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‘PM मोदी के लिए वोट मांगने के लिए माफी मांगता हूं…’, उद्धव ठाकरे ने क्यों कही ये बात?

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मुंबई । महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने माफी मांगी है। पूर्व सीएम ठाकरे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के साथ धोखा किया है। इसलिए वह पहले के चुनावों में मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर जनता से माफी मांगते हैं।
महाराष्ट्र के हातकणंगले निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार सत्यजीत पाटिल के समर्थन में पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के इचलकरंजी में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, जब कोई भी दल बीजेपी से हाथ मिलाने को तैयार नहीं था, तब शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया। लेकिन फिर भी बीजेपी ने एक ऐसे व्यक्ति की सरकार को गिरा दिया, जिसके परिवार ने उसे सब कुछ दिया।
अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं (अतीत में) मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर माफी मांगता हूं क्योंकि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र को धोखा दिया है।’ उद्धव गुट के नेता सत्यजीत पाटिल महाविकास आघाडी (एमवीए) की तरफ से हातकणंगले के रण में उतरे है।
2022 में अपनी सरकार के गिरने की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए उद्धव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक असली शिवसेना किसकी है, इस पर अपना फैसला नहीं सुनाया है। अभी चुनाव आयोग और मध्यस्थ (महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर) ने अपना फैसला सुनाया, जो बीजेपी (स्पीकर) के है।
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश विधायकों के जून 2022 में बगावत का बिगुल फूंका और भगवा पार्टी दो धड़ों में बंट गई। इसके चलते उद्धव ठाकरे नीत तत्कालीन एमवीए सरकार गिर गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उद्धव का आरोप है कि बीजेपी ने ही शिवसेना को तोड़ा है।
2019 के विधानसभा परिणाम के बाद महाराष्ट्र की सियासत में बड़ी उथल-पुथल मची। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा था। फिर अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ 72 घंटे की सरकार बनायीं। इस दौरान महाविकास आघाडी (एमवीए) का गठन हुआ। इस गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (अविभाजित) और शिवसेना (अविभाजित) थी। फडणवीस और अजित पवार की सरकार के गिरने के बाद एमवीए ने सरकार बनायीं और उद्धव ठाकरे सीएम बने।
मालूम हो कि 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बावजूद बीजेपी और शिवसेना गठबंधन सरकार बनाने में असफल रही। दरअसल दो दशक से ज्यादा समय तक साथ रहने वाली बीजेपी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हो गया। तब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन भी टूट गया। यहां तक की शिवसेना राजग (NDA) से भी बाहर हो गई। उद्धव ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने का फैसला किया। जिसके बाद तीनों दलों ने नवंबर 2019 के आखिरी हफ्ते में एमवीए सरकार का गठन किया। लेकिन शिवसेना में फूट पड़ने के बाद जून 2022 में उद्धव की सरकार गिर गई।
इस बीच, पिछले साल चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली ‘शिवसेना’ नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर धनुष’ आवंटित किया। जबकि उद्धव गुट को नया नाम शिवसेना (यूबीटी) और निशान ‘जलती मशाल’ मिला। अभी यह मामला शीर्ष कोर्ट में लंबित है।
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राहुल बोले- प्रधानमंत्री मास रेपिस्ट के लिए वोट मांग रहे:ये है मोदी की गारंटी
बेंगलुरु। राहुल गुरुवार, 2 मई को कर्नाटक के शिवमोगा में चुनाव प्रचार कर रहे थे। मामला जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना से जुड़ा है। कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस साथ चुनाव लड़ रही हैं।
प्रज्वल पर कई महिलाओं ने रेप और अश्लील वीडियो बनाने का आरोप लगाया है। इस मामले में केस दर्ज हो चुका है और प्रज्वल विदेश जा चुके हैं।
मोदी महज 18 दिन पहले 14 अप्रैल को इसी प्रज्वल के समर्थन में मैसूर में रैली कर रहे थे। तब मोदी ने कहा था, 'आज भारतीय राजनीति में देवगौड़ा सीनियर मोस्ट नेता हैं। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना बहुत बड़ा सौभाग्य है। मैसुरु से यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार, चामराजनगर से एस बालाराज, हासन से प्रज्वल रेवन्ना और मांड्या से मेरे मित्र एचडी कुमारस्वामी, आने वाली 26 अप्रैल को इनके लिए आपका हर वोट मोदी को मजबूती देगा। देश का भविष्य तय करेगा।'
इसी का हवाला देते हुए राहुल ने कहा, ‘कर्नाटक में सबसे बड़ा इश्यू प्रज्वल रेवन्ना का है। पीएम मोदी ने उसके समर्थन में प्रचार किया है। उसने (प्रज्वल ने) 400 महिलाओं का मास रेप किया है। पीएम मोदी को इसका जवाब और महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।'
राहुल ने कहा, 'प्रज्वल रेवन्ना 400 महिलाओं का रेप करता है, वीडियो बनाता है। इसे मास रेप (कइयों के साथ दुष्कर्म) कहा जाता है। कर्नाटक में मंच पर प्रधानमंत्री मास रेपिस्ट का समर्थन कर रहे हैं।जब प्रधानमंत्री आपसे वोट मांग रहे थे तो उन्हें पता था कि प्रज्वल रेवन्ना ने क्या किया था।'
'प्रधानमंत्री को हिंदुस्तान की हर महिला से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने एक मास रेपिस्ट को मंच पर लाकर उसे समर्थन देने की बात की। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने देश की हर महिला का अपमान किया है।'
'उनके (मोदी) पास सारी मशीनरी है, इंटेलिजेंस है, कस्टम्स है, तब भी प्रधानमंत्री ने इस मास रेपिस्ट को जर्मनी जाने दिया। ये उनकी गारंटी है।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को कहा, 'सांसद (प्रज्वल रेवन्ना) की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी।'
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सांसद (प्रज्वल) के लिए किसी अन्य देश के लिए कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया है। उन्होंने राजनयिक पासपोर्ट पर यात्रा की।
रेवन्ना हासन सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह यहीं से मौजूदा सांसद हैं। हासन में 26 अप्रैल को दूसरे फेज में वोटिंंग हो चुकी है। इससे पहले भी रेवन्ना मोदी की रैलियों में साथ दिख चुके हैं। कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस के बीच गठबंधन है। रेवन्ना पर रेप और अश्लील वीडियो बनाने का आरोप है।
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कर्नाटक सेक्स स्कैंडल-प्रज्वल को लुकआउट नोटिस जारी:गृह मंत्री परमेश्वर बोले- 24 घंटे में पेश नहीं हुए तो गिरफ्तारी होगी
बेंगलुरु । कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ विशेष जांच दल (SIT) ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। यह नोटिस प्रज्वल की उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने SIT के सामने हाजिर होने के लिए समय मांगा था।
गुरुवार (2 मई) को कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि 7 दिन का समय देने का प्रावधान ही नहीं है, यदि वे 24 घंटे में पूछताछ के लिए हाजिर नहीं होते हैं तो उनकी गिरफ्तारी भी संभव है।
प्रज्वल ने बुधवार 1 मई को X पर एक पोस्ट में लिखा था- मैं जांच में शामिल होने के लिए बेंगलुरु में नहीं हूं, इसलिए मैंने अपने वकील के जरिए CID बेंगलुरु को बता दिया है। सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।
रेवन्ना पर 28 अप्रैल को उनकी पुरानी हाउसमेड की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। इस शिकायत के साथ कुछ वीडियो भी सामने आए, जिनमें प्रज्वल के मौजूद होने का दावा है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक सेक्स स्कैंडल मामले में बुधवार 1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना पर जो गंभीर आरोप लगे हैं, उनके बारे में आपको पता ही होगा। उन पर जो भी आरोप लगे हैं, वे शर्मनाक और देश को दहला देने वाले हैं। केंद्र सरकार फरार सांसद को वापस लाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए।
CM ने आगे लिखा कि सांसद और NDA उम्मीदवार प्रज्वल 27 अप्रैल को देश छोड़कर विदेश भागे। ऐसा पता चला है कि वे डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के जरिए यात्रा कर रहे हैं। केंद्रीय विदेश मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रज्वल रेवन्ना का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द करने के निर्देश दें।
सिद्धारमैया ने लेटर में यह भी कहा कि फिलहाल मामले की जांच SIT मामले की जांच कर रही है। उन्हें देश में वापस लाना बहुत जरूरी है, ताकि वे कानून के हिसाब से जांच का सामना करें।
पूर्व PM देवेगौड़ा के विधायक बेटे एचडी रेवन्ना और सांसद पोते प्रज्वल रेवन्ना को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंगलवार को नोटिस जारी किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों को जांच के लिए SIT के सामने पेश होने को कहा गया है। हालांकि, पेश होने की तारीख अभी तक सामने नहीं आई है।
नोटिस जारी होने के बाद प्रज्वल रेवन्ना ने सोशल मीडिया पर लिखा- मैं पूछताछ में शामिल होने के लिए बेंगलुरु में नहीं हूं, इसलिए मैंने अपने वकील के माध्यम से CID बेंगलुरु को सूचित कर दिया है। सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।
दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी मेड ने यौन शोषण की FIR दर्ज कराई है। केस हासन के होलेनरासीपुर थाने में दर्ज कराया गया। प्रज्वल के करीब 200 से ज्यादा वीडियो वायरल हैं। दावा है कि वायरल वीडियो में दिख रहीं महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगाती हुई रो रही हैं और प्रज्वल वीडियो शूट कर रहे हैं।
मामले की जांच के लिए कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की तरफ से SIT गठित की गई है। इसका नेतृत्व ADGP वीके सिंह कर रहे हैं। DG CID ​​सुमन डी पेन्नेकर और IPS सीमा लाटकर भी SIT में शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रज्वल के चाचा एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को जनता दल (सेक्युलर) कोर कमेटी की बेंगलुरु में मीटिंग की। इसमें प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। प्रज्वल हासन से पार्टी के मौजूदा सांसद और लोकसभा के कैंडिडेट भी हैं। हासन में 26 अप्रैल को सेकेंड फेज में वोटिंग हुई थी। इसके बाद प्रज्वल जर्मनी चले गए।
कुमारस्वामी ने कहा प्रज्वल का सस्पेंशन SIT जांच पूरी होने तक है। मैंने गलत करने वाले का कभी बचाव नहीं किया, लेकिन इस विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का नाम लेना गलत है। कांग्रेस हमारे परिवार में फूट डालने की कोशिश कर रही है।