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बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश, 27 चोरी की बाइक जब्त

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शहडोल। जिले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने बाइक चोरों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बड़े शातिर अंदाज में बाइक तो चोरी करते ही थे. साथ में उस बाइक को दूसरे ग्राहकों को बेच भी देते थे. इसके लिए एक पूरा गिरोह ही सक्रिय था. जो अपने अपने क्षेत्र के मास्टरमाइंड थे. ये चोर गिरोह बड़े शातिर अंदाज में बाइक चोरी की वारदात को अंजाम देता था.
शहडोल जिले के कोतवाली थाने की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कोतवाली थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी ने बताया कि 'जिस बाइक चोर गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली है. उनमें चार लोग हैं और यह चारों ही लोग बड़े शातिर अंदाज में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे. उनके पास से 27 चोरी की बाइक भी जब्त की गई है. उनके खिलाफ कई अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है. इन बाइक चोर गिरोह से और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.'
कोतवाली थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी ने बताया कि 'यह बाइक चोर गिरोह बड़े शातिर अंदाज में चोरी की वारदात को अंजाम देता था. इसमें से राजेश सिंह गोंड़ नाम का व्यक्ति सुनसान जगह से पहले बाइक की चोरी करता था. किसी की भी बाइक मौका पाने पर उड़ा देता था. लोगों को पता नहीं चलता था और फिर उसके बाद वो अपने दूसरे साथी राजेश मौर्य से संपर्क करता था. राजेश मौर्य के संपर्क से उसके जीजा को जो छत्तीसगढ़ के कोटाडोल का रहने वाला है, जिसका नाम परशुराम मौर्य है. ये पेशे से झोलाछाप डॉक्टर भी है. ये उस चोरी की बाइक के लिए कस्टमर ढूंढता था और उसे बेचने में मदद करता था.
बाइक बेचने से पहले इस चोर गिरोह में एक और युवक था जिसका नाम रवि कुशवाहा है और यह कुछ गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज भी बना लेता था. उन फर्जी दस्तावेजों की मदद से राजेश मौर्य के जीजा परशुराम मौर्य जो की झोलाछाप डॉक्टर है. उसके पहचान का फायदा उठाते हुए उसके माध्यम से इन गाड़ियों को बेचा जाता था. बताया जा रहा है कि जो परशुराम मौर्य है. उसकी क्षेत्र में सामाजिक पकड़ अच्छी थी. क्षेत्र में उसकी पहचान अच्छी थी. लोग उस पर भरोसा करते थे तो उसके भरोसे पर गाड़ी को खरीद भी लेते थे, लेकिन अब जब पुलिस ने इस बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है. उसके बाद से कई हैरान कर देने वाले बातें सामने आ रही हैं.
गौरतलब है कि जिस तरह से ये चोर गिरोह बाइक चोरी करता था. फर्जी कागजात बनाता था और फिर उसे शातिर अंदाज में बेच देता था. ऐसे में अगर आप भी सेकंड हैंड बाइक खरीदते हैं, तो थोड़ी सावधानी बरते और सजग रहें. कागजों की अच्छे से जांच पड़ताल करें. उसके बाद ही बाइक खरीदें, नहीं तो आप भी इसी तरह से फर्जीवाड़े के शिकार हो जाएंगे. आपको भी बड़ी चपत लग जाएगी. जिस तरह से ये बाइक चोर गिरोह लोगों को चपत लगाता था.
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मप्र सरकार अब 50 प्रतिशत तक चमकविहीन, डैमेज गेहूं खरीदेगी
बालाघाट। रबी फसलों में गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी पर सरकार ने निर्धारित सीमा प्रतिशत में शिथिलता दी है। अब किसान 50 प्रतिशत तक लस्टर लॉस (गेहूं के दाने की चमक उड़ना, दाना डैमेज होना और सिकुड़ा हुआ निकलना) की सीमा को 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, बालाघाट ज्योति बघेल ने बताया कि हाल ही में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ा है। किसानों को राहत देने के मकसद से एफएक्यू के अनुसार निर्धारित सीमा प्रतिशत को बढ़ाया गया है। पहले किसानों से 30 प्रतिशत खराब गेहूं खरीदा जा रहा था, जिसे शिथिलता देते हुए अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा टूटे हुए गेहूं के दाने की सीमा छह प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत, थोड़ा टूटा हुआ दाना के चार प्रतिशत सीमा को छह प्रतिशत किया गया है।
बता दें कि किसानों से 2275 व राज्य बोनस 125 कुल 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं की खरीदी की जा रही है। तय मापदंड से भी खराब गेहूं ला रहे किसान समर्थन मूल्य पर खरीदी की अब तक की समयावधि में बालाघाट जिले में सिर्फ 25 किसानों से 473 क्विंटल गेहूं का उपार्जन हो सका है।
खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा इतनी छूट देने के बाद भी किसानों द्वारा खराब गुणवत्ता का गेहूं केंद्रों में लाया जा रहा है, जो स्वीकार योग्य नहीं है। लस्टर लास गेहूं की खरीदी में 50 प्रतिशत की छूट बड़ी राहत है, लेकिन किसान इससे भी खराब गुणवत्ता के गेहूं को खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं। 50 प्रतिशत से अधिक खराब गेहूं को नहीं खरीदा जाएगा। गौरतलब है कि बालाघाट जिले में इस साल रबी सीजन में 65 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई है।
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चुनाव बहिष्कार का ऐलान: वार्डवासी बोले- जीतने के बाद नेता नहीं आए नजर, मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे लोग
राजगढ़। राजगढ़ में वार्डवासियों ने एकजुट होकर चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। लोगों ने मोहल्ले में बैनर-पोस्टर लगाकर जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। इलेक्शन जीतने के बाद नेता कभी भी मोहल्ले में नजर नहीं आए।
राजगढ़ के वार्ड क्रमांक 1 बाडिया मोहल्ले के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है। मोहल्ले में बहिष्कार का बैनर लगाकर नारेबाजी की। चुनाव के बहिष्कार करने वाले लोगों का कहना है वार्ड एक के लोगों को न पानी मिल रहा है न सड़क और न ही आवास योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
वार्डवासी में मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है। इन समस्याओं को लेकर नेताओं और अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समाधान नहीं किया जा सका। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे वार्ड से जो पार्षद हैं, वह भी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। चुनाव जीतने के बाद कभी भी मोहल्ले में नजर नहीं आए।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में लोकसभा के तीसरे चरण के लिए 9 सीटों पर मतदान होना है। जिसमें राजगढ़, भोपाल, विदिशा, ग्वालियर, गुना, मुरैना, भिंड, सागर और बैतूल लोकसभा सीट शामिल है। राजगढ़ से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने रोडमल नागर को चुनावी मैदान में उतारा है। इन सभी सीटों पर 7 मई को वोटिंग होगी।