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अमृतसर। पंजाब में अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। वहीं 6 अन्य लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों का इलाज अमृतसर के सरकारी अस्पताल में चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत इतनी खराब है कि, वे बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं। इस घटना से भंगाली कलां, मरडी कलां और जयंतीपुर गांवों में मातम पसर गया है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं प्रशासन यह पता लगाने में जुटा है कि, यह जहरीली शराब कहां से और कैसे आई। पीड़ित परिवारों के अनुसार, इलाके में लंबे समय से नकली शराब का धंधा चल रहा था लेकिन प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
मंगलवार सुबह अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी पीड़ितों से मिलने गांव पहुंचीं। उन्होंने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देने के साथ ही कहा कि, जिन लोगों में जहरीली शराब के हल्के लक्षण भी दिख रहे हैं, उन्हें अस्पताल भेजा जाएगा।
पुलिस ने जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे नकली शराब रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उसके साथ-साथ कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू, साहिब सिंह उर्फ सराय, गुरजंट सिंह और निंदर कौर को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसएसपी मनिंदर सिंह ने बताया कि, आरोपियों पर धारा 105 BNS और 61A एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और पूरे नेटवर्क की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि, यह नेटवर्क कहां-कहां फैला है और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं, इसकी गहराई से छानबीन की जा रही है।
3 साल में जहरीली शराब का चौथा बड़ा मामला
पंजाब में जहरीली शराब से मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले तीन सालों में यह चौथी बड़ी घटना है।
2020: अमृतसर, तरनतारन और बटाला में जहरीली शराब से 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
2023: पठानकोट में नकली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हुई थी।
अन्य जिले: नवांशहर और होशियारपुर जैसे जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
घटना से इलाके में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ। एक पीड़ित महिला ने बताया कि उसका बेटा शराब पीने के बाद उल्टियां करने लगा और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने लंबे समय से नकली शराब के कारोबार की शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
पंजाब सरकार ने इस मामले में सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। पुलिस और आबकारी विभाग की टीमों ने इलाके में छापेमारी तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाएगा और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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भारत का कड़ा रुख : बोला- सिर्फ PoK पर ही होगी बात, तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय स्तर पर ही सुलझाया जाएगा, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी। मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर (PoK) को खाली करना ही होगा। उन्होंने दोहराया कि भारत की यह नीति पुरानी और स्थायी है, इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने 7 से 13 मई तक लगातार सात प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं, जिसमें भारत के सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, उपलब्धियों और पाकिस्तान के आरोपों पर जवाब दिए गए।
7 मई: पहली ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की जानकारी दी गई।
8 मई: रणनीति और प्रोसेस पर विस्तार से चर्चा हुई।
9 मई: पाकिस्तान के झूठे आरोपों को खारिज कर ऑपरेशन की सफलता बताई गई।
10 मई: सीजफायर उल्लंघन और जवाबी हमले पर फ्री हैंड मिलने की पुष्टि हुई।
13 मई: रणधीर जायसवाल ने PoK और आतंकवाद पर भारत की स्थिति को साफ किया।
हर जंग हारने के बाद पाकिस्तान ढोल बजाता है : विदेश मंत्रालय
प्रवक्ता जायसवाल ने प्रेस को बताया, “हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान ने आम लोगों पर हमला किया।” उन्होंने यह भी कहा कि 9 मई की रात पाकिस्तान का हमला नाकाम कर दिया गया था, भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में कई महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेस तबाह कर दिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास अब DGMO लेवल की बातचीत के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा और उसने खुद बातचीत की पहल की। “हर बार की तरह, पाकिस्तान फिर अपनी हार को छिपाने के लिए शोर मचा रहा है।”
भारत ने साफ कर दिया है कि कश्मीर का मसला द्विपक्षीय है, इसमें किसी तीसरे देश या संगठन की कोई भूमिका नहीं हो सकती। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि TRF (The Resistance Front) को संयुक्त राष्ट्र में आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया चल रही है। “TRF लश्कर-ए-तैयबा का ही फ्रंट है, जिसने हमलों की जिम्मेदारी ली थी,” प्रवक्ता ने कहा।
भारत और पाकिस्तान के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) के बीच बातचीत हो चुकी है। भारत ने दो टूक कहा है कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो भारत भी हमला करेगा। लेकिन अगर वो शांत रहता है, तो भारत भी शांति बनाए रखेगा।
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पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकियों के पोस्टर काश्मीर में लगाए गए, 20 लाख रुपए का इनाम घोषित
श्रीनगर. आतंकवाद मुक्त कश्मीर संदेश वाले पोस्टर जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में कई स्थानों पर दिखाई दिए हैं. पोस्टरों में आतंकवादियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है. एजेंसियों ने आश्वासन दिया है कि मुखबिरों की पहचान पूर्णत: गोपनीय रखी जाएगी.
सुरक्षा एजेंसियों ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के पोस्टर लगाए हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल थे. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी. आतंकवाद मुक्त कश्मीर संदेश वाले ये पोस्टर जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में कई स्थानों पर लगाए गए हैं. पोस्टरों में आतंकवादियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है.
एजेंसियों ने आश्वासन दिया है कि मुखबिरों की पहचान पूर्णत: गोपनीय रखी जाएगी. पहलगाम शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर बैसरन घास के मैदान में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 25 पर्यटकों व एक नेपाली सहित कम से कम 26 लोग मारे गए. यह भयावह घटना 2019 में पुलवामा नरसंहार के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक हमला है.
तीनों आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के हैं. आदिल हुसैन थोकर अनंतनाग का निवासी है, और दो पाकिस्तानी नागरिक अली भाई उर्फ तल्हा भाई व हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्र ंट (टीआरएफ) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है. भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया.
पाकिस्तान ने जवाब में भारत के सैन्य ठिकानों व अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पास स्थित नागरिक इलाकों पर हमला किया. हालांकि भारत ने इस्लामाबाद की अकारण आक्रामकता पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और उसके 11 प्रमुख हवाई ठिकानों पर हमला किया, जिससे उसकी आक्रामकता कमजोर हो गई. नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई दिनों की शत्रुता के बाद भारत और पाकिस्तान 10 मई को युद्धविराम समझौते पर पहुंचे. भारत ने कहा कि उसने केवल सैन्य कार्रवाई रोकी है, लेकिन वह इस्लामाबाद के साथ कोई कूटनीतिक स्तर की वार्ता नहीं करेगा.

 

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सटे खरोरा इलाके में रविवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हो गया। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब एक मिनी ट्रक (माजदा) और ट्रेलर के बीच टक्कर हो गई। सभी मृतक एक पारिवारिक छठ्ठी कार्यक्रम से लौट रहे थे। यह हादसा रायपुर-बलौदाबाजार मार्ग के सारागांव के पास हुआ।
ग्राम चटौद के लोग माजदा वाहन (CG 04 MQ 1259) में सवार होकर ग्राम बाना बनारसी से छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे थे। तभी रायपुर की ओर से आ रहे एक ट्रेलर ने वाहन को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रक सड़क पर पलट गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेलर में लोहा लदा हुआ था जो दोनों ओर से तीन-तीन फीट बाहर निकला हुआ था। माजदा वाहन का डाला उसी लोहे से टकरा गया, जिससे भारी नुकसान हुआ। इसके बाद माजदा डंपर से जा टकराई। हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया।
इस हादसे में जिन 13 लोगों की मौत हुई, उनमें 9 महिलाएं, 3 बच्चे और एक किशोरी शामिल है। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
एकलव्य साहू (6) – ग्राम मोहंदी
कुमारी भूमि साहू (4) – ग्राम आनंदगांव
उमंग साहू (5 माह) – ग्राम आनंदगांव
गीता साहू (54) – ग्राम मोहंदी
प्रभा साहू (34) – ग्राम मोहंदी
नंदनी साहू (53) – ग्राम मोहंदी
टिकेश्वरी साहू (45) – ग्राम चटौद
कृति साहू (50) – ग्राम चटौद
टिकेश्वरी साहू (35) – ग्राम मनहोरा
कुंती साहू (55) – ग्राम चटौद
महिमा साहू (18) – गोंडवारा, खमतराई
वर्षा साहू (28) – बेरला
राजबती साहू (60) – नागपुरा मंदिर, हसौद
हादसे के बाद शव सड़क पर बिखर गए। कई शवों की हालत इतनी खराब थी कि पहचानना मुश्किल हो गया।
हादसे में घायल हुए 50 से अधिक लोगों को रायपुर के डॉ. बी.आर. अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) और खरसोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। घायलों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। अस्पतालों में प्रशासन की टीम मौजूद है और घायलों के इलाज की निगरानी कर रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, धरसींवा विधायक अनुज शर्मा, और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब मौके पर पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। कलेक्टर ने हादसे को दुखद बताया और कहा कि प्रशासन हरसंभव मदद के लिए तत्पर है। विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि सरकार घायलों के साथ खड़ी है और इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि माजदा वाहन की पहले ट्रेलर से और फिर डंपर से टक्कर हुई। ट्रेलर में लगे लोहे के स्ट्रक्चर ने हादसे को और भी घातक बना दिया। फिलहाल तीनों वाहनों के चालकों को हिरासत में लिया गया है और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। हादसे की जांच जारी है।
यह हादसा राज्य में सड़क सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करता है। वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ में 14,853 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 6,752 लोगों की मौत और 12,573 लोग घायल हुए। राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा 2,069 हादसे हुए और 595 लोगों की मौत हुई।
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, कहा- घर में सीसीटीवी लगाने के लिए सभी सदस्यों की सहमति अनिवार्य
नई दिल्ली. घर के बाहर या अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर अक्सर होने वाले विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं. देश की सर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि परिवार के सभी सदस्यों की सहमति के बिना घर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जा सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले से सहमति जताई है कि बिना अनुमति के सीसीटीवी कैमरे लगाना निजता के अधिकार का उल्लंघन है. यह फैसला दो भाइयों के बीच चल रहे एक विवाद को निपटाते हुए सुनाया गया, जिसमें कैमरे लगाने को लेकर तकरार थी.
इस फैसले के बाद अब किसी भी घर में सीसीटीवी कैमरे लगाने से पहले वहां रहने वाले सभी लोगों की सहमति लेना अनिवार्य होगा. यह निर्णय निजता के अधिकार के महत्व को रेखांकित करता है और इसे एक व्यक्तिगत स्वतंत्रता के रूप में स्थापित करता है, जिस पर किसी की मनमानी नहीं चल सकती.
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बेकाबू रेत माफिया : कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचलकर कर दी हत्या, छत्तीसगढ़ के में वारदात से हड़कम्प
अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जि़ले में अवैध रेत उत्खनन रोकने के प्रयास में ड्यूटी पर तैनात आरक्षक शिवबचन सिंह की जान चली गई. यह घटना रविवार की रात सनावल थाना क्षेत्र के ग्राम लिबरा में घटित हुई, जहां अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश में आरक्षक को ट्रैक्टर से टक्कर मार दिया गया. गंभीर रूप से घायल आरक्षक को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
रविवार रात लगभग 11 बजे वन विभाग को सनावल क्षेत्र के ग्राम कुशफर के समीप वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण की सूचना मिली थी. इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम के साथ सनावल थाना के चार आरक्षक मौके पर रवाना हुए. मौके पर पहुंचकर विभागीय अधिकारियों ने अतिक्रमण के विरुद्ध पंचनामा तैयार कर कार्रवाई की.
आरक्षक शिवबचन सिंह (43) ने एक ट्रैक्टर को रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने रुकने के बजाय तेजी से ट्रैक्टर बढ़ाते हुए उन्हें जोरदार टक्कर मार दी और फरार हो गया. ट्रैक्टर की चपेट में आने से आरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए.
घटना की सूचना मिलते ही सनावल थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से घायल आरक्षक को तत्काल रामानुजगंज के 100 बिस्तर अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की गई. लेकिन रास्ते में ही आरक्षक शिवबचन सिंह ने दम तोड़ दिया.
थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग की टीम के साथ रात में अवैध अतिक्रमण और रेत खनन पर कार्रवाई की जा रही थी. इसी दौरान यह दुखद घटना घटित हुई पुलिस प्रशासन द्वारा ट्रैक्टर चालक की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है.
पिछले कुछ दिनों से झारखंड के रेत तस्कर बलरामपुर जिले के सनावल थाना क्षेत्र में कन्हर नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर झारखंड ले जा रहे थे. गांववालों द्वारा इसका लगातार विरोध किया जा रहा था. शनिवार को ग्रामीण अवैध रेत खनन स्थल पर पहुंच गए थे. विरोध को देखते हुए रेत से भरे तीन ट्रैक्टर को पुलिस ने जब्त भी किया था.

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नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम लागू होने के 25 घंटे बाद भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। इस प्रेस वार्ता में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती मौजूद थे। तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला कर 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें कंधार हाईजैक और पुलवामा हमले के तीन मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल थे।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पहलगाम में जिस क्रूरता से 26 निर्दोष लोगों की जान ली गई, वह भारत के लिए एक निर्णायक क्षण था। इसके बाद हमारी सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों की पहचान कर उन्हें निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 ठिकानों पर कार्रवाई की गई और इनमें 100 आतंकवादी ढेर किए गए।
उन्होंने आगे कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से आतंकवाद के खिलाफ थी और पाकिस्तानी सेना के इन्फ्रास्ट्रक्चर या नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।
ले. जनरल घई ने कहा, “हमने पहले सभी टारगेट की पहचान की और उनकी जानकारी इंटेलिजेंस एजेंसियों से सत्यापित करवाई। इसके बाद ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई में कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक से जुड़े तीन बड़े आतंकी चेहरों को भी खत्म किया गया।”
उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन न सिर्फ आतंकियों के खिलाफ था, बल्कि इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी खत्म किया गया।
एयर ऑपरेशंस के डायरेक्टर जनरल एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा, “हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था। पहलगाम हमले के बाद हमनें सटीक और प्रभावशाली टारगेटिंग की। 9 में से 6 टारगेट एयरफोर्स को दिए गए थे, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके स्थित आतंकी ट्रेनिंग कैंप शामिल थे।”
उन्होंने बताया कि इन दोनों कैंपों में ही लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियां चल रही थीं। मुरीदके वही स्थान है जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।
एयरमार्शल भारती ने बताया कि 7 मई की शाम को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सैन्य ठिकानों को टारगेट करने की कोशिश की, लेकिन हमारी वायुसेना ने उन्हें हवा में ही मार गिराया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया लहरों की तरह आई, जिसमें UAV और ड्रोन शामिल थे। इनमें से 3 ही भारतीय जमीन पर लैंड कर पाए लेकिन बड़ा नुकसान नहीं हुआ,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि 8-9 मई की रात को श्रीनगर से लेकर नलिया तक ड्रोन और एयरक्राफ्ट हमले किए गए, परंतु कोई नुकसान नहीं हुआ। भारतीय सेना पूरी तरह तैयार थी और जवाबी कार्रवाई में लाहौर और गुंजरावाला स्थित सर्विलेंस रडार ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ले. जनरल राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 35-40 सैनिक और अधिकारी मारे गए। हालांकि भारत के भी 5 सैनिकों को इस संघर्ष में शहादत देनी पड़ी। उन्होंने कहा, “हमने उनकी हर कोशिश को नाकाम किया, चाहे वह ड्रोन से हमला हो या एयरफील्ड को टारगेट करने की योजना। हमारी वायुसेना और सेना की एयर डिफेंस ने उन्हें सफल नहीं होने दिया।”
एयर मार्शल भारती ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकी ठिकानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को ही टारगेट किया। उन्होंने कहा, “हमारी कोई भी कार्रवाई पाकिस्तानी सेना या किसी अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ नहीं थी। यह पूरी तरह आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन था।”
एयर मार्शल भारती ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने उन्हें कॉल कर युद्धविराम की बात की। बातचीत 3.30 बजे हुई और तय हुआ कि शाम 7 बजे के बाद कोई हमला नहीं होगा। हालांकि कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने संघर्षविराम तोड़ते हुए ड्रोन अटैक और गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें संदेश भेजा कि हम पर किए गए हमलों का जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा यदि दुबारा ऐसा हुआ। इसके बाद हमारे आर्मी चीफ ने हमें जवाबी कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी।”
एयर मार्शल भारती ने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के बाद से अरब सागर में नौसैनिक ड्रिल की और हथियारों की जाँच की। नौसेना ने पाकिस्तान की नौसेना की हर हरकत पर निगरानी रखी। उन्होंने कहा, “हम उनकी हर मूवमेंट से वाकिफ थे। हमारी तैयारी पूरी थी और जवाब देने की क्षमता भी।”
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में स्पष्ट रूप से कहा, “हमने कोई उत्तेजक कार्रवाई नहीं की। लेकिन अगर हमारी संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया गया तो हम निर्णायक और तीव्र प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का लक्ष्य न केवल आतंकवाद का सफाया करना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि भविष्य में भारत पर हमला करने की सोचने से पहले दुश्मन को दस बार सोचना पड़े।

 

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नई दिल्ली। लगातार तनाव और सैन्य झड़पों के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक युद्धविराम की घोषणा हो गई है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी कि शनिवार दोपहर 3:35 बजे दोनों देशों के DGMO (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच हुई बातचीत में यह सहमति बनी कि आज शाम 5 बजे से तीनों मोर्चों- जमीन, हवा और समुद्र पर सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोका जाएगा।
दोनों देशों के प्रतिनिधि 12 मई को आगे की रणनीति और सुरक्षा तंत्र को लेकर फिर से बात करेंगे। इस घटनाक्रम को कूटनीतिक और सैन्य दोनों ही स्तरों पर एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है।
इससे पहले शनिवार सुबह पाकिस्तान ने हाईस्पीड मिसाइलों से जम्मू-कश्मीर के उधमपुर, पंजाब के पठानकोट और आदमपुर और गुजरात के भुज एयरबेस पर हमले किए थे। इन हमलों में भारत को कुछ नुकसान पहुंचा है, लेकिन भारतीय वायुसेना और रक्षा प्रणालियों ने कई गंभीर हमलों को टाल दिया।
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि “पाकिस्तान ने अस्पताल और स्कूल जैसे नागरिक स्थलों को भी निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी मीडिया द्वारा ब्रह्मोस फैसिलिटी के तबाह होने का दावा झूठा है। हमारी S-400 डिफेंस सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित और क्रियाशील है।” दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संयुक्त रूप से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने युद्धविराम के फैसले को संवेदनशील लेकिन सकारात्मक कदम बताया।
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अब हर आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई मानेगा भारत, सरकार ने पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान की तरफ से लगातार ड्रोन और मिसाइल हमले किए जा रहे हैं, लेकिन भारतीय सेना पूरी मजबूती से जवाब दे रही है। इसी बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है – अब अगर पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी हमला होता है तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसी स्तर का जवाब दिया जाएगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब कोई भी आतंकी हमला सिर्फ ‘आतंकवाद’ नहीं माना जाएगा, बल्कि भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला समझा जाएगा। नई नीति के तहत भारत कूटनीति और सैन्य ताकत दोनों का इस्तेमाल करके देश की सुरक्षा करेगा। यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को है कि भारत अब ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ी एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके के 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। जैश, लश्कर और हिजबुल के कई आतंकी कैंप तबाह कर दिए गए। भारत ने साफ किया कि हमला सिर्फ आतंकी ठिकानों पर किया गया, आम नागरिकों या पाक सेना के बेस को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
इसके बाद भी पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के सैन्य और रिहायशी इलाकों पर 550 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें दागीं। लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने ज़्यादातर हमलों को हवा में ही रोक दिया। इस मजबूती से पाकिस्तान की मंशा पर पानी फिर गया।
भारतीय कार्रवाई से घबराकर अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बयान दिया है कि उनका देश शांति चाहता है। उन्होंने कहा, “अगर भारत हमले रोक दे, तो हम भी तनाव कम करेंगे। हम युद्ध नहीं चाहते, हमें शांति चाहिए।”

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छह दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान ने जताई सीजफायर पर सहमति
नई दिल्ली। लगातार छह दिनों तक चले सैन्य संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दवाब के बाद भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर पर सहमति जता दी है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी और कई जानें जा चुकी थीं। इस सहमति के बाद अब दोनों देशों की सीमाओं पर शांति की उम्मीदें जगी हैं। लेकिन सवाल यह है कि सीजफायर या संघर्ष विराम होता क्या है? और यह युद्ध के बीच में शांति लाने में कैसे मदद करता है?
सीजफायर या युद्धविराम एक ऐसा समझौता होता है जो दो या अधिक संघर्षरत पक्षों के बीच अस्थायी रूप से सभी सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य संघर्ष को विराम देना और आगे बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना होता है। यह एकतरफा भी घोषित किया जा सकता है या फिर दोनों पक्षों के बीच सहमति से भी लागू किया जा सकता है।
युद्धविराम शब्द का उपयोग अपेक्षाकृत कम होता है लेकिन इसका अर्थ थोड़ा अलग होता है। युद्धविराम का मतलब होता है पूरे युद्ध क्षेत्र में शत्रुता को समाप्त करना। वहीं, सीजफायर अक्सर सीमित क्षेत्र और अवधि के लिए होता है। हालांकि, अगर यह लंबे समय तक कायम रहता है तो यह स्थायी शांति की ओर भी बढ़ सकता है
सीजफायर की घोषणा केवल सैन्य कार्रवाई रोकने तक सीमित नहीं रहती, यह दोनों पक्षों को संवाद की मेज पर लाने का अवसर भी प्रदान करती है। जब दो देशों के बीच हालात अत्यधिक तनावपूर्ण हो जाते हैं, तो सीजफायर से वार्ता का माहौल तैयार किया जाता है, जिससे दीर्घकालिक समाधान की संभावना बढ़ती है।
कई बार सीजफायर का उद्देश्य घायल या बीमार सैनिकों और नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से निकालना होता है। इसके तहत राहत सामग्री की आपूर्ति, शवों का आदान-प्रदान, और मानवीय सहायता को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे सीजफायर सीमित अवधि के लिए होते हैं लेकिन इनका मानवता की दृष्टि से खास महत्व होता है।
कई बार दो देश सीधे संवाद नहीं कर पाते हैं, ऐसे में कोई तीसरा देश या अंतरराष्ट्रीय संस्था जैसे संयुक्त राष्ट्र या मित्र राष्ट्र मध्यस्थता कर सीजफायर लागू करवाता है। हालांकि सीजफायर कोई स्थायी समाधान नहीं होता, लेकिन यह युद्ध और विनाश के दौर में शांति की पहली किरण जरूर होता है। अगर दोनों पक्ष संकल्प के साथ इसे बनाए रखें तो यह दीर्घकालिक शांति समझौते का आधार बन सकता है। भारत-पाकिस्तान के हालिया संघर्ष के बाद यह युद्धविराम इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

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भारतीय सेना की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी अड्डों को मिट्टी में मिलाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है
ऑपरेशन सिंदूर में 9 आतंकी अड्डों के तबाह होने और 90 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश को संबोधित किया
पाकिस्तान से तनाव के बीच रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है. इसके साथ ही चांदीपुर मिसाइल रेंज की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है. यहां चार स्तरों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है. सबसे पहले, ओडिशा पुलिस तैनात है, उसके बाद आर्मी, फिर DRDO की अपनी सुरक्षा टीम और आखिर में इंडो-तिब्बती बॉर्डर पुलिस (ITBP) चौथे स्तर की सुरक्षा प्रदान कर रही है.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर नॉर्वे के विदेश मंत्री ने कहा कि मैं दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर चिंतित हूं. उन्होंने कहा, 'नॉर्वे दोनों पक्षों से संयम बरतने, स्थिति को कम करने और कूटनीतिक समाधान खोजने का आह्वान करता है. मैं 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की नॉर्वे की कड़ी निंदा दोहराता हूं.'
पाकिस्तान के छंब और सियालकोट सेक्टर में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं. इन सेक्टर के लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है. पाकिस्तान का छंब सेक्टर जम्मू के अखनूर सेक्टर के सामने पड़ता है और यह लाइन ऑफ कंट्रोल पर है. वहीं पाकिस्तान का सियालकोट सेक्टर भी अखनूर सेक्टर से सटा हुआ है और यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ता है.
पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे पर तुर्की का कार्गो विमान लैंड हुआ है. जम्मू में ड्रोन हमले के बाद इस कार्गो विमान में तुर्की के ड्रोन हो सकते हैं. रात करीब 12 बजे कराची हवाई अड्डे पर तुर्की का कार्गो प्लेन लैंड हुआ.
जम्मू के सांबा सेक्टर में बीएसएफ ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. बीएसएफ के एक्शन में सात आतंकी ढेर हो गए. जानकारी के मुताबिक, 10 से 12 जैश के आतंकी घुसपैठ की कोशिश में थे.
भारत ने तबाह किया पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9, लाहौर और रावलपिंडी में ड्रोन से बड़ा हमला
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन काफी बढ़ गई है। भारत ने पाकिस्तान से अपना बदला ले लिया। एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम यूनिट्स को तबाह कर दिया।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला ले लिया। इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक कर आतंकियों के कई ठिकाने ध्वस्त कर दिए। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच खबर आ रही है कि पाकिस्तानी सेना की एयर डिफेंस यूनिट को भारी नुकसान पहुंचा, जो पूरी तरह तबाह हो गया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों ने गुरुवार की सुबह पाकिस्तान में कई स्थानों पर एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। भारत की प्रतिक्रिया भी पाकिस्तान की ही तरह उसी तीव्रता से हुई है। विश्वसनीय जानकारी के अनुसार, लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया गया है।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पाकिस्तान सेना के हेडक्वार्टर 9 डिफेंस सिस्टम यूनिट्स पर ड्रोन से हमला किा गया है, जिससे डिफेंस सिस्टम यूनिट्स को भारी क्षति पहुंची है। भारतीय सेना द्वारा दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाने के लिए हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
ऐसे कई हमले कराची, लाहौर, गुजरांवाला, रावलपिंडी, चकवाल, बहावलपुर, मियांवाली, मियानो और अटक में भी किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा के पार अपनी गोलीबारी तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान को HQ 9 एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराए थे।
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केंद्र सरकार का OTT को सख्त निर्देश; पाकिस्तानी म्यूजिक, वेब सीरीज और पॉडकास्ट समेत सभी कंटेंट पूरी तरह बैन
नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पहले पाकिस्तान के सेलिब्रिटीज के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में बैन किया गया और अब सरकार ने पाकिस्तान में तैयार किए गए सभी प्रकार के डिजिटल कंटेंट को भी भारत में बैन करने का फैसला लिया है।
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 8 मई को एक कड़ा निर्देश जारी किया, जिसमें सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, मीडिया स्ट्रीमिंग सेवाओं और डिजिटल बिचौलियों से कहा गया है कि वे पाकिस्तान में निर्मित किसी भी प्रकार का कंटेंट भारत में उपलब्ध न कराएं।
एडवाइजरी में साफ तौर पर कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि पाकिस्तान में बनी वेब सीरीज, फिल्में, गाने, पॉडकास्ट और अन्य डिजिटल सामग्री को तत्काल प्रभाव से भारत में दिखाना बंद किया जाए।
इस प्रतिबंध का असर ओटीटी सेवाएं जैसे Netflix, Amazon Prime, Zee5, SonyLIV आदि पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके साथ ही, वीडियो प्लेटफॉर्म्स जैसे YouTube, DailyMotion, ऑडियो स्ट्रीमिंग सेवाएं जैसे Spotify, Gaana, JioSaavn और पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू होगा।
सरकार की एडवाइजरी में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का भी विशेष उल्लेख किया गया है। इस हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 भारतीय मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। जांच एजेंसियों के अनुसार इस हमले की साजिश पाकिस्तान से रची गई थी और इसके तार पाक समर्थित आतंकी संगठनों से जुड़े पाए गए हैं।
इस आतंकी हमले का जवाब भारत ने 7 मई की रात को पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर मिसाइल हमला कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस हमले में 90 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारत की इस सर्जिकल कार्रवाई ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कटघरे में ला खड़ा किया है।
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ऑपरेशन सिंदूर : झूठे पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता… विदेश सचिव ने कहा- आतंकवादियों को PAK झंडे में लपेटा गया
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बीच विदेश मंत्रालय (MEA) ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार शाम 5:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी साझा की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहीं।
कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले को भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम किया और इसके बाद भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान पाकिस्तान के लाहौर में स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को भी नष्ट कर दिया गया।
जब विदेश सचिव विक्रम मिसरी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने भारतीय फाइटर जेट्स को मार गिराया है, तो उन्होंने कहा, इस पर आधिकारिक जानकारी उचित समय पर साझा की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि झूठ बोलने की परंपरा पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के साथ ही शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा, “1947 में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि कश्मीर पर हमला करने वाले कबायली थे, जबकि हमारी सेनाओं ने वहां पाकिस्तान की फौज को खुद देखा था। यह झूठ की यात्रा 75 साल पहले शुरू हुई थी और आज भी जारी है।”
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकियों और उनके ढांचों के खिलाफ थी, सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा, “हम तनाव नहीं बढ़ा रहे हैं, बल्कि 22 अप्रैल के आतंकी हमले का जवाब दे रहे हैं। हमारा जवाब सीमित, सटीक और गैर-आक्रामक था।” मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन आतंकवादियों की तस्वीरें भी साझा कीं जिन्हें पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने सवाल किया, “अगर सिर्फ सिविलियन मारे गए थे तो फिर ये अफसर हाफिज सईद के साथ क्यों दिखाई दे रहे हैं? ये लोग पाकिस्तानी झंडे में क्यों लिपटे?”
विक्रम मिसरी ने साफ कहा कि पाकिस्तान पीओके में डैम को निशाना बनाने का झूठा दावा कर रहा है, ताकि वह भारत पर पलटवार करने का बहाना बना सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाता है, तो भारत उचित जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा।
मिसरी ने यह भी कहा कि भारत ने पहले पठानकोट हमले में पाकिस्तानी जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम को पूरी जांच में सहयोग दिया था। हमले की जगह, डीएनए, आतंकियों के पते और जैश के लीडर्स की जानकारी दी गई थी, लेकिन पाकिस्तान ने उस जांच का इस्तेमाल भी आतंकियों को बचाने और भारत को बदनाम करने के लिए किया। अब भारत को ऐसे संयुक्त जांचों में कोई भरोसा नहीं है।
विदेश सचिव ने पाकिस्तान को ग्लोबल टेररिज्म का एपिसेंटर बताते हुए कहा कि दुनियाभर की एजेंसियां इस बात की पुष्टि कर चुकी हैं कि वहां से आतंकी गतिविधियों को समर्थन मिलता है। उन्होंने ओसामा बिन लादेन को ‘शहीद’ कहने और साजिद मीर जैसे आतंकियों की फर्जी मौत की खबरें फैलाने को भी पाकिस्तान की रणनीति बताया। हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा और पूर्व विदेश मंत्रियों ने खुद भी आतंकियों से संबंध स्वीकारे हैं।
मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। भारत ने इस संबंध में पहले ही संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी थी, और अब फिर से मीटिंग कर आगे की जानकारी साझा की जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि जब UNSC ने बैठक की बात की, पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम लेने का विरोध किया, जो इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान इन संगठनों के पीछे है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, “पाकिस्तान ने LoC के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा पर अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। भारत को पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और आर्टिलरी की गोलीबारी को रोकने के लिए जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारतीय सशस्त्र बल गैर-वृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, बशर्ते कि इसका पाकिस्तानी सेना द्वारा सम्मान किया जाए।”
कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि भारत ने पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि यदि भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया तो उचित जवाब दिया जाएगा। बावजूद इसके 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत के कई शहरों जैसे श्रीनगर, पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, भुज, चंडीगढ़ आदि में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इन सभी हमलों को इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया। मलबा अब कई जगहों से बरामद हो चुका है, जो हमले का साफ सबूत है।