, एक फिलिप (22 वर्ष) को सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया।
चंदन चौधरी ने आगे बताया कि, फिर से लगभग शाम 6.30 बजे, नारकोटिक्स स्क्वॉड और पुलिस स्टेशन नेब सराय की एक संयुक्त टीम विदेशी नागरिकों की तलाश में राजू पार्क पहुंची। और एक महिला केने चुक्वु डेविड विलियम्स सहित चार अफ्रीकी नागरिकों को हिरासत में लिया। आरोपियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच में आईपीसी की धारा 420/120बी रीड विद 14 फॉरेनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया है।
आरोपी नाइजीरियाई लोगों की पहचान इग्वे इमैनुएल चिमेजी, अजीगबे जॉन, क्वीन गॉडविन के रूप में की गई। लेकिन फिर करीब 150-200 अफ्रीकी नागरिक वहां जमा हो गए। वे हिरासत में लिए गए अफ्रीकी नागरिकों को भागने में मदद करने की भी कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस टीम उन्हें नेब सराय थाना लाने में सफल रही।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि, निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों को पकड़ने के लिए निर्वासन की कार्यवाही की जा रही है।
डेविड विलियम्स पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने बताया कि, हिरासत में लिए गए चार नाइजीरियाई नागरिकों में से एक डेविड विलियम्स के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।
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जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ याचिका पर SC में सुनवाई:आज केंद्र सरकार हलफनामा पेश कर सकती है
नई दिल्ली। जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह जनहित याचिका बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गंभीर मामला बताया था। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो सभी राज्यों से चर्चा कर हलफनामा दाखिल करे। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविवकुमार की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
मामले पर पिछली सुनवाई 12 दिसंबर को हुई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा है कि वो जनहित याचिका में अल्पसंख्यक धर्मों के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयानों को हटा दें। इसके साथ ही ये सुनिश्चित करें कि ऐसी टिप्पणी रिकॉर्ड में न आएं।
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अरविंद दातार ने कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि अगर यह अपमानजनक टिप्पणी है, तो उन्हें हटा दिया जाएगा। पीठ ने केंद्र सरकार के हलफनामे के इंतजार करने के लिए सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी। पीठ ने कि वो हस्तक्षेपकर्ताओं की अर्जी पर अगली सुनवाई में विचार करेंगे।
इस याचिका में मांग की गई थी कि धर्म परिवर्तनों के ऐसे मामलों को रोकने के लिए अलग से कानून बनाया जाए या फिर इस अपराध को भारतीय दंड संहिता (IPC) में शामिल किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि यह मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है, बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि धर्म परिवर्तन के ऐसे मामले आदिवासी इलाकों में ज्यादा देखे जाते हैं। इस पर कोर्ट ने उनसे पूछा कि अगर ऐसा है तो सरकार क्या कर रही है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस मामले में क्या कदम उठाए जाने हैं, उन्हें साफ करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के तहत धर्मांतरण कानूनी है, लेकिन जबरन धर्मांतरण कानूनी नहीं है।