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स्कूलों को मिली धमकी में इस्लामिक स्टेट के जुड़े होने की आशंका, मेल आईडी से शक गहराया

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के 80 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इसके लिए आरोपियों ने स्कूलों को ई-मेल भेजा है। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मेल में अरबी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह शब्द इस्लामिक स्टेट (ISIS) 2014 से इस्तेमाल कर रहा है।
जिस मेल आईडी से धमकी दी गई है। वह sawariim@mail.ru है। जांच में सामने आया कि ये एक अरबी शब्द है। इसका ISIS अपना प्रोपगेंडा फैलाने के लिए इस्तेमाल करता है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस जांच कर रही है कि इस घटना के पीछे किसी संगठन का हाथ तो नहीं है।
दिल्ली के 80 स्कूलों को धमकी भरा मेल मिला है। जिनमें एमिटी स्कूल साकेत, डीपीएस इंटरनेशनल साकेत, रेड रोज-न्यू ग्रीन फील्ड, मदर मैरी मयूर विहार, डीएवी स्कूल श्रेष्ठ विहार, श्रीराम वर्ल्ड स्कूल द्वारका और एपीजे स्कूल शामिल हैं। मामले की जानकारी मिलते ही बम डिस्पोजल टीम और स्थानिय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि बम की धमकी के बाद स्कूलों से छात्रों को निकाला गया। उन्होंने कहा कि वे पुलिस और स्कूल के संपर्क में हैं। पेरेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है। स्कूल में कुछ नहीं मिला है। स्कूल अधिकारी जहां भी जरूरत होगी बच्चों के माता-पिता से संपर्क में रहेंगे।
एलजी विनय सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर को फोन किया और स्कूलों में बम की धमकी पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने पुलिस को संदिग्ध स्कूलों में व्यापाक तलाशी अभियान चलान और दोषियों की पहचान करने का निर्देश दिया।
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एक्सपर्ट्स कोवीशील्ड के साइड इफेक्ट जांचें-सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नई दिल्ली। एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन को भारत में कोवीशील्ड के नाम से जाना जाता है। सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से ही कोवीशील्ड को मैन्युफैक्चर किया था। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाया गया था।
एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन को भारत में कोवीशील्ड के नाम से जाना जाता है। सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से ही कोवीशील्ड को मैन्युफैक्चर किया था। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड की जांच के लिए एक याचिका दाखिल की गई। इसमें कहा गया है कि कोवीशील्ड के साइड इफेक्ट्स की जांच करने के लिए एक्सपर्ट पैनल बनाने का निर्देश जारी किया जाए।
याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी ने लगाई है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद किसी को नुकसान पहुंचा तो उन्हें हर्जाना देने का सिस्टम बनाया जाए।
भारत में सबसे पहली कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड है। इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। कोवीशील्ड फॉर्मूला ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका से लिया गया है। एस्ट्रेजेनेका ने अब ब्रिटिश अदालत में माना है कि उनकी वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं। कहा- कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।
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बोले अखिलेश यादव-‘ये लोग सबको जबरदस्ती वैक्सीन लगवा रहे थे, अब तो बात खुल गई…’
इटावा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को इटावा के जसवंतपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग सबको जबरदस्ती वैक्सीन लगवा रहे थे, अब तो बात खुल गई ना सोचिए कंपनी ने खुद कोर्ट में कहा इस वैक्सीन के बाद हार्ट अटैक और हार्ट संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं।”
उन्होंने कहा, “सोचिए अगर कोई सरकारी विभाग प्राइवेट हो जाएगा तो क्या आरक्षण लागू होगा? ये हवाई जहाज वाला विभाग प्राइवेट कर दिया, इसी तरह और भी विभाग हैं। अगर आरक्षण नहीं खत्म करना चाहते हैं तो प्राइवेट के रास्ते पर क्यों जा रहे हैं? ये वो लोग हैं, जिन्होंने सब कुछ उल्टा-पुल्टा कर दिया है। इस बार ये लोग नहीं हटेंगे तो संविधान बदलेंगे। बीजेपी ने एक दिन फैसला ले लिया और नोटबंदी कर दी, क्या किसी को पता था? फौज की नौकरी 4 साल की कर दी क्या किसी को पता था?”
अखिलेश यादव ने कहा, “इन लोगों पर बिल्कुल भरोसा नहीं किया जा सकता, अब तो इनकी और पोल खुल गई। कई ऐसी कंपनियां हैं जिनके पास टर्न ओवर नहीं हैं उन कंपनियों से हजारों करोड़ चंदा लिया है। ये महंगाई चंदे की वजह से बढ़ी है।”
सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “मैं जसवंतनगर के लोगों से कहना चाहूंगा कि भाजपा वालों को ऐसा इंजेक्शन लगाना कि इनकी चीख दिल्ली तक पहुंचे। यह चुनाव इंडिया गठबंधन का बहुत महत्वपूर्ण चुनाव है। भाजपा ने ऐसे-ऐसे निर्णय लिए हैं, जिनसे जनता को कोई लाभ नहीं हुआ है, जनता परेशान हुई है।”