भोपाल। राजधानी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन परिसर में शनिवार की देर रात शराब के नशे में युवकों ने जीआरपी जवान की पिटाई कर दी। उसकी वर्दी फाड़ दी। इतना ही नहीं बल्कि उसके साथ गाली-गलौज भी की। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार, शनिवार रात करीब 2 बजे जीआरपी बंसल वन की शॉप्स और रेस्टोरेंट्स बंद कराने पहुंची थी। इसी दौरान कुछ युवक कार में बैठकर शराब पी रहे थे। पुलिस ने उन्हें हटने के लिए कहा तो युवक विवाद करने लगे। हाथापाई होने लगी। युवकों ने हेड कॉन्स्टेबल नजर दौलत खान को पीटना शुरू कर दिया। जब हेड कॉन्स्टेबल को अन्य पुलिसकर्मी बचाने आए तो एक आरोपी ने कहा, तुम हिंदू भाई हो, हट जाओ। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने आरोपियों का वीडियो बना लिया, जो रविवार को सामने आया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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आर्मी ऑफिसर से ठगी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार,लगाई थी 31 लाख की चपत
ग्वालियर. साइबर सेल की टीम ने आर्मी ऑफिसर से 31 लाख की ठगी करने वाले मास्टरमाइंड आरोपी सागर कौरव को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने जोमैटो डिलीवरी बॉय बनाकर उसकी रेकी की और तीन दिन की मेहनत के बाद उसे धर दबोचा. फिलहाल, पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी हुई है.
दरअसल, अक्टूबर 2023 में ग्वालियर के मुरार कैंट में रहने वाले एक आर्मी ऑफिसर को फोन कॉल आया था. फोन करने वाले ने खुद को शेयर मार्केट का रिसर्चर बताया और मोटे मुनाफे का लालच दिया. इस झांसे में आकर ऑफिसर ने धीरे-धीरे 31 लाख रुपये निवेश कर दिए. जब अफसर ने लाभ उठाने की कोशिश की, तो न पैसा मिला न लाभ. तब जाकर उन्हें अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. जिसके बाद उन्होंने 1 मार्च 2024 को राज्य साइबर सेल में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी.
गिरफ्तार आरोपी सागर कौरव भिंड जिले के दबोह कस्बे का रहने वाला है. बीएससी साइंस से स्नातक सागर ने इंदौर में एक फर्जी कॉल सेंटर स्थापित कर अपने रैकेट को फैलाया था. सागर कौरव अकेला नहीं था. उसकी गैंग में रोहित जादौन, ऋषभ ओझा, दीपक शर्मा, ऋषभ शर्मा और अरुण शर्मा शामिल थे. पुलिस ने चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल, पुलिस टीम पैसे और अन्य उसके साथियों को लेकर उससे पूछताछ में जुट गई है.
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जिंदा लोगों को रिकॉर्ड में बताया मुर्दा: कंप्यूटर ऑपरेटर और CMO ने किया करोड़ों का घोटाला
भिंड. जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां जिंदा लोगों को मुर्दा बताकर नगर परिषद के सीएमओ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर ने करोड़ों रुपये निकाल लिए. 15 महीने से फरार चले आरोपी को सीएमओ प्रभारी गिरफ्तार कर लिया गया है. जिसे कोर्ट ने चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड भेजा है.
यह मामला आलमपुर नगर परिषद का है. जहां कोरोना काल के समय सीएमओ प्रभारी शिव शंकर जाटव और कंप्यूटर ऑपरेटर ने करोड़ों रुपये का कोरोना काल के समय फर्जी तरीके से भुगतान किया था. उन्होंने जिंदा लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर पैसा निकाल लिया था. जबकि जिनके प्रमाण पत्र बनाए गए, वह आज भी जिंदा हैं. दोनों ने मिलकर आवास के नाम पर फर्जी तरीके से सैकड़ों लोगों के पैसा निकाला. वहीं फर्जी तरीके से शादी के नाम पर पैसा निकालकर भुगतान भी किया गया.
जबकि, जिनके नाम से पैसे निकाले गए थे, उसकी पहले ही शादी हो चुकी थी. मामले की कोरोना काल से लेकर अब तक जांच चल रही थी, जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार निकालकर सामने आया. लगभग 15 माह पहले सीएमओ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ आलमपुर नगर परिषद के लोगों ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन देकर एफआईआर करने की मांग की थी, जिसमें संबंधित अधिकारियों ने जांच कर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
मामला दर्ज होने के बाद दोनों फरार हो गए थे. बाद में पुलिस ने कंप्यूटर ऑपरेटर को धर दबोचा. हाल ही में पुलिस ने सीएमओ प्रभारी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसे कोर्ट ने चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड भेजा है. इस मामले मे वर्तमान सीएमओ प्रमोद बरुआ ने कहा कि कोरोना काल के समय दो लोगों ने मिलकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला किया है. उसी को लेकर पुलिस ने जो दस्तावेज हमसे मांगे थे वह हमने पुलिस को उपलब्ध करा दिया है. अगर पुलिस इस मामले में और भी कोई सबूत मांगा जाता है तो तत्काल मदद की जाएगी.
आलमपुर थाना प्रभारी रवि उपाध्याय ने बताया कि आरोपी को चार दिन की रिमांड पर रखा गया है और उससे लगातार पूछताछ जारी है. इधर, जब आरोपी शिव शंकर जाटव से बात हुई, तो उसने कहा कि जब हम जेल जाएंगे तो एक बस में ले जाएंगे, क्योंकि इस मामले में काफी लोग शामिल हैं और राजनीतिक रसूखदार के चलते यह सब कुछ किया गया है.
अब देखना यह होगा इस मामले में किन नेताओं के इशारे पर आलमपुर नगर परिषद में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया. क्या इस मामले को पुलिस छुपाने का काम करेगी या नेताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगी?