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बिल्डर और LIC अफसरों की सांठगांठ से करोड़ों का घोटाला, 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बिल्डर और एलआईसी के अफसरों की मिलीभगत से राज्य में बैंक से करोड़ों का घोटाला करने का मामला सामने आया है। बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी करने के मामले में जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने 11 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
आपको बता दें कि, अबतक ईओडब्ल्यू जांच के अनुसार, खुला हुआ है कि, बिल्डर और एलआईसी हाउंसिंग फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने मिलकर बैंक के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। आम लोगों को डायरेक्टर हेल्थ, आर्मी और बीएचईएल के अधिकारी बनाकर बैंक से 1 करोड़ 89 लाख रुपए का लोन लिया गया है। एलआईसी हाउंसिंग फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों पर आरोप है कि, उन्होंने बिना जांच पड़ताल किये ही इतने बड़े अमाउंट का लोन स्वीकृत किया है। हालांकि, जिन लोगों के दस्तावेज लगाए गए, उन्हें फ्लैट मिले ही नहीं हैं।
इन 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज:- जांच में ये भी सामने आया है कि, पीएम आवास योजना के तहत 2 लाख की सब्सिडी का लालच देते हुए संबंधित दस्तावेज लिए गए हैं। 9 लोगों की शिकायत पर ईओडब्ल्यू को जांच में अहम सबूत मिले हैं। इस आधार पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इस मामले में सौरभा शरण,रतन प्रकाश जैन, गुणमाला तारण, अभय प्रकाश जैन, प्रदीप शर्मा, आरके सोहने, सीनियर मैनेजर एलआईसी, आशीष नेमा, एरिया मैनेजर अतुल कुमार सिंह समेत 11 पर मामला दर्ज किया गया है।
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सीएम का पुतला फूंकने वाले करणी सैनिकों पर FIR, बगैर परमिशन इकट्‌ठा की भीड़, 188 में कार्रवाई
खंडवा। दो दिन पहले शहर के केवलराम चौराहे पर सीएम का पुतला दहन करने वाले करणी सैनिकों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन बताते हुए 188 में कार्रवाई की है। बताया कि, बगैर परमिशन के 10-15 लोग इकट्‌ठा हुए और उन्होंने प्रदर्शन कर पुतला दहन किया। कई गांवों से इस प्रदर्शन में कार्यकर्ता शामिल हुए थे, अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है। प्रदर्शन के वीडियो के आधार पर पहचान की जाएगी। बता दें कि, प्रदर्शन के दौरान कोतवाली टीआई समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
बता दें कि, जातिगत आरक्षण पर विचार करने, फसल के समर्थन मूल्य पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना विरोध प्रदर्शन कर रही है। तीन दिन पहले रविवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में प्रदेश सहित अन्य राज्यों से करीब 5 लाख कार्यकर्ता जुटे थे। इसके बाद उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलना चाहिए, जिसके लिए करीब 10 हजार कार्यकर्ता श्यामला हिल्स की ओर जा रहे थे। तब भोपाल पुलिस ने एमपीनगर में रोककर घेराबंदी कर ली थी। इसी घेराबंदी के विरोध में प्रदेशभर में करणी सैनिकों ने सीएम शिवराजसिंह चौहान का पुतला फूंका था।
इधर, मांधाता विधानसभा के गांव मोहना का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें मोहना में करनी सैनिकों ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अर्थी निकाली। मंगलवार को गांव के युवाओं ने भोपाल में पुलिस घेराबंदी का विरोध करते हुए यह तरीका अपनाया। पूरे गांव में अर्थी यात्रा का भ्रमण भी कराया।
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मिट्टी ढेर से मिला 20 लाख का हीरा, बदल गई युवक की किस्मत, बना लखपति
पन्ना। ऐसा कहीं और नहीं सुना होगा कि जमीन में पड़ा बेशकमती रत्न अचानक मिल जाए और देखते ही देखते सामने वाला लखपति बन जाए। लेकिन पन्ना की वसुंधरा रतनगर्भा धरती में यह करिश्मा होता अक्सर देखा गया है। ऐसा ही मामला उस समय प्रकाश में आया जब एक व्यक्ति चमचमाता हुआ बेशकीमती रत्न हीरा पन्ना के डायमंड ऑफिस में जमा करने पहुंचा। जब उसने या हीरा वहां के हीरा पारखी को दिखाया तो उसने बताया कि यह उज्जवल, जैम क्वालिटी का हीरा जो प्रति केरेट अच्छे दामों में बिकता है। जिसके बाद युवक का खुशी का ठिकाना ना रहा और समझ गया किया हीरा लाखों का है। पन्ना जिले के निवासी इंद्रजीत सरकार सुबह जब घूमने निकले तो उन्हें हीरा खदान के पुराने मिट्टी के ढेर के पास कुछ चमकता हुआ दिखा तो उन्होंने तुरंत उस पत्थर को उठाया तो वह समझ गए कि है हीरा है। जिसको लेकर वह डायमंड ऑफिस जमा करने के लिए पहुंचे तो वह हीरा 4.38 कैरेट वजन का निकला जिसकी अनुमानित कीमत 20 लाख रुपए के लगभग आंकी जा रही है।
इंद्रजीत सरकार पिता रविंद्र नाथ सरकार निवासी ग्राम जरुआपुर सुबह अपनी पुरानी खुदी हुई हीरा खदान के पास से निकल रहा था और सोच रहा था कि इस खदान से कुछ नहीं मिला। मैं सोच ही रहा था कि 1 साल की कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ प्रतिफल नहीं मिला तभी अचानक उसकी नजर चमचमाते हुए पत्थर पर पड़ गई और उसने उसे उठाकर घर ले आया। घर वालों को जब उसने पत्थर दिखाया तो सभी ने यही बताया कि यह पत्थर हीरा है। तत्पश्चात वह 11 जनवरी 2023 को हीरा कार्यालय पन्ना पहुंचा तो वहां हीरा पारखी अनुपम सिंह ने हीरे की जांच कर उसे जमा कर लिया। उन्होंने बताया कि यह उज्जवल जेम क्वालिटी का हीरा है। जिसे आगामी होने वाली हीरे की नीलामी में रखा जाएगा। हीरा विक्रय उपरांत संबंधित को टैक्स की राशि काटकर शेष रकम का भुगतान कर दिया जाएगा।
इंद्रजीत सरकार जोकि वास्तव में किसान है और इनकी आर्थिक हालत मध्यम है। इन्होंने पूर्व में खदान का पट्टा लेकर लगभग 1 साल कड़ी मेहनत से खुदाई व मिट्टी की धुलाई की लेकिन उस समय इनके हाथ कुछ भी नहीं लगा। जिससे वह हताश और निराश थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। खदान का कार्य बंद होने के बाद उसे खदान की ही धूली हुई हीरे की चाल से बेशकीमती हीरा मिल गया। इंद्रजीत का कहना है कि इस हीरे की नीलामी के बाद जो पैसा मिलेगा वह हम अपनी खेती में लगाएंगे और नई तकनीकी के साथ आधुनिक खेती करेंगे।