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आश्रम में पंडिताई सीख रहे नाबालिगों ने की अनैतिक कृत्य की शिकायत, दो आचार्यों पर केस दर्ज

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उज्जैन। संभाग भर के कई स्थानों से नाबालिग बच्चे दंडी आश्रम में आए तो कर्मकांड और वेद पाठ सीखने थे, लेकिन यहां के कुछ कथित आचार्यों ने उन्हें पंडिताई सिखाने की बजाय उनका यौन शोषण कर दिया। तीन नाबालिग बच्चों द्वारा दिए गए आवेदन के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आचार्यो के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश शुरू कर दी। एक आचार्य गिरफ्त में आ चुका है जबकि एक की तलाश जा रही है।
बता दें कि बड़नगर रोड स्थित दांडी आश्रम में पंडिताई की शिक्षा ग्रहण करने वाले तीन नाबालिग किशोरों के साथ यौन शोषण और अनैतिक कृत्य का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आश्रम के ही दो आचार्य ने इन किशोरों के साथ यौन शोषण और अनैतिक कृत्य किया। मामले में महाकाल थाना पुलिस ने एक आरोपी आचार्य को हिरासत में ले लिया है, जबकि दूसरा आरोपी आचार्य फरार है।
महाकाल थान प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि बड़नगर रोड स्थित दांडी आश्रम में पंडिताई की शिक्षा ग्रहण करने वाले देवास, मंदसौर और राजगढ़ जिले के तीन नाबालिग किशोर ने आश्रम के अजय आचार्य और राहुल आचार्य के खिलाफ यौन शोषण और अनैतिक कृत्य की शिकायत दर्ज कराई है। राजगढ़ जिले के 14 वर्षीय किशोर की शिकायत पर पुलिस ने आश्रम के अजय आचार्य के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7, 8, 9पी और 10 के तहत प्रकरण दर्ज किया। वहीं देवास जिले के 12 वर्षीय नाबालिग किशोर की शिकायत पर अजय आचार्य के खिलाफ लैंगिक अधिनियम की धारा 11 एवं 12 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इसके अलावा मंदसौर जिले के 14 वर्षीय नाबालिग की शिकायत पर आश्रम के राहुल आचार्य के खिलाफ धारा 377, 506 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3, 4(2), 58, 6 के तहत प्रकरण दर्ज कर किया गया है। पुलिस ने राहुल आचार्य को हिरासत में ले लिया है, जबकि नाबालिग किशोरों द्वारा शिकायत किए जाने के बाद अजय आचार्य को 15 दिन पहले आश्रम से भगा दिया गया, जो अब फरार है।
आश्रम मे अध्ययनरत राजगढ़, मंदसौर और देवास जिले के नाबालिग किशोरों ने पुलिस को बताया कि पिछले कई दिनों से आश्रम के अजय आचार्य और राहुल आचार्य उनका यौन शोषण कर रहे थे। दोनों आचार्य नाबालिगों को अपने कमरे में अकेले बुलाकर उनके साथ यौन संबंध बनाने के लिए दबाव बनाकर गलत काम करते थे। तीनों पीड़ित नाबालिग किशोरों ने पुलिस को यह भी बताया कि आश्रम के कई नाबालिग किशोरों के साथ अजय आचार्य और राहुल आचार्य ने यौन शोषण किया है।
सोर्स बताते हैं कि दांडी स्वामी आश्रम में संचालित होने वाले गुरुकुल में 19 बच्चों के साथ दुष्कर्म हुआ। बच्चों ने राहुल व अजय के खिलाफ थाने में दर्ज कराई एफआईआर में उल्लेख है कि राहुल खाना लेकर बच्चों को अपने कमरे में बुलाता था। जबकि अजय ने एक बच्चे को कमरे में बुलाने के बाद कहा कि मैं तुझसे शादी करूंगा। पीड़ित बच्चों ने अपने परिजनों को इसकी शिकायत की और परिजन जब आश्रम पहुंचे व संचालक को उक्त हरकतों की जानकारी देकर विरोध किया तो मामला सामने आया।
पिछले वर्ष सतना की किशोरी के साथ आटो चालक द्वारा किये गये दुष्कर्म के मामले में आचार्य राहुल मीडिया में फेमस हुआ था। सबसे पहले उसी ने मीडिया मे आकर बयान दिया था कि बच्ची के कपड़े फटे थे और उसे बुरी हालत में देखने के बाद मैंने अपना शॉल उसे औढ़ाया था व पुलिस को सूचना दी थी। राहुल मोहनपुरा का रहने वाला है और विवाहित है। पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है, जिनमें पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में आचार्य राहुल व अजय आरोपी हैं। राहुल पुलिस गिरफ्त में हैं व अजय की तलाश पुलिस कर रही है।
दांडी आश्रम के संचालक गजानंद स्वामी ने बताया कि राहुल इसी गुरुकुल में पढ़ता था। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह यहीं पर आचार्य बना। आचार्य की नियुक्ति गुरुकुल व आश्रम द्वारा ही की जाती है। अजय कर्मचारी के रूप में काम करता था। गुरुकुल में अन्य शिक्षक भी बच्चों को पढ़ाने आते हैं। गुरुकुल में प्रदेश भर के 80 बच्चे अध्ययनरत हैं।
एक विद्यार्थी के साथ अजय ने अश्लील हरकत की थी, जिसने अपने परिजनों को बताया था। परिजनों ने गजानंद स्वामी को अजय की हरकत से अवगत कराया तो उसे गुरुकुल की नौकरी से हटा दिया था। अजय आष्टा का रहने वाला है। फिर गुरुकुल के दूसरे बच्चों ने आचार्य राहुल द्वारा अश्लील हरकत की शिकायत की। दोनों पक्षों को आश्रम बुलाकर चर्चा कर रहे थे, उसी दौरान विवाद बढ़ा तो संचालक ने महाकाल थाना पुलिस को सूचना देकर आश्रम बुलाया ।

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8 साल की बच्ची से रेप का मामला: करणी सेना ने स्कूल का किया घेराव
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक हाई प्रोफाइल स्कूल में मासूम से रेप का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। ज्ञानगंगा बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की मासूम से दुष्कर्म की वारदात हुई है। हॉस्टल वार्डन और ओनर पर दुष्कर्म के आरोप है। वहीं अब कार्रवाई की मांग को लेकर करणी सेना ने स्कूल का घेराव करते हुए आरोपी को फांसी देने की मांग की है। साथ ही सीएम से स्कूल पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे है। बच्ची से दुष्कर्म की घटना के बाद से लोगों में काफी गुस्सा है।
मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन का बयान भी सामने आया है। स्कूल की डायरेक्टर प्रियंका मोदी ने आरोपों को झूठा बताया है। प्रियंका मोदी आरोपी स्कूल ओनर मोदी की पत्नी हैं। प्रियंका मोदी का कहना है कि हमें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। स्कूल की छुट्टी नहीं लगी है, सभी बच्चे यहीं थे। बच्ची हंसते हुए स्कूल से बाहर गई। खाने में किसी तरीके का कुछ नहीं मिलाया गया। हालांकि, प्रियंका मोदी ने कहा कि बच्ची के साथ गलत हुआ है तो मैं उसके साथ खड़ी हूं। स्कूल पर दाग लगाना बहुत आसान है।
मासूम की मां के अनुसार उनकी 8 साल की बेटी शहर के ज्ञानगंगा बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उनकी बच्ची ने फोन पर रोते-रोते हुए पेट और प्राइवेट पार्ट में दर्द की बात कही। बच्ची की बात सुन परेशान मां हॉस्टल पहुंची और बच्ची से मिली, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
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मेधा पाटकर बोलीं- सिर्फ लाडली बहना से घर नहीं चलता, श्रमिकों के कानून लागू करें
बड़वानी। साल 2019 में सरदार सरोवर बांध की डूब में आए कई परिवार आज भी टिन शेड में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर के अनुसार पात्र लोगों को अपात्र घोषित कर सरकार ने 2019 से टिन शेड में रखा हुआ है। जिन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नही दी जा रही है।
उन्होंने बताया की ऐसे एक दो नही बल्कि बड़वानी व धार जिले में करीब 500 परिवार है, जो आज भी टिन शेड में रहने को मजबूर है। जिनका कोई न कोई निराकरण सरकार को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ लाडली बहना से घर नहीं चलता, सरकार को श्रमिकों के कानून लागू करना चाहिए, पलायन रोकने के लिए रोजगार की गारंटी देना चाहिए। जिसको लेकर अब हम 4 जून तक इंतजार करेंगे।
मेधा पाटकर ने कहा कि बारिश के पहले इनकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, साथ ही बांध के जलस्तर को लेकर भी स्थिति स्पष्ठ की जाए। बांध के 122 मीटर जलस्तर पर 17 गेट खुलने चाहिए इसके ऊपर जल भराव न हो। जिसको लेकर हम चाहते है कि सरकार संवाद करें, अन्यथा हम 4 जून के बाद बड़ा अनिश्चित कालीन संघर्ष करेंगे।