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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर का सागरताल सरकारी मल्टी इलाका स्वास्थ्य विभाग के हाई अर्लट मोड पर है। शुक्रवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षणों वाले 11 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ विभाग ने इलाके को हाई अलर्ट मोड़ पर रखा है। स्वास्थ विभाग की टीम यहां डोर-टु-डोर सर्वे कर रही है
स्वास्थ्य विभाग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर और पैथालॉजी की टीम घर-घर जाकर दस्तक दे रही है। जहां इन घरों में बीमार लोगों की जानकारी ले रही है। बच्चों, बुजुर्ग और बुखार से पीड़ित मरीज़ों की जानकारियां दर्ज की जा रही है। शनिवार को करीब आधा सैंकड़ा से ज्यादा परिवारों में जाकर टीम ने सर्वे किया।
बतादें कि इसी इलाके में ग्वालियर का पहला जापानी इंसेफेलाइटिस का केस मिला था। यहां 15 साल की किशोरी जापानी इंसेफेलाइटिस की चपेट में आई थी। जापानी बुखार की चपेट में आने से किशोरी कोमा में चली गई थी। वक्त पर इलाज मिलने के चलते उसकी सेहत में सुधार हो गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम किशोरी में जपानी इंसेफेलाइटिस वायरस के आने की हिस्ट्री तलाश रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की टीम सागर ताल स्थित सरकारी मल्टी इलाके में सैंपलिंग के लिए शुक्रवार को पहुंची थी। यहां मल्टी में रहने वाले 11 संदिग्ध मरीज के सैंपल लिए गए थे, इन मरीजों को जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे लक्षण मिले थे,जांच के लिए सैम्पल वायरोलॉजी लेब में भेजे गए हैं।

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चार अधिकारियों को राष्ट्रपति मेडल, 17 अधिकारियों-कर्मचारियों को सर्विस अवार्ड
भोपाल। गणतंत्र दिवस के मौके पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के चार आईपीएस अधिकारियों को प्रेसिडेंट मेडल, 17 अधिकारियों व कर्मचारियों को मेरिटोरियस सर्विस अवॉर्ड से नवाजा है. इस बार किसी अधिकारी को गैलेंट्री अवॉर्ड (वीरता पदक) नहीं मिला है.
करेक्शनल सर्विस में एक अधिकारी को प्रेसिडेंट मेडल व पांच को मेरिटोरियस अवॉर्ड दिया गया है. अवॉर्ड पाने वालों में एडीजी मकरंद देउस्कर, रुचिवर्धन मिश्रा, हिमानी खन्ना, डीआईजी बीरेंद्र कुमार सिंह, शैलेंद्र सिंह चौहान व राकेश खाखा शामिल हैं.
केंद्र सरकार द्वारा हर साल 15 अगस्त व 26 जनवरी को पुलिस और होमगार्ड सेवा से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को वीरता पदक, पुलिस सेवा पदक व सराहनीय सेवा पदक दिए जाते हैं.
केंद्र सरकार द्वारा यह पदक देने का ऐलान 25 जनवरी और 14 अगस्त को किया जाता है. इस साल गणतंत्र दिवस के पहले जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्रपति के हाथों पदक लेने के लिए चुना गया है. जिसमें एमपी के 21 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं.
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तीन मंजिला सिलाई सेंटर में भड़की आग, 50 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया
भोपाल। खानूगांव इलाके में शनिवार सुबह एक भीषण हादसा हुआ जब तीन मंजिला बिल्डिंग में आग लग गई। सिलाई सेंटर से शुरू हुई यह आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के दौरान करीब 50 लोगों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाला गया। आग बुझाने में फायर ब्रिगेड की टीम को 3 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
शनिवार सुबह करीब 8 बजे खानूगांव स्थित 3 मंजिला बिल्डिंग में आग लगने की सूचना मिली। बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर सिलाई सेंटर स्थित था, जहां सिलाई मशीनें और कपड़ों की गठानें रखी हुई थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। चश्मदीद फहीमुद्दीन चौधरी ने बताया कि आग लगने के तुरंत बाद मजदूरों ने शोर मचाना शुरू किया और धुआं निकलता देख फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
हादसे के वक्त बिल्डिंग में करीब 6 से 8 परिवार और सिलाई सेंटर के 10 मजदूर मौजूद थे। सुबह का वक्त होने के कारण ज्यादातर लोग सो रहे थे। शोर सुनते ही लोग अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागे। महिलाओं ने अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर भागकर जान बचाई। इसके साथ ही घरों से गैस सिलेंडर भी बाहर निकाले गए ताकि आग से कोई बड़ा हादसा न हो।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड को आग लगने की सूचना तुरंत दी गई थी, लेकिन औपचारिकताओं में देरी होने के कारण आग तेजी से फैल गई। अगर दमकल वाहन समय पर पहुंचते तो आग पर जल्दी काबू पाया जा सकता था और नुकसान कम होता।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटें 10 से 15 फीट तक ऊपर उठ रही थीं। आग ने पूरी बिल्डिंग और उसमें रखे घरेलू सामान को पूरी तरह जला दिया। साथ ही, सामने स्थित कपड़े के गोदाम में भी आग लग गई।
फतेहगढ़ और आसपास के फायर स्टेशनों से करीब 30 दमकल गाड़ियां और पानी के टैंकर मौके पर पहुंचे। लगातार 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुबह 11 बजे आग पर काबू पाया गया। हालांकि, तब तक पूरी बिल्डिंग में मौजूद सामान जलकर राख हो चुका था।

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इंदौर। विधानसभा क्षेत्र-5 स्थित आरई-2 इलाके में संत रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं हटाने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए नगर निगम और जिला प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रतिमाओं का अनावरण भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने किया था, लेकिन प्रतिमाएं हटाने पर न तो हार्डिया और न ही किसी अन्य भाजपा नेता ने विरोध जताया। साथ ही इस घटना पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समेत कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन और नगर निगम ने बिना किसी नोटिस के इन प्रतिमाओं को हटा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिमाओं को हटाते समय उनका अपमान किया गया और उन्हें जीप में पैरों के नीचे रखकर ले जाया गया। दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि इन प्रतिमाओं को जल्द से जल्द दोबारा स्थापित किया जाए और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने कहा कि उन्होंने प्रतिमाओं का अनावरण नहीं किया था। हार्डिया ने कहा, “मैं एक बार परिचय सम्मेलन में गया था और प्रतिमाओं पर पुष्पमाला चढ़ाकर प्रणाम किया था। मुझे नहीं पता कि प्रतिमाएं कब हटाई गईं। मैं शहर से बाहर हूं और लौटने के बाद पूरे मामले की जानकारी लूंगा।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, ‘बापू, अंबेडकर और संविधान विरोधी भाजपा कभी नहीं सुधर सकती है। इंदौर में नगर निगम कर्मचारियों ने अंबेडकर की प्रतिमा को पैरों में रखकर अनादर किया है। स्कीम नंबर 140 में रविदास समाज के लोगों ने धर्मशाला बनाने के लिए मूर्ति लगाई थी।’
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भीषण सड़क हादसा: बच्चों से भरी स्कूल बस पलटी, 30 बच्चे घायल, 5 एंबुलेंस और 3 थानों की पुलिस पहुंची
बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल से बड़ी खबर सामने आई है। यहां बच्चों से भरी स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इससे बस में सवार 30 बच्चे घायल हो गए। वहीं 8 हालत गंभीर बताई जा रही है। इन सभी को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
मामला साईंखेड़ा थाना क्षेत्र का है। जहां स्कूली बच्चों से भरी बस पलट गई। इस हादसे में करीब 30 बच्चे घायल हो गए, जिनमें से 8 की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, घटना निमनवाड़ा गांव के पास हुई, जब प्रगति स्कूल की बस अनियंत्रित होकर पलट गई। सूचना मिलते ही तीन थानों की पुलिस और 5 एंबुलेंस मौके पर पहुंच गईं।
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वायरल गर्ल मोनालिसा बनेगी हीरोइन, मिला बॉलीवुड फिल्म का ऑफर
इंदौर। प्रयागराज में चल रहे महाकंभ से दुनियाभर में वायरल हुई माला बेचने वाली मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी कत्थई आंखों वाली मोनालिसा की चर्चाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिनों में सोशल मीडिया सैंसेशन बनी मोनालिसा की सादगी का हर कोई कायल हो रहा है। मोनालिसा की खूबसूरती के आगे तो कई यूजर ऐश्वर्या और कैटरीना की सुंदरता को भी फीका बता रहे है। हालांकि, मोनालिसा कुंभ छोड़कर वापस इंदौर लौट आई हैं। लेकिन, इसी बीच चर्चा शुरु हुई है कि मोनालिसा को बॉलीवुड से फिल्म का ऑफर आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोनालिसा जल्द ही फिल्मों में काम कर सकती हैं। क्योंकि, ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने उन्हें फिल्म का ऑफर दिया है। माना जा रहा है कि, मोनालिसा अब सनोज मिश्रा की अगली फिल्म ‘द डायरी ऑफ मणिपुर’ में अहम किरदार निभाती नजर आ सकती हैं। जल्द ही मोनालिसा से मिलकर उसके साथ कांट्रेक्ट साइन किए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
जानकारी ये भी सामने आई है कि डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने मोनालिसा के पिता से फोन पर बात की है। लेकिन मोनलिसा से इसपर अभी पुष्टि नहीं हो सकी है, क्योंकि मोनालिसा के पिता प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हैं, जबकि मोनालिसा इंदौर जिले में स्थित अपने गांव लौट गईं हैं। बताया जा रहा है कि, मोनालिसा के पिता से फिल्म में काम करने देने की अनुमति दे दी गई है। अब जल्द ही सनोज मोनालिसा से मिलने उनके गांव जाएंगे।
सनोज ने बीते 19 जनवरी को ट्वीट कर ऑफर की जानकारी दी थी। उन्होंने अंग्रेजी में अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा था (जिसका अनुवाद है)- ‘मैंने देखा कि पिछले दिनों कुंभ महापर्व में एक लड़की रुद्राक्ष बेच रही थी, उसकी आंखों की खूबसूरती के कारण उसका वीडियो बहुत वायरल हो रहा है। मैंने सोचा कि, बॉलीवुड की गंदगी की जगह इस बेचारी लड़की को अपनी अगली फिल्म में दूं…? आपकी क्या राय है…?’
उनके इस पोस्ट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी, जिसमें कई लोगों ने सनोज के इस सुझाव की सराहना की। वहीं एक यूजर ने लिखा ‘उनका फिल्म इंडस्ट्री में कोई बैकग्राउंड नहीं है, इसलिए वे फील्ड में काम नहीं कर सकतीं। इसलिए, अगर आप उनका ख्याल रखें तो वे फील्ड में अच्छी पोजीशन पर हो सकती हैं। कृपया इस बारे में सोचें, नहीं तो वे फिर से सड़क पर आ जाएंगीं।’

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भोपाल।एमपी की राजधानी भोपाल स्थित सात नम्बर बस स्टाप के पास ही सुभाष एक्सीलेंस स्कूल के सामने बस स्टॉप पर लगे एक पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की तस्वीर पर अज्ञात सामाजिक तत्वों ने कालिख पोत दी. यहां तक कि प्रधानमंत्री की तस्वीर पर आतंकवादी लिखने के साथ ही कुछ भद्दे कमेंट्स भी लिख दिए.
इस बात की जानकारी लगते ही नगर निगम के कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने पोस्टर पर लगी कालिख को साफ किया. एक पोस्टर जब साफ नहीं हुआ तो नगर निगम कर्मचारी उसे उखाड़ कर अपने साथ ले गए. फिलहाल प्रशासन इस बात का पता करने में जुटा है कि यह आपत्तिजनक कृत्य किसने किया है.
बताया गया है कि सात नम्बर बस स्टॉप के पास देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए गए है, जिनमें देश के विकास के बारे में लिखा गया है. इन पोस्टर पर अज्ञात तत्वों ने मौका पाकर कालिख पोतकर आंतकवादी लिख दिया. आज सुबह जब लोग निकले तो उनकी नजर पोस्टर पर पड़ गई. देखते ही देखते राह चलते लोगों की भीड़ एकत्र हो गई. जिनके बीच पोस्टर को लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हो गई.
पोस्टर पर कालिख पोते जाने की खबर मिलते ही पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम मौके पर पहुंच गई. जिसने पोस्टर से कालिख हटाई, एक पोस्टर से कालिख नहीं हटी तो पोस्टर ही उखाड़कर ले गए. इस मामले पर महापौर मालती राय ने कहा कि घटनास्थल पर कैमरे लगे हुए हैं. अधिकारियों ने तुरंत वह पोस्टर हटा दिया है. कैमरों की मदद से यह पहचान की जाएगी कि यह कृत्य किसने किया है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमारे देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के पोस्टर के साथ ऐसा करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा.

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सहारा जमीन घोटाला का मामला: BJP MLA संजय पाठक की कंपनी पर गड़बड़ी के आरोप, EOW ने की FIR
भोपाल। मध्य प्रदेश में सहारा ग्रुप की जमीन धांधली के मामले में EOW ने FIR दर्ज कर लिया है। भाजपा विधायक संजय पाठक की कंपनी पर गड़बड़ी के आरोप और जमीने बेचकर निवेशकों को पैसे नहीं देकर धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई की गई है। मध्य प्रदेश सपा अध्यक्ष मनोज सिंह यादव ने 15 जनवरी को प्रेसवार्ता कर संजय पाठक, सरकार और सहारा ग्रुप पर मिलीभगत कर धांधली का आरोप लगाया था।
‘सहारा ग्रुप की जमीन को लेकर MP में धांधली’, सपा ने पूर्व मंत्री संजय पाठक पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- करोड़ों की भूमि को कौड़ियों के भाव में खरीदा
यह पूरा मामला सहारा समूह की 310 एकड़ जमीन का है, जिसे 90 करोड़ में बेचने का आरोप लगा है। बताया गया कि सहारा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए सेबी के खाते में राशि जमा नहीं की थी। बल्कि उन पैसों को सहारा इंडिया रियल स्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन, निजी शैल कम्पनियों के खातों में डिपोसिट कर दिया था।
सागर दलित हत्याकांड मामला: पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! SC का सरकार और CBI को नोटिस, याचिकाकर्ता ने आरोपियों को बचाने का लगाया था आरोप
सपा ने आरोप लगाया था कि सहारा समूह की भोपाल के मक्सी में 110 एकड़ जमीन 48 करोड़ में मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को, जबलपुर में 100 एकड़ जमीन 20 करोड़ में मेसर्स नायसा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड, कटनी में 100 एकड़ जमीन 20 करोड़ में मेसर्स नायसा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड बेची थी। भोपाल के मक्सी की जमीन की कीमत ही सहारा कम्पनी ने साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के सामने 125 करोड़ रुपए बताई गई थी।
बता दें कि सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का मालिकाना हक पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक के परिजनों के पास है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) में मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक, कंपनी के 50% शेयर निर्मला पाठक (माता) और 50% शेयर यश पाठक (पुत्र) के पास है। इस कंपनी के प्रेफरेंशियल शेयर यूरो प्रतीक इस्पात लिमिटेड के पास है।
EOW के मुताबिक, “सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार विक्रय की राशि सेबी (निवेशकों के हित के लिये) के खाते में जमा न करने और आंतरिक रूप से उपयोग करने के कारण साथ ही आशुतोष दिक्षित की शिकायत पर दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित करने हेतु सहारा इंडिया रियल स्टेट कार्पोरेशन, सहारा हाउसिंग कार्पोरेशन इन्वेस्टमेंट समूह के अधिकारी / कर्मचारीगण, सहारा ग्रुप के विक्रय के लिए अधिकृत की गई विभिन्न विक्रेता कंपनियां एवं संबंधित राजस्व अधिकारीगण एवं अन्य के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रारंभिक जांच पंजीबद्ध की गई है।”
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63 लाख की डकैती का मास्टर माइंड लगा पुलिस के हाथ, हरियाणा में छिपा बैठा था
सागर। मोतीनगर थाना क्षेत्र में एक माह पहले हुई 63.50 लाख रुपए की डकैती करने वाले मास्टर माइंड को पुलिस ने दबोच लिया है। आरोपी घटना के बाद से ही फरार था, उसने इसी दौरान लूट के रुपयों से नरसिंहपुर से एक कार खरीदी और जगह बदल-बदलकर छिपता रहा। पुलिस के अनुसार आरोपी पिछले 20 दिन से अपने मामा के साथ हरियाणा में फरारी काट रहा था। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस की और टीम भेजकर उसे व उसके मामा को पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से पूछताछ के लिए 3 दिन की रिमांड पर लिया है। आरोपियों से लूट के रुपयों से खरीदी कार भी पुलिस ने जब्त की है।
पुलिस के अनुसार 21 दिसंबर की सुबह करीब 6 बजे सिंधी कैंप में रहने वाले सुनील लहरवाली की आंख में मिर्ची पाउडर मारकर 63.50 लाख रुपए की लूट हुई थी। वह घर से रुपए लेकर मोपेड से निकले थे, इसी दौरान राहतगढ़ बस स्टैंड स्थित ओवर ब्रिज पर बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने सुनील की शिकायत पर डकैती का मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना में लिया। पुलिस वारदात में शामिल 10 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। इसके बाद वारदात के बाद से ही फरार चल रहे मुख्य आरोपी रहली क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी 22 वर्षीय अमन उर्फ पूर्वेंद्र पुत्र कन्हैया लाल पटेल व उसके मामा कनेरादेव के रहने वाले 22 वर्षीय पवन पुत्र इमरत पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक आरोपी पप्पू पटेल अब भी फरार है।
मोतीनगर थाना प्रभारी जसवंत सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपी अमन उर्फ पूर्वेंद्र पटेल डकैती का मुख्य आरोपी है। पुलिस पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से 63.50 में से 47.50 लाख रुपए बरामद कर चुकी है, बाकी रकम अमन के पास थी। डकैती के रुपयों को ठिकाने लगाने में अमन के मामा कनेरादेव निवासी पवन पटेल व पप्पू पटेल ने भी मदद की, इसलिए एफआइआर में उनके नाम भी जोड़े गए हैं। वहीं आरोपी के घर की महिलाओं पर भी मदद करने की आशंका है, जिसको लेकर पूछताछ चल रही है।

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जबलपुर। विजय नगर पुलिस जब उखरी चौक स्थित स्पा सेंटर की जांच करने पहुंची तो पता चला कि अट्रैक्शन थाई स्पा सेंटर अवैध रूप से चल रहा था। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि स्पा सेंटर संचालक ने बिना लाइसेंस के तहत इसे कई माह से चला रहा था।
पुलिस ने विजय नगर स्थित स्पा सेंटर में छापा मारते हुए उसे सील कर दिया। दरअसल एसपी संपत उपाध्याय ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिए है, कि शहर में संचालित स्पा सेंटर की नियमित जांच की जाए, जहां-जहां भी सेंटर संचालित हो रहे है, वहां जाकर चेकिंग की जाए।
विजय नगर पुलिस जब उखरी चौक स्थित स्पा सेंटर की जांच करने पहुंची तो पता चला कि अट्रैक्शन थाई स्पा सेंटर अवैध रूप से चल रहा था। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि स्पा सेंटर संचालक ने बिना लाइसेंस के तहत इसे कई माह से चला रहा था। पुलिस ने स्पा सेंटर को सील करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच के दौरान मौके पर कुछ लड़कियां भी मौजूद रही। विजय नगर थाना पुलिस ने महिला थाना पुलिस के साथ मिलकर स्पा सेंटर में छापा मार कार्रवाई की।
इस दौरान पांच लड़कियों सहित तीन अन्य युवक को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद से ही एसपी के निर्देश पर पुलिस लगातार स्पा सेंटर की जांच में जुटी हुई है। मंगलवार की दोपहर को जब स्पा सेंटर की जांच की जा रही थी, उसी दौरान अट्रैक्शन स्पा सेंटर अवैध रूप से संचालित होना पाया गया। दोपहर को जब अट्रैक्शन स्पा सेंटर जाकर दस्तावेज चेक किए तो संचालक के पास कुछ नहीं मिला। पुलिस ने स्पा सेंटर को सील करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। स्पा सेंटर संचालक आर्यन पटेल और मैनेजर आदर्श सिंह मौके पर मिले थे, इनके पास नगर निगम का ना ही गुमास्ता है।
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धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी को लेकर मोहन सरकार का बड़ा फैसला, उमा भारती ने की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा है कि धार्मिक शहरों में शराबबंदी की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। वहीं, उमा भारती लंबे समय से शराब और नशे के खिलाफ आवाज़ उठाती आई हैं। इस मुद्दे को लेकर पूर्व में वो अपनी ही सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भी बयान दे चुकी हैं। अब मौजूदा सरकार के इस फैसले पर उन्होंने प्रसन्नता ज़ाहिर की है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि हम धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी की ओर बढ़ रहे हैं। इस घोषणा की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सराहना की है। उन्होंने इसे ‘अभूतपूर्व निर्णय’ बताते हुए मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
बता दें कि उमा भारती लंबे समय से शराबबंदी का समर्थन करती आई हैं। पूर्व में इस मुद्दे पर कई बार वो अपनी ही सरकार पर निशाना साध चुकी हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान उमा भारती ने एक शराब की दुकान को गोशाला बना दिया था। इसी के साथ वो खुलकर शराब बिक्री का विरोध करते हुए कई बार शराबबंदी को लेकर ट्वीट भी करती रही हैं।
सीएम डॉ. मोहन यादव एक दिन पहले उज्जैन पहुंचे थे। वहां उन्होंने वीर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और इसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि आगामी 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति के तहत उज्जैन, ओंकारेश्वर, दतिया, अमरकंटक, चित्रकूट, सांची, खजुराहो, महेश्वर, ओरछा, मैहर सहित अन्य धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू की जा सकती है।
इसके बाद बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने मुख्यमंत्री के इस फैसले की प्रशंसा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के द्वारा “धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी” अभूतपूर्व निर्णय है, इसके लिए मोहन यादव जी का अभिनंदन। दो साल पहले हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई शराब पर प्रतिबंध नीति बहुत ही जनहितकारी एवं व्यवहारिक थी। हम पूर्ण शराबबंदी की ओर ही बढ़ रहे थे। यह पूर्ण शराबबंदी की दिशा में एक और कदम है।’ उमा भारती हमेशा से शराबबंदी का समर्थन करती आई हैं। इसे लेकर वे अपनी ही पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी कई बार निशाना साध चुकी हैं। ऐसे में सीएम डॉ मोहन यादव द्वारा धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी के फैसले की तारीफ करते हुए उन्होंने इसे एक सराहनीय कदम बताया है।
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टीटीई घर पर फरमा रहे थे आराम, कागज में बता दी ड्यूटी, निलंबित कर दिया
रतलाम। रेल मंडल में एक टीटीई के अपने गृह राज्य में जाने के दौरान भी कागज में फर्जी ड्यूटी पर रहने का मामला सामने आया है। रेलवे कर्मचारी अपने घर दूसरे राज्य में था, बावजूद इसके ड्यूटी रतलाम में रोस्टर में दर्शा दी। टीटीई देहरादून उत्तराखंड अपने घर गया। लेकिन इसकी ट्रेन में बकायदा ड्यूटी लगा दी गई।
विजिलेंस की जांच के दौरान ट्रेन में जांच की गई तो मामला उजागर हुआ। बल्कि उसी ट्रेन में ड्यूटी कर रहे दो अन्य टीटीई को विजिलेंस ने नगदी के साथ ट्रैप किया। इनके पास से अतिरिक्त राशि मिली। उत्तराखंड घर गए टीटीई को निलंबित कर दिया गया। जबकि दो अन्य की जांच चल रही है।
मामला 16 जनवरी का कानपुर-बांद्रा एक्सप्रेस का है। रतलाम से सुबह 9.30 बजे रवाना होने वाली ट्रेन में उस दिन तीन टीटीई अरविंद्र रावत, रंजीत भाने व नुरुद्दीन सि्िद्धकी की रतलाम से मुंबई तक की ड्यूटी लगाई गई। इसमें से रावत अपने घर देहरादून उत्तराखंड गए थे, बावजूद रोस्टर में इस ट्रेन की ड्यूटी में इसका नाम दर्ज था।
ट्रेन में वापी से मुंबई के बीच विजिलेंस टीम द्वारा जांच की गई। तब टीटीई रंजीत की जेब से 5400 रुपए तथा सिद्धिकी के पास 3200 रुपए मिले। इनका प्रकरण बनाकर इसकी सूचना रतलाम में विभाग के अधिकारियों को दी गई। नियम अनुसार दो हजार से अधिक रुपए होने पर इसकी सूचना देकर ही टीटीई ट्रेन में ड्यूटी कर सकता है। जांच के दौरान ड्यूटी में शामिल अन्य टीटीई रावत नहीं मिले। जानकारी लेने पर संज्ञान में आया कि रावत अपने गृह गांव गए है। विभाग द्वारा इसे निलंबित कर दिया गया।

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़ी खबर सामने आई है. जहां कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान काम नहीं होने पर गाड़ी में आग लगा दी. घटना के बाद कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया है. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है.
जानकारी के मुताबिक, जमीनी विवाद के मामले को लेकर किसान कलेक्ट्रेट में पहुंचा था. जहां उसकी जनसुनवाई नहीं हुई. गुस्से में आकर किसान ने पहले खुद को आग लगानी चाही, इसके बाद फिर उसने किसी पार्टी के महामंत्री की गाड़ी में आग लगा दी.
पुलिस ने तुरंत ही युवक को हिरासत में ले लिया है. घटनास्थल पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पा लिया है. युवक को थाने ले जाकर पूछताछ की जा रही है.
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कुत्ते ने भैंस को काटा, लोगों ने पिया दूध, रैबीज के डर से इंजेक्शन लगाने अस्पताल में आया पूरा गांव
ग्वालियर। डबरा क्षेत्र के एक गांव में कुत्ते ने भैंस को काट लिया. इसके बाद कई लोगों ने उस भैंस के दूध का सेव कर लिया. भैंस को कुत्ते के काटने की जानकारी लगते ही हड़कंप मच गया. उस भैंस का दूध पीने वाले 15 लोग रेबीज के खतरे के चलते इंजेक्शन लगवाने मुरार जिला अस्पताल पहुंच गए.
एक साथ इतने सारे मरीजों को देखकर नर्सिंग स्टाफ हैरत में पड़ गया. स्टाफ ने लोगों से पूछा कि उनको कुत्ते ने कहां काटा है, तो वह बोले हमें नहीं काटा भैंस को काटा है, हमने तो सिर्फ दूध पिया है, इसलिए इंजेक्शन लगवाने यहां आए हैं. नर्सिंग स्टाफ ने लोगों को समझाया कि दूध पीने से कोई खतरा नहीं होता, लेकिन लोग नहीं माने और एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के बाद ही अस्पताल से गए.
जिले में कुत्ते के काटने के मामले बढ़ गए हैं. रोजाना 70 से 80 लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने जेएएच से लेकर जिला अस्पताल तक पहुंच रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को सतर्क रहने की अपील कर रहा है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. सचिन श्रीवास्तव का कहना है कि अस्पतालों में रैबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.
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काटजू अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टर सहित पांच पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के काटजू अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर पर केस दर्ज किया गया है। हॉस्पिटल के अधीक्षक समेत पांच लोगों पर FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने सात महीने बाद इन सभी पर गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया है। आइए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है।
दरअसल, काटजू अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि मई 2024 में रीना गौर (38) नसबंदी कराने के लिए सिवनी मालवा से भोपाल आई थी। डॉक्टर उसे सर्जरी के लिए ओटी में ले गए। जैसे सर्जरी शुरू हुई रीना गौर की स्थिति बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
मृतक के पति अविनाश गौर ने टीटी नगर थाने में सूचना दी थी। पति का आरोप है कि उसे एनेस्थिसिया ओवर डोज दिया गया। इसके बाद मृतिका के शव को पीएम के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया है। टीटीनगर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
वहीं कोर्ट के आदेश पर टीटी नगर पुलिस ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुनंदा जैन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर केलु ग्रेवाल और अस्पताल के अधीक्षक प्रवीण सिंह समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी पर गैर इरादतन हत्या के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल टीटीनगर पुलिस इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई