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अहमदाबाद. गुजरात में वडोदरा-आणंद को जोडऩे वाले पुल के टूटने से महिसागर नदी में 5 गाडिय़ां गिर गई. नदी से अभी तक 15 शवों को निकाला जा चुका है. 13 एक दिन पहले बरामद किए गए थे, आज दो और शव निकाले गए है. हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है. अभी भी 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनकी तलाश जारी है.
महिसागर नदी पर बना ब्रिज बीती सुबह टूट गया था. चलते ट्रैफिक के बीच पुल टूट जाने से दो ट्रक, दो कार व एक रिक्शा नदी में गिर गया था. एक टैंकर टूटे सिरे पर फंस गया था. 45 साल पुराना यह ब्रिज दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था. इसके टूटने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी व वलसाड से सौराष्ट्र पहुंचना मुश्किल हो गया है. अब इसके लिए अहमदाबाद होकर जाना होगा. गंभीरा पुल का निर्माण 1981-82 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने किया था. जानकारी के मुताबिक 2015 में भी गंभीरा पुल जर्जर पाया गया था.
उस समय सरकार ने इसका निरीक्षण करवाया था, जिसकी बेयरिंग बदलनी पड़ी थी. यह स्थिति इसलिए बनी थी, क्योंकि पुल के निर्माण में अच्छी सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया था. हादसे के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को रेस्क्यू किया. एक स्थानीय युवक ने बताया हम सुबह से ही बचाव अभियान चला रहे हैं. अब तक 13 शव बरामद हुए हैं, जिनमें से एक बच्चा है. एक बच्चा लापता है. इस दौरान हमें प्रशासन और अधिकारियों से कोई मदद नहीं मिली है. 45 साल पुराने इस पुल की मरम्मत के लिए प्रशासन को कई बार सूचित किया जा चुका है. प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण आज यह हादसा हुआ है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस हादसे के लिए पूरी तरह से प्रशासन ही जिम्मेदार है.
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एनसीआर-दिल्ली में बाढ़ के हालात, पानी में तैरी गाडिय़ां, नागपुर में घरों में घुसा पानी, रुद्रप्रयाग में टूटे पहाड़
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में 12 घंटो से हो रही लगातार बारिश के चलते बाढ़ के हालात निर्मित हो गए है. दिल्ली व गुरुग्राम की सड़कों पर गाडिय़ां पानी में तैरती नजर आईं. कई इलाकों में लोग तक पानी में डूब गए. घरों में पानी भर गया है. वहीं उत्तराखंड में बारिश के चलते कई जगहों में लैंडस्लाइड हुई है. रुद्रप्रयाग में बद्रीनाथ रोड पर पहाड़ टूट गया.
दिल्ली व गुरुग्राम में आज बारिश का अलर्ट है. तेज बारिश के चलते शहर की अधिकतर सड़कों पर पानी भर गया. गुरुग्राम सेक्टर 6 में शीतला माता मंदिर के पास गाडिय़ां पानी में तैरती नजर आईं. लोग तक पानी में डूब गए. दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के नरसिंहपुर के नजदीक सर्विस लेन पर 2 फुट तक पानी जमा हो गया. दिल्ली और गुरुग्राम में आज भी बारिश का अलर्ट है.
मध्य प्रदेश के मंडला, नरसिंहपुर, उमरिया, शिवपुरी, जबलपुर, रीवा, शहडोल व सागर में बाढ़ के हालात हैं. बीते 24 घंटे से प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने आज मध्य प्रदेश के 14 जिलों में बारिश का ऑरेंज और 22 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है
उत्तराखंड में मानसून सीजन में अब तक 22 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई है. राज्यभर के अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुईं. सड़कें बंद को गईं. इसके चलते चारधाम यात्रा लगभग रोक दी गई है. रुद्रप्रयाग से बद्रीनाथ जाने वाले रूट पर लैंडस्लाइड हो गई. सड़क पर गाडिय़ों की आवाजाही बंद है. फिलहाल पहाड़ के मलबे को हटाने का काम जारी है. मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा.
महाराष्ट्र के नागपुर में तेज बारिश के कारण 71 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा गया. बोरगांव में 35 साल का युवक उफनते नाले में बह गया. उप्पलवाड़ी में भी 18 साल के लड़के की मौत हुई. नागपुर जिले के सभी स्कूल 9 जुलाई तक बंद हैं. नागपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार नागपुर में नौ घंटों में 172.2 मिमी बारिश दर्ज की गई.
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बिहार में जारी रहेगा वोटर लिस्ट रिवीजन, सुप्रीम कोर्ट ने रोक से किया इंकार
पटना. सुप्रीम कोर्ट ने आज बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के रिवीजन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड को भी पहचान पत्र मानें. अब अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन पर कोर्ट में करीब 3 घंटे सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट रिवीजन नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है. वोटर की नागरिकता जांची जा रही है. ये कानून के खिलाफ है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन में नागरिकता के मुद्दे में क्यों पड़ रहे हैं. यदि आप वोटर लिस्ट में किसी शख्स का नाम सिर्फ देश की नागरिकता साबित होने के आधार पर शामिल करेंगे तो फिर ये बड़ी कसौटी होगी. यह गृह मंत्रालय का काम है. आप उसमें मत जाइए.
एसआईआर के खिलाफ राजद सांसद मनोज झा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत 11 लोगों ने याचिकाएं दाखिल की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया व जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील गोपाल शंकर नारायण, कपिल सिब्बल व अभिषेक मनु सिंघवी दलील दे रहे हैं. चुनाव आयोग की पैरवी पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, राकेश द्विवेदी और मनिंदर सिंह कर रहे हैं. कोर्ट में जिरह के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा अब जबकि चुनाव कुछ ही महीनों दूर हैं. चुनाव आयोग कह रहा है कि वह पूरी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण 30 दिनों में करेगा.
कोर्ट ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह आगामी चुनाव से कई महीने पहले ही कर ली जानी चाहिए थी. भारत में मतदाता बनने के लिए नागरिकता की जांच करना आवश्यक है, जो संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत आता है. चुनाव आयोग जो कर रहा है वह संविधान के तहत अनिवार्य ह. इस तरह की पिछली प्रक्रिया 2003 में की गई थी.
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि किसी भी वोटर को वोटर लिस्ट से बाहर नहीं किया जाएगा. मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि रिवीजन की प्रक्रिया में आधार कार्ड, वोटर आईडी व राशन कार्ड को भी पहचान पत्र माना जाए. अभी ये दस्तावेज चुनाव आयोग स्वीकार नहीं कर रहा था.
सुनवाई के दौरान जस्टिस धूलिया ने कहा कि समस्या आपकी प्रक्रिया में नहीं है. समस्या आपके टाइमिंग की है. क्योंकि जिन लोगों को सूची से हटाया जा सकता है, उनके पास इसके अपील करने का समय नहीं होगा.
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि सुनवाई का मौका दिए बिना किसी को भी मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा.

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लखनऊ के लूलू मॉल से एक शर्मनाक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। मॉल में कार्यरत एक 25 वर्षीय महिला कर्मचारी ने अपने कैश सुपरवाइजर मो. फरहाज उर्फ फराज पर दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग, धर्मांतरण के लिए दबाव, शारीरिक उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला अब धर्मांतरण गैंग से भी जोड़कर देखा जा रहा है और पुलिस इस पहलू की भी गहराई से जांच कर रही है।
पीड़िता ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि वह सुलतानपुर जिले की रहने वाली है और लखनऊ के लूलू मॉल में नौकरी करती है। कुछ माह पहले कैश मैनेजर फरहाज ने बहाने से उसे अपने घर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया।
पीड़िता के अनुसार, “मैं अचेत हो गई तो उसने मेरे साथ रेप किया और उसका वीडियो बना लिया। बाद में वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मुझसे कैश और गहने भी ले लिए।”
पीड़िता ने आगे बताया कि घटना के कुछ दिन बाद से ही फरहाज उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा। उसने कहा कि अगर मॉल में नौकरी करनी है तो इस्लाम कबूल करना होगा।
जब युवती ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने गाली-गलौज और मारपीट की। इसके बाद भी जब उसने झुकने से इनकार किया, तो सिगरेट से शरीर पर कई जगह दागा और नौकरी से निकालने की धमकी दी।
पीड़िता की शिकायत पर 7 जुलाई को सुशांत गोल्फ सिटी थाना में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने 8 जुलाई को आरोपी फरहाज उर्फ फराज (27) को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी नॉर्थ निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन, धमकी और शारीरिक उत्पीड़न की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के समय आरोपी अपनी मां परवीन बानो और भाई मोहम्मद तरबेज के साथ थाने पहुंचा था।
पुलिस अब इस मामले की धर्मांतरण गैंग से संभावित कड़ी की भी जांच कर रही है। इसके लिए लूलू मॉल के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है कि कहीं उन पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव तो नहीं डाला गया।
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भारत बंद का देश भर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर दिखा बड़ा असर, बिहार-बंगाल में रेल मार्ग किया बाधित
नई दिल्ली. देशभर में बुधवार को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया. यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार की नई श्रम संहिताओं और आर्थिक नीतियों के खिलाफ था, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने श्रमिकों के अधिकारों के विरुद्ध बताया. इस दौरान कई राज्यों में सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों, बीमा सेवाओं, डाकघर, कोयला खदानों और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार और पश्चिम बंगाल में भारत बंद' का सबसे ज्यादा असर रेलवे सेवाओं पर देखने को मिला. बिहार के जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय जनता दल की छात्र इकाई ने पटरियों पर बैठकर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी. वहीं पश्चिम बंगाल में वामपंथी संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने कई रेलवे स्टेशनों पर ट्रैक जाम किए. कोलकाता के जादवपुर स्टेशन पर तो पुलिस की मौजूदगी के बावजूद लोग ट्रैक पर बैठ गए और रेल सेवाओं को ठप कर दिया. यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं या विलंब से चलीं.
भारत बंद के चलते सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित रहीं. कई राज्यों में बस सेवाएं आंशिक या पूरी तरह बंद रहीं. सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक उपक्रमों में कर्मचारियों की उपस्थिति कम देखी गई. बैंकों और बीमा कंपनियों के कार्यालयों के बाहर ताले लटके नजर आए. पोस्ट ऑफिस, कोयला खदान और कई औद्योगिक इकाइयों में कामकाज प्रभावित हुआ. कई जगहों पर कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया. वहीं, केंद्र सरकार ने राज्यों को आवश्यक सेवाओं को चालू रखने के निर्देश दिए थे, लेकिन कई जगह ये निर्देश बेअसर साबित हुए.भारतीय व्यंजनों
ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार की नई श्रम संहिताएं श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करती हैं. उनका कहना है कि इन नीतियों से काम के घंटे बढ़ेंगे, सामाजिक सुरक्षा घटेगी और अनुबंध आधारित नौकरियां बढ़ेंगी. यूनियनों ने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन कर रही है. ट्रेड यूनियनों ने सरकार से तुरंत श्रम कानूनों की समीक्षा करने और जनविरोधी आर्थिक नीतियों को वापस लेने की मांग की है. वहीं सरकार का कहना है कि ये नीतियां रोजगार बढ़ाने और औद्योगिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए लाई गई हैं.
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25 से अधिक छात्रों का यौन शोषण, प्रिंसिपल-टीचर की करतूत, हुई गिरफ्तारी
जूनागढ़. गुजरात में जूनागढ़ जिले के भेंसन तालुका में 25 से ज्यादा छात्रों से यौन-शोषण का शर्मनाक मामला सामने आया है. प्रिंसिपल और संस्कृत शिक्षक पर 25 से अधिक छात्रों के यौन शोषण का आरोप लगा है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों के खिलाफ छात्रों के इस खुलासे के बाद जिला शिक्षा अधिकारी की टीम ने छात्रावास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की. फुटेज में प्रिंसिपल छात्रों के बेड के पास जाते हुए दिखाई दे रह है. वह लड़कों के बेड पर जाकर उनको गले लगाते और कंबल ओढ़कर सोते हुए भी दिखाई दे रहा है. प्रिंसिपल केवल लखनोत्रा और शिक्षक हीरेन जोशी को निलंबित कर दिया गया है.
छात्रों ने बताया कि पिछले कई दिनों से प्रिंसिपल और टीचर उन्हें देर रात कमरे में बुलाकर कपड़े उतरवाते और अश्लील हरकतें करते थे. एक छात्र ने बताया कि इस संस्थान की 20 से 25 छात्रों के साथ ऐसी घटना हो चुकी है.
जिला शिक्षा अधिकारी लताबेन उपाध्याय ने बताया कि प्राथमिक जांच में घटना सत्य साबित हुई है. छात्राओं ने यह भी कहा कि उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता था. संस्था को दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. संस्था ने दोनों को निलंबित कर दिया है.
भेंसन के पीआई आरबी गढ़वी ने कहा कि अभिभावक आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने से इनकार कर रहे हैं. अभिभावकों को डर है कि इससे बच्चों के भविष्य पर असर होगा. पुलिस ने अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया है. प्रिंसिपल और शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं, जिला बाल संरक्षण विभाग की विधिक अधिकारी किरणबेन रमानी ने कहा- हमने अभिभावकों, छात्रों, ट्रस्टियों और प्रशासकों से चर्चा की है. स्कूल के 20 से 25 छात्रों के साथ यह शर्मनाक घटना हुई है.

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दाक्षिन भारत के राज्य तमिलनाडु से दिल को दहला देने वाले हादसे की खबर सामने आई है। यहां कडलोर जिले में मंगलवार को रेलवे क्रॉसिंग पर बच्चों को ले जा रही एक स्कूल वैन चलती पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे दो छात्रों की मौत हो गई। वहीं कम से कम छह अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद टक्कर सुबह करीब 7:45 बजे कडलोर और आलप्पक्कम के बीच मानवयुक्त रेलवे क्रॉसिंग पर हुई, जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानवीय भूल पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ये हादसा मंगलवार को सुबह करीब पौने आठ बजे हुआ है। छात्रों को ले जा रही स्कूल वैन ने कडलूर और अलप्पक्कम के बीच रेलवे क्रॉसिंग को पार करने की कोशिश की। इस दौरान वैन 56813 विल्लुपुरम-मयिलादुथुराई यात्री ट्रेन से टकरा गई। टक्कर के कारण वैन रेलवे क्रॉसिंग से उछलकर कुछ दूर गिरी। इसके बाद घायलों को सरकारी अस्पताल में भेजा गया। पुलिस के मुताबिक, वैन का ड्राइवर पटरी पार करने के समय ये नहीं देख पाया कि ट्रेन आ रही है। इस कारण अचानक टक्कर हुई और वैन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में गांव के दो बच्चों की मौत हो गई है। दो अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आपातकालीन सेवाओं ने घायल बच्चों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
रेलवे ट्रैक पार कर रही एक स्कूल बस के ट्रेन की चपेट में आने पर कुड्डालोर के एसपी जयकुमार ने कहा- “दो छात्रों की मौत हो गई, दो छात्र और बस चालक घायल हो गए। रेलवे पुलिस, रेलवे अधिकारी और राज्य पुलिस आगे की जांच कर रही है।” हादसे के बाद सेम्बनकुप्पम रेलवे क्रॉसिंग पर मरम्मत का काम चल रहा है।
PTI के मुताबिक, रेलवे की प्रारंभिक जांच में ये जानकारी सामने आई है कि जब गेटकीपर रेलवे फाटक को बंद करने जा रहा था तो वैन के ड्राइवर ने वाहन को फाटक पार करने की अनुमति देने पर जोर दिया। हालांकि, इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। अधिकारियों की एक समिति घटना की जांच कर रही है। कथित लापरवाही के कारण लोगों ने रेलवे गेटकीपर पर हमला कर दिया था जिसे पुलिस ने बचाया।
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भारत बंद : 9 जुलाई को देशभर में थमेगा कामकाज, 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी उतरेंगे सड़कों पर
नई दिल्ली। 9 जुलाई को देश एक बार फिर बड़े श्रमिक आंदोलन का गवाह बनने जा रहा है। बैंकिंग, बीमा, कोयला खनन, राजमार्ग, निर्माण और डाक सेवाओं जैसे तमाम क्षेत्रों में काम करने वाले 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और मजदूर देशव्यापी आम हड़ताल पर उतरेंगे। इस भारत बंद का आह्वान 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनसे जुड़ी सहयोगी इकाइयों ने सरकार की श्रम विरोधी, किसान विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किया है। देश की राजधानी से लेकर दूर-दराज के गांवों तक इसका असर देखने को मिल सकता है।
यह हड़ताल सिर्फ एक प्रतीकात्मक विरोध नहीं है, बल्कि देश की बुनियादी सेवाओं को ठप करने की क्षमता रखती है। बैंकिंग, बीमा और डाक सेवाओं के अलावा कोयला खनन, परिवहन, स्टील, निर्माण, राज्य परिवहन और फैक्ट्रियों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ सकता है। हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू के मुताबिक, इस आंदोलन का असर देश की सामान्य सेवाओं पर भी गंभीर पड़ेगा। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पहले से ही संसाधनों की कमी है, वहां हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की महासचिव अमरजीत कौर ने जानकारी दी कि इस बार की हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक मजदूरों और कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है। संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के कामगार इस आंदोलन में शामिल होंगे। हड़ताल को किसानों और ग्रामीण श्रमिक संगठनों का भी समर्थन मिला है। संयुक्त किसान मोर्चा और देशभर के कृषि मजदूर संगठन भी इस हड़ताल में साथ खड़े हैं। इतना ही नहीं, एनएमडीसी लिमिटेड, सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों, खनिज उद्योग और राज्य सरकारों के विभागों से भी कर्मचारियों ने भाग लेने की घोषणा की है।
श्रमिक संगठनों का आरोप है कि सरकार श्रमिकों की मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। संगठनों ने पिछले साल श्रम मंत्री को 17 सूत्री मांगपत्र सौंपा था, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रमुख आरोपों में चार नई श्रम संहिताओं के लागू किए जाने से श्रमिक अधिकारों का हनन, वार्षिक श्रम सम्मेलन का दस सालों से आयोजित न होना और सामूहिक सौदेबाजी व हड़ताल के अधिकार को कमजोर करने की कोशिशें शामिल हैं। इसके अलावा, संगठनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और घटती मजदूरी ने कामगार वर्ग की स्थिति को और भी दयनीय बना दिया है।
श्रमिक संगठनों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि वह निजीकरण, आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी प्रणाली को बढ़ावा दे रही है, जिससे स्थायी नौकरियों में कटौती हो रही है। संगठनों का कहना है कि सरकार एक तरफ युवाओं को रोजगार के अवसर देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नियुक्त कर रही है। ऐसे में 35 वर्ष से कम उम्र की देश की 65% युवा आबादी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। इसके अलावा, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) जैसे कार्यक्रमों के जरिए नियोक्ताओं को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिससे कामगारों का शोषण और बढ़ रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला है। 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2024 को भी इसी तरह की देशव्यापी हड़तालें की गई थीं। लेकिन इस बार का आंदोलन अधिक संगठित और प्रभावशाली बताया जा रहा है। संगठनों ने जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जनसंपर्क और जनजागरण अभियान शुरू कर दिए हैं, जिससे अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
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STF का बड़ा एक्शन : दो गिरफ्तार, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप, ISI से निकला सीधा संबंध
पश्चिम बंगाल में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध रखने के आरोप में 2 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। STF के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले से दोनों संदिग्धों को पकड़ा गया है। संदिग्धों की पहचान राकेश कुमार गुप्ता और मुकेश राजक के रूप में हुई है। राकेश कोलकाता के भोवानीपुर का रहने वाला है तो वहीं, मुकेश पाना गढ़ का निवासी है।
STF ने बताया कि दोनों पश्चिम बंगाल के एक NGO में काम करते हैं और मेमारी में किराए के घर में रहते हैं। STF ने मेमारी स्थित घर से ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। खुफिया जानकारी के आधार पर शनिवार की रात को STF ने यहां रेड मारी और मुकेश को धर दबोचा। वहीं, राकेश अपने इलाज के लिए एक नर्सिंग होम में भर्ती था, जिसे पुलिस ने वहां पहुंचकर गिरफ्तार किया।
STF के अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान की ISI से दोनों का संबंध मिला है। पिछले कुछ समय से दोनों संदिग्ध आरोपी ISI समेत कई पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थे।
STF ने सोमवार को दोनों संदिग्धों को अदालत में पेश किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

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बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां अंधविश्वास और झाड़-फूंक के शक में गांव के लोगों ने एक ही परिवार के 5 सदस्यों को पहले पीटा और फिर जिंदा जलाकर मार डाला। यह वारदात रविवार रात की है और इसका संबंध डायन के आरोप से जुड़ा है। मृतकों में बाबूलाल उरांव, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, गांव के ही रामदेव उरांव के बेटे की झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई थी और दूसरे बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी। इसके बाद गांववालों ने इसका दोष एक निर्दोष परिवार पर मढ़ दिया। अंधविश्वास की आग में जलते लोगों ने पूरा परिवार घेरकर पहले उन्हें बुरी तरह पीटा और फिर जलाकर मार दिया। घटना में पूरा गांव शामिल बताया जा रहा है।
मृतकों के परिजनों में से इकलौते बचे ललित कुमार ने बताया कि हत्या के बाद शवों को पानी में फेंक दिया गया। चार शव तालाब से जली अवस्था में बरामद किए जा चुके हैं। घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है और कई लोग घर छोड़कर भाग चुके हैं।
पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी नकुल कुमार को गिरफ्तार किया है, जिस पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। DSP पंकज शर्मा और SP स्वीटी सहरावत ने बताया कि घटना पूरी तरह से झाड़-फूंक और अंधविश्वास से जुड़ी है और जांच के लिए डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया है।
इस वीभत्स हत्याकांड के चश्मदीद एक मासूम बच्चा है, जो खुद को छिपाकर बचा सका। बच्चा इतना डरा हुआ है कि उससे अब तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई, इस कारण FIR दर्ज नहीं हो सकी है।
घटना पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा – पूर्णिया में 5 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया। सिवान, बक्सर, भोजपुर – हर जगह नरसंहार हो रहे हैं। अपराधी सतर्क, मुख्यमंत्री अचेत।
ये घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था, बल्कि समाज की चेतना और संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां 21वीं सदी में विज्ञान और शिक्षा की बातें हो रही हैं, वहां आज भी डायन प्रथा और अंधविश्वास के नाम पर निर्दोषों को मौत के घाट उतारा जा रहा है।

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अजरबैजान में आयोजित आर्थिक सहयोग संगठन (ECO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत पहलगाम आतंकी हमले का ‘गलत फायदा’ उठाकर पाकिस्‍तान को निशाना बना रहा है। उनके मुताबिक, यह रवैया “गैर‑जिम्मेदाराना और खतरनाक” है तथा दक्षिण एशिया में स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकता है।
शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र करते हुए दावा किया कि “भारत‑शासित कश्मीर” में आम लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने इन घटनाओं को अमानवीय बताते हुए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से ध्यान देने की अपील की।
भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्‍तान को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि हमलावरों को पाकिस्तानी सरहद से समर्थन मिलने का आरोप है।
हमले के कुछ ही दिन बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया और पाकिस्‍तान के भीतर नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने का दावा किया। इसके जवाब में सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमले हुए, जिनका भारत ने “मुंहतोड़ जवाब” दिया। तनाव 10 मई को उस वक्‍त थमा जब अमेरिका की मध्यस्थता से दोनो देशों ने संघर्ष‑विराम पर सहमति जताई।
अपने संबोधन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ग़ज़ा और ईरान में “निर्दोष लोगों पर हो रहे हमलों” की भी निंदा की और कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन को किसी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
ECO मंच से आई ये तल्ख़ टिप्पणियाँ स्पष्ट संकेत देती हैं कि कश्मीर और सीमा‑पार आतंकवाद पर मतभेद फिलहाल बने रहेंगे। हालांकि संघर्ष‑विराम लागू है, लेकिन दोनों पक्षों की सख़्त बयानबाज़ी बताती है कि भरोसे का पुल अभी मजबूत होना बाकी है।