गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गत माह पुरानी गल्ला मंडी में एक पिकअप वाहन से किसान की फसल बेचकर प्राप्त पैसों का बैग चोरी हो जाने के मामले में गुना कोतवाली पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए चोरी की उक्त घटना को अंजाम देने वाले राजगढ़ जिले के सांसी बदमाश को गिरफ्तार करते हुए जिसके कब्जे से चोरी के 2.40 लाख रुपये बरामद कर चोरी के घटनाक्रम का खुलाशा किया गया गया ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 06 अप्रेल को 2024 को फरियादी अंकित पुत्र संतोष जैन उम्र 32 साल निवासी ग्राम रामपुर कॉलानी थाना बमौरी जिला गुना द्वारा गुना कोतवाली में रिपोर्ट करते हुए बताया था कि आज दिनांक 06 अप्रेल 2024 को नानाखेड़ी गल्ला मंडी में वह अपनी चना की फसल बेचने के बाद अपनी पिकअप वाहन को लेकर पुरानी गल्ला मंडी आ गया, जहां वह अपनी पिकअप में पीछे सामान लोड करा रहा था, कि इसी दौरान पिकअप के केबिन में रखा उसकी फसल बेचकर प्राप्त रूपयों का बैग चोरी गया, जिस पर से गुना कोतवाली में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अप.क्र. 324/24 धारा 379 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना मे लिया गया था ।
गुना कोतवाल निरीक्षक अनूप कुमार भार्गव अपनी टीम के साथ चोरी के उक्त मामले के अज्ञात आरोपी की तलाश में परिणाम स्वरूप उक्त चोरी को ग्राम कडिया थाना बोडा जिला राजगढ निवासी रागा सिसोदिया (सांसी) नामक व्यक्ति द्वारा अंजाम देना ज्ञात होने पर गत् दिवस गुना कोतवाली से पुलिस की एक टीम संदेही आरोपी की तलाश में राजगढ़ जिला पहुंची और जहां से संदेही आरोपी अनुाराग उर्फ रागा पुत्र मटरू सिसोदिया (सांसी) उम्र 32 साल निवासी ग्राम कडिया सांसी थाना बोडा, जिला राजगढ को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने बताया कि गत् माह की दिनांक 06 अप्रेल को पुरानी गल्ला मंडी में उसके द्वारा एक पिकअप की केबिन से रुपयों का बैग चोरी किया था जिसमे 2,41,322/-रुपये रखे हुए थे, जिनमें से 1322/-रुपये उसने खर्च कर दिए हैं एवं बांकी के 2.40 लाख रुपये उसके पास अभी भी रखे हुए हैं । पुलिस द्वारा आरोपी की निशादेही से प्रकरण में चोरी गये 2.40 लाख रुपये जप्त कर प्रकरण में आरोपी अनुराग सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया एवं जिसे न्यायालय पेश किया गया ।
चोरी के उपरोक्त घटनाक्रम का खुलासा करने में गुना कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार भार्गव, सउनि पवन शर्मा, आरक्षक धीरेन्द्र गुर्जर, आरक्षक नीलेश रघुवंशी, आरक्षक संजय जाट, आरक्षक राजीव रघुवंशी, आरक्षक विनीत शर्मा, आरक्षक नवदीप अग्रवाल, आरक्षक रानू रघुवंशी, आरक्षक विशाल माथुर व आरक्षक नीलेश धाकड़ तथा सायबर सेल से सायबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक अजय प्रताप सिंह, आरक्षक कुलदीप भदौरिया, आरक्षक धीरेन्द्र राजावत व आरक्षक हेमंत बाथम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।
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ऑडिट में लापरवाही बरतने वाले 2 सचिवों पर कार्यवाही
गुना। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रथम कौशिक द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 का ऑडिट नहीं कराये जाने के संबंध में लापरवाही बरतने वाले 2
पंचायत सचिवों के विरूद्ध एक-एक वार्षिक वेतन वृद्धि असचंयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित करने के आदेश जारी किये गये हैं।
जारी आदेशनुसार जगदीश रघुवंशी सचिव ग्राम पंचायत विनायकखेडी जनपद पंचायत गुना तथा कदीरउद्दीन सचिव ग्राम पंचायत गढा़ जनपद
पंचायत गुना को वित्तीय वर्ष 2022-23 का ऑडिट कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु सहायक संपरीक्षक, स्थानीय निधि संपरीक्षा, जिला गुना द्वारा
बार-बार सूचित किये जाने के उपरांत भी संबधित सचिवों द्वारा वित्तीय वर्ष 2022- 23 का ऑडिट नहीं कराये जाने के फलस्वरूप दोनों सचिवों को कारण बताओ
सूचना पत्र जारी कर वित्तीय वर्ष 2022-23 के लेखा अभिलेख तत्काल कार्यालय की लेखा शाखा में प्रस्तुत करते हुऐ अभी तक ऑडिट नहीं कराये जाने के संबंध में
अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु संबंधित सचिवों द्वारा न तो अभिलेख जिला पंचायत की लेखा शाखा में प्रस्तुत किये गये
और न ही कारण बताओ सूचना पत्र का उत्तर प्रस्तुत किया गया । प्रकरण में नियत समयावधि में सचिवों द्वारा आडिट नहीं कराने व जबाव
प्रस्तुत नही करने के फलस्वरूप एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए जगदीश रघुवंशी सचिव ग्राम पंचायत विनायकखेडी तथा कदीरउद्दीन सचिव ग्राम पंचायत गढा़
जनपद पंचायत गुना के विरूद्ध म.प्र. पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम 2011 के संशोधित नियम 7 अनुशासन तथा नियंत्रण के 3
(ख) के तहत 01-01 वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गयी है साथ ही निर्देशित किया गया है कि 07 दिवस में उक्त
वित्तीय वर्ष 2022-23 का ऑडिट पूर्ण कराकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
अन्यथा की स्थिति में उक्त आदेश को ही अन्तिम सूचना पत्र मानते हुऐ म.प्र. पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम 2011 के संशोधित
नियम 7 अनुशासन तथा नियंत्रण के 3 (क) के तहत सेवा समाप्त करने की कार्यवाही की जावेगी जिसके लिये संबंधित सचिव उत्तरदायी होंगे।