इंदौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बाद आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत भी विवाद से हुई। प्रवासियों के बाद समिट में व्यापारियों ने हंगामा कर दिया। दरअसल रतलाम, मंदसौर और नीमच से आए मालवा चैम्बर्स ऑफ के 47 प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के बाद भी मीटिंग हॉल में नहीं जाने दिया गया। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि यहां बुलाकर हमें पैसे वापस करने की धमकी दे रहे हैं। 4 नंबर गेट के यहां काफी देर तक व्यापारी अंदर जाने के लिए परेशान होते रहे। अंदर प्रोग्राम शुरू हो गया और जब काफी देर तक व्यापारियों को एंट्री नहीं मिली तो वो हंगामा करने लगे।
मालवा चैंबर ऑफ कॉमर्स के वरुण पोरवाल ने कहा एक सप्ताह पहले मीटिंग की थी। हमसे पैसे ले लिए।कहा समिट में बायर-सेलर मीट कराएंगे। यहां आए तो अंदर नहीं जाने दे रहे। धूप में खड़ा करके छोड़ दिया। दो दिन से कह रहे हैं एंट्री के लिए आपके पास मेल आएगा, क्यूआर कोड आएगा, पर कुछ नहीं भेजा। सुबह 7.30 बजे से परेशान हो रहे हैं। मंदसौर, रतलाम, नीमच से 47 व्यापारी आए हैं, सभी परेशान हो रहे हैं। अब अधिकारी हमारा फोन नहीं उठा रहे, बात नहीं कर रहे। हम क्या चोर हैं। अपना काम छोड़कर अपने खर्च पर यहां आए हैं। अब हमसे कह रहे हैं रुपए वापस कर देंगे। हमारी क्या यही वैल्यू है।
कई निवेशक पास के अभाव में अंदर कार्यक्रम स्थल तक प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। निवेशकों के आने का सिलसिला अभी भी जारी है l इस अव्यवस्था को लेकर निवेशक नाराजी जता रहे हैं।
इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल एवं प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में दूसरे देशों से आए भारतीय नागरिकों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। उन्हें समारोह के मुख्य सभागार में प्रवेश नहीं दिया गया।कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शुल्क चुकाने के बावजूद इन व्यापारियों को धक्के मार कर निकाल दिया गया। भारतीय प्रवासी सम्मेलन एवं इन्वेस्टर्स समिट में इस तरह की बद इंतजामी से इंदौर ही नहीं पूरे प्रदेश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हुई है।
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करणी सेना ने भाजपा को तानाशाही पार्टी बताया; संगठन प्रमुख बोले- कसम खाओ कभी भाजपा को वोट नहीं देंगे
भोपाल। भोपाल में करणी सेना परिवार का आमरण अनशन और धरना आज चौथे दिन भी जारी है। संगठन ने पुलिस कमिश्नर से जंबूरी मैदान में सम्मेलन के लिए एक दिन (रविवार) की अनुमति ली थी, लेकिन संगठन के 5 पदाधिकारी और समर्थक बिना अनुमति आम रास्ता रोककर महात्मा गांधी चौराहे पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
अन्य संगठनों के समर्थन से यहां भीड़ बढ़ गई है। ऐसे में महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद है। इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान है। उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।
राजधानी में चल रहे धरने की आग प्रदेश के दूसरे शहरों में फैल रही है। उज्जैन के महिदपुर में आज करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाने की कोशिश की। पुलिस के रोकने पर कार्यकर्ताओं ने झड़प की। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी को खदेड़ा। खंडवा में दो दिन पहले CM का पुतला जलाने पर FIR हुई है। आगर और शाजापुर में भी CM के पुतले जलाए गए।
धरने और अनशन पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, प्रदर्शनकारी हमारे अपने हैं। कोई गैर नहीं। हम भाइयों में आपस में कोई बैर नहीं। उनसे चर्चा करेंगे, आग्रह करेंगे, निवेदन करेंगे। मेरा मानना है कि हमारे स्वजन हैं, मान जाएंगे। करणी सेना परिवार सर्व समाज के संगठन मंत्री शैलेंद्र झाला ने बताया कि मप्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बात हुई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी बातचीत हुई है। अरविंद भदौरिया से भी चर्चा हुई है। सरकार कमेटी बनाने को तैयार है। अनशन कमेटी बनने के बाद टूटेगा। मांगों पर सहमति भी बनी है। लेकिन, लिखित में देने में असमंजस की स्थिति है।
पुलिस ने इस मामले में आंदोलन में शामिल एक युवक के खिलाफ पिपलानी थाने में केस दर्ज किया है। युवक हरियाणा के भिवानी का रहने वाला ओकेंद्र सिंह राणा है। उस पर प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपशब्द कहने का आरोप है। एडिशनल डीसीपी राजेश सिंह भदोरिया के मुताबिक 8 जनवरी को करणी सेना के जंबूरी मैदान पर हुए प्रदर्शन में शामिल होने ओकेंद्र सिंह राणा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने साथियों के साथ जुलूस निकाला था। इसका वीडियो भी सामने आया था।
8 जनवरी को 5 लोग भूख हड़ताल पर बैठे थे। मंगलवार को दो लोग और बढ़ जाने से संख्या 7 हो गई। इनमें एक स्टूडेंट मानवेंद्र सेंगर (22) है। ओरछा (जिला निवाड़ी) के रहने वाले मानवेंद्र बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एलएलबी कर रहे हैं। पिता का ट्रांसपोर्ट का काम है। दूसरे हैं रतलाम के रानायरा के रहने वाले विनोद सुनार्थी (30)। दोनों 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर भोपाल आए हैं।
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15 हजार रुपये रिश्वत लेते नगर परिषद के उपयंत्री को रंगेहाथ दबोचा
छिंदवाड़ा। लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने नगर परिषद के उपयंत्री को 15 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। एक ठेकेदार ने उपयंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर परिषद हर्रई में ट्रेंचिंग ग्राउंड (कचरा संग्रहण) के गेट का निर्माण करीब 8 माह पूर्व कराया गया था। 37 हजार की लागत से हुए इस निर्माण के बिल भुगतान के ऐवज में उपयंत्री सतीश डेहरिया पिता फूलचंद्र डेहरिया (42 वर्ष) 17 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। शिकायत की तस्दीक करने के बाद लोकायुक्त ने आरोपित को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। फरियादी ठेकेदार ने नगर परिषद के कार्यालय में पहुंचकर जैसे ही उपयंत्री के हाथ में 15000 रुपये थमाए, लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया।
आवेदक ठेकेदार अभिषेक साहू पिता उमाशंकर साहू (36) हर्रई में ठेकेदारी करता है। आवेदक द्वारा साधना हार्डवेयर हर्रई की ओर से नगर परिषद हर्रई में ट्रेंचिंग ग्राउंड (कचरा संग्रहण) के गेट का निर्माण करीब आठ माह पूर्व कराया गया। इसका करीब 37 हजार रुपये बिल का भुगतान नगर परिषद हर्रई से होना था। उपयंत्री सतीश डेहरिया द्वारा बिल पास कराने के ऐवज में 17 हजार की रिश्वत की मांग की गई थी। शिकायत सत्यापन उपरांत बुधवार को उपयंत्री सतीश डेहरिया को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते कार्यालयीन कक्ष, नगर परिषद हर्रई में पकड़ लिया गया। लोकायुक्त जबलपुर की इस टीम में निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक भूपेंद्र कुमार दीवान एवं अन्य सदस्य शामिल रहे।