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नगर परिषद कार्यालय में सफाईकर्मियों ने की कर्मचारियों से मारपीट

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आगर मालवा। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
वीडियो 26 अप्रैल का बताया जा रहा है। जिसमें बड़ौद नगर परिषद कार्यालय में सफाई कर्मियों और कर्मचारियों के बीच जमकर मारपीट होते हुए दिखाई दे रही है। मामले को लेकर पुलिस ने 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया।
दरअसल, बड़ौद नगर परिषद कार्यालय में सफाई कर्मियों और कर्मचारियों के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में सफाई कर्मी हाथों में झाड़ू लेकर कर्मचारियों को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं।
नगरपारिषद सीएमओ संध्या सरयाम ने बताया कि अस्थाई कर्मचारियों को निकालने की प्रक्रिया पूर्व से चल रही थी, इसी बात को लेकर सफाई कर्मियों ने कर्मचारियों से मारपीट की है।
मामले में सीएमओ की शिकायत पर 12 सफाई कर्मियों पर शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य आरोपों में प्रकरण दर्ज किया गया है। इन आरोपियों में महिलाएं भी शामिल हैं।
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अवैध क्लीनिक पर छापा: 50 मरीजों को चल रहा था इलाज, झोलाझाप डॉक्टर पर की कार्रवाई
दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मेहलवारा गांव में एक झोला छाप डॉक्टर देवीलाल पटेल की क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग के अमले ने छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान वहां करीब 50 मरीज भर्ती मिले हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि सरकारी अस्पताल में फ्री होने वाली जांच यहां भारी भरकम राशि में की जाती है।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम ने बड़ी मात्रा यहां पर दवाइयां भी जब्त की हैं। इसमें ऐसी दवाइयां भी शामिल है, जो केवल एमडी मेडिसिन की सलाह पर ली जाती है। इस तरह की दवाइयां क्लिनिक में झोलाछाप डॉक्टर देते हुए देखे गए। खास बात ये है कि वर्षो से चल रही इस क्लिनिक पर कभी किसी की नजर नहीं पड़ी। स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने की खबर मिलते ही अवैध अस्पताल संचालित करने वाला डॉक्टर देवी लाल पटेल यहां से भाग निकला।
पथरिया एसडीएम महेंद्र गुप्ता निरीक्षण के लिए पहुंचे तो इस अवैध अस्पताल को देखकर हैरान हो गए। उन्होंने कहा कि बड़ा आश्चर्य है कि बगैर किसी डिग्री के यहां पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बहुत सारी दवाइयां भी मिली हैं। फ़िलहाल कार्रवाई की जा रही है।
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कांग्रेस प्रत्याशी के BJP में जाने के बाद बढ़ी मुश्किलें: कोर्ट ने बंद लिफाफे में पुलिस को भेजी पेन ड्राइव
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर से कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम के बीजेपी में जाने के बाद भी मुश्किलें बढ़ गई है। कोर्ट ने बंद लिफाफे में पुलिस को पेन ड्राइव भेजी है। पिछले दिनों इंदौर की राजनीति में उथल-पुथल के बाद कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे डॉक्टर अक्षय क्रांति बम की मुश्किलें भाजपा में जाने के बाद भी बढ़ रही है। भाजपा के ही एक नेता ने अक्षय कांति बम के खिलाफ बीपी को शिकायत की थी।
एडवोकेट कृष्णकांत कुन्हारे ने बताया कि अक्षय बम के लॉ कॉलेज इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ खंडवा रोड स्थित की नेक की रैंकिंग हासिल करने के लिए कॉलेज की वेबसाइट पर 47 फैकल्टी दर्शायी गई है जिसमें से लगभग 17 फैकल्टी कॉलेज में काम ही नहीं करती है। एक फैकल्टी रश्मि शुक्ला की 2022 में मौत हो चुकी है उन्हें भी रेगुलर फैकल्टी वेबसाइट पर दर्शाया हुआ है। ऐसा ही एक और फैकल्टी है जो इंदौर से बाहर काम कर रही है उन्हें भी कॉलेज में रेगुलर दर्शाया है। ऐसी 17 फैकल्टी है जिनको लेकर शिकायत की गई है। जांच के लिए जिला कोर्ट ने पेन ड्राइव बंद लिफाफे में पुलिस को सौंप दी है। इस पूरे मामले में EOW को भी शिकायत की गई है।