भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भोपाल के जंबूरी मैदान में आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों की पुलिस ने धरपकड़ शुरू कर दी है। पुलिस ने हरियाणा के ओकेन्द्र राणा को शुक्रवार को उसके घर से गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पूछताछ में राणा ने बताया कि जंबूरी मैदान में 8 जनवरी को आयोजित करणी सेना परिवार के आंदोलन को समर्थन देने वह भोपाल पहुंचा था। उसने यहां सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ अपशब्द का वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। वीडियो सामने आने के बाद पिपलानी पुलिस ने केस दर्ज किया था।
इधर, करणी सेना परिवार ने ओकेन्द्र की गिरफ्तारी से खुद को अलग कर लिया है। करणी सेना परिवार के संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला ने सफाई दी कि सीएम को अपशब्द कहने वाला ओकेन्द्र राणा का संगठन से लेना-देना नहीं है। वह करणी सेना परिवार का पदाधिकारी भी नहीं है और न ही उसे हमने बुलाया था।
पुलिस ने जिस वीडियो को आधार बनाकर मामला दर्ज किया है, उसमें शामिल सभी असामाजिक तत्वों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में अब तक पुलिस रिकॉर्ड में सिर्फ ओकेन्द्र की पहचान हुई है। पुलिस जल्द ही अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करेगी।
पुलिस ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात हरियाणा के भिवानी स्थित राणा के घर पर छापा मारा। वह खाना खाकर घर में सो रहा था। स्थानीय पुलिस की मदद से पुलिस ने उसे पकड़ा है। गिरफ्तारी के बाद उसके परिवार के सदस्यों ने वीडियो जारी कर बताया कि एमपी पुलिस ओकेन्द्र को पकड़ कर ले गई है।
पुलिस ने राणा की गिरफ्तारी के लिए एसआई कुलदीप सिंह, एएसआई कौशलेन्द्र सिंह, अरविंद, विकास सिंह भदौरिया को हरियाणा भेजा था। चार सदस्यीय टीम ने हरियाणा पहुंचकर लोकल पुलिस से राणा की गिरफ्तारी के लिए मदद मांगी। लोकल पुलिस, भोपाल पुलिस को देर रात राणा के घर लेकर पहुंची।
करणी सेना परिवार का 8 जनवरी से 11 जनवरी तक आंदोलन चला। बीते बुधवार को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म हुआ। करणी सेना परिवार के ज्ञापन में शामिल 22 मांगों में से 18 मांगों पर विचार के लिए 3 अफसरों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस को अध्यक्ष बनाया गया है। इस कमेटी में स्कूल शिक्षा विभाग और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग के पीएस को सदस्य बनाया गया है। ये कमेटी दो महीने में इन 18 मांगों पर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी के गठन का आदेश भी जारी हो गया है।
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करणी सेना का आंदोलन खत्म:18 मांगों को लेकर सरकार ने कमेटी बनाई
भोपाल। चार दिनों से चल रहा करणी सेना परिवार का आंदोलन बुधवार को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के आश्वासन के बाद खत्म हो गया। करणी सेना परिवार के ज्ञापन में शामिल 22 मांगों में से 18 मांगों पर विचार के लिए 3 अफसरों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस को अध्यक्ष बनाया गया है। इस कमेटी में स्कूल शिक्षा विभाग और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग के पीएस को सदस्य बनाया गया है। ये कमेटी दो महीने में इन 18 मांगों पर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी के गठन का आदेश भी जारी हो गया है।
मांग 01- आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके। एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए। मांग 02- SC, ST एक्ट में बिना जाँच के गिरफ्तारी पर रोक लगे। ताकि कोई भी निर्दोष व्यक्ति बिना अपराध के सजा न काटे। मांग 03- SC, ST एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा एक्ट बने जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे। मांग 04- खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को GST से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।
ये है चर्चा ना होने की वजह- ये चारों केन्द्र के अधीन मामले हैं। चार दिनों से लगातार वार्ता विफल होने के पीछे की वजह ही ये चारों मांगें थीं। ये सभी मामले केन्द्र सरकार के अधीन हैं। आज राज्य सरकार के अधीन 18 मांगों पर अपनी राय देने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है।
संगठन के लोग बीते चार दिनों से बिना अनुमति आम रास्ता रोककर भोपाल के महात्मा गांधी चौराहे पर धरना दे रहे थे। इनमें से 5 पदाधिकारी आमरण अनशन पर बैठ हुए थे। जबकि उन्होंने जम्बूरी मैदान में सम्मेलन के लिए पुलिस कमिश्नर से सिर्फ एक दिन (रविवार) के लिए अनुमति ली थी।
अन्य संगठनों के समर्थन से यहां भीड़ बढ़ गई। ऐसे में महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद है। इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान है। उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।
राजधानी में चल रहे धरने की आग प्रदेश के दूसरे शहरों में फैल रही है। उज्जैन के महिदपुर में आज करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाने की कोशिश की। पुलिस के रोकने पर कार्यकर्ताओं ने झड़प की। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी को खदेड़ा। खंडवा में दो दिन पहले CM का पुतला जलाने पर FIR हुई है। आगर और शाजापुर में भी CM के पुतले जलाए गए।
इससे पहले इस आंदोलन को लेकर बुधवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, प्रदर्शनकारी हमारे अपने हैं। कोई गैर नहीं। हम भाइयों में आपस में कोई बैर नहीं। उनसे चर्चा करेंगे, आग्रह करेंगे, निवेदन करेंगे। मेरा मानना है कि हमारे स्वजन हैं, मान जाएंगे।