ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में फर्जी गोलीकांड के आरोपी को अस्पताल से गिरफ्तार कर थाने ले जा रही पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया. आरोपी के भाई और रिश्तेदारों ने पुलिस की गाड़ी को घेरकर आरोपी छुड़ाकर ले जाने का प्रयास किया. इतनी ही नहीं थाना प्रभारी के साथ मारपीट कर वर्दी फाड़ दी और अन्य पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया. हालांकि, बदमाश आरोपी को छुड़ाकर ले जाने में नाकामयाब रहे. वहीं पुलिस ने दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, उटीला थाना पुलिस ने दो दिन पहले एक फर्जी गोलीकांड का खुलासा किया था. इसमें घायल बृजेश परिहार ने बदमाश सचिन फागुना की प्लानिंग पर सुपारी लेकर यह पूरा फर्जीकांड रचा था. लेकिन पुलिस ने घटनाक्रम के दस घंटे के भीतर ही फर्जी गोलीकांड का खुलासा कर दिया था. इसमें घायल बृजेश परिहार सहित मनोज, मोनू, अरुण और सचिन को आरोपी बनाया था. सोमवार की रात बृजेश को जेएएच से डिस्चार्ज किया गया था. पुलिस ने उसको जेएएच से ही गिरफ्तार किया.
उसने फर्जी गोलीकांड रचने के लिए 1.80 लाख रुपए लिए थे. उसी को बरामद करने उसे पुलिस वाहन में बैठाकर उटीला थाना पहुंचे थे. वाहन में थाना प्रभारी शिवम राजावत, प्रधान आरक्षक प्रमोद रावत, प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा, प्रधान आरक्षक हर्ष कुमार और मुकेश यादव सवार थे. जब वह आरोपी को लेकर उटीला थाना परिसर के बाहर पहुंचे तो वहां 2 दर्जन से अधिक लोगों की भीड़ लगी थी. थाना के पास सड़क पर भीड़ ने पुलिस के वाहन को रोक लिया. भीड़ से निकलकर आरोपी बृजेश परिहार के दो भाई बंटी और रामौतार परिहार सामने आए और आरोपी बृजेश को छुड़ाने लगे.
दोनों ने थाना पुलिस वाहन का पीछा गेट खोल लिया और आरोपी को नीचे उतार लिया. तभी थाना प्रभारी शिवम राजावत ने विरोध किया तो बंटी ने थाना प्रभारी की कॉलर पकड़ी और वर्दी फाड़ दी. इतना ही नहीं बंटी ने थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की. जिसके बाद तत्काल थाने से फोर्स आया और थाना प्रभारी को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाया. इसके बाद दोनों हमलावरों को हिरासत में लिया. इस पूरे मामले में पुलिस ने दोनों हमलावरों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है.
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भोपाल में छात्रवृत्ति घोटाला , 40 से ज्यादा मदरसों व स्कूलों के खिलाफ केस दर्ज
भोपाल। राजधानी में पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में भारी घोटाला सामने आया है। पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार से मिली शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने शहर के 40 से ज्यादा मदरसों/स्कूलों के खिलाफ भोपाल क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से कक्षा 11वीं और 12वीं में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को सालाना 5700 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। भारत सरकार से मिलने वाली इस छात्रवृत्ति का लाभ 40 से ज्यादा मदरसों/स्कूलों में पढ़ने वाले 11 सौ छात्रों को दिया जा रहा था। जबकि इन मदरसों/स्कूलों की मान्यता महज 10वीं कक्षा की है।
इन सभी मदरसों/स्कूलों गलत तरीके से 11वीं और 12वीं कक्षा की मान्यता दिखाकर छात्रवृत्ति ली जा रही थी। मामला उजागर होने के बाद पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी ने कल क्राइम ब्रांच में शहर के 40 से ज्यादा मदरसों व स्कूलों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। अब पुलिस इन मदरसों व स्कूलों की मान्यता के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
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कांग्रेस ने संपतिया उइके का फूंका पुतला: पद से इस्तीफा और CBI जांच की उठाई मांग
मंडला. जिला कांग्रेस कमेटी ने मंडला विधायक और मोहन कैबिनेट में PHE मंत्री संपतिया उइके खिलाफ खोर्चा खोल दिया. कांग्रेसियों उसके आवास के सामने धरना प्रदर्शन कर उनका पुतला दहन किया. कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि जब प्रदेश सरकार में मंत्री संपतिया उइके पर एक हजार करोड़ कमीशन लेने की शिकायत के बाद ईएनसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. लिहाजा उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. ताकि निष्पक्षता से जांच हो सके.
बता दें कि PHE मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ रुपये की घूस लेने का गंभीर आरोप सामने आया है. यह आरोप जल जीवन मिशन के तहत राज्य को मिले फंड में कथित भ्रष्टाचार को लेकर लगाया गया है. PHE विभाग ने खुद अपनी मंत्री के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं
प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने यह आदेश उस शिकायत के आधार पर दिए, जो पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री के नाम भेजी थी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि जल जीवन मिशन के लिए केंद्र से मिले 30,000 करोड़ रुपये में से मंत्री संपतिया उइके ने 1000 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में लिए हैं.
इस मामले में संपतिया उइके का कहना है कि मुझे फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. मैं कैबिनेट में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इस विषय पर चर्चा करूंगी और सारी बातें बताऊंगी. मैं बिल्कुल सही हूं और जिस तरीके से साच को आच नहीं, जिस तरीके से जांच करे मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
मंत्री ने कहा कि मैं आदिवासी महिला हूं, मैं गरीब मजदूर वर्ग से आती हूं. यहां आकर मैं जनता की सेवा कर रही हूं. इसका जवाब मुख्यमंत्री जी देंगे उन्हें सब पता है. जिस तरह से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है. इस पूरे मामले को लेकर मैं जल्द प्रेस कांफ्रेंस करूंगी.